< ลูก: 1 >
1 ปฺรถมโต เย สากฺษิโณ วากฺยปฺรจารกาศฺจาสนฺ เต'สฺมากํ มเธฺย ยทฺยตฺ สปฺรมาณํ วากฺยมรฺปยนฺติ สฺม
अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी.
2 ตทนุสารโต'เนฺยปิ พหวสฺตทฺวฺฤตฺตานฺตํ รจยิตุํ ปฺรวฺฤตฺตา: ฯ
ये सबूत हमें उनसे प्राप्त हुए हैं, जो प्रारंभ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे.
3 อเตอว เห มหามหิมถิยผิลฺ ตฺวํ ยา ยา: กถา อศิกฺษฺยถาสฺตาสำ ทฺฤฒปฺรมาณานิ ยถา ปฺราปฺโนษิ
मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिये परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूं
4 ตทรฺถํ ปฺรถมมารภฺย ตานิ สรฺวฺวาณิ ชฺญาตฺวาหมปิ อนุกฺรมาตฺ สรฺวฺววฺฤตฺตานฺตานฺ ตุภฺยํ เลขิตุํ มติมการฺษมฺฯ
कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.
5 ยิหูทาเทศียเหโรทฺนามเก ราชตฺวํ กุรฺวฺวติ อพียยาชกสฺย ปรฺยฺยายาธิการี สิขริยนามก เอโก ยาชโก หาโรณวํโศทฺภวา อิลีเศวาขฺยา
यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबीयाह दल के एक पुरोहित थे, जिनका नाम ज़करयाह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थी.
6 ตสฺย ชายา ทฺวาวิเมา นิรฺโทเษา ปฺรโภ: สรฺวฺวาชฺญา วฺยวสฺถาศฺจ สํมนฺย อีศฺวรทฺฤษฺเฏา ธารฺมฺมิกาวาสฺตามฺฯ
वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
7 ตโย: สนฺตาน เอโกปิ นาสีตฺ, ยต อิลีเศวา พนฺธฺยา เตา ทฺวาเวว วฺฤทฺธาวภวตามฺฯ
उनकी कोई संतान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बांझ थी और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.
8 ยทา สฺวปรฺยฺยานุกฺรเมณ สิขริย อีศฺวาสฺย สมกฺษํ ยาชกียํ กรฺมฺม กโรติ
अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़करयाह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी पुरोहित सेवा भेंट कर रहे थे,
9 ตทา ยชฺญสฺย ทินปริปายฺยา ปรเมศฺวรสฺย มนฺทิเร ปฺรเวศกาเล ธูปชฺวาลนํ กรฺมฺม ตสฺย กรณียมาสีตฺฯ
उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मंदिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था.
10 ตทฺธูปชฺวาลนกาเล โลกนิวเห ปฺรารฺถนำ กรฺตุํ พหิสฺติษฺฐติ
धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर रहा था.
11 สติ สิขริโย ยสฺยำ เวทฺยำ ธูปํ ชฺวาลยติ ตทฺทกฺษิณปารฺเศฺว ปรเมศฺวรสฺย ทูต เอก อุปสฺถิโต ทรฺศนํ ทเทาฯ
तभी ज़करयाह के सामने प्रभु का एक दूत प्रकट हुआ, जो धूप वेदी की दायीं ओर खड़ा था.
12 ตํ ทฺฤษฺฏฺวา สิขริย อุทฺวิวิเช ศศงฺเก จฯ
स्वर्गदूत को देख ज़करयाह चौंक पड़े और भयभीत हो गए
13 ตทา ส ทูตสฺตํ พภาเษ เห สิขริย มา ไภสฺตว ปฺรารฺถนา คฺราหฺยา ชาตา ตว ภารฺยฺยา อิลีเศวา ปุตฺรํ ปฺรโสษฺยเต ตสฺย นาม โยหนฺ อิติ กริษฺยสิฯ
किंतु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़करयाह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना.
14 กิญฺจ ตฺวํ สานนฺท: สหรฺษศฺจ ภวิษฺยสิ ตสฺย ชนฺมนิ พหว อานนฺทิษฺยนฺติ จฯ
तुम आनंदित और प्रसन्न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनंद मनाएंगे.
15 ยโต เหโต: ส ปรเมศฺวรสฺย โคจเร มหานฺ ภวิษฺยติ ตถา ทฺรากฺษารสํ สุรำ วา กิมปิ น ปาสฺยติ, อปรํ ชนฺมารภฺย ปวิเตฺรณาตฺมนา ปริปูรฺณ:
यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाखरस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से भरा हुआ होगा.
16 สนฺ อิสฺราเยลฺวํศียานฺ อเนกานฺ ปฺรโภ: ปรเมศฺวรสฺย มารฺคมาเนษฺยติฯ
वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा.
17 สนฺตานานฺ ปฺรติ ปิตฺฤณำ มนำสิ ธรฺมฺมชฺญานํ ปฺรตฺยนาชฺญาคฺราหิณศฺจ ปราวรฺตฺตยิตุํ, ปฺรโภ: ปรเมศฺวรสฺย เสวารฺถมฺ เอกำ สชฺชิตชาตึ วิธาตุญฺจ ส เอลิยรูปาตฺมศกฺติปฺราปฺตสฺตสฺยาเคฺร คมิษฺยติฯ
वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ्य में प्रभु के आगे चलनेवाला बनकर पिताओं के हृदय संतानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”
18 ตทา สิขริโย ทูตมวาทีตฺ กถเมตทฺ เวตฺสฺยามิ? ยโตหํ วฺฤทฺโธ มม ภารฺยฺยา จ วฺฤทฺธาฯ
ज़करयाह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूं—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढल चुकी है?”
19 ตโต ทูต: ปฺรตฺยุวาจ ปเศฺยศฺวรสฺย สากฺษาทฺวรฺตฺตี ชิพฺราเยลฺนามา ทูโตหํ ตฺวยา สห กถำ คทิตุํ ตุภฺยมิมำ ศุภวารฺตฺตำ ทาตุญฺจ เปฺรษิต: ฯ
स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूं. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूं. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है.
20 กินฺตุ มทียํ วากฺยํ กาเล ผลิษฺยติ ตตฺ ตฺวยา น ปฺรตีตมฺ อต: การณาทฺ ยาวเทว ตานิ น เสตฺสฺยนฺติ ตาวตฺ ตฺวํ วกฺตุํมศกฺโต มูโก ภวฯ
और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूंगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”
21 ตทานีํ เย เย โลกา: สิขริยมไปกฺษนฺต เต มเธฺยมนฺทิรํ ตสฺย พหุวิลมฺพาทฺ อาศฺจรฺยฺยํ เมนิเรฯ
बाहर ज़करयाह का इंतजार कर रहे लोग असमंजस में पड़ गए कि उन्हें मंदिर में इतनी देर क्यों हो रही है.
22 ส พหิราคโต ยทา กิมปิ วากฺยํ วกฺตุมศกฺต: สงฺเกตํ กฺฤตฺวา นิ: ศพฺทสฺตเสฺยา ตทา มเธฺยมนฺทิรํ กสฺยจิทฺ ทรฺศนํ เตน ปฺราปฺตมฺ อิติ สรฺเวฺว พุพุธิเรฯ
जब ज़करयाह बाहर आए, वह उनसे बातें करने में असमर्थ रहे. इसलिये वे समझ गए कि ज़करयाह को मंदिर में कोई दर्शन प्राप्त हुआ है. वह उनसे संकेतों द्वारा बातचीत करते रहे और मौन बने रहे.
23 อนนฺตรํ ตสฺย เสวนปรฺยฺยาเย สมฺปูรฺเณ สติ ส นิชเคหํ ชคามฯ
अपने पुरोहित सेवाकाल की समाप्ति पर ज़करयाह घर लौट गए.
24 กติปยทิเนษุ คเตษุ ตสฺย ภารฺยฺยา อิลีเศวา ครฺพฺภวตี พภูว
उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ ने गर्भधारण किया और यह कहते हुए पांच माह तक अकेले में रहीं,
25 ปศฺจาตฺ สา ปญฺจมาสานฺ สํโคปฺยากถยตฺ โลกานำ สมกฺษํ มมาปมานํ ขณฺฑยิตุํ ปรเมศฺวโร มยิ ทฺฤษฺฏึ ปาตยิตฺวา กรฺมฺเมทฺฤศํ กฺฤตวานฺฯ
“प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
26 อปรญฺจ ตสฺยา ครฺพฺภสฺย ษษฺเฐ มาเส ชาเต คาลีลฺปฺรเทศียนาสรตฺปุเร
छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में
27 ทายูโท วํศียาย ยูษผฺนามฺเน ปุรุษาย ยา มริยมฺนามกุมารี วาคฺทตฺตาสีตฺ ตสฺยา: สมีปํ ชิพฺราเยลฺ ทูต อีศฺวเรณ ปฺรหิต: ฯ
एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.
28 ส คตฺวา ชคาท เห อีศฺวรานุคฺฤหีตกเนฺย ตว ศุภํ ภูยาตฺ ปฺรภุ: ปรเมศฺวรสฺตว สหาโยสฺติ นารีณำ มเธฺย ตฺวเมว ธนฺยาฯ
मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”
29 ตทานีํ สา ตํ ทฺฤษฺฏฺวา ตสฺย วากฺยต อุทฺวิชฺย กีทฺฤศํ ภาษณมิทมฺ อิติ มนสา จินฺตยามาสฯ
इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.
30 ตโต ทูโต'วทตฺ เห มริยมฺ ภยํ มาการฺษี: , ตฺวยิ ปรเมศฺวรสฺยานุคฺรโหสฺติฯ
स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.
31 ปศฺย ตฺวํ ครฺพฺภํ ธฺฤตฺวา ปุตฺรํ ปฺรโสษฺยเส ตสฺย นาม ยีศุริติ กริษฺยสิฯ
सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.
32 ส มหานฺ ภวิษฺยติ ตถา สรฺเวฺวภฺย: เศฺรษฺฐสฺย ปุตฺร อิติ ขฺยาสฺยติ; อปรํ ปฺรภุ: ปรเมศฺวรสฺตสฺย ปิตุรฺทายูท: สึหาสนํ ตไสฺม ทาสฺยติ;
वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे,
33 ตถา ส ยากูโพ วํโศปริ สรฺวฺวทา ราชตฺวํ กริษฺยติ, ตสฺย ราชตฺวสฺยานฺโต น ภวิษฺยติฯ (aiōn )
वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn )
34 ตทา มริยมฺ ตํ ทูตํ พภาเษ นาหํ ปุรุษสงฺคํ กโรมิ ตรฺหิ กถเมตตฺ สมฺภวิษฺยติ?
मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे संभव होगा क्योंकि मैं तो कुंवारी हूं?”
35 ตโต ทูโต'กถยตฺ ปวิตฺร อาตฺมา ตฺวามาศฺรายิษฺยติ ตถา สรฺวฺวเศฺรษฺฐสฺย ศกฺติสฺตโวปริ ฉายำ กริษฺยติ ตโต เหโตสฺตว ครฺพฺภาทฺ ย: ปวิตฺรพาลโก ชนิษฺยเต ส อีศฺวรปุตฺร อิติ ขฺยาตึ ปฺราปฺสฺยติฯ
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेंगे तथा परम प्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिये जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएंगे.
36 อปรญฺจ ปศฺย ตว ชฺญาติริลีเศวา ยำ สรฺเวฺว พนฺธฺยามวทนฺ อิทานีํ สา วารฺทฺธเกฺย สนฺตานเมกํ ครฺพฺเภ'ธารยตฺ ตสฺย ษษฺฐมาโสภูตฺฯ
और यह भी सुनिए आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बांझ कहलाती थी, उन्हें छः माह का गर्भ है.
37 กิมปิ กรฺมฺม นาสาธฺยมฺ อีศฺวรสฺยฯ
परमेश्वर के लिए असंभव कुछ भी नहीं.”
38 ตทา มริยมฺ ชคาท, ปศฺย ปฺรเภรหํ ทาสี มหฺยํ ตว วากฺยานุสาเรณ สรฺวฺวเมตทฺ ฆฏตามฺ; อนนตรํ ทูตสฺตสฺยา: สมีปาตฺ ปฺรตเสฺถฯ
मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.
39 อถ กติปยทินาตฺ ปรํ มริยมฺ ตสฺมาตฺ ปรฺวฺวตมยปฺรเทศียยิหูทายา นครเมกํ ศีฆฺรํ คตฺวา
मरियम तुरंत यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.
40 สิขริยยาชกสฺย คฺฤหํ ปฺรวิศฺย ตสฺย ชายามฺ อิลีเศวำ สมฺโพธฺยาวทตฺฯ
वहां उन्होंने ज़करयाह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.
41 ตโต มริยม: สมฺโพธนวาเกฺย อิลีเศวายา: กรฺณโย: ปฺรวิษฺฏมาเตฺร สติ ตสฺยา ครฺพฺภสฺถพาลโก นนรฺตฺตฯ ตต อิลีเศวา ปวิเตฺรณาตฺมนา ปริปูรฺณา สตี
जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्र आत्मा से भर गईं.
42 โปฺรจฺไจรฺคทิตุมาเรเภ, โยษิตำ มเธฺย ตฺวเมว ธนฺยา, ตว ครฺพฺภสฺถ: ศิศุศฺจ ธนฺย: ฯ
वह उल्लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!
43 ตฺวํ ปฺรโภรฺมาตา, มม นิเวศเน ตฺวยา จรณาวรฺปิเตา, มมาทฺย เสาภาคฺยเมตตฺฯ
मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!
44 ปศฺย ตว วาเกฺย มม กรฺณโย: ปฺรวิษฺฏมาเตฺร สติ มโมทรสฺถ: ศิศุรานนฺทานฺ นนรฺตฺตฯ
देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.
45 ยา สฺตฺรี วฺยศฺวสีตฺ สา ธนฺยา, ยโต เหโตสฺตำ ปฺรติ ปรเมศฺวโรกฺตํ วากฺยํ สรฺวฺวํ สิทฺธํ ภวิษฺยติฯ
धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”
46 ตทานีํ มริยมฺ ชคาทฯ ธนฺยวาทํ ปเรศสฺย กโรติ มามกํ มน: ฯ
इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
47 มมาตฺมา ตารเกเศ จ สมุลฺลาสํ ปฺรคจฺฉติฯ
और मेरी अंतरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनंदित हुई है,
48 อกโรตฺ ส ปฺรภุ รฺทุษฺฏึ สฺวทาสฺยา ทุรฺคตึ ปฺรติฯ ปศฺยาทฺยารภฺย มำ ธนฺยำ วกฺษฺยนฺติ ปุรุษา: สทาฯ
क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियां मुझे धन्य कहेंगी,
49 ย: สรฺวฺวศกฺติมานฺ ยสฺย นามาปิ จ ปวิตฺรกํฯ ส เอว สุมหตฺกรฺมฺม กฺฤตวานฺ มนฺนิมิตฺตกํฯ
क्योंकि सामर्थ्यी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
50 เย พิภฺยติ ชนาสฺตสฺมาตฺ เตษำ สนฺตานปํกฺติษุฯ อนุกมฺปา ตทียา จ สรฺวฺวไทว สุติษฺฐติฯ
उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
51 สฺวพาหุพลตเสฺตน ปฺรากาศฺยต ปรากฺรม: ฯ มน: กุมนฺตฺรณาสารฺทฺธํ วิกีรฺยฺยนฺเต'ภิมานิน: ฯ
अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
52 สึหาสนคตาโลฺลกานฺ พลินศฺจาวโรหฺย ส: ฯ ปเทษูจฺเจษุ โลกำสฺตุ กฺษุทฺรานฺ สํสฺถาปยตฺยปิฯ
परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
53 กฺษุธิตานฺ มานวานฺ ทฺรไวฺยรุตฺตไม: ปริตรฺปฺย ส: ฯ สกลานฺ ธนิโน โลกานฺ วิสฺฤเชทฺ ริกฺตหสฺตกานฺฯ
उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्त किया तथा सम्पन्नों को खाली लौटा दिया.
54 อิพฺราหีมิ จ ตทฺวํเศ ยา ทยาสฺติ สไทว ตำฯ สฺมฺฤตฺวา ปุรา ปิตฺฤณำ โน ยถา สากฺษาตฺ ปฺรติศฺรุตํฯ (aiōn )
उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करुणा के स्मरण में की,
55 อิสฺราเยลฺเสวกเสฺตน ตโถปกฺริยเต สฺวยํ๚
जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn )
56 อนนฺตรํ มริยมฺ ปฺราเยณ มาสตฺรยมฺ อิลีเศวยา สโหษิตฺวา วฺยาฆุยฺย นิชนิเวศนํ ยเยาฯ
लगभग तीन माह एलिज़ाबेथ के साथ रहकर मरियम अपने घर लौट गईं.
57 ตทนนฺตรมฺ อิลีเศวายา: ปฺรสวกาล อุปสฺถิเต สติ สา ปุตฺรํ ปฺราโสษฺฏฯ
एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया.
58 ตต: ปรเมศฺวรสฺตสฺยำ มหานุคฺรหํ กฺฤตวานฺ เอตตฺ ศฺรุตฺวา สมีปวาสิน: กุฏุมฺพาศฺจาคตฺย ตยา สห มุมุทิเรฯ
जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनंद में सम्मिलित हो गए.
59 ตถาษฺฏเม ทิเน เต พาลกสฺย ตฺวจํ เฉตฺตุมฺ เอตฺย ตสฺย ปิตฺฤนามานุรูปํ ตนฺนาม สิขริย อิติ กรฺตฺตุมีษุ: ฯ
आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़करयाह पुकारने लगे.
60 กินฺตุ ตสฺย มาตากถยตฺ ตนฺน, นามาสฺย โยหนฺ อิติ กรฺตฺตวฺยมฺฯ
किंतु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
61 ตทา เต วฺยาหรนฺ ตว วํศมเธฺย นาเมทฺฤศํ กสฺยาปิ นาสฺติฯ
इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
62 ตต: ปรํ ตสฺย ปิตรํ สิขริยํ ปฺรติ สงฺเกตฺย ปปฺรจฺฉุ: ศิโศ: กึ นาม การิษฺยเต?
तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं?
63 ตต: ส ผลกเมกํ ยาจิตฺวา ลิเลข ตสฺย นาม โยหนฺ ภวิษฺยติฯ ตสฺมาตฺ สรฺเวฺว อาศฺจรฺยฺยํ เมนิเรฯ
ज़करयाह ने एक लेखन पट्ट मंगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए.
64 ตตฺกฺษณํ สิขริยสฺย ชิหฺวาชาเฑฺย'ปคเต ส มุขํ วฺยาทาย สฺปษฺฏวรฺณมุจฺจารฺยฺย อีศฺวรสฺย คุณานุวาทํ จการฯ
उसी क्षण उनकी आवाज लौट आई. उनकी जीभ के बंधन खुल गए और वह परमेश्वर की स्तुति करने लगे.
65 ตสฺมาจฺจตุรฺทิกฺสฺถา: สมีปวาสิโลกา ภีตา เอวเมตา: สรฺวฺวา: กถา ยิหูทายา: ปรฺวฺวตมยปฺรเทศสฺย สรฺวฺวตฺร ปฺรจาริตา: ฯ
सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धा भाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी.
66 ตสฺมาตฺ โศฺรตาโร มน: สุ สฺถาปยิตฺวา กถยามฺพภูวุ: กีทฺฤโศยํ พาโล ภวิษฺยติ? อถ ปรเมศฺวรสฺตสฺย สหาโยภูตฺฯ
निःसंदेह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
67 ตทา โยหน: ปิตา สิขริย: ปวิเตฺรณาตฺมนา ปริปูรฺณ: สนฺ เอตาทฺฤศํ ภวิษฺยทฺวากฺยํ กถยามาสฯ
पवित्र आत्मा से भरकर उनके पिता ज़करयाह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:
68 อิสฺราเยล: ปฺรภุ รฺยสฺตุ ส ธนฺย: ปรเมศฺวร: ฯ อนุคฺฤหฺย นิชาโลฺลกานฺ ส เอว ปริโมจเยตฺฯ
“धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
69 วิปกฺษชนหเสฺตโภฺย ยถา โมจฺยามเห วยํฯ ยาวชฺชีวญฺจ ธรฺมฺเมณ สารเลฺยน จ นิรฺภยา: ฯ
उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है,
70 เสวามไห ตเมไวกมฺ เอตตฺการณเมว จฯ สฺวกียํ สุปวิตฺรญฺจ สํสฺมฺฤตฺย นิยมํ สทาฯ
(जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn )
71 กฺฤปยา ปุรุษานฺ ปูรฺวฺวานฺ นิกษารฺถาตฺตุ น: ปิตุ: ฯ อิพฺราหีม: สมีเป ยํ ศปถํ กฺฤตวานฺ ปุราฯ
शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
72 ตเมว สผลํ กรฺตฺตํ ตถา ศตฺรุคณสฺย จฯ ฤตียาการิณศฺไจว กเรโภฺย รกฺษณาย น: ฯ
कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
73 สฺฤษฺเฏ: ปฺรถมต: สฺวีไย: ปวิไตฺร รฺภาวิวาทิภิ: ฯ (aiōn )
वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
74 ยโถกฺตวานฺ ตถา สฺวสฺย ทายูท: เสวกสฺย ตุฯ
वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे,
75 วํเศ ตฺราตารเมกํ ส สมุตฺปาทิตวานฺ สฺวยมฺฯ
कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.
76 อโต เห พาลก ตฺวนฺตุ สรฺเวฺวภฺย: เศฺรษฺฐ เอว ย: ฯ ตไสฺยว ภาวิวาทีติ ปฺรวิขฺยาโต ภวิษฺยสิฯ อสฺมากํ จรณานฺ เกฺษเม มารฺเค จาลยิตุํ สทาฯ เอวํ ธฺวานฺเต'รฺถโต มฺฤโตฺยศฺฉายายำ เย ตุ มานวา: ฯ
“और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
77 อุปวิษฺฏาสฺตุ ตาเนว ปฺรกาศยิตุเมว หิฯ กฺฤตฺวา มหานุกมฺปำ หิ ยาเมว ปรเมศฺวร: ฯ
तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
78 อูรฺทฺวฺวาตฺ สูรฺยฺยมุทาไยฺยวาสฺมภฺยํ ปฺราทาตฺตุ ทรฺศนํฯ ตยานุกมฺปยา สฺวสฺย โลกานำ ปาปโมจเนฯ
हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा,
79 ปริตฺราณสฺย เตโภฺย หิ ชฺญานวิศฺราณนาย จฯ ปฺรโภ รฺมารฺคํ ปริษฺกรฺตฺตุํ ตสฺยาคฺรายี ภวิษฺยสิ๚
उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”
80 อถ พาลก: ศรีเรณ พุทฺธฺยา จ วรฺทฺธิตุมาเรเภ; อปรญฺจ ส อิสฺราเยโล วํศียโลกานำ สมีเป ยาวนฺน ปฺรกฏีภูตสฺตาสฺตาวตฺ ปฺรานฺตเร นฺยวสตฺฯ
बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवंत होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह बंजर भूमि में निवास करते रहे.