< โยหน: 8 >
1 ปฺรตฺยูเษ ยีศุ: ปนรฺมนฺทิรมฺ อาคจฺฉตฺ
और येशु जैतून पर्वत पर चले गये.
2 ตต: สรฺเวฺวษุ โลเกษุ ตสฺย สมีป อาคเตษุ ส อุปวิศฺย ตานฺ อุปเทษฺฏุมฺ อารภตฯ
भोर को वह दोबारा मंदिर में आए और लोगों के मध्य बैठकर उनको शिक्षा देने लगे.
3 ตทา อธฺยาปกา: ผิรูศินญฺจ วฺยภิจารกรฺมฺมณิ ธฺฤตํ สฺตฺริยเมกามฺ อานิย สรฺเวฺวษำ มเธฺย สฺถาปยิตฺวา วฺยาหรนฺ
उसी समय फ़रीसियों व शास्त्रियों ने व्यभिचार के कार्य में पकड़ी गई एक स्त्री को लाकर मध्य में खड़ा कर दिया
4 เห คุโร โยษิตมฺ อิมำ วฺยภิจารกรฺมฺม กุรฺวฺวาณำ โลกา ธฺฤตวนฺต: ฯ
और मसीह येशु से प्रश्न किया, “गुरु, यह स्त्री व्यभिचार करते हुए पकड़ी गई है.
5 เอตาทฺฤศโลกา: ปาษาณาฆาเตน หนฺตวฺยา อิติ วิธิรฺมูสาวฺยวสฺถาคฺรนฺเถ ลิขิโตสฺติ กินฺตุ ภวานฺ กิมาทิศติ?
मोशेह ने व्यवस्था में हमें ऐसी स्त्रियों को पथराव द्वारा मार डालने की आज्ञा दी है; किंतु आप क्या कहते हैं?”
6 เต ตมปวทิตุํ ปรีกฺษาภิปฺราเยณ วากฺยมิทมฺ อปฺฤจฺฉนฺ กินฺตุ ส ปฺรหฺวีภูย ภูมาวงฺคลฺยา เลขิตุมฺ อารภตฯ
उन्होंने मसीह येशु को परखने के लिए यह प्रश्न किया था कि उन पर आरोप लगाने के लिए उन्हें कोई आधार मिल जाए. किंतु मसीह येशु झुककर भूमि पर उंगली से लिखने लगे.
7 ตตไสฺต: ปุน: ปุน: ปฺฤษฺฏ อุตฺถาย กถิตวานฺ ยุษฺมากํ มเธฺย โย ชโน นิรปราธี เสอว ปฺรถมมฺ เอนำ ปาษาเณนาหนฺตุฯ
जब वे मसीह येशु से बार-बार प्रश्न करते रहे, मसीह येशु ने सीधे खड़े होकर उनसे कहा, “तुममें से जिस किसी ने कभी कोई पाप न किया हो, वही उसे सबसे पहला पत्थर मारे.”
8 ปศฺจาตฺ ส ปุนศฺจ ปฺรหฺวีภูย ภูเมา เลขิตุมฺ อารภตฯ
और वह दोबारा झुककर भूमि पर लिखने लगे.
9 ตำ กถํ ศฺรุตฺวา เต สฺวสฺวมนสิ ปฺรโพธํ ปฺราปฺย เชฺยษฺฐานุกฺรมํ เอไกกศ: สรฺเวฺว พหิรคจฺฉนฺ ตโต ยีศุเรกากี ตยกฺตฺโตภวตฺ มธฺยสฺถาเน ทณฺฑายมานา สา โยษา จ สฺถิตาฯ
यह सुनकर वरिष्ठ से प्रारंभ कर एक-एक करके सब वहां से चले गए—केवल वह स्त्री और मसीह येशु ही वहां रह गए.
10 ตตฺปศฺจาทฺ ยีศุรุตฺถาย ตำ วนิตำ วินา กมปฺยปรํ น วิโลกฺย ปฺฤษฺฏวานฺ เห วาเม ตวาปวาทกา: กุตฺร? โกปิ ตฺวำ กึ น ทณฺฑยติ?
मसीह येशु ने सीधे खड़े होते हुए स्त्री की ओर देखकर उससे पूछा, “हे स्त्री! वे सब कहां हैं? क्या तुम्हें किसी ने भी दंडित नहीं किया?”
11 สาวทตฺ เห มเหจฺฉ โกปิ น ตทา ยีศุรโวจตฺ นาหมปิ ทณฺฑยามิ ยาหิ ปุน: ปาปํ มาการฺษี: ฯ
उसने उत्तर दिया, “किसी ने भी नहीं, प्रभु.” मसीह येशु ने उससे कहा, “मैं भी तुम्हें दंडित नहीं करता. जाओ, अब फिर पाप न करना.”
12 ตโต ยีศุ: ปุนรปิ โลเกภฺย อิตฺถํ กถยิตุมฺ อารภต ชคโตหํ โชฺยติ: สฺวรูโป ย: กศฺจินฺ มตฺปศฺจาท คจฺฉติ ส ติมิเร น ภฺรมิตฺวา ชีวนรูปำ ทีปฺตึ ปฺราปฺสฺยติฯ
मंदिर में अपनी शिक्षा को दोबारा आरंभ करते हुए मसीह येशु ने लोगों से कहा, “संसार की ज्योति मैं ही हूं. जो कोई मेरे पीछे चलता है, वह अंधकार में कभी न चलेगा क्योंकि जीवन की ज्योति उसी में बसेगी.”
13 ตต: ผิรูศิโน'วาทิษุสฺตฺวํ สฺวารฺเถ สฺวยํ สากฺษฺยํ ททาสิ ตสฺมาตฺ ตว สากฺษฺยํ คฺราหฺยํ น ภวติฯ
तब फ़रीसियों ने उनसे कहा, “तुम अपने ही विषय में गवाही दे रहे हो इसलिये तुम्हारी गवाही स्वीकार नहीं की जा सकती है.”
14 ตทา ยีศุ: ปฺรตฺยุทิตวานฺ ยทฺยปิ สฺวารฺเถ'หํ สฺวยํ สากฺษฺยํ ททามิ ตถาปิ มตฺ สากฺษฺยํ คฺราหฺยํ ยสฺมาทฺ อหํ กุต อาคโตสฺมิ กฺว ยามิ จ ตทหํ ชานามิ กินฺตุ กุต อาคโตสฺมิ กุตฺร คจฺฉามิ จ ตทฺ ยูยํ น ชานีถฯ
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं अपने विषय में गवाही दे भी रहा हूं, तो भी मेरी गवाही स्वीकार की जा सकती है क्योंकि मुझे मालूम है कि मैं कहां से आया हूं और कहां जा रहा हूं; किंतु तुम लोग नहीं जानते कि मैं कहां से आया और कहां जा रहा हूं.
15 ยูยํ เลากิกํ วิจารยถ นาหํ กิมปิ วิจารยามิฯ
तुम लोग मानवीय सोच से अन्य लोगों का न्याय करते हो; मैं किसी का न्याय नहीं करता.
16 กินฺตุ ยทิ วิจารยามิ ตรฺหิ มม วิจาโร คฺรหีตโวฺย ยโตหมฺ เอกากี นาสฺมิ เปฺรรยิตา ปิตา มยา สห วิทฺยเตฯ
यदि मैं किसी का न्याय करूं भी तो वह सही ही होगा, क्योंकि इसमें मैं अकेला नहीं—इसमें मैं और मेरे भेजने वाला पिता भी शामिल हैं.
17 ทฺวโย รฺชนโย: สากฺษฺยํ คฺรหณียํ ภวตีติ ยุษฺมากํ วฺยวสฺถาคฺรนฺเถ ลิขิตมสฺติฯ
तुम्हारी व्यवस्था में ही यह लिखा है कि दो व्यक्तियों की गवाही सच के रूप में स्वीकार की जा सकती है.
18 อหํ สฺวารฺเถ สฺวยํ สากฺษิตฺวํ ททามิ ยศฺจ มม ตาโต มำ เปฺรริตวานฺ โสปิ มทรฺเถ สากฺษฺยํ ททาติฯ
एक गवाह तो मैं ही हूं, जो स्वयं अपने विषय में गवाही दे रहा हूं और मेरे विषय में अन्य गवाह—मेरे भेजनेवाले—पिता परमेश्वर हैं.”
19 ตทา เต'ปฺฤจฺฉนฺ ตว ตาต: กุตฺร? ตโต ยีศุ: ปฺรตฺยวาทีทฺ ยูยํ มำ น ชานีถ มตฺปิตรญฺจ น ชานีถ ยทิ มามฺ อกฺษาสฺยต ตรฺหิ มม ตาตมปฺยกฺษาสฺยตฯ
तब उन्होंने मसीह येशु से पूछा, “कहां है तुम्हारा यह पिता?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “न तो तुम मुझे जानते हो और न ही मेरे पिता को; यदि तुम मुझे जानते तो मेरे पिता को भी जान लेते.”
20 ยีศุ รฺมนฺทิร อุปทิศฺย ภณฺฑาคาเร กถา เอตา อกถยตฺ ตถาปิ ตํ ปฺรติ โกปิ กรํ โนทโตลยตฺฯ
मसीह येशु ने ये वचन मंदिर परिसर में शिक्षा देते समय कहे, फिर भी किसी ने उन पर हाथ नहीं डाला क्योंकि उनका समय अभी नहीं आया था.
21 ตต: ปรํ ยีศุ: ปุนรุทิตวานฺ อธุนาหํ คจฺฉามิ ยูยํ มำ คเวษยิษฺยถ กินฺตุ นิไช: ปาไป รฺมริษฺยถ ยตฺ สฺถานมฺ อหํ ยาสฺยามิ ตตฺ สฺถานมฺ ยูยํ ยาตุํ น ศกฺษฺยถฯ
मसीह येशु ने उनसे फिर कहा, “मैं जा रहा हूं. तुम मुझे खोजते-खोजते अपने ही पाप में मर जाओगे. जहां मैं जा रहा हूं, तुम वहां नहीं आ सकते.”
22 ตทา ยิหูทียา: ปฺราโวจนฺ กิมยมฺ อาตฺมฆาตํ กริษฺยติ? ยโต ยตฺ สฺถานมฺ อหํ ยาสฺยามิ ตตฺ สฺถานมฺ ยูยํ ยาตุํ น ศกฺษฺยถ อิติ วากฺยํ พฺรวีติฯ
तब यहूदी अगुए आपस में विचार करने लगे, “कहीं वह आत्महत्या तो नहीं करेगा क्योंकि वह कह रहा है, ‘जहां मैं जा रहा हूं, वहां तुम नहीं आ सकते’?”
23 ตโต ยีศุเสฺตภฺย: กถิตวานฺ ยูยมฺ อธ: สฺถานียา โลกา อหมฺ อูรฺทฺวฺวสฺถานีย: ยูยมฺ เอตชฺชคตฺสมฺพนฺธียา อหมฺ เอตชฺชคตฺสมฺพนฺธีโย นฯ
मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम नीचे के हो, मैं ऊपर का हूं, तुम इस संसार के हो, मैं इस संसार का नहीं हूं.
24 ตสฺมาตฺ กถิตวานฺ ยูยํ นิไช: ปาไป รฺมริษฺยถ ยโตหํ ส ปุมานฺ อิติ ยทิ น วิศฺวสิถ ตรฺหิ นิไช: ปาไป รฺมริษฺยถฯ
मैं तुमसे कह चुका हूं कि तुम्हारे पापों में ही तुम्हारी मृत्यु होगी. क्योंकि जब तक तुम यह विश्वास न करोगे कि मैं ही हूं, जो मैं कहता हूं, तुम्हारी अपने ही पापों में मृत्यु होना निश्चित है.”
25 ตทา เต 'ปฺฤจฺฉนฺ กสฺตฺวํ? ตโต ยีศุ: กถิตวานฺ ยุษฺมากํ สนฺนิเธา ยสฺย ปฺรสฺตาวมฺ อา ปฺรถมาตฺ กโรมิ เสอว ปุรุโษหํฯ
तब उन्होंने उनसे पूछा, “कौन हो तुम?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुमसे मैं अब तक क्या कहता आ रहा हूं?
26 ยุษฺมาสุ มยา พหุวากฺยํ วกฺตฺตวฺยํ วิจารยิตวฺยญฺจ กินฺตุ มตฺเปฺรรยิตา สตฺยวาที ตสฺย สมีเป ยทหํ ศฺรุตวานฺ ตเทว ชคเต กถยามิฯ
तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना और निर्णय करना है. मैं संसार से वही कहता हूं, जो मैंने अपने भेजनेवाले से सुना है. मेरे भेजनेवाले विश्वासयोग्य हैं.”
27 กินฺตุ ส ชนเก วากฺยมิทํ โปฺรกฺตฺตวานฺ อิติ เต นาพุธฺยนฺตฯ
वे अब तक यह समझ नहीं पाए थे कि मसीह येशु उनसे पिता परमेश्वर के विषय में कह रहे थे.
28 ตโต ยีศุรกถยทฺ ยทา มนุษฺยปุตฺรมฺ อูรฺทฺวฺว อุตฺถาปยิษฺยถ ตทาหํ ส ปุมานฺ เกวล: สฺวยํ กิมปิ กรฺมฺม น กโรมิ กินฺตุ ตาโต ยถา ศิกฺษยติ ตทนุสาเรณ วากฺยมิทํ วทามีติ จ ยูยํ ชฺญาตุํ ศกฺษฺยถฯ
मसीह येशु ने उनसे कहा, “जब तुम मनुष्य के पुत्र को ऊंचा उठाओगे तब तुम जान लोगे कि मैं वही हूं और यह भी कि मैं स्वयं कुछ नहीं कहता, मैं वही कहता हूं, जो पिता ने मुझे सिखाया है.
29 มตฺเปฺรรยิตา ปิตา มามฺ เอกากินํ น ตฺยชติ ส มยา สารฺทฺธํ ติษฺฐติ ยโตหํ ตทภิมตํ กรฺมฺม สทา กโรมิฯ
मेरे भेजनेवाले मेरे साथ हैं, उन्होंने मुझे अकेला नहीं छोड़ा क्योंकि मैं सदा वही करता हूं, जिसमें उनकी खुशी है.”
30 ตทา ตไสฺยตานิ วากฺยานิ ศฺรุตฺวา พหุวสฺตาสฺมินฺ วฺยศฺวสนฺฯ
ये सब सुनकर अनेकों ने मसीह येशु में विश्वास किया.
31 เย ยิหูทียา วฺยศฺวสนฺ ยีศุเสฺตโภฺย'กถยตฺ
तब मसीह येशु ने उन यहूदियों से, जिन्होंने उन्हें मान्यता दे दी थी, कहा, “यदि तुम मेरी शिक्षाओं का पालन करते रहोगे तो वास्तव में मेरे शिष्य होगे.
32 มม วาเกฺย ยทิ ยูยมฺ อาสฺถำ กุรุถ ตรฺหิ มม ศิษฺยา ภูตฺวา สตฺยตฺวํ ชฺญาสฺยถ ตต: สตฺยตยา ยุษฺมากํ โมกฺโษ ภวิษฺยติฯ
तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा.”
33 ตทา เต ปฺรตฺยวาทิษุ: วยมฺ อิพฺราหีโม วํศ: กทาปิ กสฺยาปิ ทาสา น ชาตาสฺตรฺหิ ยุษฺมากํ มุกฺตฺติ รฺภวิษฺยตีติ วากฺยํ กถํ พฺรวีษิ?
उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम अब्राहाम के वंशज हैं और हम कभी भी किसी के दास नहीं हुए. तुम यह कैसे कहते हो ‘तुम स्वतंत्र हो जाओगे’?”
34 ตทา ยีศุ: ปฺรตฺยวททฺ ยุษฺมานหํ ยถารฺถตรํ วทามิ ย: ปาปํ กโรติ ส ปาปสฺย ทาส: ฯ
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: हर एक व्यक्ति, जो पाप करता है, वह पाप का दास है.
35 ทาสศฺจ นิรนฺตรํ นิเวศเน น ติษฺฐติ กินฺตุ ปุโตฺร นิรนฺตรํ ติษฺฐติฯ (aiōn )
दास हमेशा घर में नहीं रहता; पुत्र हमेशा रहता है. (aiōn )
36 อต: ปุโตฺร ยทิ ยุษฺมานฺ โมจยติ ตรฺหิ นิตานฺตเมว มุกฺตฺตา ภวิษฺยถฯ
इसलिये यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करे तो तुम वास्तव में स्वतंत्र हो जाओगे.
37 ยุยมฺ อิพฺราหีโม วํศ อิตฺยหํ ชานามิ กินฺตุ มม กถา ยุษฺมากมฺ อนฺต: กรเณษุ สฺถานํ น ปฺราปฺนุวนฺติ ตสฺมาทฺเธโต รฺมำ หนฺตุมฺ อีหเธฺวฯ
मैं जानता हूं कि तुम अब्राहाम के वंशज हो, फिर भी तुम मेरी हत्या करने की ताक में हो; यह इसलिये कि तुमने मेरे संदेश को ह्रदय में ग्रहण नहीं किया.
38 อหํ สฺวปิตุ: สมีเป ยทปศฺยํ ตเทว กถยามิ ตถา ยูยมปิ สฺวปิตุ: สมีเป ยทปศฺยต ตเทว กุรุเธฺวฯ
मैं वही कहता हूं, जो मैंने साक्षात अपने पिता को करते हुए देखा है, परंतु तुम वह करते हो, जो तुमने अपने पिता से सुना है.”
39 ตทา เต ปฺรตฺยโวจนฺ อิพฺราหีมฺ อสฺมากํ ปิตา ตโต ยีศุรกถยทฺ ยทิ ยูยมฺ อิพฺราหีม: สนฺตานา อภวิษฺยต ตรฺหิ อิพฺราหีม อาจารณวทฺ อาจริษฺยตฯ
उन्होंने मसीह येशु से कहा, “हमारे पिता अब्राहाम हैं.” मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि तुम अब्राहाम की संतान हो तो अब्राहाम के समान व्यवहार भी करो.
40 อีศฺวรสฺย มุขาตฺ สตฺยํ วากฺยํ ศฺรุตฺวา ยุษฺมานฺ ชฺญาปยามิ โยหํ ตํ มำ หนฺตุํ เจษฺฏเธฺว อิพฺราหีมฺ เอตาทฺฤศํ กรฺมฺม น จการฯ
तुम मेरी हत्या करना चाहते हो—मैं, जिसने परमेश्वर से प्राप्त सच तुम पर प्रकट किया है. अब्राहाम का व्यवहार ऐसा नहीं था.
41 ยูยํ สฺวสฺวปิตุ: กรฺมฺมาณิ กุรุถ ตทา ไตรุกฺตฺตํ น วยํ ชารชาตา อสฺมากมฺ เอเกอว ปิตาสฺติ ส เอเวศฺวร:
तुम्हारा व्यवहार तुम्हारे ही पिता के समान है.” इस पर उन्होंने विरोध किया, “हम अवैध संतान नहीं हैं, हमारा एक ही पिता है—परमेश्वर.”
42 ตโต ยีศุนา กถิตมฺ อีศฺวโร ยทิ ยุษฺมากํ ตาโตภวิษฺยตฺ ตรฺหิ ยูยํ มยิ เปฺรมากริษฺยต ยโตหมฺ อีศฺวรานฺนิรฺคตฺยาคโตสฺมิ สฺวโต นาคโตหํ ส มำ ปฺราหิโณตฺฯ
मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारे पिता होते तो तुम मुझसे प्रेम करते क्योंकि मैं परमेश्वर से हूं. मैं अपनी इच्छा से नहीं आया; परमेश्वर ने मुझे भेजा है.
43 ยูยํ มม วากฺยมิทํ น พุธฺยเธฺว กุต: ? ยโต ยูยํ มโมปเทศํ โสฒุํ น ศกฺนุถฯ
मेरी बातें तुम इसलिये नहीं समझते कि तुममें मेरा संदेश सुनने की क्षमता नहीं है.
44 ยูยํ ไศตานฺ ปิตุ: สนฺตานา เอตสฺมาทฺ ยุษฺมากํ ปิตุรภิลาษํ ปูรยถ ส อา ปฺรถมาตฺ นรฆาตี ตทนฺต: สตฺยตฺวสฺย เลโศปิ นาสฺติ การณาทต: ส สตฺยตายำ นาติษฺฐตฺ ส ยทา มฺฤษา กถยติ ตทา นิชสฺวภาวานุสาเรไณว กถยติ ยโต ส มฺฤษาภาษี มฺฤโษตฺปาทกศฺจฯ
तुम अपने पिता शैतान से हो और उसी पिता की इच्छाओं को पूरा करना चाहते हो. वह प्रारंभ से ही हत्यारा है और सच उसका आधार कभी रहा ही नहीं क्योंकि सच उसमें है ही नहीं. जब वह कुछ भी कहता है, अपने स्वभाव के अनुसार झूठ ही कहता है, क्योंकि वह झूठा और झूठ का पिता है.
45 อหํ ตถฺยวากฺยํ วทามิ การณาทสฺมาทฺ ยูยํ มำ น ปฺรตีถฯ
मैं सच कहता हूं इसलिये तुम मेरा विश्वास नहीं करते.
46 มยิ ปาปมสฺตีติ ปฺรมาณํ ยุษฺมากํ โก ทาตุํ ศกฺโนติ? ยทฺยหํ ตถฺยวากฺยํ วทามิ ตรฺหิ กุโต มำ น ปฺรติถ?
तुममें से कौन मुझे पापी प्रमाणित कर सकता है? तो जब मैं सच कहता हूं तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते?
47 ย: กศฺจน อีศฺวรีโย โลก: ส อีศฺวรียกถายำ มโน นิธตฺเต ยูยมฺ อีศฺวรียโลกา น ภวถ ตนฺนิทานาตฺ ตตฺร น มนำสิ นิธเทฺวฯ
वह, जो परमेश्वर का है, परमेश्वर के वचनों को सुनता है. ये वचन तुम इसलिये नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो.”
48 ตทา ยิหูทียา: ปฺรตฺยวาทิษุ: ตฺวเมก: โศมิโรณีโย ภูตคฺรสฺตศฺจ วยํ กิมิทํ ภทฺรํ นาวาทิษฺม?
इस पर यहूदी अगुए बोले, “तो क्या हमारा यह मत सही नहीं कि तुम शमरियावासी हो और तुममें दुष्टात्मा समाया हुआ है?”
49 ตโต ยีศุ: ปฺรตฺยวาทีตฺ นาหํ ภูตคฺรสฺต: กินฺตุ นิชตาตํ สมฺมเนฺย ตสฺมาทฺ ยูยํ มามฺ อปมนฺยเธฺวฯ
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “मुझमें दुष्टात्मा नहीं है. मैं अपने पिता का सम्मान करता हूं और तुम मेरा अपमान करते हो.
50 อหํ สฺวสุขฺยาตึ น เจษฺเฏ กินฺตุ เจษฺฏิตา วิจารยิตา จาปร เอก อาเสฺตฯ
मैं अपनी महिमा के लिए प्रयास नहीं करता हूं; एक हैं, जो इसके लिए प्रयास करते हैं और निर्णय भी वही करते हैं.
51 อหํ ยุษฺมภฺยมฺ อตีว ยถารฺถํ กถยามิ โย นโร มทียํ วาจํ มนฺยเต ส กทาจน นิธนํ น ทฺรกฺษฺยติฯ (aiōn )
मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: यदि कोई मेरी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी.” (aiōn )
52 ยิหูทียาสฺตมวทนฺ ตฺวํ ภูตคฺรสฺต อิตีทานีมฺ อไวษฺมฯ อิพฺราหีมฺ ภวิษฺยทฺวาทินญฺจ สรฺเวฺว มฺฤตา: กินฺตุ ตฺวํ ภาษเส โย นโร มม ภารตีํ คฺฤหฺลาติ ส ชาตุ นิธานาสฺวาทํ น ลปฺสฺยเตฯ (aiōn )
इस पर यहूदियों ने मसीह येशु से कहा, “अब हमें निश्चय हो गया कि तुममें दुष्टात्मा है. अब्राहाम और भविष्यद्वक्ताओं की मृत्यु हो चुकी और तुम कहते हो कि जो कोई तुम्हारी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी. (aiōn )
53 ตรฺหิ ตฺวํ กิมฺ อสฺมากํ ปูรฺวฺวปุรุษาทฺ อิพฺราหีโมปิ มหานฺ? ยสฺมาตฺ โสปิ มฺฤต: ภวิษฺยทฺวาทิโนปิ มฺฤตา: ตฺวํ สฺวํ กํ ปุมำสํ มนุเษ?
क्या तुम हमारे पिता अब्राहाम से भी बड़े हो? उनकी मृत्यु हुई और भविष्यद्वक्ताओं की भी. तुम अपने आपको समझते क्या हो?”
54 ยีศุ: ปฺรตฺยโวจทฺ ยทฺยหํ สฺวํ สฺวยํ สมฺมเนฺย ตรฺหิ มม ตตฺ สมฺมนนํ กิมปิ น กินฺตุ มม ตาโต ยํ ยูยํ สฺวียมฺ อีศฺวรํ ภาษเธฺว เสอว มำ สมฺมนุเตฯ
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं को गौरवान्वित करता हूं तो मेरी महिमा व्यर्थ है. जिन्होंने मुझे गौरवान्वित किया है वह मेरे पिता हैं, जिन्हें तुम अपना परमेश्वर मानते हो.
55 ยูยํ ตํ นาวคจฺฉถ กินฺตฺวหํ ตมวคจฺฉามิ ตํ นาวคจฺฉามีติ วากฺยํ ยทิ วทามิ ตรฺหิ ยูยมิว มฺฤษาภาษี ภวามิ กินฺตฺวหํ ตมวคจฺฉามิ ตทากฺษามปิ คฺฤหฺลามิฯ
तुम उन्हें नहीं जानते, मैं उन्हें जानता हूं. यदि मैं यह कहता कि मैं उन्हें नहीं जानता तो मैं भी तुम्हारे समान झूठा साबित हो जाऊंगा. मैं उन्हें जानता हूं, इसलिये उनके आदेशों का पालन करता हूं.
56 ยุษฺมากํ ปูรฺวฺวปุรุษ อิพฺราหีมฺ มม สมยํ ทฺรษฺฏุมฺ อตีวาวาญฺฉตฺ ตนฺนิรีกฺษฺยานนฺทจฺจฯ
तुम्हारे पिता अब्राहाम मेरा दिन देखने की आशा में मगन हुए थे. उन्होंने इसे देखा और आनंदित हुए.”
57 ตทา ยิหูทียา อปฺฤจฺฉนฺ ตว วย: ปญฺจาศทฺวตฺสรา น ตฺวํ กิมฺ อิพฺราหีมมฺ อทฺรากฺษี: ?
तब यहूदियों ने कटाक्ष किया, “तुम्हारी आयु तो अभी पचास वर्ष की भी नहीं है और तुमने अब्राहाम को देखा है?”
58 ยีศุ: ปฺรตฺยวาทีทฺ ยุษฺมานหํ ยถารฺถตรํ วทามิ อิพฺราหีโม ชนฺมน: ปูรฺวฺวกาลมารภฺยาหํ วิเทฺยฯ
मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: अब्राहाम के जन्म के पूर्व से ही मैं हूं.”
59 ตทา เต ปาษาณานฺ อุตฺโตลฺย ตมาหนฺตุมฺ อุทยจฺฉนฺ กินฺตุ ยีศุ รฺคุปฺโต มนฺติราทฺ พหิรฺคตฺย เตษำ มเธฺยน ปฺรสฺถิตวานฺฯ
यह सुनते ही उन्होंने मसीह येशु का पथराव करने के लिए पत्थर उठा लिए किंतु मसीह येशु उनकी दृष्टि से बचते हुए मंदिर से निकल गए.