< อิพฺริณ: 1 >
1 ปุรา ย อีศฺวโร ภวิษฺยทฺวาทิภิ: ปิตฺฤโลเกโภฺย นานาสมเย นานาปฺรการํ กถิตวานฺ
१पूर्व युग में परमेश्वर ने पूर्वजों से थोड़ा-थोड़ा करके और भाँति-भाँति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें की,
2 ส เอตสฺมินฺ เศษกาเล นิชปุเตฺรณาสฺมภฺยํ กถิตวานฺฯ ส ตํ ปุตฺรํ สรฺวฺวาธิการิณํ กฺฤตวานฺ เตไนว จ สรฺวฺวชคนฺติ สฺฤษฺฏวานฺฯ (aiōn )
२पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn )
3 ส ปุตฺรสฺตสฺย ปฺรภาวสฺย ปฺรติพิมฺพสฺตสฺย ตตฺตฺวสฺย มูรฺตฺติศฺจาสฺติ สฺวียศกฺติวาเกฺยน สรฺวฺวํ ธตฺเต จ สฺวปฺราไณรสฺมากํ ปาปมารฺชฺชนํ กฺฤตฺวา อูรฺทฺธฺวสฺถาเน มหามหิมฺโน ทกฺษิณปารฺเศฺว สมุปวิษฺฏวานฺฯ
३वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से सम्भालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा।
4 ทิวฺยทูตคณาทฺ ยถา ส วิศิษฺฏนามฺโน 'ธิการี ชาตสฺตถา เตโภฺย'ปิ เศฺรษฺโฐ ชาต: ฯ
४और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उनसे बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया।
5 ยโต ทูตานำ มเธฺย กทาจิทีศฺวเรเณทํ ก อุกฺต: ? ยถา, "มทียตนโย 'สิ ตฺวมฺ อไทฺยว ชนิโต มยาฯ " ปุนศฺจ "อหํ ตสฺย ปิตา ภวิษฺยามิ ส จ มม ปุโตฺร ภวิษฺยติฯ "
५क्योंकि स्वर्गदूतों में से उसने कब किसी से कहा, “तू मेरा पुत्र है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है?” और फिर यह, “मैं उसका पिता होऊँगा, और वह मेरा पुत्र होगा?”
6 อปรํ ชคติ สฺวกียาทฺวิตียปุตฺรสฺย ปุนรานยนกาเล เตโนกฺตํ, ยถา, "อีศฺวรสฺย สกไล รฺทูไตเรษ เอว ปฺรณมฺยตำฯ "
६और जब पहलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, “परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत् करें।”
7 ทูตานฺ อธิ เตเนทมฺ อุกฺตํ, ยถา, "ส กโรติ นิชานฺ ทูตานฺ คนฺธวาหสฺวรูปกานฺฯ วหฺนิศิขาสฺวรูปำศฺจ กโรติ นิชเสวกานฺ๚ "
७और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, “वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है।”
8 กินฺตุ ปุตฺรมุทฺทิศฺย เตโนกฺตํ, ยถา, "เห อีศฺวร สทา สฺถายิ ตว สึหาสนํ ภเวตฺฯ ยาถารฺถฺยสฺย ภเวทฺทณฺโฑ ราชทณฺฑสฺตฺวทียก: ฯ (aiōn )
८परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn )
9 ปุเณฺย เปฺรม กโรษิ ตฺวํ กิญฺจาธรฺมฺมมฺ ฤตียเสฯ ตสฺมาทฺ ย อีศ อีศเสฺต ส เต มิตฺรคณาทปิฯ อธิกาหฺลาทไตเลน เสจนํ กฺฤตวานฺ ตว๚ "
९तूने धार्मिकता से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर, तेरे परमेश्वर, ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्षरूपी तेल से तेरा अभिषेक किया।”
10 ปุนศฺจ, ยถา, "เห ปฺรโภ ปฺฤถิวีมูลมฺ อาเทา สํสฺถาปิตํ ตฺวยาฯ ตถา ตฺวทียหเสฺตน กฺฤตํ คคนมณฺฑลํฯ
१०और यह कि, “हे प्रभु, आदि में तूने पृथ्वी की नींव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।
11 อิเม วินํกฺษฺยตสฺตฺวนฺตุ นิตฺยเมวาวติษฺฐเสฯ อิทนฺตุ สกลํ วิศฺวํ สํชริษฺยติ วสฺตฺรวตฺฯ
११वे तो नाश हो जाएँगे; परन्तु तू बना रहेगा और वे सब वस्त्र के समान पुराने हो जाएँगे।
12 สงฺโกจิตํ ตฺวยา ตตฺตุ วสฺตฺรวตฺ ปริวรฺตฺสฺยเตฯ ตฺวนฺตุ นิตฺยํ ส เอวาสี รฺนิรนฺตาสฺตว วตฺสรา: ๚ "
१२और तू उन्हें चादर के समान लपेटेगा, और वे वस्त्र के समान बदल जाएँगे: पर तू वही है और तेरे वर्षों का अन्त न होगा।”
13 อปรํ ทูตานำ มเธฺย ก: กทาจิทีศฺวเรเณทมุกฺต: ? ยถา, "ตวารีนฺ ปาทปีฐํ เต ยาวนฺนหิ กโรมฺยหํฯ มม ทกฺษิณทิคฺภาเค ตาวตฺ ตฺวํ สมุปาวิศ๚ "
१३और स्वर्गदूतों में से उसने किस से कब कहा, “तू मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों के नीचे की चौकी न कर दूँ?”
14 เย ปริตฺราณสฺยาธิการิโณ ภวิษฺยนฺติ เตษำ ปริจรฺยฺยารฺถํ เปฺรษฺยมาณา: เสวนการิณ อาตฺมาน: กึ เต สรฺเวฺว ทูตา นหิ?
१४क्या वे सब परमेश्वर की सेवा टहल करनेवाली आत्माएँ नहीं; जो उद्धार पानेवालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती हैं?