< ๑ กรินฺถิน: 15 >

1 เห ภฺราตร: , ย: สุสํวาโท มยา ยุษฺมตฺสมีเป นิเวทิโต ยูยญฺจ ยํ คฺฤหีตวนฺต อาศฺริตวนฺตศฺจ ตํ ปุน รฺยุษฺมานฺ วิชฺญาปยามิฯ
हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूँ जो पहले सुना चुका हूँ, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिसमें तुम स्थिर भी हो।
2 ยุษฺมากํ วิศฺวาโส ยทิ วิตโถ น ภเวตฺ ตรฺหิ สุสํวาทยุกฺตานิ มม วากฺยานิ สฺมรตำ ยุษฺมากํ เตน สุสํวาเทน ปริตฺราณํ ชายเตฯ
उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैंने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ।
3 ยโต'หํ ยทฺ ยตฺ ชฺญาปิตสฺตทนุสาราตฺ ยุษฺมาสุ มุขฺยำ ยำ ศิกฺษำ สมารฺปยํ เสยํ, ศาสฺตฺรานุสาราตฺ ขฺรีษฺโฏ'สฺมากํ ปาปโมจนารฺถํ ปฺราณานฺ ตฺยกฺตวานฺ,
इसी कारण मैंने सबसे पहले तुम्हें वही बात पहुँचा दी, जो मुझे पहुँची थी, कि पवित्रशास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया।
4 ศฺมศาเน สฺถาปิตศฺจ ตฺฤตียทิเน ศาสฺตฺรานุสาราตฺ ปุนรุตฺถาปิต: ฯ
और गाड़ा गया; और पवित्रशास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा।
5 ส จาเคฺร ไกไผ ตต: ปรํ ทฺวาทศศิเษฺยโภฺย ทรฺศนํ ทตฺตวานฺฯ
और कैफा को तब बारहों को दिखाई दिया।
6 ตต: ปรํ ปญฺจศตาธิกสํขฺยเกโภฺย ภฺราตฺฤโภฺย ยุคปทฺ ทรฺศนํ ทตฺตวานฺ เตษำ เกจิตฺ มหานิทฺรำ คตา พหุตราศฺจาทฺยาปิ วรฺตฺตนฺเตฯ
फिर पाँच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिनमें से बहुत सारे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए।
7 ตทนนฺตรํ ยากูพาย ตตฺปศฺจาตฺ สรฺเวฺวภฺย: เปฺรริเตโภฺย ทรฺศนํ ทตฺตวานฺฯ
फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया।
8 สรฺวฺวเศเษ'กาลชาตตุโลฺย โย'หํ, โส'หมปิ ตสฺย ทรฺศนํ ปฺราปฺตวานฺฯ
और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूँ।
9 อีศฺวรสฺย สมิตึ ปฺรติ เทาราตฺมฺยาจรณาทฺ อหํ เปฺรริตนาม ธรฺตฺตุมฺ อโยคฺยสฺตสฺมาตฺ เปฺรริตานำ มเธฺย กฺษุทฺรตมศฺจาสฺมิฯ
क्योंकि मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूँ, वरन् प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैंने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था।
10 ยาทฺฤโศ'สฺมิ ตาทฺฤศ อีศฺวรสฺยานุคฺรเหไณวาสฺมิ; อปรํ มำ ปฺรติ ตสฺยานุคฺรโห นิษฺผโล นาภวตฺ, อเนฺยภฺย: สรฺเวฺวโภฺย มยาธิก: ศฺรม: กฺฤต: , กินฺตุ ส มยา กฺฤตสฺตนฺนหิ มตฺสหการิเณศฺวรสฺยานุคฺรเหไณวฯ
१०परन्तु मैं जो कुछ भी हूँ, परमेश्वर के अनुग्रह से हूँ। और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैंने उन सबसे बढ़कर परिश्रम भी किया तो भी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।
11 อเตอว มยา ภเวตฺ ไต รฺวา ภเวตฺ อสฺมาภิสฺตาทฺฤศี วารฺตฺตา โฆษฺยเต ไสว จ ยุษฺมาภิ รฺวิศฺวาเสน คฺฤหีตาฯ
११इसलिए चाहे मैं हूँ, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्वास भी किया।
12 มฺฤตฺยุทศาต: ขฺรีษฺฏ อุตฺถาปิต อิติ วารฺตฺตา ยทิ ตมธิ โฆษฺยเต ตรฺหิ มฺฤตโลกานามฺ อุตฺถิติ รฺนาสฺตีติ วาคฺ ยุษฺมากํ มเธฺย ไกศฺจิตฺ กุต: กถฺยเต?
१२अतः जबकि मसीह का यह प्रचार किया जाता है, कि वह मरे हुओं में से जी उठा, तो तुम में से कितने क्यों कहते हैं, कि मरे हुओं का पुनरुत्थान है ही नहीं?
13 มฺฤตานามฺ อุตฺถิติ รฺยทิ น ภเวตฺ ตรฺหิ ขฺรีษฺโฏ'ปิ โนตฺถาปิต:
१३यदि मरे हुओं का पुनरुत्थान ही नहीं, तो मसीह भी नहीं जी उठा।
14 ขฺรีษฺฏศฺจ ยทฺยนุตฺถาปิต: สฺยาตฺ ตรฺหฺยสฺมากํ โฆษณํ วิตถํ ยุษฺมากํ วิศฺวาโส'ปิ วิตถ: ฯ
१४और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो हमारा प्रचार करना भी व्यर्थ है; और तुम्हारा विश्वास भी व्यर्थ है।
15 วยญฺเจศฺวรสฺย มฺฤษาสากฺษิโณ ภวาม: , ยต: ขฺรีษฺฏ เสฺตโนตฺถาปิต: อิติ สากฺษฺยมฺ อสฺมาภิรีศฺวรมธิ ทตฺตํ กินฺตุ มฺฤตานามุตฺถิติ รฺยทิ น ภเวตฺ ตรฺหิ ส เตน โนตฺถาปิต: ฯ
१५वरन् हम परमेश्वर के झूठे गवाह ठहरे; क्योंकि हमने परमेश्वर के विषय में यह गवाही दी कि उसने मसीह को जिला दिया यद्यपि नहीं जिलाया, यदि मरे हुए नहीं जी उठते।
16 ยโต มฺฤตานามุตฺถิติ รฺยติ น ภเวตฺ ตรฺหิ ขฺรีษฺโฏ'ปฺยุตฺถาปิตตฺวํ น คต: ฯ
१६और यदि मुर्दे नहीं जी उठते, तो मसीह भी नहीं जी उठा।
17 ขฺรีษฺฏสฺย ยทฺยนุตฺถาปิต: สฺยาตฺ ตรฺหิ ยุษฺมากํ วิศฺวาโส วิตถ: , ยูยมฺ อทฺยาปิ สฺวปาเปษุ มคฺนาสฺติษฺฐถฯ
१७और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है; और तुम अब तक अपने पापों में फँसे हो।
18 อปรํ ขฺรีษฺฏาศฺริตา เย มานวา มหานิทฺรำ คตาเสฺต'ปิ นาศํ คตา: ฯ
१८वरन् जो मसीह में सो गए हैं, वे भी नाश हुए।
19 ขฺรีษฺโฏ ยทิ เกวลมิหโลเก 'สฺมากํ ปฺรตฺยาศาภูมิ: สฺยาตฺ ตรฺหิ สรฺวฺวมรฺเตฺยโภฺย วยเมว ทุรฺภาคฺยา: ฯ
१९यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं।
20 อิทานีํ ขฺรีษฺโฏ มฺฤตฺยุทศาต อุตฺถาปิโต มหานิทฺราคตานำ มเธฺย ปฺรถมผลสฺวรูโป ชาตศฺจฯ
२०परन्तु सचमुच मसीह मुर्दों में से जी उठा है, और जो सो गए हैं, उनमें पहला फल हुआ।
21 ยโต ยทฺวตฺ มานุษทฺวารา มฺฤตฺยุ: ปฺราทุรฺภูตสฺตทฺวตฺ มานุษทฺวารา มฺฤตานำ ปุนรุตฺถิติรปิ ปฺรทุรฺภูตาฯ
२१क्योंकि जब मनुष्य के द्वारा मृत्यु आई; तो मनुष्य ही के द्वारा मरे हुओं का पुनरुत्थान भी आया।
22 อาทมา ยถา สรฺเวฺว มรณาธีนา ชาตาสฺตถา ขฺรีษฺเฏน สรฺเวฺว ชีวยิษฺยนฺเตฯ
२२और जैसे आदम में सब मरते हैं, वैसा ही मसीह में सब जिलाए जाएँगे।
23 กินฺเตฺวไกเกน ชเนน นิเช นิเช ปรฺยฺยาย อุตฺถาตวฺยํ ปฺรถมต: ปฺรถมชาตผลสฺวรูเปน ขฺรีษฺเฏน, ทฺวิตียตสฺตสฺยาคมนสมเย ขฺรีษฺฏสฺย โลไก: ฯ
२३परन्तु हर एक अपनी-अपनी बारी से; पहला फल मसीह; फिर मसीह के आने पर उसके लोग।
24 ตต: ปรมฺ อนฺโต ภวิษฺยติ ตทานีํ ส สรฺวฺวํ ศาสนมฺ อธิปติตฺวํ ปรากฺรมญฺจ ลุปฺตฺวา สฺวปิตรีศฺวเร ราชตฺวํ สมรฺปยิษฺยติฯ
२४इसके बाद अन्त होगा; उस समय वह सारी प्रधानता और सारा अधिकार और सामर्थ्य का अन्त करके राज्य को परमेश्वर पिता के हाथ में सौंप देगा।
25 ยต: ขฺรีษฺฏสฺย ริปว: สรฺเวฺว ยาวตฺ เตน สฺวปาทโยรโธ น นิปาตยิษฺยนฺเต ตาวตฺ เตไนว ราชตฺวํ กรฺตฺตวฺยํฯ
२५क्योंकि जब तक कि वह अपने बैरियों को अपने पाँवों तले न ले आए, तब तक उसका राज्य करना अवश्य है।
26 เตน วิเชตโวฺย ย: เศษริปุ: ส มฺฤตฺยุเรวฯ
२६सबसे अन्तिम बैरी जो नाश किया जाएगा वह मृत्यु है।
27 ลิขิตมาเสฺต สรฺวฺวาณิ ตสฺย ปาทโย รฺวศีกฺฤตานิฯ กินฺตุ สรฺวฺวาเณฺยว ตสฺย วศีกฺฤตานีตฺยุกฺเต สติ สรฺวฺวาณิ เยน ตสฺย วศีกฺฤตานิ ส สฺวยํ ตสฺย วศีภูโต น ชาต อิติ วฺยกฺตํฯ
२७क्योंकि “परमेश्वर ने सब कुछ उसके पाँवों तले कर दिया है,” परन्तु जब वह कहता है कि सब कुछ उसके अधीन कर दिया गया है तो स्पष्ट है, कि जिसने सब कुछ मसीह के अधीन कर दिया, वह आप अलग रहा।
28 สรฺเวฺวษุ ตสฺย วศีภูเตษุ สรฺวฺวาณิ เยน ปุตฺรสฺย วศีกฺฤตานิ สฺวยํ ปุโตฺร'ปิ ตสฺย วศีภูโต ภวิษฺยติ ตต อีศฺวร: สรฺเวฺวษุ สรฺวฺว เอว ภวิษฺยติฯ
२८और जब सब कुछ उसके अधीन हो जाएगा, तो पुत्र आप भी उसके अधीन हो जाएगा जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया; ताकि सब में परमेश्वर ही सब कुछ हो।
29 อปรํ ปเรตโลกานำ วินิมเยน เย มชฺชฺยนฺเต ไต: กึ ลปฺสฺยเต? เยษำ ปเรตโลกานามฺ อุตฺถิติ: เกนาปิ ปฺรกาเรณ น ภวิษฺยติ เตษำ วินิมเยน กุโต มชฺชนมปิ ไตรงฺคีกฺริยเต?
२९नहीं तो जो लोग मरे हुओं के लिये बपतिस्मा लेते हैं, वे क्या करेंगे? यदि मुर्दे जी उठते ही नहीं तो फिर क्यों उनके लिये बपतिस्मा लेते हैं?
30 วยมปิ กุต: ปฺรติทณฺฑํ ปฺราณภีติมฺ องฺคีกุรฺมฺมเห?
३०और हम भी क्यों हर घड़ी जोखिम में पड़े रहते हैं?
31 อสฺมตฺปฺรภุนา ยีศุขฺรีษฺเฏน ยุษฺมตฺโต มม ยา ศฺลาฆาเสฺต ตสฺยา: ศปถํ กฺฤตฺวา กถยามิ ทิเน ทิเน'หํ มฺฤตฺยุํ คจฺฉามิฯ
३१हे भाइयों, मुझे उस घमण्ड की शपथ जो हमारे मसीह यीशु में मैं तुम्हारे विषय में करता हूँ, कि मैं प्रतिदिन मरता हूँ।
32 อิผิษนคเร วนฺยปศุภิ: สารฺทฺธํ ยทิ เลากิกภาวาตฺ มยา ยุทฺธํ กฺฤตํ ตรฺหิ เตน มม โก ลาภ: ? มฺฤตานามฺ อุตฺถิติ รฺยทิ น ภเวตฺ ตรฺหิ, กุรฺมฺโม โภชนปาเน'ทฺย ศฺวสฺตุ มฺฤตฺยุ รฺภวิษฺยติฯ
३२यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन-पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएँगे, “तो आओ, खाएँ-पीएँ, क्योंकि कल तो मर ही जाएँगे।”
33 อิตฺยเนน ธรฺมฺมาตฺ มา ภฺรํศธฺวํฯ กุสํสรฺเคณ โลกานำ สทาจาโร วินศฺยติฯ
३३धोखा न खाना, “बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है।”
34 ยูยํ ยโถจิตํ สไจตนฺยาสฺติษฺฐต, ปาปํ มา กุรุธฺวํ, ยโต ยุษฺมากํ มธฺย อีศฺวรียชฺญานหีนา: เก'ปิ วิทฺยนฺเต ยุษฺมากํ ตฺรปาไย มเยทํ คทฺยเตฯ
३४धार्मिकता के लिये जाग उठो और पाप न करो; क्योंकि कितने ऐसे हैं जो परमेश्वर को नहीं जानते, मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये यह कहता हूँ।
35 อปรํ มฺฤตโลกา: กถมฺ อุตฺถาสฺยนฺติ? กีทฺฤศํ วา ศรีรํ ลพฺธฺวา ปุนเรษฺยนฺตีติ วากฺยํ กศฺจิตฺ ปฺรกฺษฺยติฯ
३५अब कोई यह कहेगा, “मुर्दे किस रीति से जी उठते हैं, और किस देह के साथ आते हैं?”
36 เห อชฺญ ตฺวยา ยทฺ พีชมฺ อุปฺยเต ตทฺ ยทิ น มฺริเยต ตรฺหิ น ชีวยิษฺยเตฯ
३६हे निर्बुद्धि, जो कुछ तू बोता है, जब तक वह न मरे जिलाया नहीं जाता।
37 ยยา มูรฺตฺตฺยา นิรฺคนฺตวฺยํ สา ตฺวยา โนปฺยเต กินฺตุ ศุษฺกํ พีชเมว; ตจฺจ โคธูมาทีนำ กิมปิ พีชํ ภวิตุํ ศกฺโนติฯ
३७और जो तू बोता है, यह वह देह नहीं जो उत्पन्न होनेवाली है, परन्तु केवल दाना है, चाहे गेहूँ का, चाहे किसी और अनाज का।
38 อีศฺวเรเณว ยถาภิลาษํ ตไสฺม มูรฺตฺติ รฺทียเต, เอไกกไสฺม พีชาย สฺวา สฺวา มูรฺตฺติเรว ทียเตฯ
३८परन्तु परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसको देह देता है; और हर एक बीज को उसकी विशेष देह।
39 สรฺวฺวาณิ ปลลานิ ไนกวิธานิ สนฺติ, มนุษฺยปศุปกฺษิมตฺสฺยาทีนำ ภินฺนรูปาณิ ปลลานิ สนฺติฯ
३९सब शरीर एक समान नहीं, परन्तु मनुष्यों का शरीर और है, पशुओं का शरीर और है; पक्षियों का शरीर और है; मछलियों का शरीर और है।
40 อปรํ สฺวรฺคียา มูรฺตฺตย: ปารฺถิวา มูรฺตฺตยศฺจ วิทฺยนฺเต กินฺตุ สฺวรฺคียานามฺ เอกรูปํ เตช: ปารฺถิวานาญฺจ ตทนฺยรูปํ เตโช'สฺติฯ
४०स्वर्गीय देह है, और पार्थिव देह भी है: परन्तु स्वर्गीय देहों का तेज और है, और पार्थिव का और।
41 สูรฺยฺยสฺย เตช เอกวิธํ จนฺทฺรสฺย เตชสฺตทนฺยวิธํ ตาราณาญฺจ เตโช'นฺยวิธํ, ตาราณำ มเธฺย'ปิ เตชสสฺตารตมฺยํ วิทฺยเตฯ
४१सूर्य का तेज और है, चाँद का तेज और है, और तारागणों का तेज और है, क्योंकि एक तारे से दूसरे तारे के तेज में अन्तर है।
42 ตตฺร ลิขิตมาเสฺต ยถา, ‘อาทิปุรุษ อาทมฺ ชีวตฺปฺราณี พภูว,’ กินฺตฺวนฺติม อาทมฺ (ขฺรีษฺโฏ) ชีวนทายก อาตฺมา พภูวฯ
४२मुर्दों का जी उठना भी ऐसा ही है। शरीर नाशवान दशा में बोया जाता है, और अविनाशी रूप में जी उठता है।
43 ยทฺ อุปฺยเต ตตฺ ตุจฺฉํ ยจฺโจตฺถาสฺยติ ตทฺ เคารวานฺวิตํ; ยทฺ อุปฺยเต ตนฺนิรฺพฺพลํ ยจฺโจตฺถาสฺยติ ตตฺ ศกฺติยุกฺตํฯ
४३वह अनादर के साथ बोया जाता है, और तेज के साथ जी उठता है; निर्बलता के साथ बोया जाता है; और सामर्थ्य के साथ जी उठता है।
44 ยตฺ ศรีรมฺ อุปฺยเต ตตฺ ปฺราณานำ สทฺม, ยจฺจ ศรีรมฺ อุตฺถาสฺยติ ตทฺ อาตฺมน: สทฺมฯ ปฺราณสทฺมสฺวรูปํ ศรีรํ วิทฺยเต, อาตฺมสทฺมสฺวรูปมปิ ศรีรํ วิทฺยเตฯ
४४स्वाभाविक देह बोई जाती है, और आत्मिक देह जी उठती है: जबकि स्वाभाविक देह है, तो आत्मिक देह भी है।
45 ตตฺร ลิขิตมาเสฺต ยถา, อาทิปุรุษ อาทมฺ ชีวตฺปฺราณี พภูว, กินฺตฺวนฺติม อาทมฺ (ขฺรีษฺโฏ) ชีวนทายก อาตฺมา พภูวฯ
४५ऐसा ही लिखा भी है, “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम, जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।
46 อาตฺมสทฺม น ปฺรถมํ กินฺตุ ปฺราณสทฺไมว ตตฺปศฺจาทฺ อาตฺมสทฺมฯ
४६परन्तु पहले आत्मिक न था, पर स्वाभाविक था, इसके बाद आत्मिक हुआ।
47 อาทฺย: ปุรุเษ มฺฤท อุตฺปนฺนตฺวาตฺ มฺฤณฺมโย ทฺวิตียศฺจ ปุรุษ: สฺวรฺคาทฺ อาคต: ปฺรภุ: ฯ
४७प्रथम मनुष्य धरती से अर्थात् मिट्टी का था; दूसरा मनुष्य स्वर्गीय है।
48 มฺฤณฺมโย ยาทฺฤศ อาสีตฺ มฺฤณฺมยา: สรฺเวฺว ตาทฺฤศา ภวนฺติ สฺวรฺคียศฺจ ยาทฺฤโศ'สฺติ สฺวรฺคียา: สรฺเวฺว ตาทฺฤศา ภวนฺติฯ
४८जैसा वह मिट्टी का था वैसे ही वे भी हैं जो मिट्टी के हैं; और जैसा वह स्वर्गीय है, वैसे ही वे भी स्वर्गीय हैं।
49 มฺฤณฺมยสฺย รูปํ ยทฺวทฺ อสฺมาภิ รฺธาริตํ ตทฺวตฺ สฺวรฺคียสฺย รูปมปิ ธารยิษฺยเตฯ
४९और जैसे हमने उसका रूप जो मिट्टी का था धारण किया वैसे ही उस स्वर्गीय का रूप भी धारण करेंगे।
50 เห ภฺราตร: , ยุษฺมานฺ ปฺรติ วฺยาหรามิ, อีศฺวรสฺย ราเชฺย รกฺตมำสโยรธิกาโร ภวิตุํ น ศกฺโนติ, อกฺษยเตฺว จ กฺษยสฺยาธิกาโร น ภวิษฺยติฯ
५०हे भाइयों, मैं यह कहता हूँ कि माँस और लहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न नाशवान अविनाशी का अधिकारी हो सकता है।
51 ปศฺยตาหํ ยุษฺมภฺยํ นิคูฒำ กถำ นิเวทยามิฯ
५१देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूँ: कि हम सब तो नहीं सोएँगे, परन्तु सब बदल जाएँगे।
52 สรฺไวฺวรสฺมาภิ รฺมหานิทฺรา น คมิษฺยเต กินฺตฺวนฺติมทิเน ตูรฺยฺยำ วาทิตายามฺ เอกสฺมินฺ วิปเล นิมิไษกมเธฺย สรฺไวฺว รูปานฺตรํ คมิษฺยเต, ยตสฺตูรี วาทิษฺยเต, มฺฤตโลกาศฺจากฺษยีภูตา อุตฺถาสฺยนฺติ วยญฺจ รูปานฺตรํ คมิษฺยาม: ฯ
५२और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।
53 ยต: กฺษยณีเยไนเตน ศรีเรณากฺษยตฺวํ ปริหิตวฺยํ, มรณาธีเนไนเตน เทเหน จามรตฺวํ ปริหิตวฺยํฯ
५३क्योंकि अवश्य है, कि वह नाशवान देह अविनाश को पहन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहन ले।
54 เอตสฺมินฺ กฺษยณีเย ศรีเร 'กฺษยตฺวํ คเต, เอตสฺมนฺ มรณาธีเน เทเห จามรตฺวํ คเต ศาสฺเตฺร ลิขิตํ วจนมิทํ เสตฺสฺยติ, ยถา, ชเยน คฺรสฺยเต มฺฤตฺยุ: ฯ
५४और जब यह नाशवान अविनाश को पहन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहन लेगा, तब वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, “जय ने मृत्यु को निगल लिया।
55 มฺฤโตฺย เต กณฺฏกํ กุตฺร ปรโลก ชย: กฺก เต๚ (Hadēs g86)
५५हे मृत्यु तेरी जय कहाँ रहीं? हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs g86)
56 มฺฤโตฺย: กณฺฏกํ ปาปเมว ปาปสฺย จ พลํ วฺยวสฺถาฯ
५६मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है।
57 อีศฺวรศฺจ ธโนฺย ภวตุ ยต: โส'สฺมากํ ปฺรภุนา ยีศุขฺรีษฺเฏนาสฺมานฺ ชยยุกฺตานฺ วิธาปยติฯ
५७परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्त करता है।
58 อโต เห มม ปฺริยภฺราตร: ; ยูยํ สุสฺถิรา นิศฺจลาศฺจ ภวต ปฺรโภ: เสวายำ ยุษฺมากํ ปริศฺรโม นิษฺผโล น ภวิษฺยตีติ ชฺญาตฺวา ปฺรโภ: การฺเยฺย สทา ตตฺปรา ภวตฯ
५८इसलिए हे मेरे प्रिय भाइयों, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

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