< ମଥିଃ 9 >

1 ଅନନ୍ତରଂ ଯୀଶୁ ର୍ନୌକାମାରୁହ୍ୟ ପୁନଃ ପାରମାଗତ୍ୟ ନିଜଗ୍ରାମମ୍ ଆଯଯୌ|
तब यीशु डोंगा पर चढ़ क ओन पार गयो, अऊर अपनो नगर म आयो।
2 ତତଃ କତିପଯା ଜନା ଏକଂ ପକ୍ଷାଘାତିନଂ ସ୍ୱଟ୍ଟୋପରି ଶାଯଯିତ୍ୱା ତତ୍ସମୀପମ୍ ଆନଯନ୍; ତତୋ ଯୀଶୁସ୍ତେଷାଂ ପ୍ରତୀତିଂ ୱିଜ୍ଞାଯ ତଂ ପକ୍ଷାଘାତିନଂ ଜଗାଦ, ହେ ପୁତ୍ର, ସୁସ୍ଥିରୋ ଭୱ, ତୱ କଲୁଷସ୍ୟ ମର୍ଷଣଂ ଜାତମ୍|
अऊर देखो, कुछ लोग एक लकवा को रोगी ख खटिया पर रख क ओको जवर लायो। यीशु न उन्को विश्वास ख देख क, ऊ लकवा को रोगी सी कह्यो, “हे बेटा, हिम्मत रख; तोरो पाप माफ भयो।”
3 ତାଂ କଥାଂ ନିଶମ୍ୟ କିଯନ୍ତ ଉପାଧ୍ୟାଯା ମନଃସୁ ଚିନ୍ତିତୱନ୍ତ ଏଷ ମନୁଜ ଈଶ୍ୱରଂ ନିନ୍ଦତି|
येको पर कुछ धर्मशास्त्रियों न आपस म बोलन लग्यो, “यो त परमेश्वर की निन्दा करय हय।”
4 ତତଃ ସ ତେଷାମ୍ ଏତାଦୃଶୀଂ ଚିନ୍ତାଂ ୱିଜ୍ଞାଯ କଥିତୱାନ୍, ଯୂଯଂ ମନଃସୁ କୃତ ଏତାଦୃଶୀଂ କୁଚିନ୍ତାଂ କୁରୁଥ?
यीशु न उन्को मन की बाते जान क कह्यो, “तुम लोग अपनो-अपनो मन म बुरो बिचार कहाली लाय रह्यो हय?
5 ତୱ ପାପମର୍ଷଣଂ ଜାତଂ, ଯଦ୍ୱା ତ୍ୱମୁତ୍ଥାଯ ଗଚ୍ଛ, ଦ୍ୱଯୋରନଯୋ ର୍ୱାକ୍ୟଯୋଃ କିଂ ୱାକ୍ୟଂ ୱକ୍ତୁଂ ସୁଗମଂ?
सहज का हय? यो कहनो, ‘तोरो पाप माफ भयो,’ यां यो कहनो, ‘उठ अऊर चल फिर।’
6 କିନ୍ତୁ ମେଦିନ୍ୟାଂ କଲୁଷଂ କ୍ଷମିତୁଂ ମନୁଜସୁତସ୍ୟ ସାମର୍ଥ୍ୟମସ୍ତୀତି ଯୂଯଂ ଯଥା ଜାନୀଥ, ତଦର୍ଥଂ ସ ତଂ ପକ୍ଷାଘାତିନଂ ଗଦିତୱାନ୍, ଉତ୍ତିଷ୍ଠ, ନିଜଶଯନୀଯଂ ଆଦାଯ ଗେହଂ ଗଚ୍ଛ|
पर तुम यो जान लेवो कि आदमी को बेटा ख धरती पर पाप माफ करन को अधिकार हय।” येकोलायी यीशु न लकवा को रोगी सी कह्यो, “उठ, अपनी खटिया उठाव, अऊर अपनो घर चली जा।”
7 ତତଃ ସ ତତ୍କ୍ଷଣାଦ୍ ଉତ୍ଥାଯ ନିଜଗେହଂ ପ୍ରସ୍ଥିତୱାନ୍|
ऊ उठ क अपनो घर चली गयो।
8 ମାନୱା ଇତ୍ଥଂ ୱିଲୋକ୍ୟ ୱିସ୍ମଯଂ ମେନିରେ, ଈଶ୍ୱରେଣ ମାନୱାଯ ସାମର୍ଥ୍ୟମ୍ ଈଦୃଶଂ ଦତ୍ତଂ ଇତି କାରଣାତ୍ ତଂ ଧନ୍ୟଂ ବଭାଷିରେ ଚ|
लोग यो देख क डर गयो अऊर परमेश्वर की महिमा करन लग्यो जेन लोगों ख असो अधिकार दियो हय।
9 ଅନନ୍ତରଂ ଯୀଶୁସ୍ତତ୍ସ୍ଥାନାଦ୍ ଗଚ୍ଛନ୍ ଗଚ୍ଛନ୍ କରସଂଗ୍ରହସ୍ଥାନେ ସମୁପୱିଷ୍ଟଂ ମଥିନାମାନମ୍ ଏକଂ ମନୁଜଂ ୱିଲୋକ୍ୟ ତଂ ବଭାଷେ, ମମ ପଶ୍ଚାଦ୍ ଆଗଚ୍ଛ, ତତଃ ସ ଉତ୍ଥାଯ ତସ୍ୟ ପଶ୍ଚାଦ୍ ୱୱ୍ରାଜ|
उत सी आगु जाय क यीशु न मत्ती नाम को एक आदमी ख कर वसुली की चौकी पर बैठ्यो देख्यो, अऊर ओको सी कह्यो, “मोरो पीछू चली आव।” ऊ उठ क ओको पीछू चली गयो।
10 ତତଃ ପରଂ ଯୀଶୌ ଗୃହେ ଭୋକ୍ତୁମ୍ ଉପୱିଷ୍ଟେ ବହୱଃ କରସଂଗ୍ରାହିଣଃ କଲୁଷିଣଶ୍ଚ ମାନୱା ଆଗତ୍ୟ ତେନ ସାକଂ ତସ୍ୟ ଶିଷ୍ୟୈଶ୍ଚ ସାକମ୍ ଉପୱିୱିଶୁଃ|
जब ऊ घर म जेवन करन लायी बैठ्यो त बहुत सो कर लेनवालो अऊर पापी आय क यीशु अऊर ओको चेलावों को संग जेवन करन बैठ्यो।
11 ଫିରୂଶିନସ୍ତଦ୍ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ତସ୍ୟ ଶିଷ୍ୟାନ୍ ବଭାଷିରେ, ଯୁଷ୍ମାକଂ ଗୁରୁଃ କିଂ ନିମିତ୍ତଂ କରସଂଗ୍ରାହିଭିଃ କଲୁଷିଭିଶ୍ଚ ସାକଂ ଭୁଂକ୍ତେ?
यो देख क फरीसियों न ओको चेलावों सी कह्यो, “तुम्हरो गुरु कर लेनवालो अऊर पापियों को संग कहाली खावय हय?”
12 ଯୀଶୁସ୍ତତ୍ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ତାନ୍ ପ୍ରତ୍ୟୱଦତ୍, ନିରାମଯଲୋକାନାଂ ଚିକିତ୍ସକେନ ପ୍ରଯୋଜନଂ ନାସ୍ତି, କିନ୍ତୁ ସାମଯଲୋକାନାଂ ପ୍ରଯୋଜନମାସ୍ତେ|
यो सुन क यीशु न उन्को सी कह्यो, “डाक्टर भलो चंगो लायी नहीं पर बीमारों लायी जरूरी हय।
13 ଅତୋ ଯୂଯଂ ଯାତ୍ୱା ୱଚନସ୍ୟାସ୍ୟାର୍ଥଂ ଶିକ୍ଷଧ୍ୱମ୍, ଦଯାଯାଂ ମେ ଯଥା ପ୍ରୀତି ର୍ନ ତଥା ଯଜ୍ଞକର୍ମ୍ମଣି| ଯତୋଽହଂ ଧାର୍ମ୍ମିକାନ୍ ଆହ୍ୱାତୁଂ ନାଗତୋଽସ୍ମି କିନ୍ତୁ ମନଃ ପରିୱର୍ତ୍ତଯିତୁଂ ପାପିନ ଆହ୍ୱାତୁମ୍ ଆଗତୋଽସ୍ମି|
येकोलायी तुम जाय क येको मतलब सीख लेवो: ‘मय बलिदान नहीं पर दया चाहऊ हय।’ कहालीकि मय सच्चो लोगों ख नहीं, पर पापियों ख बुलावन ख आयो हय।”
14 ଅନନ୍ତରଂ ଯୋହନଃ ଶିଷ୍ୟାସ୍ତସ୍ୟ ସମୀପମ୍ ଆଗତ୍ୟ କଥଯାମାସୁଃ, ଫିରୂଶିନୋ ୱଯଞ୍ଚ ପୁନଃ ପୁନରୁପୱସାମଃ, କିନ୍ତୁ ତୱ ଶିଷ୍ୟା ନୋପୱସନ୍ତି, କୁତଃ?
तब बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना को चेलावों न ओको जवर आय क कह्यो, “का वजह हय कि हम अऊर फरीसी इतनो उपवास करजे हंय, पर तोरो चेला उपवास नहीं करय?”
15 ତଦା ଯୀଶୁସ୍ତାନ୍ ଅୱୋଚତ୍ ଯାୱତ୍ ସଖୀନାଂ ସଂଙ୍ଗେ କନ୍ୟାଯା ୱରସ୍ତିଷ୍ଠତି, ତାୱତ୍ କିଂ ତେ ୱିଲାପଂ କର୍ତ୍ତୁଂ ଶକ୍ଲୁୱନ୍ତି? କିନ୍ତୁ ଯଦା ତେଷାଂ ସଂଙ୍ଗାଦ୍ ୱରଂ ନଯନ୍ତି, ତାଦୃଶଃ ସମଯ ଆଗମିଷ୍ୟତି, ତଦା ତେ ଉପୱତ୍ସ୍ୟନ୍ତି|
यीशु न उन्को सी कह्यो, “दूल्हा उन्को संग हय, त का बराती शोक कर सकय हंय? पर ऊ दिन आयेंन जब दूल्हा उन्को सी अलग कर दियो जायेंन, ऊ समय हि उपवास करेंन।
16 ପୁରାତନୱସନେ କୋପି ନୱୀନୱସ୍ତ୍ରଂ ନ ଯୋଜଯତି, ଯସ୍ମାତ୍ ତେନ ଯୋଜିତେନ ପୁରାତନୱସନଂ ଛିନତ୍ତି ତଚ୍ଛିଦ୍ରଞ୍ଚ ବହୁକୁତ୍ସିତଂ ଦୃଶ୍ୟତେ|
“नयो कपड़ा को थेगड़ पुरानो कपड़ा पर कोयी नहीं लगावय, कहालीकि ऊ थेगड़ ऊ कपड़ा सी कुछ अऊर खीच लेवय हय, अऊर ऊ ज्यादा फट जावय हय।
17 ଅନ୍ୟଞ୍ଚ ପୁରାତନକୁତ୍ୱାଂ କୋପି ନୱାନଗୋସ୍ତନୀରସଂ ନ ନିଦଧାତି, ଯସ୍ମାତ୍ ତଥା କୃତେ କୁତୂ ର୍ୱିଦୀର୍ୟ୍ୟତେ ତେନ ଗୋସ୍ତନୀରସଃ ପତତି କୁତୂଶ୍ଚ ନଶ୍ୟତି; ତସ୍ମାତ୍ ନୱୀନାଯାଂ କୁତ୍ୱାଂ ନୱୀନୋ ଗୋସ୍ତନୀରସଃ ସ୍ଥାପ୍ୟତେ, ତେନ ଦ୍ୱଯୋରୱନଂ ଭୱତି|
अऊर लोग नयो अंगूररस पुरानी मशकों म नहीं भरय हंय, कहालीकि असो करनो सी मशके फट जावय हंय, अऊर अंगूररस बह जावय हय; अऊर मशके नाश होय जावय हंय; पर नयो अंगूररस नयी मशकों म भरय हंय अऊर हि दोयी बच्यो रह्य हंय।”
18 ଅପରଂ ତେନୈତତ୍କଥାକଥନକାଲେ ଏକୋଽଧିପତିସ୍ତଂ ପ୍ରଣମ୍ୟ ବଭାଷେ, ମମ ଦୁହିତା ପ୍ରାଯେଣୈତାୱତ୍କାଲେ ମୃତା, ତସ୍ମାଦ୍ ଭୱାନାଗତ୍ୟ ତସ୍ୟା ଗାତ୍ରେ ହସ୍ତମର୍ପଯତୁ, ତେନ ସା ଜୀୱିଷ୍ୟତି|
ऊ उन्को सी यो बाते कह्यच रह्यो होतो, कि देखो, एक मुखिया न आय क ओख प्रनाम करयो अऊर कह्यो, “मोरी बेटी अभी मरी हय, पर चल क अपनो हाथ ओको पर रखजो, त वा जीन्दी होय जायेंन।”
19 ତଦାନୀଂ ଯୀଶୁଃ ଶିଷ୍ୟୈଃ ସାକମ୍ ଉତ୍ଥାଯ ତସ୍ୟ ପଶ୍ଚାଦ୍ ୱୱ୍ରାଜ|
यीशु उठ क अपनो चेलावों को संग ओको पीछू भय गयो।
20 ଇତ୍ୟନନ୍ତରେ ଦ୍ୱାଦଶୱତ୍ସରାନ୍ ଯାୱତ୍ ପ୍ରଦରାମଯେନ ଶୀର୍ଣୈକା ନାରୀ ତସ୍ୟ ପଶ୍ଚାଦ୍ ଆଗତ୍ୟ ତସ୍ୟ ୱସନସ୍ୟ ଗ୍ରନ୍ଥିଂ ପସ୍ପର୍ଶ;
अऊर देखो, एक बाई न जेक बारा साल सी खून बहन कि बीमारी होती, पीछू सी आय क ओको कपड़ा को कोना ख छूय लियो।
21 ଯସ୍ମାତ୍ ମଯା କେୱଲଂ ତସ୍ୟ ୱସନଂ ସ୍ପୃଷ୍ଟ୍ୱା ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟଂ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟତେ, ସା ନାରୀତି ମନସି ନିଶ୍ଚିତୱତୀ|
कहालीकि वा अपनो मन म कहत होती, “यदि मय ओको कपड़ा ख छूय लेऊ त चंगी होय जाऊं।”
22 ତତୋ ଯୀଶୁର୍ୱଦନଂ ପରାୱର୍ତ୍ତ୍ୟ ତାଂ ଜଗାଦ, ହେ କନ୍ୟେ, ତ୍ୱଂ ସୁସ୍ଥିରା ଭୱ, ତୱ ୱିଶ୍ୱାସସ୍ତ୍ୱାଂ ସ୍ୱସ୍ଥାମକାର୍ଷୀତ୍| ଏତଦ୍ୱାକ୍ୟେ ଗଦିତଏୱ ସା ଯୋଷିତ୍ ସ୍ୱସ୍ଥାଭୂତ୍|
यीशु न मुड़ क ओख देख्यो अऊर कह्यो, “बेटी हिम्मत रख; तोरो विश्वास न तोख चंगो करयो हय।” येकोलायी वा बाई उच घड़ी चंगी भय गयी।
23 ଅପରଂ ଯୀଶୁସ୍ତସ୍ୟାଧ୍ୟକ୍ଷସ୍ୟ ଗେହଂ ଗତ୍ୱା ୱାଦକପ୍ରଭୃତୀନ୍ ବହୂନ୍ ଲୋକାନ୍ ଶବ୍ଦାଯମାନାନ୍ ୱିଲୋକ୍ୟ ତାନ୍ ଅୱଦତ୍,
जब यीशु ऊ मुखिया को घर म पहुंच्यो अऊर पेपाड़ी बजावन वालो अऊर भीड़ ख हल्ला मचावत देख्यो,
24 ପନ୍ଥାନଂ ତ୍ୟଜ, କନ୍ୟେଯଂ ନାମ୍ରିଯତ ନିଦ୍ରିତାସ୍ତେ; କଥାମେତାଂ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ତେ ତମୁପଜହସୁଃ|
तब कह्यो, “हट जा, बेटी मरी नहाय, पर सोय रही हय।” याच बात पर हि ओकी मजाक उड़ावन लग्यो।
25 କିନ୍ତୁ ସର୍ୱ୍ୱେଷୁ ବହିଷ୍କୃତେଷୁ ସୋଽଭ୍ୟନ୍ତରଂ ଗତ୍ୱା କନ୍ୟାଯାଃ କରଂ ଧୃତୱାନ୍, ତେନ ସୋଦତିଷ୍ଠତ୍;
पर जब भीड़ ख बाहेर निकाल दियो त यीशु अन्दर जाय क बेटी को हाथ पकड़्यो अऊर वा जीन्दी भय गयी।
26 ତତସ୍ତତ୍କର୍ମ୍ମଣୋ ଯଶଃ କୃତ୍ସ୍ନଂ ତଂ ଦେଶଂ ୱ୍ୟାପ୍ତୱତ୍|
अऊर या बात की चर्चा ऊ पूरो देश म फैल गयी।
27 ତତଃ ପରଂ ଯୀଶୁସ୍ତସ୍ମାତ୍ ସ୍ଥାନାଦ୍ ଯାତ୍ରାଂ ଚକାର; ତଦା ହେ ଦାଯୂଦଃ ସନ୍ତାନ, ଅସ୍ମାନ୍ ଦଯସ୍ୱ, ଇତି ୱଦନ୍ତୌ ଦ୍ୱୌ ଜନାୱନ୍ଧୌ ପ୍ରୋଚୈରାହୂଯନ୍ତୌ ତତ୍ପଶ୍ଚାଦ୍ ୱୱ୍ରଜତୁଃ|
जब यीशु उत सी आगु बढ़्यो, त दोय अन्धा ओको पीछू यो पुकारतो हुयो चल्यो, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर!”
28 ତତୋ ଯୀଶୌ ଗେହମଧ୍ୟଂ ପ୍ରୱିଷ୍ଟଂ ତାୱପି ତସ୍ୟ ସମୀପମ୍ ଉପସ୍ଥିତୱନ୍ତୌ, ତଦାନୀଂ ସ ତୌ ପୃଷ୍ଟୱାନ୍ କର୍ମ୍ମୈତତ୍ କର୍ତ୍ତୁଂ ମମ ସାମର୍ଥ୍ୟମ୍ ଆସ୍ତେ, ଯୁୱାଂ କିମିତି ପ୍ରତୀଥଃ? ତଦା ତୌ ପ୍ରତ୍ୟୂଚତୁଃ, ସତ୍ୟଂ ପ୍ରଭୋ|
जब यीशु घर म पहुंच्यो, त हि अन्धा ओको जवर आयो, अऊर यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम्ख विश्वास हय कि मय तुम्ख चंगो कर सकू हय?” उन्न ओको सी कह्यो, “हव, प्रभु!”
29 ତଦାନୀଂ ସ ତଯୋ ର୍ଲୋଚନାନି ସ୍ପୃଶନ୍ ବଭାଷେ, ଯୁୱଯୋଃ ପ୍ରତୀତ୍ୟନୁସାରାଦ୍ ଯୁୱଯୋ ର୍ମଙ୍ଗଲଂ ଭୂଯାତ୍| ତେନ ତତ୍କ୍ଷଣାତ୍ ତଯୋ ର୍ନେତ୍ରାଣି ପ୍ରସନ୍ନାନ୍ୟଭୱନ୍,
तब यीशु न यो कहतो हुयो उन्की आंखी ख छूय क कह्यो, “तुम्हरो विश्वास को जसो तुम्हरो लायी हो।”
30 ପଶ୍ଚାଦ୍ ଯୀଶୁସ୍ତୌ ଦୃଢମାଜ୍ଞାପ୍ୟ ଜଗାଦ, ଅୱଧତ୍ତମ୍ ଏତାଂ କଥାଂ କୋପି ମନୁଜୋ ମ ଜାନୀଯାତ୍|
अऊर उन्की आंखी खुल गयी। यीशु न उन्ख चिताय क कह्यो, “चौकस रहो, कोयी या बात ख नहीं जाने।”
31 କିନ୍ତୁ ତୌ ପ୍ରସ୍ଥାଯ ତସ୍ମିନ୍ କୃତ୍ସ୍ନେ ଦେଶେ ତସ୍ୟ କୀର୍ତ୍ତିଂ ପ୍ରକାଶଯାମାସତୁଃ|
पर उन्न निकल क पूरो देश म ओकी बात फैलाय दियो।
32 ଅପରଂ ତୌ ବହିର୍ୟାତ ଏତସ୍ମିନ୍ନନ୍ତରେ ମନୁଜା ଏକଂ ଭୂତଗ୍ରସ୍ତମୂକଂ ତସ୍ୟ ସମୀପମ୍ ଆନୀତୱନ୍ତଃ|
जब हि बाहेर जाय रह्यो होतो, त देख्यो, लोग एक मुक्का ख जेको म दुष्ट आत्मायें होती, ओको जवर लायो;
33 ତେନ ଭୂତେ ତ୍ୟାଜିତେ ସ ମୂକଃ କଥାଂ କଥଯିତୁଂ ପ୍ରାରଭତ, ତେନ ଜନା ୱିସ୍ମଯଂ ୱିଜ୍ଞାଯ କଥଯାମାସୁଃ, ଇସ୍ରାଯେଲୋ ୱଂଶେ କଦାପି ନେଦୃଗଦୃଶ୍ୟତ;
अऊर जब दुष्ट आत्मा निकाल दियो गयो, त मुक्का बोलन लग्यो। येको पर भीड़ न अचम्भा कर क् कह्यो, “इस्राएल म असो कभी नहीं देख्यो गयो।”
34 କିନ୍ତୁ ଫିରୂଶିନଃ କଥଯାଞ୍ଚକ୍ରୁଃ ଭୂତାଧିପତିନା ସ ଭୂତାନ୍ ତ୍ୟାଜଯତି|
पर फरीसियों न कह्यो, “यो त दुष्ट आत्मावों को सरदार की मदत सी शैतानी आत्मावों ख निकालय हय।”
35 ତତଃ ପରଂ ଯୀଶୁସ୍ତେଷାଂ ଭଜନଭୱନ ଉପଦିଶନ୍ ରାଜ୍ୟସ୍ୟ ସୁସଂୱାଦଂ ପ୍ରଚାରଯନ୍ ଲୋକାନାଂ ଯସ୍ୟ ଯ ଆମଯୋ ଯା ଚ ପୀଡାସୀତ୍, ତାନ୍ ଶମଯନ୍ ଶମଯଂଶ୍ଚ ସର୍ୱ୍ୱାଣି ନଗରାଣି ଗ୍ରାମାଂଶ୍ଚ ବଭ୍ରାମ|
यीशु सब नगरो अऊर गांवो म जाय जाय क उन्को सभागृहों म उपदेश करतो, अऊर राज्य को सुसमाचार प्रचार करतो, अऊर कुछ तरह की बीमारी अऊर कमजोरी ख दूर करतो रह्यो।
36 ଅନ୍ୟଞ୍ଚ ମନୁଜାନ୍ ୱ୍ୟାକୁଲାନ୍ ଅରକ୍ଷକମେଷାନିୱ ଚ ତ୍ୟକ୍ତାନ୍ ନିରୀକ୍ଷ୍ୟ ତେଷୁ କାରୁଣିକଃ ସନ୍ ଶିଷ୍ୟାନ୍ ଅୱଦତ୍,
जब यीशु न भीड़ ख देख्यो त ओख लोगों पर तरस आयो, कहालीकि हि उन मेंढीं को जसो होतो जिन्को कोयी चरवाहा नहीं होतो दु: खी अऊर भटक्यो हुयो को जसो होतो।
37 ଶସ୍ୟାନି ପ୍ରଚୁରାଣି ସନ୍ତି, କିନ୍ତୁ ଛେତ୍ତାରଃ ସ୍ତୋକାଃ|
तब ओन अपनो चेलावों सी कह्यो, “पकी फसल त बहुत हंय, पर मजूर थोड़ो हंय।
38 କ୍ଷେତ୍ରଂ ପ୍ରତ୍ୟପରାନ୍ ଛେଦକାନ୍ ପ୍ରହେତୁଂ ଶସ୍ୟସ୍ୱାମିନଂ ପ୍ରାର୍ଥଯଧ୍ୱମ୍|
येकोलायी फसल को मालिक सी प्रार्थना करो कि अपनो खेत की फसल काटन लायी मजूर भेज दे।”

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