< ମଥିଃ 27 >

1 ପ୍ରଭାତେ ଜାତେ ପ୍ରଧାନଯାଜକଲୋକପ୍ରାଚୀନା ଯୀଶୁଂ ହନ୍ତୁଂ ତତ୍ପ୍ରତିକୂଲଂ ମନ୍ତ୍ରଯିତ୍ୱା
چون صبح شد، کاهنان اعظم و مشایخ، با یکدیگر مشورت کردند تا راهی بیابند که عیسی را بکشند.
2 ତଂ ବଦ୍ୱ୍ୱା ନୀତ୍ୱା ପନ୍ତୀଯପୀଲାତାଖ୍ୟାଧିପେ ସମର୍ପଯାମାସୁଃ|
پس او را دست بسته به پیلاتُس، فرماندار رومی، تحویل دادند.
3 ତତୋ ଯୀଶୋଃ ପରକରେୱ୍ୱର୍ପଯିତା ଯିହୂଦାସ୍ତତ୍ପ୍ରାଣାଦଣ୍ଡାଜ୍ଞାଂ ୱିଦିତ୍ୱା ସନ୍ତପ୍ତମନାଃ ପ୍ରଧାନଯାଜକଲୋକପ୍ରାଚୀନାନାଂ ସମକ୍ଷଂ ତାସ୍ତ୍ରୀଂଶନ୍ମୁଦ୍ରାଃ ପ୍ରତିଦାଯାୱାଦୀତ୍,
اما یهودا، تسلیم‌کنندۀ او، وقتی دید که عیسی به مرگ محکوم شده است، از کار خود پشیمان شد و سی سکه نقره‌ای را که گرفته بود، نزد کاهنان اعظم و سران قوم آورد تا به ایشان بازگرداند.
4 ଏତନ୍ନିରାଗୋନରପ୍ରାଣପରକରାର୍ପଣାତ୍ କଲୁଷଂ କୃତୱାନହଂ| ତଦା ତ ଉଦିତୱନ୍ତଃ, ତେନାସ୍ମାକଂ କିଂ? ତ୍ୱଯା ତଦ୍ ବୁଧ୍ୟତାମ୍|
او به آنان گفت: «من گناه کرده‌ام چون باعث محکومیت مرد بی‌گناهی شده‌ام.» آنان جواب دادند: «به ما چه؟ خودت خواستی!»
5 ତତୋ ଯିହୂଦା ମନ୍ଦିରମଧ୍ୟେ ତା ମୁଦ୍ରା ନିକ୍ଷିପ୍ୟ ପ୍ରସ୍ଥିତୱାନ୍ ଇତ୍ୱା ଚ ସ୍ୱଯମାତ୍ମାନମୁଦ୍ବବନ୍ଧ|
پس او سکه‌ها را در معبد ریخت و بیرون رفت و خود را با طناب خفه کرد.
6 ପଶ୍ଚାତ୍ ପ୍ରଧାନଯାଜକାସ୍ତା ମୁଦ୍ରା ଆଦାଯ କଥିତୱନ୍ତଃ, ଏତା ମୁଦ୍ରାଃ ଶୋଣିତମୂଲ୍ୟଂ ତସ୍ମାଦ୍ ଭାଣ୍ଡାଗାରେ ନ ନିଧାତୱ୍ୟାଃ|
کاهنان اعظم سکه‌ها را از روی زمین جمع کردند و گفتند: «ریختن این سکه‌ها در خزانۀ معبد حرام است، زیرا خونبهاست.»
7 ଅନନ୍ତରଂ ତେ ମନ୍ତ୍ରଯିତ୍ୱା ୱିଦେଶିନାଂ ଶ୍ମଶାନସ୍ଥାନାଯ ତାଭିଃ କୁଲାଲସ୍ୟ କ୍ଷେତ୍ରମକ୍ରୀଣନ୍|
بنابراین، پس از بحث و مشورت، قرار بر این شد که با آن پول قطعه زمینی را بخرند که کوزه‌گرها از خاکش استفاده می‌کردند، و از آن زمین به عنوان قبرستان بیگانگانی استفاده کنند که در اورشلیم فوت می‌شدند.
8 ଅତୋଽଦ୍ୟାପି ତତ୍ସ୍ଥାନଂ ରକ୍ତକ୍ଷେତ୍ରଂ ୱଦନ୍ତି|
به همین، دلیل آن قبرستان تا به امروز نیز به «زمین خون» معروف است.
9 ଇତ୍ଥଂ ସତି ଇସ୍ରାଯେଲୀଯସନ୍ତାନୈ ର୍ୟସ୍ୟ ମୂଲ୍ୟଂ ନିରୁପିତଂ, ତସ୍ୟ ତ୍ରିଂଶନ୍ମୁଦ୍ରାମାନଂ ମୂଲ୍ୟଂ
این واقعه، پیشگویی ارمیای نبی را به انجام رساند که فرموده بود: «آنها سی سکۀ نقره یعنی قیمتی را که مردم اسرائیل برای او تعیین کرده بودند برداشتند،
10 ମାଂ ପ୍ରତି ପରମେଶ୍ୱରସ୍ୟାଦେଶାତ୍ ତେଭ୍ୟ ଆଦୀଯତ, ତେନ ଚ କୁଲାଲସ୍ୟ କ୍ଷେତ୍ରଂ କ୍ରୀତମିତି ଯଦ୍ୱଚନଂ ଯିରିମିଯଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିନା ପ୍ରୋକ୍ତଂ ତତ୍ ତଦାସିଧ୍ୟତ୍|
و از کوزه‌گرها زمینی خریدند، همان‌گونه که خداوند به من فرموده بود.»
11 ଅନନ୍ତରଂ ଯୀଶୌ ତଦଧିପତେଃ ସମ୍ମୁଖ ଉପତିଷ୍ଠତି ସ ତଂ ପପ୍ରଚ୍ଛ, ତ୍ୱଂ କିଂ ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜା? ତଦା ଯୀଶୁସ୍ତମୱଦତ୍, ତ୍ୱଂ ସତ୍ୟମୁକ୍ତୱାନ୍|
در این هنگام، عیسی را به حضور پیلاتُس، فرماندار رومی آوردند. فرماندار از او پرسید: «آیا تو پادشاه یهود هستی؟» عیسی جواب داد: «همین‌طور است که می‌گویی.»
12 କିନ୍ତୁ ପ୍ରଧାନଯାଜକପ୍ରାଚୀନୈରଭିଯୁକ୍ତେନ ତେନ କିମପି ନ ପ୍ରତ୍ୟୱାଦି|
آنگاه کاهنان اعظم و سران قوم یهود اتهاماتی بر او وارد ساختند، اما او هیچ جواب نداد.
13 ତତଃ ପୀଲାତେନ ସ ଉଦିତଃ, ଇମେ ତ୍ୱତ୍ପ୍ରତିକୂଲତଃ କତି କତି ସାକ୍ଷ୍ୟଂ ଦଦତି, ତତ୍ ତ୍ୱଂ ନ ଶୃଣୋଷି?
پس پیلاتُس به او گفت: «نمی‌شنوی چه می‌گویند؟»
14 ତଥାପି ସ ତେଷାମେକସ୍ୟାପି ୱଚସ ଉତ୍ତରଂ ନୋଦିତୱାନ୍; ତେନ ସୋଽଧିପତି ର୍ମହାଚିତ୍ରଂ ୱିଦାମାସ|
اما عیسی همچنان خاموش بود، به طوری که سکوت او فرماندار را نیز به تعجب واداشت.
15 ଅନ୍ୟଚ୍ଚ ତନ୍ମହକାଲେଽଧିପତେରେତାଦୃଶୀ ରାତିରାସୀତ୍, ପ୍ରଜା ଯଂ କଞ୍ଚନ ବନ୍ଧିନଂ ଯାଚନ୍ତେ, ତମେୱ ସ ମୋଚଯତୀତି|
و رسم فرماندار بر این بود که هر سال در عید پِسَح، یک زندانی را به خواست مردم آزاد کند.
16 ତଦାନୀଂ ବରବ୍ବାନାମା କଶ୍ଚିତ୍ ଖ୍ୟାତବନ୍ଧ୍ୟାସୀତ୍|
در آن سال، زندانی مشهوری به اسم باراباس در زندان بود.
17 ତତଃ ପୀଲାତସ୍ତତ୍ର ମିଲିତାନ୍ ଲୋକାନ୍ ଅପୃଚ୍ଛତ୍, ଏଷ ବରବ୍ବା ବନ୍ଧୀ ଖ୍ରୀଷ୍ଟୱିଖ୍ୟାତୋ ଯୀଶୁଶ୍ଚୈତଯୋଃ କଂ ମୋଚଯିଷ୍ୟାମି? ଯୁଷ୍ମାକଂ କିମୀପ୍ସିତଂ?
آن روز صبح، وقتی مردم گرد آمدند، پیلاتُس به ایشان گفت: «کدام یک از این دو نفر را می‌خواهید برایتان آزاد کنم: باراباس یا عیسی را که مسیح شماست؟»
18 ତୈରୀର୍ଷ୍ୟଯା ସ ସମର୍ପିତ ଇତି ସ ଜ୍ଞାତୱାନ୍|
چون خوب می‌دانست که سران قوم از روی حسادت عیسی را دستگیر کرده‌اند.
19 ଅପରଂ ୱିଚାରାସନୋପୱେଶନକାଲେ ପୀଲାତସ୍ୟ ପତ୍ନୀ ଭୃତ୍ୟଂ ପ୍ରହିତ୍ୟ ତସ୍ମୈ କଥଯାମାସ, ତଂ ଧାର୍ମ୍ମିକମନୁଜଂ ପ୍ରତି ତ୍ୱଯା କିମପି ନ କର୍ତ୍ତୱ୍ୟଂ; ଯସ୍ମାତ୍ ତତ୍କୃତେଽଦ୍ୟାହଂ ସ୍ୱପ୍ନେ ପ୍ରଭୂତକଷ୍ଟମଲଭେ|
در همان هنگام که پیلاتُس جلسه دادگاه را اداره می‌کرد، همسرش برای او پیغامی فرستاده، گفت: «با این مرد بی‌گناه کاری نداشته باش، چون دیشب به خاطر او خوابهای وحشتناکی دیده‌ام.»
20 ଅନନ୍ତରଂ ପ୍ରଧାନଯାଜକପ୍ରାଚୀନା ବରବ୍ବାଂ ଯାଚିତ୍ୱାଦାତୁଂ ଯୀଶୁଞ୍ଚ ହନ୍ତୁଂ ସକଲଲୋକାନ୍ ପ୍ରାୱର୍ତ୍ତଯନ୍|
کاهنان اعظم و مقامات قوم یهود از این فرصت استفاده کردند و مردم را واداشتند که از پیلاتُس آزادی باراباس و اعدام عیسی را بخواهند.
21 ତତୋଽଧିପତିସ୍ତାନ୍ ପୃଷ୍ଟୱାନ୍, ଏତଯୋଃ କମହଂ ମୋଚଯିଷ୍ୟାମି? ଯୁଷ୍ମାକଂ କେଚ୍ଛା? ତେ ପ୍ରୋଚୁ ର୍ବରବ୍ବାଂ|
پس فرماندار دوباره پرسید: «کدام یک از این دو نفر را می‌خواهید برایتان آزاد کنم؟» مردم فریاد زدند: «باراباس را!»
22 ତଦା ପୀଲାତଃ ପପ୍ରଚ୍ଛ, ତର୍ହି ଯଂ ଖ୍ରୀଷ୍ଟଂ ୱଦନ୍ତି, ତଂ ଯୀଶୁଂ କିଂ କରିଷ୍ୟାମି? ସର୍ୱ୍ୱେ କଥଯାମାସୁଃ, ସ କ୍ରୁଶେନ ୱିଧ୍ୟତାଂ|
پیلاتُس پرسید: «پس با عیسی که مسیح شماست، چه کنم؟» مردم یکصدا فریاد زدند: «مصلوبش کن!»
23 ତତୋଽଧିପତିରୱାଦୀତ୍, କୁତଃ? କିଂ ତେନାପରାଦ୍ଧଂ? କିନ୍ତୁ ତେ ପୁନରୁଚୈ ର୍ଜଗଦୁଃ, ସ କ୍ରୁଶେନ ୱିଧ୍ୟତାଂ|
پیلاتُس پرسید: «چرا؟ مگر چه گناهی کرده است؟» ولی باز فریاد زدند: «مصلوبش کن!»
24 ତଦା ନିଜୱାକ୍ୟମଗ୍ରାହ୍ୟମଭୂତ୍, କଲହଶ୍ଚାପ୍ୟଭୂତ୍, ପୀଲାତ ଇତି ୱିଲୋକ୍ୟ ଲୋକାନାଂ ସମକ୍ଷଂ ତୋଯମାଦାଯ କରୌ ପ୍ରକ୍ଷାଲ୍ୟାୱୋଚତ୍, ଏତସ୍ୟ ଧାର୍ମ୍ମିକମନୁଷ୍ୟସ୍ୟ ଶୋଣିତପାତେ ନିର୍ଦୋଷୋଽହଂ, ଯୁଷ୍ମାଭିରେୱ ତଦ୍ ବୁଧ୍ୟତାଂ|
وقتی پیلاتُس دید که اصرار او فایده‌ای ندارد، و حتی ممکن است شورشی به پا شود، دستور داد کاسهٔ آبی حاضر کنند، و در مقابل چشمان مردم دستهای خود را شست و گفت: «من از خون این مرد، بری هستم؛ دیگر خودتان می‌دانید!»
25 ତଦା ସର୍ୱ୍ୱାଃ ପ୍ରଜାଃ ପ୍ରତ୍ୟୱୋଚନ୍, ତସ୍ୟ ଶୋଣିତପାତାପରାଧୋଽସ୍ମାକମ୍ ଅସ୍ମତ୍ସନ୍ତାନାନାଞ୍ଚୋପରି ଭୱତୁ|
جمعیت فریاد زدند: «خونش به گردن ما و فرزندان ما باشد!»
26 ତତଃ ସ ତେଷାଂ ସମୀପେ ବରବ୍ବାଂ ମୋଚଯାମାସ ଯୀଶୁନ୍ତୁ କଷାଭିରାହତ୍ୟ କ୍ରୁଶେନ ୱେଧିତୁଂ ସମର୍ପଯାମାସ|
پس پیلاتُس، باراباس را برای ایشان آزاد کرد و دستور داد عیسی را پس از شلّاق زدن، ببرند و مصلوب کنند.
27 ଅନନ୍ତରମ୍ ଅଧିପତେଃ ସେନା ଅଧିପତେ ର୍ଗୃହଂ ଯୀଶୁମାନୀଯ ତସ୍ୟ ସମୀପେ ସେନାସମୂହଂ ସଂଜଗୃହୁଃ|
سربازان ابتدا عیسی را به حیاط کاخ فرماندار بردند و تمام سربازان را به دور او جمع کردند.
28 ତତସ୍ତେ ତସ୍ୟ ୱସନଂ ମୋଚଯିତ୍ୱା କୃଷ୍ଣଲୋହିତୱର୍ଣୱସନଂ ପରିଧାପଯାମାସୁଃ
سپس، لباس او را درآوردند و ردایی ارغوانی به او پوشاندند،
29 କଣ୍ଟକାନାଂ ମୁକୁଟଂ ନିର୍ମ୍ମାଯ ତଚ୍ଛିରସି ଦଦୁଃ, ତସ୍ୟ ଦକ୍ଷିଣକରେ ୱେତ୍ରମେକଂ ଦତ୍ତ୍ୱା ତସ୍ୟ ସମ୍ମୁଖେ ଜାନୂନି ପାତଯିତ୍ୱା, ହେ ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜନ୍, ତୁଭ୍ୟଂ ନମ ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ତଂ ତିରଶ୍ଚକ୍ରୁଃ,
و تاجی از خار ساخته، بر سر او گذاشتند، و یک چوب، به نشانهٔ عصای سلطنت، به دست راست او دادند و در برابرش زانو زده، با ریشخند می‌گفتند: «درود بر پادشاه یهود!»
30 ତତସ୍ତସ୍ୟ ଗାତ୍ରେ ନିଷ୍ଠୀୱଂ ଦତ୍ୱା ତେନ ୱେତ୍ରେଣ ଶିର ଆଜଘ୍ନୁଃ|
پس از آن، به صورتش آب دهان انداختند و چوب را از دستش گرفته، بر سرش زدند.
31 ଇତ୍ଥଂ ତଂ ତିରସ୍କୃତ୍ୟ ତଦ୍ ୱସନଂ ମୋଚଯିତ୍ୱା ପୁନର୍ନିଜୱସନଂ ପରିଧାପଯାଞ୍ଚକ୍ରୁଃ, ତଂ କ୍ରୁଶେନ ୱେଧିତୁଂ ନୀତୱନ୍ତଃ|
پس از اینکه از مسخره کردن او خسته شدند، شنل را از دوشش برداشته، لباس خودش را به او پوشانیدند، و او را بردند تا مصلوبش کنند.
32 ପଶ୍ଚାତ୍ତେ ବହିର୍ଭୂଯ କୁରୀଣୀଯଂ ଶିମୋନ୍ନାମକମେକଂ ୱିଲୋକ୍ୟ କ୍ରୁଶଂ ୱୋଢୁଂ ତମାଦଦିରେ|
در راه، به مردی برخوردند از اهالی قیروان که نامش شمعون بود. او را وادار کردند صلیب عیسی را بر دوش بگیرد و ببرد.
33 ଅନନ୍ତରଂ ଗୁଲ୍ଗଲ୍ତାମ୍ ଅର୍ଥାତ୍ ଶିରସ୍କପାଲନାମକସ୍ଥାନମୁ ପସ୍ଥାଯ ତେ ଯୀଶୱେ ପିତ୍ତମିଶ୍ରିତାମ୍ଲରସଂ ପାତୁଂ ଦଦୁଃ,
وقتی به محلی به نام جُلجُتا که به معنی جمجمه است، رسیدند،
34 କିନ୍ତୁ ସ ତମାସ୍ୱାଦ୍ୟ ନ ପପୌ|
سربازان به او شرابی مخلوط به زرداب دادند؛ اما وقتی آن را چشید، نخواست بنوشد.
35 ତଦାନୀଂ ତେ ତଂ କ୍ରୁଶେନ ସଂୱିଧ୍ୟ ତସ୍ୟ ୱସନାନି ଗୁଟିକାପାତେନ ୱିଭଜ୍ୟ ଜଗୃହୁଃ, ତସ୍ମାତ୍, ୱିଭଜନ୍ତେଽଧରୀଯଂ ମେ ତେ ମନୁଷ୍ୟାଃ ପରସ୍ପରଂ| ମଦୁତ୍ତରୀଯୱସ୍ତ୍ରାର୍ଥଂ ଗୁଟିକାଂ ପାତଯନ୍ତି ଚ|| ଯଦେତଦ୍ୱଚନଂ ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିଭିରୁକ୍ତମାସୀତ୍, ତଦା ତଦ୍ ଅସିଧ୍ୟତ୍,
سربازان، پس از مصلوب کردن او، بر سر تقسیم لباسهایش قرعه انداختند.
36 ପଶ୍ଚାତ୍ ତେ ତତ୍ରୋପୱିଶ୍ୟ ତଦ୍ରକ୍ଷଣକର୍ୱ୍ୱଣି ନିଯୁକ୍ତାସ୍ତସ୍ଥୁଃ|
سپس همان جا در اطراف صلیب به تماشای جان دادن او نشستند.
37 ଅପରମ୍ ଏଷ ଯିହୂଦୀଯାନାଂ ରାଜା ଯୀଶୁରିତ୍ୟପୱାଦଲିପିପତ୍ରଂ ତଚ୍ଛିରସ ଊର୍ଦ୍ୱ୍ୱେ ଯୋଜଯାମାସୁଃ|
تقصیرنامۀ او را نیز بالای سرش بر صلیب نصب کردند: «این است عیسی، پادشاه یهود.»
38 ତତସ୍ତସ୍ୟ ୱାମେ ଦକ୍ଷିଣେ ଚ ଦ୍ୱୌ ଚୈରୌ ତେନ ସାକଂ କ୍ରୁଶେନ ୱିୱିଧୁଃ|
دو شورشی را نیز با او به صلیب کشیدند، یکی در سمت راست و دیگری در سمت چپ او.
39 ତଦା ପାନ୍ଥା ନିଜଶିରୋ ଲାଡଯିତ୍ୱା ତଂ ନିନ୍ଦନ୍ତୋ ଜଗଦୁଃ,
کسانی که از آنجا رد می‌شدند، سرهای خود را تکان داده، ریشخندکنان
40 ହେ ଈଶ୍ୱରମନ୍ଦିରଭଞ୍ଜକ ଦିନତ୍ରଯେ ତନ୍ନିର୍ମ୍ମାତଃ ସ୍ୱଂ ରକ୍ଷ, ଚେତ୍ତ୍ୱମୀଶ୍ୱରସୁତସ୍ତର୍ହି କ୍ରୁଶାଦୱରୋହ|
می‌گفتند: «تو که می‌خواستی معبد را خراب کنی و در عرض سه روز آن را باز بسازی، خود را نجات بده! اگر واقعاً پسر خدایی، از صلیب پایین بیا!»
41 ପ୍ରଧାନଯାଜକାଧ୍ୟାପକପ୍ରାଚୀନାଶ୍ଚ ତଥା ତିରସ୍କୃତ୍ୟ ଜଗଦୁଃ,
کاهنان اعظم و علمای دین و مشایخ نیز او را مسخره کرده، می‌گفتند:
42 ସୋଽନ୍ୟଜନାନାୱତ୍, କିନ୍ତୁ ସ୍ୱମୱିତୁଂ ନ ଶକ୍ନୋତି| ଯଦୀସ୍ରାଯେଲୋ ରାଜା ଭୱେତ୍, ତର୍ହୀଦାନୀମେୱ କ୍ରୁଶାଦୱରୋହତୁ, ତେନ ତଂ ୱଯଂ ପ୍ରତ୍ୟେଷ୍ୟାମଃ|
«دیگران را نجات می‌داد اما نمی‌تواند خودش را نجات دهد! اگر پادشاه اسرائیل است همین الان از صلیب پایین بیاید تا به او ایمان بیاوریم؟
43 ସ ଈଶ୍ୱରେ ପ୍ରତ୍ୟାଶାମକରୋତ୍, ଯଦୀଶ୍ୱରସ୍ତସ୍ମିନ୍ ସନ୍ତୁଷ୍ଟସ୍ତର୍ହୀଦାନୀମେୱ ତମୱେତ୍, ଯତଃ ସ ଉକ୍ତୱାନ୍ ଅହମୀଶ୍ୱରସୁତଃ|
او به خدا توکل کرد، پس اگر خدا دوستش دارد، بگذار نجاتش دهد، زیرا ادعا می‌کرد که پسر خداست!»
44 ଯୌ ସ୍ତେନୌ ସାକଂ ତେନ କ୍ରୁଶେନ ୱିଦ୍ଧୌ ତୌ ତଦ୍ୱଦେୱ ତଂ ନିନିନ୍ଦତୁଃ|
حتی آن دو شورشی نیز که با او مصلوب شده بودند، به او دشنام می‌دادند.
45 ତଦା ଦ୍ୱିତୀଯଯାମାତ୍ ତୃତୀଯଯାମଂ ଯାୱତ୍ ସର୍ୱ୍ୱଦେଶେ ତମିରଂ ବଭୂୱ,
آن روز، از ظهر تا ساعت سه بعد از ظهر، تاریکی تمام آن سرزمین را فراگرفت.
46 ତୃତୀଯଯାମେ "ଏଲୀ ଏଲୀ ଲାମା ଶିୱକ୍ତନୀ", ଅର୍ଥାତ୍ ମଦୀଶ୍ୱର ମଦୀଶ୍ୱର କୁତୋ ମାମତ୍ୟାକ୍ଷୀଃ? ଯୀଶୁରୁଚ୍ଚୈରିତି ଜଗାଦ|
نزدیک به ساعت سه، عیسی با صدای بلند فریاد زد: «ایلی، ایلی، لَمّا سَبَقتَنی»، یعنی «خدای من، خدای من، چرا مرا واگذاشتی؟»
47 ତଦା ତତ୍ର ସ୍ଥିତାଃ କେଚିତ୍ ତତ୍ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ବଭାଷିରେ, ଅଯମ୍ ଏଲିଯମାହୂଯତି|
بعضی که آنجا ایستاده بودند، تصور کردند که ایلیا نبی را صدا می‌زند.
48 ତେଷାଂ ମଧ୍ୟାଦ୍ ଏକଃ ଶୀଘ୍ରଂ ଗତ୍ୱା ସ୍ପଞ୍ଜଂ ଗୃହୀତ୍ୱା ତତ୍ରାମ୍ଲରସଂ ଦତ୍ତ୍ୱା ନଲେନ ପାତୁଂ ତସ୍ମୈ ଦଦୌ|
یکی از آنان دوید و اسفنجی از شراب ترشیده را بر سر یک چوب گذاشت و نزدیک دهان او برد تا بنوشد.
49 ଇତରେଽକଥଯନ୍ ତିଷ୍ଠତ, ତଂ ରକ୍ଷିତୁମ୍ ଏଲିଯ ଆଯାତି ନୱେତି ପଶ୍ୟାମଃ|
ولی دیگران گفتند: «کاری نداشته باش! بگذار ببینیم آیا ایلیا می‌آید او را نجات دهد یا نه؟»
50 ଯୀଶୁଃ ପୁନରୁଚୈରାହୂଯ ପ୍ରାଣାନ୍ ଜହୌ|
آنگاه عیسی فریاد بلند دیگری برآورد و روح خود را تسلیم کرد.
51 ତତୋ ମନ୍ଦିରସ୍ୟ ୱିଚ୍ଛେଦୱସନମ୍ ଊର୍ଦ୍ୱ୍ୱାଦଧୋ ଯାୱତ୍ ଛିଦ୍ୟମାନଂ ଦ୍ୱିଧାଭୱତ୍,
در آن لحظه، ناگهان پردهٔ معبد از بالا تا پایین دو پاره شد و چنان زمین لرزه‌ای رخ داد که سنگها شکافته،
52 ଭୂମିଶ୍ଚକମ୍ପେ ଭୂଧରୋୱ୍ୟଦୀର୍ୟ୍ୟତ ଚ| ଶ୍ମଶାନେ ମୁକ୍ତେ ଭୂରିପୁଣ୍ୟୱତାଂ ସୁପ୍ତଦେହା ଉଦତିଷ୍ଠନ୍,
و قبرها باز شدند و بسیاری از مقدّسین خدا که مرده بودند، زنده شدند؛
53 ଶ୍ମଶାନାଦ୍ ୱହିର୍ଭୂଯ ତଦୁତ୍ଥାନାତ୍ ପରଂ ପୁଣ୍ୟପୁରଂ ଗତ୍ୱା ବହୁଜନାନ୍ ଦର୍ଶଯାମାସୁଃ|
و پس از زنده شدن عیسی، از قبرستان به اورشلیم رفتند و بسیاری ایشان را دیدند.
54 ଯୀଶୁରକ୍ଷଣାଯ ନିଯୁକ୍ତଃ ଶତସେନାପତିସ୍ତତ୍ସଙ୍ଗିନଶ୍ଚ ତାଦୃଶୀଂ ଭୂକମ୍ପାଦିଘଟନାଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ଭୀତା ଅୱଦନ୍, ଏଷ ଈଶ୍ୱରପୁତ୍ରୋ ଭୱତି|
آن افسر رومی و سربازانش که وظیفۀ نگهبانی از عیسی را بر عهده داشتند، از این زمین‌لرزه و رویدادها وحشت کردند و گفتند: «براستی این مرد پسر خدا بود.»
55 ଯା ବହୁଯୋଷିତୋ ଯୀଶୁଂ ସେୱମାନା ଗାଲୀଲସ୍ତତ୍ପଶ୍ଚାଦାଗତାସ୍ତାସାଂ ମଧ୍ୟେ
عده‌ای از زنان که عیسی را خدمت می‌کردند و به دنبال او از جلیل آمده بودند، در آنجا حضور داشتند و از دور ناظر واقعه بودند.
56 ମଗ୍ଦଲୀନୀ ମରିଯମ୍ ଯାକୂବ୍ୟୋଶ୍ୟୋ ର୍ମାତା ଯା ମରିଯମ୍ ସିବଦିଯପୁତ୍ରଯୋ ର୍ମାତା ଚ ଯୋଷିତ ଏତା ଦୂରେ ତିଷ୍ଠନ୍ତ୍ୟୋ ଦଦୃଶୁଃ|
در بین ایشان مریم مجدلیه، مریم مادر یعقوب و یوسف، و نیز مادر یعقوب و یوحنا، پسران زبدی، دیده می‌شدند.
57 ସନ୍ଧ୍ୟାଯାଂ ସତ୍ୟମ୍ ଅରିମଥିଯାନଗରସ୍ୟ ଯୂଷଫ୍ନାମା ଧନୀ ମନୁଜୋ ଯୀଶୋଃ ଶିଷ୍ୟତ୍ୱାତ୍
هنگام غروب، مردی ثروتمند به نام یوسف که اهل رامه و یکی از پیروان عیسی بود،
58 ପୀଲାତସ୍ୟ ସମୀପଂ ଗତ୍ୱା ଯୀଶୋଃ କାଯଂ ଯଯାଚେ, ତେନ ପୀଲାତଃ କାଯଂ ଦାତୁମ୍ ଆଦିଦେଶ|
به حضور پیلاتُس رفت و از او جسد عیسی را درخواست کرد. پیلاتُس دستور داد جسد را در اختیار او قرار دهند.
59 ଯୂଷଫ୍ ତତ୍କାଯଂ ନୀତ୍ୱା ଶୁଚିୱସ୍ତ୍ରେଣାଚ୍ଛାଦ୍ୟ
یوسف جسد را گرفت و در کتان پاکی پیچید،
60 ସ୍ୱାର୍ଥଂ ଶୈଲେ ଯତ୍ ଶ୍ମଶାନଂ ଚଖାନ, ତନ୍ମଧ୍ୟେ ତତ୍କାଯଂ ନିଧାଯ ତସ୍ୟ ଦ୍ୱାରି ୱୃହତ୍ପାଷାଣଂ ଦଦୌ|
و در مقبره‌ای که به تازگی برای خود در صخره تراشیده بود، جای داد. سپس سنگی بزرگ در مقابل قبر قرار داد و رفت.
61 କିନ୍ତୁ ମଗ୍ଦଲୀନୀ ମରିଯମ୍ ଅନ୍ୟମରିଯମ୍ ଏତେ ସ୍ତ୍ରିଯୌ ତତ୍ର ଶ୍ମଶାନସମ୍ମୁଖ ଉପୱିୱିଶତୁଃ|
مریم مجدلیه و آن مریم دیگر در آنجا روبروی قبر نشسته بودند.
62 ତଦନନ୍ତରଂ ନିସ୍ତାରୋତ୍ସୱସ୍ୟାଯୋଜନଦିନାତ୍ ପରେଽହନି ପ୍ରଧାନଯାଜକାଃ ଫିରୂଶିନଶ୍ଚ ମିଲିତ୍ୱା ପୀଲାତମୁପାଗତ୍ୟାକଥଯନ୍,
روز بعد، پس از مراسم اولین روز پِسَح، کاهنان اعظم و فریسیان نزد پیلاتُس رفتند
63 ହେ ମହେଚ୍ଛ ସ ପ୍ରତାରକୋ ଜୀୱନ ଅକଥଯତ୍, ଦିନତ୍ରଯାତ୍ ପରଂ ଶ୍ମଶାନାଦୁତ୍ଥାସ୍ୟାମି ତଦ୍ୱାକ୍ୟଂ ସ୍ମରାମୋ ୱଯଂ;
و گفتند: «قربان، به یاد داریم که آن فریبکار وقتی زنده بود، می‌گفت:”من پس از سه روز زنده می‌شوم.“
64 ତସ୍ମାତ୍ ତୃତୀଯଦିନଂ ଯାୱତ୍ ତତ୍ ଶ୍ମଶାନଂ ରକ୍ଷିତୁମାଦିଶତୁ, ନୋଚେତ୍ ତଚ୍ଛିଷ୍ୟା ଯାମିନ୍ୟାମାଗତ୍ୟ ତଂ ହୃତ୍ୱା ଲୋକାନ୍ ୱଦିଷ୍ୟନ୍ତି, ସ ଶ୍ମଶାନାଦୁଦତିଷ୍ଠତ୍, ତଥା ସତି ପ୍ରଥମଭ୍ରାନ୍ତେଃ ଶେଷୀଯଭ୍ରାନ୍ତି ର୍ମହତୀ ଭୱିଷ୍ୟତି|
پس خواهش می‌کنیم دستور فرمایید قبر را تا سه روز زیر نظر داشته باشند، تا شاگردانش نتوانند بیایند و جسد او را بدزدند و ادعا کنند که او زنده شده است! اگر موفق به این کار شوند، وضع بدتر از اول می‌شود.»
65 ତଦା ପୀଲାତ ଅୱାଦୀତ୍, ଯୁଷ୍ମାକଂ ସମୀପେ ରକ୍ଷିଗଣ ଆସ୍ତେ, ଯୂଯଂ ଗତ୍ୱା ଯଥା ସାଧ୍ୟଂ ରକ୍ଷଯତ|
پیلاتُس گفت: «چرا از نگهبانان معبد استفاده نمی‌کنید؟ آنان خوب می‌توانند از قبر محافظت کنند.»
66 ତତସ୍ତେ ଗତ୍ୱା ତଦ୍ଦୂରପାଷାଣଂ ମୁଦ୍ରାଙ୍କିତଂ କୃତ୍ୱା ରକ୍ଷିଗଣଂ ନିଯୋଜ୍ୟ ଶ୍ମଶାନଂ ରକ୍ଷଯାମାସୁଃ|
پس رفتند و سنگ در قبر را مُهر و موم کردند و نگهبانان گماشتند تا کسی به قبر نزدیک نشود.

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