< ମଥିଃ 21 >
1 ଅନନ୍ତରଂ ତେଷୁ ଯିରୂଶାଲମ୍ନଗରସ୍ୟ ସମୀପୱେର୍ତ୍ତିନୋ ଜୈତୁନନାମକଧରାଧରସ୍ୟ ସମୀପସ୍ଥ୍ତିଂ ବୈତ୍ଫଗିଗ୍ରାମମ୍ ଆଗତେଷୁ, ଯୀଶୁଃ ଶିଷ୍ୟଦ୍ୱଯଂ ପ୍ରେଷଯନ୍ ଜଗାଦ,
जब हि यरूशलेम नगर को जवर पहुंच्यो अऊर जैतून पहाड़ी पर बैतफगे गांव को जवर आयो, त यीशु न दोय चेलावों ख यो कह्य क भेज्यो,
2 ଯୁୱାଂ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥଗ୍ରାମଂ ଗତ୍ୱା ବଦ୍ଧାଂ ଯାଂ ସୱତ୍ସାଂ ଗର୍ଦ୍ଦଭୀଂ ହଠାତ୍ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟଥଃ, ତାଂ ମୋଚଯିତ୍ୱା ମଦନ୍ତିକମ୍ ଆନଯତଂ|
“आगु को गांव म जावो। उत पहुंचतोच एक गधी को बछड़ा ख खोल क मोरो जवर लावो।
3 ତତ୍ର ଯଦି କଶ୍ଚିତ୍ କିଞ୍ଚିଦ୍ ୱକ୍ଷ୍ୟତି, ତର୍ହି ୱଦିଷ୍ୟଥଃ, ଏତସ୍ୟାଂ ପ୍ରଭୋଃ ପ୍ରଯୋଜନମାସ୍ତେ, ତେନ ସ ତତ୍କ୍ଷଣାତ୍ ପ୍ରହେଷ୍ୟତି|
यदि तुम सी कोयी कुछ कहेंन, त कहजो कि प्रभु ख येकी जरूरत हय, तब ऊ तुरतच उन्ख भेज देयेंन।”
4 ସୀଯୋନଃ କନ୍ୟକାଂ ଯୂଯଂ ଭାଷଧ୍ୱମିତି ଭାରତୀଂ| ପଶ୍ୟ ତେ ନମ୍ରଶୀଲଃ ସନ୍ ନୃପ ଆରୁହ୍ୟ ଗର୍ଦଭୀଂ| ଅର୍ଥାଦାରୁହ୍ୟ ତଦ୍ୱତ୍ସମାଯାସ୍ୟତି ତ୍ୱଦନ୍ତିକଂ|
यो येकोलायी भयो कि जो वचन भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो, ऊ पूरो होय:
5 ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦିନୋକ୍ତଂ ୱଚନମିଦଂ ତଦା ସଫଲମଭୂତ୍|
“सिय्योन की बेटी सी कहो, ‘देख, तोरो राजा तोरो जवर आवय हय; ऊ नम्र हय, अऊर गधी को बच्चा पर बैठ्यो हय; जो मेहनती गधी को बछड़ा पर।’”
6 ଅନନ୍ତରଂ ତୌ ଶ୍ଷ୍ୟି ଯୀଶୋ ର୍ୟଥାନିଦେଶଂ ତଂ ଗ୍ରାମଂ ଗତ୍ୱା
चेलावों न जाय क, जसो यीशु न उन्को सी कह्यो होतो, वसोच करयो।
7 ଗର୍ଦଭୀଂ ତଦ୍ୱତ୍ସଞ୍ଚ ସମାନୀତୱନ୍ତୌ, ପଶ୍ଚାତ୍ ତଦୁପରି ସ୍ୱୀଯୱସନାନୀ ପାତଯିତ୍ୱା ତମାରୋହଯାମାସତୁଃ|
अऊर गधी अऊर बछड़ा दोयी ख लाय क, उन पर अपनो कपड़ा डाल्यो, अऊर ऊ ओको पर बैठ गयो।
8 ତତୋ ବହୱୋ ଲୋକା ନିଜୱସନାନି ପଥି ପ୍ରସାରଯିତୁମାରେଭିରେ, କତିପଯା ଜନାଶ୍ଚ ପାଦପପର୍ଣାଦିକଂ ଛିତ୍ୱା ପଥି ୱିସ୍ତାରଯାମାସୁଃ|
तब बहुत सो लोगों न उन्को स्वागत की अपेक्षा सी अपनो कपड़ा रस्ता म बिछायो, अऊर दूसरों लोगों न झाड़ों सी डगाली काट क रस्ता म बिछायी।
9 ଅଗ୍ରଗାମିନଃ ପଶ୍ଚାଦ୍ଗାମିନଶ୍ଚ ମନୁଜା ଉଚ୍ଚୈର୍ଜଯ ଜଯ ଦାଯୂଦଃ ସନ୍ତାନେତି ଜଗଦୁଃ ପରମେଶ୍ୱରସ୍ୟ ନାମ୍ନା ଯ ଆଯାତି ସ ଧନ୍ୟଃ, ସର୍ୱ୍ୱୋପରିସ୍ଥସ୍ୱର୍ଗେପି ଜଯତି|
जो भीड़ आगु-आगु जात होती अऊर पीछू-पीछू चली आवत होती, पुकार-पुकार क कहत होती, “दाऊद की सन्तान की जय होय, धन्य हय ऊ जो प्रभु को नाम सी आवय हय, दाऊद की सन्तान की महिमा हो।”
10 ଇତ୍ଥଂ ତସ୍ମିନ୍ ଯିରୂଶାଲମଂ ପ୍ରୱିଷ୍ଟେ କୋଽଯମିତି କଥନାତ୍ କୃତ୍ସ୍ନଂ ନଗରଂ ଚଞ୍ଚଲମଭୱତ୍|
जब यीशु यरूशलेम म सिरन लग्यो, त सारो नगर म हलचल मच गयी, अऊर लोग कहन लग्यो, “यो कौन आय?”
11 ତତ୍ର ଲୋକୋଃ କଥଯାମାସୁଃ, ଏଷ ଗାଲୀଲ୍ପ୍ରଦେଶୀଯ-ନାସରତୀଯ-ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦୀ ଯୀଶୁଃ|
लोगों न कह्यो, “यो त गलील को नासरत नगर को भविष्यवक्ता यीशु आय।”
12 ଅନନ୍ତରଂ ଯୀଶୁରୀଶ୍ୱରସ୍ୟ ମନ୍ଦିରଂ ପ୍ରୱିଶ୍ୟ ତନ୍ମଧ୍ୟାତ୍ କ୍ରଯୱିକ୍ରଯିଣୋ ୱହିଶ୍ଚକାର; ୱଣିଜାଂ ମୁଦ୍ରାସନାନୀ କପୋତୱିକ୍ରଯିଣାଞ୍ଚସନାନୀ ଚ ନ୍ୟୁୱ୍ଜଯାମାସ|
यीशु न परमेश्वर को मन्दिर म जाय क उन सब ख, जो मन्दिर म सामान लेन-देन कर रह्यो होतो, उन्ख निकाल दियो, अऊर धन्दा करन वालो को पीढ़ा अऊर कबूत्तर बेचन वालो की पीढ़ा उलटाय दियो;
13 ଅପରଂ ତାନୁୱାଚ, ଏଷା ଲିପିରାସ୍ତେ, "ମମ ଗୃହଂ ପ୍ରାର୍ଥନାଗୃହମିତି ୱିଖ୍ୟାସ୍ୟତି", କିନ୍ତୁ ଯୂଯଂ ତଦ୍ ଦସ୍ୟୂନାଂ ଗହ୍ୱରଂ କୃତୱନ୍ତଃ|
अऊर उन्को सी कह्यो, “लिख्यो हय, ‘मोरो घर प्रार्थना को घर कहलायेंन;’ पर तुम ओख डाकुवों को अड्डा बनावय हय।”
14 ତଦନନ୍ତରମ୍ ଅନ୍ଧଖଞ୍ଚଲୋକାସ୍ତସ୍ୟ ସମୀପମାଗତାଃ, ସ ତାନ୍ ନିରାମଯାନ୍ କୃତୱାନ୍|
तब अन्धा अऊर लंगड़ा, मन्दिर म ओको जवर आयो, अऊर ओन उन्ख चंगो करयो।
15 ଯଦା ପ୍ରଧାନଯାଜକା ଅଧ୍ୟାପକାଶ୍ଚ ତେନ କୃତାନ୍ୟେତାନି ଚିତ୍ରକର୍ମ୍ମାଣି ଦଦୃଶୁଃ, ଜଯ ଜଯ ଦାଯୂଦଃ ସନ୍ତାନ, ମନ୍ଦିରେ ବାଲକାନାମ୍ ଏତାଦୃଶମ୍ ଉଚ୍ଚଧ୍ୱନିଂ ଶୁଶ୍ରୁୱୁଶ୍ଚ, ତଦା ମହାକ୍ରୁଦ୍ଧା ବଭୂୱଃ,
पर जब मुख्य याजकों अऊर धर्मशास्त्रियों न इन आश्चर्य कामों ख, जो ओन करयो होतो, देख्यो अऊर बच्चां ख जो मन्दिर म यो पुकार रह्यो होतो, “दाऊद की सन्तान की महिमा हो,” पुकारतो हुयो देख्यो, त हि गुस्सा भयो!
16 ତଂ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଶ୍ଚ, ଇମେ ଯଦ୍ ୱଦନ୍ତି, ତତ୍ କିଂ ତ୍ୱଂ ଶୃଣୋଷି? ତତୋ ଯୀଶୁସ୍ତାନ୍ ଅୱୋଚତ୍, ସତ୍ୟମ୍; ସ୍ତନ୍ୟପାଯିଶିଶୂନାଞ୍ଚ ବାଲକାନାଞ୍ଚ ୱକ୍ତ୍ରତଃ| ସ୍ୱକୀଯଂ ମହିମାନଂ ତ୍ୱଂ ସଂପ୍ରକାଶଯସି ସ୍ୱଯଂ| ଏତଦ୍ୱାକ୍ୟଂ ଯୂଯଂ କିଂ ନାପଠତ?
अऊर ओको सी कहन लग्यो, “का तय सुनय हय कि यो का कह्य रह्यो हंय?” यीशु न उन्को सी कह्यो, “हव; का तुम्न यो शास्त्र म कभी नहीं पढ़्यो: ‘बच्चां अऊर दूध पीतो बच्चां को मुंह सी तय न स्तुति करायी?’”
17 ତତସ୍ତାନ୍ ୱିହାଯ ସ ନଗରାଦ୍ ବୈଥନିଯାଗ୍ରାମଂ ଗତ୍ୱା ତତ୍ର ରଜନୀଂ ଯାପଯାମାସ|
तब ऊ उन्ख छोड़ क नगर को बाहेर बैतनिय्याह ख गयो अऊर उत रात बितायी।
18 ଅନନ୍ତରଂ ପ୍ରଭାତେ ସତି ଯୀଶୁଃ ପୁନରପି ନଗରମାଗଚ୍ଛନ୍ କ୍ଷୁଧାର୍ତ୍ତୋ ବଭୂୱ|
भुन्सारो ख जब यीशु नगर ख लौटतो समय ओख भूख लगी।
19 ତତୋ ମାର୍ଗପାର୍ଶ୍ୱ ଉଡୁମ୍ବରୱୃକ୍ଷମେକଂ ୱିଲୋକ୍ୟ ତତ୍ସମୀପଂ ଗତ୍ୱା ପତ୍ରାଣି ୱିନା କିମପି ନ ପ୍ରାପ୍ୟ ତଂ ପାଦପଂ ପ୍ରୋୱାଚ, ଅଦ୍ୟାରଭ୍ୟ କଦାପି ତ୍ୱଯି ଫଲଂ ନ ଭୱତୁ; ତେନ ତତ୍କ୍ଷଣାତ୍ ସ ଉଡୁମ୍ବରମାହୀରୁହଃ ଶୁଷ୍କତାଂ ଗତଃ| (aiōn )
त सड़क को किनार पर अंजीर को एक झाड़ देख क ऊ ओको जवर गयो, अऊर पाना ख छोड़ ओको म अऊर कुछ नहीं पा क ओको सी कह्यो। “अब सी तोरो म फिर कभी फर नहीं लगे।” अऊर अंजीर को झाड़ तुरतच सूख गयो। (aiōn )
20 ତଦ୍ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ଶିଷ୍ୟା ଆଶ୍ଚର୍ୟ୍ୟଂ ୱିଜ୍ଞାଯ କଥଯାମାସୁଃ, ଆଃ, ଉଡୁମ୍ୱରପାଦପୋଽତିତୂର୍ଣଂ ଶୁଷ୍କୋଽଭୱତ୍|
यो देख क चेलावों ख अचम्भा भयो अऊर उन्न कह्यो, “यो अंजीर को झाड़ तुरतच कसो सूख गयो?”
21 ତତୋ ଯୀଶୁସ୍ତାନୁୱାଚ, ଯୁଷ୍ମାନହଂ ସତ୍ୟଂ ୱଦାମି, ଯଦି ଯୂଯମସନ୍ଦିଗ୍ଧାଃ ପ୍ରତୀଥ, ତର୍ହି ଯୂଯମପି କେୱଲୋଡୁମ୍ୱରପାଦପଂ ପ୍ରତୀତ୍ଥଂ କର୍ତ୍ତୁଂ ଶକ୍ଷ୍ୟଥ, ତନ୍ନ, ତ୍ୱଂ ଚଲିତ୍ୱା ସାଗରେ ପତେତି ୱାକ୍ୟଂ ଯୁଷ୍ମାଭିରସ୍ମିନ ଶୈଲେ ପ୍ରୋକ୍ତେପି ତଦୈୱ ତଦ୍ ଘଟିଷ୍ୟତେ|
यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय तुम सी सच कहूं हय, यदि तुम विश्वास रखो अऊर शक मत करो, त नहीं केवल यो करजो जो यो अंजीर को झाड़ सी करयो गयो हय, पर यदि यो पहाड़ी सी भी कहो, ‘उखड़ जा अऊर समुन्दर म जाय गिर,’ त यो होय जायेंन।
22 ତଥା ୱିଶ୍ୱସ୍ୟ ପ୍ରାର୍ଥ୍ୟ ଯୁଷ୍ମାଭି ର୍ୟଦ୍ ଯାଚିଷ୍ୟତେ, ତଦେୱ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟତେ|
अऊर जो कुछ तुम प्रार्थना म विश्वास सी मांगो ऊ सब तुम्ख मिल जायेंन।”
23 ଅନନ୍ତରଂ ମନ୍ଦିରଂ ପ୍ରୱିଶ୍ୟୋପଦେଶନସମଯେ ତତ୍ସମୀପଂ ପ୍ରଧାନଯାଜକାଃ ପ୍ରାଚୀନଲୋକାଶ୍ଚାଗତ୍ୟ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ, ତ୍ୱଯା କେନ ସାମର୍ଥ୍ୟନୈତାନି କର୍ମ୍ମାଣି କ୍ରିଯନ୍ତେ? କେନ ୱା ତୁଭ୍ୟମେତାନି ସାମର୍ଥ୍ୟାନି ଦତ୍ତାନି?
ऊ मन्दिर म फिर सी जाय क उपदेश देत होतो, त मुख्य याजकों अऊर लोगों को बुजूर्गों न ओको जवर आय क पुच्छ्यो, “तय यो काम कौन्को अधिकार सी करय हय? अऊर तोख यो अधिकार कौन न दियो हय?”
24 ତତୋ ଯୀଶୁଃ ପ୍ରତ୍ୟୱଦତ୍, ଅହମପି ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱାଚମେକାଂ ପୃଚ୍ଛାମି, ଯଦି ଯୂଯଂ ତଦୁତ୍ତରଂ ଦାତୁଂ ଶକ୍ଷ୍ୟଥ, ତଦା କେନ ସାମର୍ଥ୍ୟେନ କର୍ମ୍ମାଣ୍ୟେତାନି କରୋମି, ତଦହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱକ୍ଷ୍ୟାମି|
यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “मय भी तुम सी एक बात पूछू हय; यदि ऊ मोख बतावो, त मय भी तुम्ख बताऊं कि यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय।
25 ଯୋହନୋ ମଜ୍ଜନଂ କସ୍ୟାଜ୍ଞଯାଭୱତ୍? କିମୀଶ୍ୱରସ୍ୟ ମନୁଷ୍ୟସ୍ୟ ୱା? ତତସ୍ତେ ପରସ୍ପରଂ ୱିୱିଚ୍ୟ କଥଯାମାସୁଃ, ଯଦୀଶ୍ୱରସ୍ୟେତି ୱଦାମସ୍ତର୍ହି ଯୂଯଂ ତଂ କୁତୋ ନ ପ୍ରତ୍ୟୈତ? ୱାଚମେତାଂ ୱକ୍ଷ୍ୟତି|
यूहन्ना को बपतिस्मा कित सी होतो? स्वर्ग को तरफ सी यां आदमियों को तरफ सी?” तब हि आपस म विवाद करन लग्यो, “यदि हम कहबोंन ‘स्वर्ग को तरफ सी,’ त ऊ हम सी कहेंन, ‘फिर तुम न ओको विश्वास कहाली नहीं करयो?’
26 ମନୁଷ୍ୟସ୍ୟେତି ୱକ୍ତୁମପି ଲୋକେଭ୍ୟୋ ବିଭୀମଃ, ଯତଃ ସର୍ୱ୍ୱୈରପି ଯୋହନ୍ ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦୀତି ଜ୍ଞାଯତେ|
अऊर यदि कहेंन ‘आदमियों को तरफ सी,’ त हम्ख भीड़ को डर हय, कहालीकि हि सब यूहन्ना ख भविष्यवक्ता मानय हंय।”
27 ତସ୍ମାତ୍ ତେ ଯୀଶୁଂ ପ୍ରତ୍ୟୱଦନ୍, ତଦ୍ ୱଯଂ ନ ୱିଦ୍ମଃ| ତଦା ସ ତାନୁକ୍ତୱାନ୍, ତର୍ହି କେନ ସାମରଥ୍ୟେନ କର୍ମ୍ମାଣ୍ୟେତାନ୍ୟହଂ କରୋମି, ତଦପ୍ୟହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ନ ୱକ୍ଷ୍ୟାମି|
येकोलायी उन्न यीशु ख उत्तर दियो, “हम नहीं जानजे।” ओन भी उन्को सी कह्यो, “त मय भी तुम्ख नहीं बताऊ कि यो काम कौन्सो अधिकार सी करू हय।
28 କସ୍ୟଚିଜ୍ଜନସ୍ୟ ଦ୍ୱୌ ସୁତାୱାସ୍ତାଂ ସ ଏକସ୍ୟ ସୁତସ୍ୟ ସମୀପଂ ଗତ୍ୱା ଜଗାଦ, ହେ ସୁତ, ତ୍ୱମଦ୍ୟ ମମ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରେ କର୍ମ୍ମ କର୍ତୁଂ ୱ୍ରଜ|
“तुम का सोचय हय? कोयी आदमी को दोय बेटा होतो; ओन पहिलो बेटा को जवर जाय क कह्यो, ‘हे बेटा, अज अंगूर की बाड़ी म काम कर।’
29 ତତଃ ସ ଉକ୍ତୱାନ୍, ନ ଯାସ୍ୟାମି, କିନ୍ତୁ ଶେଷେଽନୁତପ୍ୟ ଜଗାମ|
ओन उत्तर दियो, ‘मय नहीं जाऊं,’ पर बाद म पछताय गयो।
30 ଅନନ୍ତରଂ ସୋନ୍ୟସୁତସ୍ୟ ସମୀପଂ ଗତ୍ୱା ତଥୈୱ କଥ୍ତିୱାନ୍; ତତଃ ସ ପ୍ରତ୍ୟୁୱାଚ, ମହେଚ୍ଛ ଯାମି, କିନ୍ତୁ ନ ଗତଃ|
तब बाप न दूसरों बेटा को जवर जाय क असोच कह्यो, ओन उत्तर दियो, ‘जी हव मय जाऊं हय,’ पर नहीं गयो।
31 ଏତଯୋଃ ପୁତ୍ରଯୋ ର୍ମଧ୍ୟେ ପିତୁରଭିମତଂ କେନ ପାଲିତଂ? ଯୁଷ୍ମାଭିଃ କିଂ ବୁଧ୍ୟତେ? ତତସ୍ତେ ପ୍ରତ୍ୟୂଚୁଃ, ପ୍ରଥମେନ ପୁତ୍ରେଣ| ତଦାନୀଂ ଯୀଶୁସ୍ତାନୁୱାଚ, ଅହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ତଥ୍ୟଂ ୱଦାମି, ଚଣ୍ଡାଲା ଗଣିକାଶ୍ଚ ଯୁଷ୍ମାକମଗ୍ରତ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ରାଜ୍ୟଂ ପ୍ରୱିଶନ୍ତି|
इन दोयी म सी कौन बाप की इच्छा पूरी करी?” उन्न कह्यो, “बड़ो न।” यीशु न उन्को सी कह्यो, “मय तुम सी सच कहू हय कि, कर लेनवालो अऊर वेश्यायें तुम सी पहिले परमेश्वर को राज्य म सिरय हंय।
32 ଯତୋ ଯୁଷ୍ମାକଂ ସମୀପଂ ଯୋହନି ଧର୍ମ୍ମପଥେନାଗତେ ଯୂଯଂ ତଂ ନ ପ୍ରତୀଥ, କିନ୍ତୁ ଚଣ୍ଡାଲା ଗଣିକାଶ୍ଚ ତଂ ପ୍ରତ୍ୟାଯନ୍, ତଦ୍ ୱିଲୋକ୍ୟାପି ଯୂଯଂ ପ୍ରତ୍ୟେତୁଂ ନାଖିଦ୍ୟଧ୍ୱଂ|
कहालीकि यूहन्ना सच्चायी को रस्ता दिखातो हुयो तुम्हरो जवर आयो, अऊर तुम्न ओको विश्वास नहीं करयो; पर कर लेनवालो अऊर वेश्यावों न ओको विश्वास करयो: अऊर तुम यो देख क बाद म भी नहीं पछतायो कि ओको विश्वास कर लेतो।
33 ଅପରମେକଂ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତଂ ଶୃଣୁତ, କଶ୍ଚିଦ୍ ଗୃହସ୍ଥଃ କ୍ଷେତ୍ରେ ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ରୋପଯିତ୍ୱା ତଚ୍ଚତୁର୍ଦିକ୍ଷୁ ୱାରଣୀଂ ୱିଧାଯ ତନ୍ମଧ୍ୟେ ଦ୍ରାକ୍ଷାଯନ୍ତ୍ରଂ ସ୍ଥାପିତୱାନ୍, ମାଞ୍ଚଞ୍ଚ ନିର୍ମ୍ମିତୱାନ୍, ତତଃ କୃଷକେଷୁ ତତ୍ କ୍ଷେତ୍ରଂ ସମର୍ପ୍ୟ ସ୍ୱଯଂ ଦୂରଦେଶଂ ଜଗାମ|
“एक अऊर दृष्टान्त सुनो: एक जमीन को मालिक होतो, जेन अंगूर की बाड़ी लगायी, ओको चारयी तरफ बाड़ी रुन्द्यो, ओको म रस को गड्डा खोद्यो अऊर मचान बनायो, अऊर किसान ख ओको ठेका दे क परदेश चली गयो।
34 ତଦନନ୍ତରଂ ଫଲସମଯ ଉପସ୍ଥିତେ ସ ଫଲାନି ପ୍ରାପ୍ତୁଂ କୃଷୀୱଲାନାଂ ସମୀପଂ ନିଜଦାସାନ୍ ପ୍ରେଷଯାମାସ|
जब फर को समय जवर आयो, त ओन अपनो सेवकों ख ओको फर लेन को लायी किसानों को जवर भेज्यो।
35 କିନ୍ତୁ କୃଷୀୱଲାସ୍ତସ୍ୟ ତାନ୍ ଦାସେଯାନ୍ ଧୃତ୍ୱା କଞ୍ଚନ ପ୍ରହୃତୱନ୍ତଃ, କଞ୍ଚନ ପାଷାଣୈରାହତୱନ୍ତଃ, କଞ୍ଚନ ଚ ହତୱନ୍ତଃ|
पर किसानों न ओको सेवकों ख पकड़ क्, कोयी ख पिट्यो, अऊर कोयी ख मार डाल्यो, अऊर कोयी पर गोटा सी मारयो।
36 ପୁନରପି ସ ପ୍ରଭୁଃ ପ୍ରଥମତୋଽଧିକଦାସେଯାନ୍ ପ୍ରେଷଯାମାସ, କିନ୍ତୁ ତେ ତାନ୍ ପ୍ରତ୍ୟପି ତଥୈୱ ଚକ୍ରୁଃ|
तब ओन पहिलो सी जादा अऊर सेवकों ख भेज्यो, अऊर उन्न उन्को सी भी वसोच करयो।
37 ଅନନ୍ତରଂ ମମ ସୁତେ ଗତେ ତଂ ସମାଦରିଷ୍ୟନ୍ତେ, ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ଶେଷେ ସ ନିଜସୁତଂ ତେଷାଂ ସନ୍ନିଧିଂ ପ୍ରେଷଯାମାସ|
आखरी म ओन अपनो बेटा ख उन्को जवर यो सोच क भेज्यो कि हि मोरो बेटा को आदर करेंन।
38 କିନ୍ତୁ ତେ କୃଷୀୱଲାଃ ସୁତଂ ୱୀକ୍ଷ୍ୟ ପରସ୍ପରମ୍ ଇତି ମନ୍ତ୍ରଯିତୁମ୍ ଆରେଭିରେ, ଅଯମୁତ୍ତରାଧିକାରୀ ୱଯମେନଂ ନିହତ୍ୟାସ୍ୟାଧିକାରଂ ସ୍ୱୱଶୀକରିଷ୍ୟାମଃ|
पर किसानों न मालिक को बेटा ख देख क आपस म कह्यो, ‘यो त वारिस आय, आवो, येख मार डालो अऊर येकी जायजाद ले ले।’
39 ପଶ୍ଚାତ୍ ତେ ତଂ ଧୃତ୍ୱା ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରାଦ୍ ବହିଃ ପାତଯିତ୍ୱାବଧିଷୁଃ|
येकोलायी उन्न ओख पकड़्यो अऊर अंगूर की बाड़ी सी बाहेर निकाल क मार डाल्यो।
40 ଯଦା ସ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରପତିରାଗମିଷ୍ୟତି, ତଦା ତାନ୍ କୃଷୀୱଲାନ୍ କିଂ କରିଷ୍ୟତି?
“येकोलायी, यीशु न पुच्छ्यो, जब अंगूर की बाड़ी को मालिक आयेंन, त उन किसान को संग का करेंन?”
41 ତତସ୍ତେ ପ୍ରତ୍ୟୱଦନ୍, ତାନ୍ କଲୁଷିଣୋ ଦାରୁଣଯାତନାଭିରାହନିଷ୍ୟତି, ଯେ ଚ ସମଯାନୁକ୍ରମାତ୍ ଫଲାନି ଦାସ୍ୟନ୍ତି, ତାଦୃଶେଷୁ କୃଷୀୱଲେଷୁ କ୍ଷେତ୍ରଂ ସମର୍ପଯିଷ୍ୟତି|
उन्न ओको सी कह्यो, “ऊ उन बुरो लोगों ख बुरी रीति सी नाश करेंन; अऊर अंगूर की बाड़ी को ठेका दूसरों किसानों ख देयेंन, जो समय पर ओख फसल दियो करेंन।”
42 ତଦା ଯୀଶୁନା ତେ ଗଦିତାଃ, ଗ୍ରହଣଂ ନ କୃତଂ ଯସ୍ୟ ପାଷାଣସ୍ୟ ନିଚାଯକୈଃ| ପ୍ରଧାନପ୍ରସ୍ତରଃ କୋଣେ ସଏୱ ସଂଭୱିଷ୍ୟତି| ଏତତ୍ ପରେଶିତୁଃ କର୍ମ୍ମାସ୍ମଦୃଷ୍ଟାୱଦ୍ଭୁତଂ ଭୱେତ୍| ଧର୍ମ୍ମଗ୍ରନ୍ଥେ ଲିଖିତମେତଦ୍ୱଚନଂ ଯୁଷ୍ମାଭିଃ କିଂ ନାପାଠି?
यीशु न उन्को सी कह्यो, “का तुम न कभी पवित्र शास्त्र म यो नहीं पढ़्यो:” “जो गोटा ख राजमिस्त्रियों न नकारयो होतो, उच गोटा को कोना को सिरा मतलब महत्वपूर्ण भय गयो? यो प्रभु को तरफ सी भयो, अऊर हमरी नजर म अद्भुत हय।”
43 ତସ୍ମାଦହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱଦାମି, ଯୁଷ୍ମତ୍ତ ଈଶ୍ୱରୀଯରାଜ୍ୟମପନୀଯ ଫଲୋତ୍ପାଦଯିତ୍ରନ୍ୟଜାତଯେ ଦାଯିଷ୍ୟତେ|
“येकोलायी मय तुम सी कहू हय कि परमेश्वर को राज्य तुम सी ले लियो जायेंन अऊर जो लोग परमेश्वर की आज्ञा मान क सच बाते करय हय, ओख फर दियो जायेंन।
44 ଯୋ ଜନ ଏତତ୍ପାଷାଣୋପରି ପତିଷ୍ୟତି, ତଂ ସ ଭଂକ୍ଷ୍ୟତେ, କିନ୍ତ୍ୱଯଂ ପାଷାଣୋ ଯସ୍ୟୋପରି ପତିଷ୍ୟତି, ତଂ ସ ଧୂଲିୱତ୍ ଚୂର୍ଣୀକରିଷ୍ୟତି|
जो यो गोटा पर गिरेंन, ऊ तुकड़ा-तुकड़ा होय जायेंन; अऊर जेक पर ऊ गिरेंन, ओख पीस डालेंन।”
45 ତଦାନୀଂ ପ୍ରାଧନଯାଜକାଃ ଫିରୂଶିନଶ୍ଚ ତସ୍ୟେମାଂ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତକଥାଂ ଶ୍ରୁତ୍ୱା ସୋଽସ୍ମାନୁଦ୍ଦିଶ୍ୟ କଥିତୱାନ୍, ଇତି ୱିଜ୍ଞାଯ ତଂ ଧର୍ତ୍ତୁଂ ଚେଷ୍ଟିତୱନ୍ତଃ;
मुख्य याजक अऊर फरीसी ओको दृष्टान्तों ख सुन क समझ गयो कि ऊ उन्को बारे म कह्य हय।
46 କିନ୍ତୁ ଲୋକେଭ୍ୟୋ ବିଭ୍ୟୁଃ, ଯତୋ ଲୋକୈଃ ସ ଭୱିଷ୍ୟଦ୍ୱାଦୀତ୍ୟଜ୍ଞାଯି|
अऊर उन्न ओख पकड़नो चाह्यो, पर लोगों सी डर गयो कहालीकि हि ओख भविष्यवक्ता मानत होतो।