< មាក៌ះ 9 >
1 អថ ស តានវាទីត៑ យុឞ្មភ្យមហំ យថាត៌្ហំ កថយាមិ, ឦឝ្វររាជ្យំ បរាក្រមេណោបស្ថិតំ ន ទ្ឫឞ្ដ្វា ម្ឫត្យុំ នាស្វាទិឞ្យន្តេ, អត្រ ទណ្ឌាយមានានាំ មធ្យេបិ តាទ្ឫឝា លោកាះ សន្តិ។
तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: यहां उपस्थित व्यक्तियों में कुछ ऐसे हैं, जो मृत्यु तब तक न चखेंगे, जब तक वे परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य के साथ आया हुआ न देख लें.”
2 អថ ឞឌ្ទិនេភ្យះ បរំ យីឝុះ បិតរំ យាកូពំ យោហនញ្ច គ្ឫហីត្វា គិរេរុច្ចស្យ និជ៌នស្ថានំ គត្វា តេឞាំ ប្រត្យក្ឞេ មូត៌្យន្តរំ ទធារ។
छः दिन बाद मसीह येशु केवल पेतरॉस, याकोब तथा योहन को एक ऊंचे पर्वत पर ले गए कि उन्हें वहां एकांत मिल सके. वहां उन्हीं के सामने मसीह येशु का रूपान्तरण हुआ.
3 តតស្តស្យ បរិធេយម៑ ឦទ្ឫឝម៑ ឧជ្ជ្វលហិមបាណឌរំ ជាតំ យទ៑ ជគតិ កោបិ រជកោ ន តាទ្ឫក៑ បាណឌរំ កត៌្តាំ ឝក្នោតិ។
उनके वस्त्र उज्जवल तथा इतने अधिक सफ़ेद हो गए कि पृथ्वी पर कोई भी किसी भी रीति से इतनी उज्जवल सफेदी नहीं ला सकता.
4 អបរញ្ច ឯលិយោ មូសាឝ្ច តេភ្យោ ទឝ៌នំ ទត្ត្វា យីឝុនា សហ កថនំ កត៌្តុមារេភាតេ។
उन्हें वहां मोशेह के साथ एलियाह दिखाई दिए. वे मसीह येशु के साथ बातें कर रहे थे.
5 តទា បិតរោ យីឝុមវាទីត៑ ហេ គុរោៜស្មាកមត្រ ស្ថិតិរុត្តមា, តតឯវ វយំ ត្វត្ក្ឫតេ ឯកាំ មូសាក្ឫតេ ឯកាម៑ ឯលិយក្ឫតេ ចៃកាំ, ឯតាស្តិស្រះ កុដី រ្និម៌្មាម។
यह देख पेतरॉस बोल उठे, “रब्बी! हमारा यहां होना कितना सुखद है! हम यहां तीन मंडप बनाएं—एक आपके लिए, एक मोशेह के लिए तथा एक एलियाह के लिए.”
6 កិន្តុ ស យទុក្តវាន៑ តត៑ ស្វយំ ន ពុពុធេ តតះ សវ៌្វេ ពិភយាញ្ចក្រុះ។
पेतरॉस को यह मालूम ही न था कि वह क्या कहे जा रहे हैं—इतने अत्यधिक भयभीत हो गए थे शिष्य!
7 ឯតហ៌ិ បយោទស្តាន៑ ឆាទយាមាស, មមយាំ ប្រិយះ បុត្រះ កថាសុ តស្យ មនាំសិ និវេឝយតេតិ នភោវាណី តន្មេទ្យាន្និយ៌យៅ។
तभी एक बादल ने वहां अचानक प्रकट होकर उन्हें ढक लिया और उसमें से निकला एक शब्द सुनाई दिया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परम प्रिय—जो वह कहता है, उस पर ध्यान दो!”
8 អថ ហឋាត្តេ ចតុទ៌ិឝោ ទ្ឫឞ្ដ្វា យីឝុំ វិនា ស្វៃះ សហិតំ កមបិ ន ទទ្ឫឝុះ។
तभी उन्होंने देखा कि मसीह येशु के अतिरिक्त वहां कोई भी न था.
9 តតះ បរំ គិរេរវរោហណកាលេ ស តាន៑ គាឍម៑ ទូត្យាទិទេឝ យាវន្នរសូនោះ ឝ្មឝានាទុត្ថានំ ន ភវតិ, តាវត៑ ទឝ៌នស្យាស្យ វាត៌្តា យុឞ្មាភិះ កស្មៃចិទបិ ន វក្តវ្យា។
पर्वत से नीचे उतरते हुए मसीह येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से जीवित न हो जाए, तब तक जो उन्होंने देखा है उसकी चर्चा किसी से न करें.
10 តទា ឝ្មឝានាទុត្ថានស្យ កោភិប្រាយ ឥតិ វិចាយ៌្យ តេ តទ្វាក្យំ ស្វេឞុ គោបាយាញ្ចក្រិរេ។
इस घटना को उन्होंने अपने तक ही सीमित रखा. हां, वे इस विषय पर विचार-विमर्श अवश्य करते रहे कि मरे हुओं में से जीवित होने का मतलब क्या हो सकता है.
11 អថ តេ យីឝុំ បប្រច្ឆុះ ប្រថមត ឯលិយេនាគន្តវ្យម៑ ឥតិ វាក្យំ កុត ឧបាធ្យាយា អាហុះ?
शिष्यों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “क्या कारण है कि शास्त्री कहते हैं कि पहले एलियाह का आना अवश्य है?”
12 តទា ស ប្រត្យុវាច, ឯលិយះ ប្រថមមេត្យ សវ៌្វកាយ៌្យាណិ សាធយិឞ្យតិ; នរបុត្រេ ច លិបិ រ្យថាស្តេ តថៃវ សោបិ ពហុទុះខំ ប្រាប្យាវជ្ញាស្យតេ។
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “सच है. एलियाह ही पहले आएगा तथा सब कुछ व्यवस्थित करेगा. अब यह बताओ: पवित्र शास्त्र में मनुष्य के पुत्र के विषय में यह वर्णन क्यों है कि उसे अनेक यातनाएं दी जाएंगी तथा उसे तुच्छ समझा जाएगा?
13 កិន្ត្វហំ យុឞ្មាន៑ វទាមិ, ឯលិយាត៌្ហេ លិបិ រ្យថាស្តេ តថៃវ ស ឯត្យ យយៅ, លោកា: ស្វេច្ឆានុរូបំ តមភិវ្យវហរន្តិ ស្ម។
सुनो! वास्तव में एलियाह आ चुके है और उन्होंने उनके साथ मनमाना व्यवहार किया—ठीक जैसा कि वर्णन किया गया था.”
14 អនន្តរំ ស ឝិឞ្យសមីបមេត្យ តេឞាំ ចតុះបាឝ៌្វេ តៃះ សហ ពហុជនាន៑ វិវទមានាន៑ អធ្យាបកាំឝ្ច ទ្ឫឞ្ដវាន៑;
जब ये तीन लौटकर शेष शिष्यों के पास आए तो देखा कि एक बड़ी भीड़ उन शिष्यों के चारों ओर जमा हो गई है और शास्त्री वाद-विवाद किए जा रहे थे.
15 កិន្តុ សវ៌្វលោកាស្តំ ទ្ឫឞ្ដ្វៃវ ចមត្ក្ឫត្យ តទាសន្នំ ធាវន្តស្តំ ប្រណេមុះ។
मसीह येशु को देखते ही भीड़ को आश्चर्य हुआ और वह नमस्कार करने उनकी ओर दौड़ पड़ी.
16 តទា យីឝុរធ្យាបកានប្រាក្ឞីទ៑ ឯតៃះ សហ យូយំ កិំ វិវទធ្វេ?
मसीह येशु ने शिष्यों से पूछा, “किस विषय पर उनसे वाद-विवाद कर रहे थे तुम?”
17 តតោ លោកានាំ កឝ្ចិទេកះ ប្រត្យវាទីត៑ ហេ គុរោ មម សូនុំ មូកំ ភូតធ្ឫតញ្ច ភវទាសន្នម៑ អានយំ។
भीड़ में से एक व्यक्ति ने उनसे कहा, “गुरुवर, मैं अपने पुत्र को आपके पास लाया था. उसमें समाई हुई आत्मा ने उसे गूंगा बना दिया है.
18 យទាសៅ ភូតស្តមាក្រមតេ តទៃវ បាតសតិ តថា ស ផេណាយតេ, ទន្តៃទ៌ន្តាន៑ ឃឞ៌តិ ក្ឞីណោ ភវតិ ច; តតោ ហេតោស្តំ ភូតំ ត្យាជយិតុំ ភវច្ឆិឞ្យាន៑ និវេទិតវាន៑ កិន្តុ តេ ន ឝេកុះ។
जब यह दुष्टात्मा उस पर प्रबल होती है, उसे भूमि पर पटक देती है. उसके मुंह से फेन निकलने लगता है, वह दांत पीसने लगता है तथा उसका शरीर ऐंठ जाता है. मैंने आपके शिष्यों से इसे निकालने की विनती की थी किंतु वे असफल रहे.”
19 តទា ស តមវាទីត៑, រេ អវិឝ្វាសិនះ សន្តានា យុឞ្មាភិះ សហ កតិ កាលានហំ ស្ថាស្យាមិ? អបរាន៑ កតិ កាលាន៑ វា វ អាចារាន៑ សហិឞ្យេ? តំ មទាសន្នមានយត។
मसीह येशु ने भीड़ से कहा, “अरे ओ अविश्वासी और बिगड़ी हुई पीढ़ी!” प्रभु येशु ने कहा, “मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूंगा, कब तक धीरज रखूंगा? यहां लाओ बालक को!”
20 តតស្តត្សន្និធិំ ស អានីយត កិន្តុ តំ ទ្ឫឞ្ដ្វៃវ ភូតោ ពាលកំ ធ្ឫតវាន៑; ស ច ភូមៅ បតិត្វា ផេណាយមានោ លុលោឋ។
लोग बालक को उनके पास ले आए. मसीह येशु पर दृष्टि पड़ते ही दुष्टात्मा ने बालक में ऐंठन उत्पन्न कर दी. वह भूमि पर गिरकर लोटने लगा और उसके मुंह से फेन आने लगा.
21 តទា ស តត្បិតរំ បប្រច្ឆ, អស្យេទ្ឫឝី ទឝា កតិ ទិនានិ ភូតា? តតះ សោវាទីត៑ ពាល្យកាលាត៑។
मसीह येशु ने बालक के पिता से पूछा, “यह सब कब से हो रहा है?” “बचपन से,” उसने उत्तर दिया.
22 ភូតោយំ តំ នាឝយិតុំ ពហុវារាន៑ វហ្នៅ ជលេ ច ន្យក្ឞិបត៑ កិន្តុ យទិ ភវាន កិមបិ កត៌្តាំ ឝក្នោតិ តហ៌ិ ទយាំ ក្ឫត្វាស្មាន៑ ឧបករោតុ។
“इस दुष्टात्मा ने उसे हमेशा जल और आग दोनों ही में फेंककर नाश करने की कोशिश की है. यदि आपके लिए कुछ संभव है, हम पर दया कर हमारी सहायता कीजिए!”
23 តទា យីឝុស្តមវទត៑ យទិ ប្រត្យេតុំ ឝក្នោឞិ តហ៌ិ ប្រត្យយិនេ ជនាយ សវ៌្វំ សាធ្យម៑។
“यदि आपके लिए!” मसीह येशु ने कहा, “सब कुछ संभव है उसके लिए, जो विश्वास करता है.”
24 តតស្តត្ក្ឞណំ តទ្ពាលកស្យ បិតា ប្រោច្ចៃ រូវន៑ សាឝ្រុនេត្រះ ប្រោវាច, ប្រភោ ប្រត្យេមិ មមាប្រត្យយំ ប្រតិកុរុ។
ऊंचे शब्द में बालक के पिता ने कहा, “मैं विश्वास करता हूं. मेरे अविश्वास को दूर करने में मेरी सहायता कीजिए.”
25 អថ យីឝុ រ្លោកសង្ឃំ ធាវិត្វាយាន្តំ ទ្ឫឞ្ដ្វា តមបូតភូតំ តជ៌យិត្វា ជគាទ, រេ ពធិរ មូក ភូត ត្វមេតស្មាទ៑ ពហិព៌្ហវ បុនះ កទាបិ មាឝ្រយៃនំ ត្វាមហម៑ ឥត្យាទិឝាមិ។
जब मसीह येशु ने देखा कि और अधिक लोग बड़ी शीघ्रतापूर्वक वहां इकट्ठा होते जा रहे हैं, उन्होंने दुष्टात्मा को डांटते हुए कहा, “ओ गूंगे और बहिरे दुष्टात्मा, मेरा आदेश है कि इसमें से बाहर निकल जा और इसमें फिर कभी प्रवेश न करना.”
26 តទា ស ភូតឝ្ចីត្ឝព្ទំ ក្ឫត្វា តមាបីឌ្យ ពហិជ៌ជាម, តតោ ពាលកោ ម្ឫតកល្បោ ពភូវ តស្មាទយំ ម្ឫតឥត្យនេកេ កថយាមាសុះ។
उस बालक को और भी अधिक भयावह ऐंठन में डालकर चिल्लाते हुए वह दुष्टात्मा उसमें से निकल गया. वह बालक ऐसा हो गया मानो उसके प्राण ही निकल गए हों. कुछ तो यहां तक कहने लगे, “इसकी मृत्यु हो गई है.”
27 កិន្តុ ករំ ធ្ឫត្វា យីឝុនោត្ថាបិតះ ស ឧត្តស្ថៅ។
किंतु मसीह येशु ने बालक का हाथ पकड़ उसे उठाया और वह खड़ा हो गया.
28 អថ យីឝៅ គ្ឫហំ ប្រវិឞ្ដេ ឝិឞ្យា គុប្តំ តំ បប្រច្ឆុះ, វយមេនំ ភូតំ ត្យាជយិតុំ កុតោ ន ឝក្តាះ?
जब मसीह येशु ने उस घर में प्रवेश किया एकांत पाकर शिष्यों ने उनसे पूछा, “हम उस दुष्टात्मा को क्यों नहीं निकाल सके?”
29 ស ឧវាច, ប្រាត៌្ហនោបវាសៅ វិនា កេនាប្យន្យេន កម៌្មណា ភូតមីទ្ឫឝំ ត្យាជយិតុំ ន ឝក្យំ។
येशु ने उत्तर दिया, “सिवाय प्रार्थना के इस वर्ग निकाला ही नहीं जा सकता.”
30 អនន្តរំ ស តត្ស្ថានាទិត្វា គាលីល្មធ្យេន យយៅ, កិន្តុ តត៑ កោបិ ជានីយាទិតិ ស នៃច្ឆត៑។
वहां से निकलकर उन्होंने गलील प्रदेश का मार्ग लिया. मसीह येशु नहीं चाहते थे कि किसी को भी इस यात्रा के विषय में मालूम हो.
31 អបរញ្ច ស ឝិឞ្យានុបទិឝន៑ ពភាឞេ, នរបុត្រោ នរហស្តេឞុ សមប៌យិឞ្យតេ តេ ច តំ ហនិឞ្យន្តិ តៃស្តស្មិន៑ ហតេ ត្ឫតីយទិនេ ស ឧត្ថាស្យតីតិ។
इसलिये कि मसीह येशु अपने शिष्यों को यह शिक्षा दे रहे थे, “मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथों पकड़वा दिया जाएगा. वे उसकी हत्या कर देंगे. तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से जीवित हो जाएगा.”
32 កិន្តុ តត្កថាំ តេ នាពុធ្យន្ត ប្រឞ្ដុញ្ច ពិភ្យះ។
किंतु यह विषय शिष्यों की समझ से परे रहा तथा वे इसका अर्थ पूछने में डर भी रहे थे.
33 អថ យីឝុះ កផន៌ាហូម្បុរមាគត្យ មធ្យេគ្ឫហញ្ចេត្យ តានប្ឫច្ឆទ៑ វត៌្មមធ្យេ យូយមន្យោន្យំ កិំ វិវទធ្វេ ស្ម?
कफ़रनहूम नगर पहुंचकर जब उन्होंने घर में प्रवेश किया मसीह येशु ने शिष्यों से पूछा, “मार्ग में तुम किस विषय पर विचार-विमर्श कर रहे थे?”
34 កិន្តុ តេ និរុត្តរាស្តស្ថុ រ្យស្មាត្តេឞាំ កោ មុខ្យ ឥតិ វត៌្មានិ តេៜន្យោន្យំ វ្យវទន្ត។
शिष्य मौन बने रहे क्योंकि मार्ग में उनके विचार-विमर्श का विषय था उनमें बड़ा कौन है.
35 តតះ ស ឧបវិឝ្យ ទ្វាទឝឝិឞ្យាន៑ អាហូយ ពភាឞេ យះ កឝ្ចិត៑ មុខ្យោ ភវិតុមិច្ឆតិ ស សវ៌្វេភ្យោ គៅណះ សវ៌្វេឞាំ សេវកឝ្ច ភវតុ។
मसीह येशु ने बैठते हुए बारहों को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “यदि किसी की इच्छा बड़ा बनने की है, वह छोटा हो जाए और सबका सेवक बने.”
36 តទា ស ពាលកមេកំ គ្ឫហីត្វា មធ្យេ សមុបាវេឝយត៑ តតស្តំ ក្រោឌេ ក្ឫត្វា តានវាទាត្
उन्होंने एक बालक को उनके मध्य खड़ा किया और फिर उसे गोद में लेकर शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा,
37 យះ កឝ្ចិទីទ្ឫឝស្យ កស្យាបិ ពាលស្យាតិថ្យំ ករោតិ ស មមាតិថ្យំ ករោតិ; យះ កឝ្ចិន្មមាតិថ្យំ ករោតិ ស កេវលម៑ មមាតិថ្យំ ករោតិ តន្ន មត្ប្រេរកស្យាប្យាតិថ្យំ ករោតិ។
“जो कोई ऐसे बालक को मेरे नाम में स्वीकार करता है, मुझे स्वीकार करता है तथा जो कोई मुझे स्वीकार करता है, वह मुझे नहीं परंतु मेरे भेजनेवाले को स्वीकार करता है.”
38 អថ យោហន៑ តមព្រវីត៑ ហេ គុរោ, អស្មាកមននុគាមិនម៑ ឯកំ ត្វាន្នាម្នា ភូតាន៑ ត្យាជយន្តំ វយំ ទ្ឫឞ្ដវន្តះ, អស្មាកមបឝ្ចាទ្គាមិត្វាច្ច តំ ន្យឞេធាម។
योहन ने मसीह येशु को सूचना दी, “गुरुवर, हमने एक व्यक्ति को आपके नाम में दुष्टात्मा निकालते हुए देखा है. हमने उसे रोकने का प्रयास किया क्योंकि वह हममें से नहीं है.”
39 កិន្តុ យីឝុរវទត៑ តំ មា និឞេធត៑, យតោ យះ កឝ្ចិន៑ មន្នាម្នា ចិត្រំ កម៌្ម ករោតិ ស សហសា មាំ និន្ទិតុំ ន ឝក្នោតិ។
“मत रोको उसे!” मसीह येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “कोई भी, जो मेरे नाम में अद्भुत काम करता है, दूसरे ही क्षण मेरी निंदा नहीं कर सकता
40 តថា យះ កឝ្ចិទ៑ យុឞ្មាកំ វិបក្ឞតាំ ន ករោតិ ស យុឞ្មាកមេវ សបក្ឞះ។
क्योंकि वह व्यक्ति, जो हमारे विरुद्ध नहीं है, हमारे पक्ष में ही है.
41 យះ កឝ្ចិទ៑ យុឞ្មាន៑ ខ្រីឞ្ដឝិឞ្យាន៑ ជ្ញាត្វា មន្នាម្នា កំសៃកេន បានីយំ បាតុំ ទទាតិ, យុឞ្មានហំ យថាត៌្ហំ វច្មិ, ស ផលេន វញ្ចិតោ ន ភវិឞ្យតិ។
यदि कोई तुम्हें एक कटोरा जल इसलिये पिलाता है कि तुम मसीह के शिष्य हो तो मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; वह अपना प्रतिफल न खोएगा.
42 កិន្តុ យទិ កឝ្ចិន៑ មយិ វិឝ្វាសិនាមេឞាំ ក្ឞុទ្រប្រាណិនាម៑ ឯកស្យាបិ វិឃ្នំ ជនយតិ, តហ៌ិ តស្យៃតត្កម៌្ម ករណាត៑ កណ្ឋពទ្ធបេឞណីកស្យ តស្យ សាគរាគាធជល មជ្ជនំ ភទ្រំ។
“और यदि कोई इन मासूम बालकों के, जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा है, पतन का कारण बने, उसके लिए सही यही होगा कि उसके गले में चक्की का पाट बांध उसे समुद्र में फेंक दिया जाए.
43 អតះ ស្វករោ យទិ ត្វាំ ពាធតេ តហ៌ិ តំ ឆិន្ធិ;
यदि तुम्हारा हाथ तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यह होगा कि तुम एक विकलांग के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों हाथों के होते हुए नर्क में जाओ, जहां आग कभी नहीं बुझती, [ (Geenna )
44 យស្មាត៑ យត្រ កីដា ន ម្រិយន្តេ វហ្និឝ្ច ន និវ៌្វាតិ, តស្មិន៑ អនិវ៌្វាណានលនរកេ ករទ្វយវស្តវ គមនាត៑ ករហីនស្យ ស្វគ៌ប្រវេឝស្តវ ក្ឞេមំ។ (Geenna )
जहां उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती].
45 យទិ តវ បាទោ វិឃ្នំ ជនយតិ តហ៌ិ តំ ឆិន្ធិ,
यदि तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर का कारण हो जाता है उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दो पांवों के होते हुए नर्क में फेंके जाओ, [ (Geenna )
46 យតោ យត្រ កីដា ន ម្រិយន្តេ វហ្និឝ្ច ន និវ៌្វាតិ, តស្មិន៑ ៜនិវ៌្វាណវហ្នៅ នរកេ ទ្វិបាទវតស្តវ និក្ឞេបាត៑ បាទហីនស្យ ស្វគ៌ប្រវេឝស្តវ ក្ឞេមំ។ (Geenna )
जहां उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती].
47 ស្វនេត្រំ យទិ ត្វាំ ពាធតេ តហ៌ិ តទប្យុត្បាដយ, យតោ យត្រ កីដា ន ម្រិយន្តេ វហ្និឝ្ច ន និវ៌្វាតិ,
यदि तुम्हारी आंख तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे निकाल फेंको! तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम एक आंख के साथ परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों आंखों के साथ नर्क में फेंके जाओ, (Geenna )
48 តស្មិន ៜនិវ៌្វាណវហ្នៅ នរកេ ទ្វិនេត្រស្យ តវ និក្ឞេបាទ៑ ឯកនេត្រវត ឦឝ្វររាជ្យេ ប្រវេឝស្តវ ក្ឞេមំ។ (Geenna )
जहां “‘उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती.’
49 យថា សវ៌្វោ ពលិ រ្លវណាក្តះ ក្រិយតេ តថា សវ៌្វោ ជនោ វហ្និរូបេណ លវណាក្តះ ការិឞ្យតេ។
हर एक व्यक्ति आग द्वारा नमकीन किया जाएगा.
50 លវណំ ភទ្រំ កិន្តុ យទិ លវណេ ស្វាទុតា ន តិឞ្ឋតិ, តហ៌ិ កថម៑ អាស្វាទ្យុក្តំ ករិឞ្យថ? យូយំ លវណយុក្តា ភវត បរស្បរំ ប្រេម កុរុត។
“नमक एक आवश्यक वस्तु है, किंतु यदि नमक अपना खारापन खो बैठे तो किस वस्तु से उसका खारापन वापस कर सकोगे? तुम स्वयं में नमक तथा आपस में मेल-मिलाप बनाए रखो.”