< iphiṣiṇaḥ 4 >
1 ato bandirahaṁ prabho rnāmnā yuṣmān vinaye yūyaṁ yenāhvānenāhūtāstadupayuktarūpeṇa
मै प्रभु की सेवा करण के कारण कैद म्ह सूं, अर थारे तै बिनती करुँ सूं, के जिस बुलाहट तै परमेसवर नै थारे ताहीं बुलाया सै, उस्से तरियां जीवन बिताओ।
2 sarvvathā namratāṁ mṛdutāṁ titikṣāṁ parasparaṁ pramnā sahiṣṇutāñcācarata|
यानी सारी दीनता अर नम्रता गैल, धीरज धरकै प्यार तै एक-दुसरे नै सह ल्यो।
3 praṇayabandhanena cātmana ekyaṁ rakṣituṁ yatadhvaṁ|
इसा करण की भरपूर कोशिश करो, के थम रळ-मिलकै रह सकों, क्यूँके परमेसवर की आत्मा के जरिये थम एक ए होण खात्तर बुलाए गये सों।
4 yūyam ekaśarīrā ekātmānaśca tadvad āhvānena yūyam ekapratyāśāprāptaye samāhūtāḥ|
हम सारे बिश्वासी, देह के अंगां की ढाळ सां, अर सारया नै एकैए पवित्र आत्मा पाई सै, उस्से ढाळ जिब परमेसवर नै थारे ताहीं अपणे माणस होण खात्तर बुलाया था, तो थारे ताहीं एक उम्मीद दी गई थी।
5 yuṣmākam ekaḥ prabhureko viśvāsa ekaṁ majjanaṁ, sarvveṣāṁ tātaḥ
सिर्फ एके प्रभु सै, एके बिश्वास सै, हम सारया नै यीशु के नाम म्ह बपतिस्मा पाया सै,
6 sarvvoparisthaḥ sarvvavyāpī sarvveṣāṁ yuṣmākaṁ madhyavarttī caika īśvara āste|
सिर्फ एके परमेसवर सै जो सारे माणसां का पिता सै, जो सब कै उप्पर राज करै सै, अर हम सब कै जरिये काम करै सै, अर हम सारया के म्ह रहवै सै।
7 kintu khrīṣṭasya dānaparimāṇānusārād asmākam ekaikasmai viśeṣo varo'dāyi|
पर मसीह नै हम सारया ताहीं उसके काम करण खात्तर न्यारे-न्यारे ढाळ की खास काबलियत देई सै।
8 yathā likhitam āste, "ūrddhvam āruhya jetṛn sa vijitya bandino'karot| tataḥ sa manujebhyo'pi svīyān vyaśrāṇayad varān||"
इस करकै पवित्र-ग्रन्थ मसीह के बारें म्ह कहवै सै, “वो ऊँच्चे पै चढ़ा अर कैदियाँ नै बाँधले ग्या, अर माणसां ताहीं आत्मिक दान दिए।”
9 ūrddhvam āruhyetivākyasyāyamarthaḥ sa pūrvvaṁ pṛthivīrūpaṁ sarvvādhaḥsthitaṁ sthānam avatīrṇavān;
उसकै ऊँच्चे पै चढ़ण का, के मतलब हो सकै सै, सिवाए इसके के वो अधोलोक म्ह भी उतर ग्या।
10 yaścāvatīrṇavān sa eva svargāṇām uparyyuparyyārūḍhavān yataḥ sarvvāṇi tena pūrayitavyāni|
अर जो उतर ग्या, यो वोए सै, जो सुर्ग म्ह सारे तै ऊँच्चे पद पै पोहच ग्या, जिसतै के उसका राज सारे ब्रह्माण्ड म्ह फैल जावै।
11 sa eva ca kāṁścana preritān aparān bhaviṣyadvādino'parān susaṁvādapracārakān aparān pālakān upadeśakāṁśca niyuktavān|
यो मसीह सै जो म्हारे ताहीं वरदान देवै सै, उसनै कईयाँ तै प्रेरित, अर कईयाँ तै नबी, कईयाँ तै सुसमाचार सुणाण आळे, कईयाँ तै सेवक अर शिक्षक नियुक्त करया, इनकी जिम्मेदारी या सै के ये और दुसरे माणसां नै सीखा के परमेसवर का काम करवा सकै, अर कलीसिया जो मसीह की देह सै उस ताहीं मजबूत कर सकै।
12 yāvad vayaṁ sarvve viśvāsasyeśvaraputraviṣayakasya tattvajñānasya caikyaṁ sampūrṇaṁ puruṣarthañcārthataḥ khrīṣṭasya sampūrṇaparimāṇasya samaṁ parimāṇaṁ na prāpnumastāvat
13 sa paricaryyākarmmasādhanāya khrīṣṭasya śarīrasya niṣṭhāyai ca pavitralokānāṁ siddhatāyāstādṛśam upāyaṁ niścitavān|
यो तब तक होन्दा रहवैगा जिब तक के हम अपणे बिश्वास, अर परमेसवर के बेट्टे कै बारें म्ह अपणी समझ म्ह एक ना हो जावां, फेर हम सिध्द बणागे जिस तरियां मसीह सिध्द सै, अर हम पूरी तरियां तै उसके जिसे बण जावांगे।
14 ataeva mānuṣāṇāṁ cāturīto bhramakadhūrttatāyāśchalācca jātena sarvveṇa śikṣāvāyunā vayaṁ yad bālakā iva dolāyamānā na bhrāmyāma ityasmābhi ryatitavyaṁ,
मसीह म्ह बढ़ण अर सिध्द होण कै कारण, हम बाळकां के जिसा बरताव ना करां, हम उस किस्ती की ढाळ ना बणा, जिसनै झाल आग्गै-पाच्छै, अर हवा आस्सै-पास्सै उछाळै सै। इसका मतलब यो सै, के चलाक, अर ठग माणस अपणी झूठ्ठी शिक्षा कै जरिये हमनै धोक्खा न्ही देण पावै।
15 premnā satyatām ācaradbhiḥ sarvvaviṣaye khrīṣṭam uddiśya varddhitavyañca, yataḥ sa mūrddhā,
बल्के सच नै प्यार तै बोल्लों, अर सारी बात्तां म्ह मसीह यीशु की तरियां सिध्द बणो, जो के म्हारा सिर सै।
16 tasmāccaikaikasyāṅgasya svasvaparimāṇānusāreṇa sāhāyyakaraṇād upakārakaiḥ sarvvaiḥ sandhibhiḥ kṛtsnasya śarīrasya saṁyoge sammilane ca jāte premnā niṣṭhāṁ labhamānaṁ kṛtsnaṁ śarīraṁ vṛddhiṁ prāpnoti|
हम सारे जो मसीह म्ह बिश्वास करां सां, हम उसकी देह के अंग की तरियां सां, जिस तरियां एक माणस की देह, जोड़ा के जरिये एक साथ जुड़ी हो सै अर जिब देह का हर हिस्सा आच्छी तरियां काम करै सै, तो देह का विकास होकै मजबूत बणे सै, इस्से तरियां म्हारे म्ह तै जै कोए मसीह का काम करै सै, जो मसीह नै म्हारे ताहीं दिया सै, तो हम भी मजबूत अर सिध्द होवां सां, अर हम एक-दुसरे तै ज्यादा प्यार करां सां।
17 yuṣmān ahaṁ prabhunedaṁ bravīmyādiśāmi ca, anye bhinnajātīyā iva yūyaṁ pūna rmācarata|
इस करकै परमेसवर नै जो अधिकार मेरे ताहीं दिया सै, उसकी बजह तै मै न्यू कहूँ सूं, के जिसा अबिश्वासी माणस अपणे मन की बेकार की रीति-रिवाजां म्ह अपणा जीवन जीवै सै, थम आज तै इसा जीवन ना जिओ।
18 yataste svamanomāyām ācarantyāntarikājñānāt mānasikakāṭhinyācca timirāvṛtabuddhaya īśvarīyajīvanasya bagīrbhūtāśca bhavanti,
क्यूँके वे समझ न्ही पाण लागरे, के उस अज्ञानता कै कारण, अर उनके मन की कठोरता कै कारण, जो उन म्ह सै, वे परमेसवर के उस जीवन तै न्यारे करे गए सै जो परमेसवर देवै सै।
19 svān caitanyaśūnyān kṛtvā ca lobhena sarvvavidhāśaucācaraṇāya lampaṭatāyāṁ svān samarpitavantaḥ|
वे बुरे काम की बजह तै अपणी गलती महसूस न्ही करते अर उननै अपणे-आप ताहीं बुरे काम्मां खात्तर सौप दिया सै, वे सारी ढाळ के भुन्डे़ काम लगातार करते जावै सै।
20 kintu yūyaṁ khrīṣṭaṁ na tādṛśaṁ paricitavantaḥ,
पर थमनै मसीह की शिक्षायां म्ह इसे काम करणे न्ही सीखे।
21 yato yūyaṁ taṁ śrutavanto yā satyā śikṣā yīśuto labhyā tadanusārāt tadīyopadeśaṁ prāptavantaśceti manye|
बल्के जो थमनै यीशु मसीह के बारें म्ह सुण्या अर जो थारे शिक्षकां नै सिखाया, वोए उसकी ओड़ तै सच्चा सन्देस सै।
22 tasmāt pūrvvakālikācārakārī yaḥ purātanapuruṣo māyābhilāṣai rnaśyati taṁ tyaktvā yuṣmābhi rmānasikabhāvo nūtanīkarttavyaḥ,
अर थारे शिक्षकां नै थारे बुरे काम अर बुरा सुभाव छोड़णा सिखाया सै, थारी बुरी लालसायां नै थारा जीवन नाश कर दिया।
23 yo navapuruṣa īśvarānurūpeṇa puṇyena satyatāsahitena
थम पवित्र आत्मा नै थारे सुभाव अर सोच्चण के तरिक्कें नै बदलण द्यो।
24 dhārmmikatvena ca sṛṣṭaḥ sa eva paridhātavyaśca|
परमेसवर नै थारे ताहीं एक नया सुभाव दिया सै, जो के उसके अपणे सुभाव की तरियां सै, इस करकै इस नये सुभाव के मुताबिक बरताव करो। असलियत म्ह धर्मी अर पवित्र बणो।
25 ato yūyaṁ sarvve mithyākathanaṁ parityajya samīpavāsibhiḥ saha satyālāpaṁ kuruta yato vayaṁ parasparam aṅgapratyaṅgā bhavāmaḥ|
इस कारण झूठ बोलणा छोड़कै हरेक अपणे पड़ोसी तै सच बोल्लै, क्यूँके हम आप्पस म्ह हम एक ही देह के अंग सां।
26 aparaṁ krodhe jāte pāpaṁ mā kurudhvam, aśānte yuṣmākaṁ roṣesūryyo'staṁ na gacchatu|
जै थारे ताहीं गुस्सा आ भी जावै तो उस गुस्से म्ह पाप ना करियो, अर सूरज ढळण तै पैहल्या थारा गुस्सा भी न्ही रहणा चाहिए।
27 aparaṁ śayatāne sthānaṁ mā datta|
अर अपणे-आप ताहीं शैतान नै परखण का मौक्का ना द्यो।
28 coraḥ punaścairyyaṁ na karotu kintu dīnāya dāne sāmarthyaṁ yajjāyate tadarthaṁ svakarābhyāṁ sadvṛttyā pariśramaṁ karotu|
चोरी करण आळा फेर चोरी ना करै, बल्के मेहनत करकै अपणी कमाई के जरिये दुसरे माणसां की भी मदद कर सकै, जो जरूरत मन्द हो।
29 aparaṁ yuṣmākaṁ vadanebhyaḥ ko'pi kadālāpo na nirgacchatu, kintu yena śroturupakāro jāyate tādṛśaḥ prayojanīyaniṣṭhāyai phaladāyaka ālāpo yuṣmākaṁ bhavatu|
कोए भी गलत बात थारे मुँह तै ना लिकड़ै, पर जरूरत कै मुताबिक वोए लिकड़ै जो दुसरयां के बिश्वास की बढ़ोतरी कै खात्तर हो, ताके वा बात जो थारे मुँह तै लिकड़ै सै वा सुणण आळा नै उत्साहित कर सकै।
30 aparañca yūyaṁ muktidinaparyyantam īśvarasya yena pavitreṇātmanā mudrayāṅkitā abhavata taṁ śokānvitaṁ mā kuruta|
परमेसवर के पवित्र आत्मा नै दुखी ना करो, जो उसनै थारे ताहीं दिया सै, जो पक्का छुटकारै कै दिन थमनै बचा सकै सै।
31 aparaṁ kaṭuvākyaṁ roṣaḥ koṣaḥ kalaho nindā sarvvavidhadveṣaścaitāni yuṣmākaṁ madhyād dūrībhavantu|
इस करकै सारी ढाळ की कड़वाहट, प्रकोप, गुस्सा, झगड़ा, अर बुराई, सारे बैरभाव नै अपणी जिन्दगी तै लिकाड़ द्यो।
32 yūyaṁ parasparaṁ hitaiṣiṇaḥ komalāntaḥkaraṇāśca bhavata| aparam īśvaraḥ khrīṣṭena yadvad yuṣmākaṁ doṣān kṣamitavān tadvad yūyamapi parasparaṁ kṣamadhvaṁ|
एक-दुसरे पै दयालु अर करुणामय हो, अर जिसा परमेसवर नै मसीह म्ह थारे कसूर माफ करे, उस्से तरियां थम भी एक-दुसरे के कसूर माफ करो।