Aionian Verses
Genesis 37:35 (उत्पत्ति ३७:३५)
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और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा। (Sheol )
Genesis 42:38 (उत्पत्ति ४२:३८)
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उसने कहा, “मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा; क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है: इसलिए जिस मार्ग से तुम जाओगे, उसमें यदि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े, तब तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।” (Sheol )
Genesis 44:29 (उत्पत्ति ४४:२९)
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अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।’ (Sheol )
Genesis 44:31 (उत्पत्ति ४४:३१)
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इस कारण, यह देखकर कि लड़का नहीं है, वह तुरन्त ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा। (Sheol )
Numbers 16:30 (गिनती १६:३०)
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परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol )
Numbers 16:33 (गिनती १६:३३)
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और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol )
Deuteronomy 32:22 (व्यवस्था विवरण ३२:२२)
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क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। (Sheol )
1 Samuel 2:6 (1 शमूएल २:६)
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यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उससे निकालता भी है। (Sheol )
2 Samuel 22:6 (2 शमूएल २२:६)
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फंदे मेरे सामने थे। (Sheol )
1 Kings 2:6 (1 राजा २:६)
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इसलिए तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शान्ति से उतरने न देना। (Sheol )
1 Kings 2:9 (1 राजा २:९)
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परन्तु अब तू इसे निर्दोष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बाल वाले का लहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।” (Sheol )
Job 7:9 (अय्यूब ७:९)
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जैसे बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक में उतरनेवाला फिर वहाँ से नहीं लौट सकता; (Sheol )
Job 11:8 (अय्यूब ११:८)
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वह आकाश सा ऊँचा है; तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहरा है, तू कहाँ समझ सकता है? (Sheol )
Job 14:13 (अय्यूब १४:१३)
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भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता। (Sheol )
Job 17:13 (अय्यूब १७:१३)
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यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol )
Job 17:16 (अय्यूब १७:१६)
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वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol )
Job 21:13 (अय्यूब २१:१३)
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वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं। (Sheol )
Job 24:19 (अय्यूब २४:१९)
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जैसे सूखे और धूप से हिम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक में सूख जाते हैं। (Sheol )
Job 26:6 (अय्यूब २६:६)
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अधोलोक उसके सामने उघड़ा रहता है, और विनाश का स्थान ढँप नहीं सकता। (Sheol )
Psalms 6:5 (भजन संहिता ६:५)
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क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? (Sheol )
Psalms 9:17 (भजन संहिता ९:१७)
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दुष्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेश्वर को भूल जाती है। (Sheol )
Psalms 16:10 (भजन संहिता १६:१०)
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क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। (Sheol )
Psalms 18:5 (भजन संहिता १८:५)
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फंदे मुझ पर आए थे। (Sheol )
Psalms 30:3 (भजन संहिता ३०:३)
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हे यहोवा, तूने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तूने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है। (Sheol )
Psalms 31:17 (भजन संहिता ३१:१७)
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हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैंने तुझको पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। (Sheol )
Psalms 49:14 (भजन संहिता ४९:१४)
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वे अधोलोक की मानो भेड़ों का झुण्ड ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरेगा; और भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। (Sheol )
Psalms 49:15 (भजन संहिता ४९:१५)
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परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, वह मुझे ग्रहण करके अपनाएगा। (Sheol )
Psalms 55:15 (भजन संहिता ५५:१५)
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उनको मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएँ; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयाँ और उत्पात भरा है। (Sheol )
Psalms 86:13 (भजन संहिता ८६:१३)
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क्योंकि तेरी करुणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तूने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है। (Sheol )
Psalms 88:3 (भजन संहिता ८८:३)
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क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है। (Sheol )
Psalms 89:48 (भजन संहिता ८९:४८)
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कौन पुरुष सदा अमर रहेगा? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? (सेला) (Sheol )
Psalms 116:3 (भजन संहिता ११६:३)
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मृत्यु की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा। (Sheol )
Psalms 139:8 (भजन संहिता १३९:८)
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यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है! (Sheol )
Psalms 141:7 (भजन संहिता १४१:७)
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जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुँह पर छितराई गई हैं। (Sheol )
Proverbs 1:12 (नीतिवचन १:१२)
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हम उन्हें जीवित निगल जाए, जैसे अधोलोक स्वस्थ लोगों को निगल जाता है, और उन्हें कब्र में पड़े मृतकों के समान बना दें। (Sheol )
Proverbs 5:5 (नीतिवचन ५:५)
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उसके पाँव मृत्यु की ओर बढ़ते हैं; और उसके पग अधोलोक तक पहुँचते हैं। (Sheol )
Proverbs 7:27 (नीतिवचन ७:२७)
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उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुँचाता है। (Sheol )
Proverbs 9:18 (नीतिवचन ९:१८)
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और वह नहीं जानता है, कि वहाँ मरे हुए पड़े हैं, और उस स्त्री के निमंत्रित अधोलोक के निचले स्थानों में पहुँचे हैं। (Sheol )
Proverbs 15:11 (नीतिवचन १५:११)
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जबकि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। (Sheol )
Proverbs 15:24 (नीतिवचन १५:२४)
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विवेकी के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। (Sheol )
Proverbs 23:14 (नीतिवचन २३:१४)
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तू उसको छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा। (Sheol )
Proverbs 27:20 (नीतिवचन २७:२०)
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जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आँखें भी तृप्त नहीं होती। (Sheol )
Proverbs 30:16 (नीतिवचन ३०:१६)
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अधोलोक और बाँझ की कोख, भूमि जो जल पी पीकर तृप्त नहीं होती, और आग जो कभी नहीं कहती, ‘बस।’ (Sheol )
Ecclesiastes 9:10 (सभोपदेशक ९:१०)
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जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। (Sheol )
Song of Solomon 8:6 (श्रेष्ठगीत ८:६)
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मुझे नगीने के समान अपने हृदय पर लगा रख, और ताबीज़ की समान अपनी बाँह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन् परमेश्वर ही की ज्वाला है। (Sheol )
Isaiah 5:14 (यशायाह ५:१४)
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इसलिए अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह हद से ज्यादा पसारा है, और उनका वैभव और भीड़-भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। (Sheol )
Isaiah 7:11 (यशायाह ७:११)
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“अपने परमेश्वर यहोवा से कोई चिन्ह माँग; चाहे वह गहरे स्थान का हो, या ऊपर आकाश का हो।” (Sheol )
Isaiah 14:9 (यशायाह १४:९)
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पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात् पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति-जाति से सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol )
Isaiah 14:11 (यशायाह १४:११)
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तेरा वैभव और तेरी सारंगियों को शब्द अधोलोक में उतारा गया है; कीड़े तेरा बिछौना और केंचुए तेरा ओढ़ना हैं। (Sheol )
Isaiah 14:15 (यशायाह १४:१५)
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परन्तु तू अधोलोक में उस गड्ढे की तह तक उतारा जाएगा। (Sheol )
Isaiah 28:15 (यशायाह २८:१५)
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तुम ने कहा है “हमने मृत्यु से वाचा बाँधी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।” (Sheol )
Isaiah 28:18 (यशायाह २८:१८)
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तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बाँधी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ के समान बढ़ आए, तब तुम उसमें डूब ही जाओगे। (Sheol )
Isaiah 38:10 (यशायाह ३८:१०)
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मैंने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूँगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है। (Sheol )
Isaiah 38:18 (यशायाह ३८:१८)
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क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कब्र में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते (Sheol )
Isaiah 57:9 (यशायाह ५७:९)
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तू तेल लिए हुए राजा के पास गई और बहुत सुगन्धित तेल अपने काम में लाई; अपने दूत तूने दूर तक भेजे और अधोलोक तक अपने को नीचा किया। (Sheol )
Ezekiel 31:15 (यहेजकेल ३१:१५)
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“परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैंने विलाप कराया और गहरे समुद्र को ढाँप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैंने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूर्छित हुए। (Sheol )
Ezekiel 31:16 (यहेजकेल ३१:१६)
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जब मैंने उसको कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति-जाति थरथरा गई, और अदन के सब वृक्ष अर्थात् लबानोन के उत्तम-उत्तम वृक्षों ने, जितने उससे जल पाते हैं, उन सभी ने अधोलोक में शान्ति पाई। (Sheol )
Ezekiel 31:17 (यहेजकेल ३१:१७)
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वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात् वे जो उसकी भुजा थे, और जाति-जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे। (Sheol )
Ezekiel 32:21 (यहेजकेल ३२:२१)
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सामर्थी शूरवीर उससे और उसके सहायकों से अधोलोक में बातें करेंगे; वे खतनाहीन लोग वहाँ तलवार से मरे पड़े हैं। (Sheol )
Ezekiel 32:27 (यहेजकेल ३२:२७)
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उन गिरे हुए खतनारहित शूरवीरों के संग वे पड़े न रहेंगे जो अपने-अपने युद्ध के हथियार लिए हुए अधोलोक में उतर गए हैं, वहाँ उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रखी हुई हैं, और उनके अधर्म के काम उनकी हड्डियों में व्याप्त हैं; क्योंकि जीवनलोक में उनसे शूरवीरों को भी भय उपजता था। (Sheol )
Hosea 13:14 (होशे १३:१४)
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मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूँगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूँगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहाँ रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ रही? मैं फिर कभी नहीं पछताऊँगा। (Sheol )
Amos 9:2 (आमोस ९:२)
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“क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएँ, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊँगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएँ, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा। (Sheol )
Jonah 2:2 (योना २:२)
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“मैंने संकट में पड़े हुए यहोवा की दुहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तूने मेरी सुन ली। (Sheol )
Habakkuk 2:5 (हबक्कूक २:५)
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दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरुष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु के समान उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है।” (Sheol )
kintvahaM yuSmAn vadAmi, yaH kazcit kAraNaM vinA nijabhrAtre kupyati, sa vicArasabhAyAM daNDArho bhaviSyati; yaH kazcicca svIyasahajaM nirbbodhaM vadati, sa mahAsabhAyAM daNDArho bhaviSyati; punazca tvaM mUDha iti vAkyaM yadi kazcit svIyabhrAtaraM vakti, tarhi narakAgnau sa daNDArho bhaviSyati| (Geenna )
परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा और जो कोई अपने भाई कोनिकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे ‘अरे मूर्ख’ वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा। (Geenna )
tasmAt tava dakSiNaM netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tannetram utpATya dUre nikSipa, yasmAt tava sarvvavapuSo narake nikSepAt tavaikAGgasya nAzo varaM| (Geenna )
यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna )
yadvA tava dakSiNaH karo yadi tvAM bAdhate, tarhi taM karaM chittvA dUre nikSipa, yataH sarvvavapuSo narake nikSepAt ekAGgasya nAzo varaM| (Geenna )
और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna )
ye kAyaM hantuM zaknuvanti nAtmAnaM, tebhyo mA bhaiSTa; yaH kAyAtmAnau niraye nAzayituM, zaknoti, tato bibhIta| (Geenna )
जो शरीर को मार सकते हैं, पर आत्मा को मार नहीं सकते, उनसे मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। (Geenna )
aparaJca bata kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvadunnatosi, kintu narake nikSepsyase, yasmAt tvayi yAnyAzcaryyANi karmmaNyakAriSata, yadi tAni sidomnagara akAriSyanta, tarhi tadadya yAvadasthAsyat| (Hadēs )
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ्य के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता। (Hadēs )
yo manujasutasya viruddhAM kathAM kathayati, tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknoti, kintu yaH kazcit pavitrasyAtmano viruddhAM kathAM kathayati nehaloke na pretya tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknoti| (aiōn )
जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में क्षमा किया जाएगा। (aiōn )
aparaM kaNTakAnAM madhye bIjAnyuptAni tadartha eSaH; kenacit kathAyAM zrutAyAM sAMsArikacintAbhi rbhrAntibhizca sA grasyate, tena sA mA viphalA bhavati| (aiōn )
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता। (aiōn )
vanyayavasAni pApAtmanaH santAnAH| yena ripuNA tAnyuptAni sa zayatAnaH, karttanasamayazca jagataH zeSaH, karttakAH svargIyadUtAH| (aiōn )
जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। (aiōn )
yathA vanyayavasAni saMgRhya dAhyante, tathA jagataH zeSe bhaviSyati; (aiōn )
अतः जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। (aiōn )
tathaiva jagataH zeSe bhaviSyati, phalataH svargIyadUtA Agatya puNyavajjanAnAM madhyAt pApinaH pRthak kRtvA vahnikuNDe nikSepsyanti, (aiōn )
जगत के अन्त में ऐसा ही होगा; स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धर्मियों से अलग करेंगे, (aiōn )
ato'haM tvAM vadAmi, tvaM pitaraH (prastaraH) ahaJca tasya prastarasyopari svamaNDalIM nirmmAsyAmi, tena nirayo balAt tAM parAjetuM na zakSyati| (Hadēs )
और मैं भी तुझ से कहता हूँ, कि तूपतरस है, और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। (Hadēs )
tasmAt tava karazcaraNo vA yadi tvAM bAdhate, tarhi taM chittvA nikSipa, dvikarasya dvipadasya vA tavAnaptavahnau nikSepAt, khaJjasya vA chinnahastasya tava jIvane pravezo varaM| (aiōnios )
“यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। (aiōnios )
aparaM tava netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tadapyutpAvya nikSipa, dvinetrasya narakAgnau nikSepAt kANasya tava jIvane pravezo varaM| (Geenna )
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। (Geenna )
aparam eka Agatya taM papraccha, he paramaguro, anantAyuH prAptuM mayA kiM kiM satkarmma karttavyaM? (aiōnios )
और एक मनुष्य ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, मैं कौन सा भला काम करूँ, कि अनन्त जीवन पाऊँ?” (aiōnios )
anyacca yaH kazcit mama nAmakAraNAt gRhaM vA bhrAtaraM vA bhaginIM vA pitaraM vA mAtaraM vA jAyAM vA bAlakaM vA bhUmiM parityajati, sa teSAM zataguNaM lapsyate, anantAyumo'dhikAritvaJca prApsyati| (aiōnios )
और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहनों या पिता या माता या बाल-बच्चों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा, और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा। (aiōnios )
tato mArgapArzva uDumbaravRkSamekaM vilokya tatsamIpaM gatvA patrANi vinA kimapi na prApya taM pAdapaM provAca, adyArabhya kadApi tvayi phalaM na bhavatu; tena tatkSaNAt sa uDumbaramAhIruhaH zuSkatAM gataH| (aiōn )
और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। (aiōn )
kaJcana prApya svato dviguNanarakabhAjanaM taM kurutha| (Geenna )
“हे कपटी शास्त्रियों और फरीसियों तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है, तो उसे अपने से दुगना नारकीय बना देते हो। (Geenna )
re bhujagAH kRSNabhujagavaMzAH, yUyaM kathaM narakadaNDAd rakSiSyadhve| (Geenna )
हे साँपों, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे? (Geenna )
anantaraM tasmin jaitunaparvvatopari samupaviSTe ziSyAstasya samIpamAgatya guptaM papracchuH, etA ghaTanAH kadA bhaviSyanti? bhavata Agamanasya yugAntasya ca kiM lakSma? tadasmAn vadatu| (aiōn )
और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (aiōn )
pazcAt sa vAmasthitAn janAn vadiSyati, re zApagrastAH sarvve, zaitAne tasya dUtebhyazca yo'nantavahnirAsAdita Aste, yUyaM madantikAt tamagniM gacchata| (aiōnios )
“तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, ‘हे श्रापित लोगों, मेरे सामने से उसअनन्त आगमें चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है। (aiōnios )
pazcAdamyanantazAstiM kintu dhArmmikA anantAyuSaM bhoktuM yAsyanti| (aiōnios )
और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” (aiōnios )
pazyata, jagadantaM yAvat sadAhaM yuSmAbhiH sAkaM tiSThAmi| iti| (aiōn )
और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगहूँ।” (aiōn )
kintu yaH kazcit pavitramAtmAnaM nindati tasyAparAdhasya kSamA kadApi na bhaviSyati sonantadaNDasyArho bhaviSyati| (aiōn , aiōnios )
परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” (aiōn , aiōnios )
ye janAH kathAM zRNvanti kintu sAMsArikI cintA dhanabhrAnti rviSayalobhazca ete sarvve upasthAya tAM kathAM grasanti tataH mA viphalA bhavati (aiōn )
(parallel missing)
Mark 4:19 (मरकुस ४:१९)
(parallel missing)
और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निष्फल रह जाता है। (aiōn )
Mark 9:43 (मरकुस ९:४३)
(parallel missing)
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna )
yasmAt yatra kITA na mriyante vahnizca na nirvvAti, tasmin anirvvANAnalanarake karadvayavastava gamanAt karahInasya svargapravezastava kSemaM| (Geenna )
(parallel missing)
Mark 9:45 (मरकुस ९:४५)
(parallel missing)
और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। (Geenna )
yato yatra kITA na mriyante vahnizca na nirvvAti, tasmin 'nirvvANavahnau narake dvipAdavatastava nikSepAt pAdahInasya svargapravezastava kSemaM| (Geenna )
(parallel missing)
Mark 9:47 (मरकुस ९:४७)
(parallel missing)
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। (Geenna )
tasmina 'nirvvANavahnau narake dvinetrasya tava nikSepAd ekanetravata IzvararAjye pravezastava kSemaM| (Geenna )
(parallel missing)
atha sa vartmanA yAti, etarhi jana eko dhAvan Agatya tatsammukhe jAnunI pAtayitvA pRSTavAn, bhoH paramaguro, anantAyuH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
gRhabhrAtRbhaginIpitRmAtRpatnIsantAnabhUmInAmiha zataguNAn pretyAnantAyuzca na prApnoti tAdRzaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
और अबइस समयसौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहनों और माताओं और बाल-बच्चों और खेतों को, पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन। (aiōn , aiōnios )
adyArabhya kopi mAnavastvattaH phalaM na bhuJjIta; imAM kathAM tasya ziSyAH zuzruvuH| (aiōn )
इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके चेले सुन रहे थे। (aiōn )
tathA sa yAkUbo vaMzopari sarvvadA rAjatvaM kariSyati, tasya rAjatvasyAnto na bhaviSyati| (aiōn )
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn )
ibrAhImi ca tadvaMze yA dayAsti sadaiva tAM| smRtvA purA pitRNAM no yathA sAkSAt pratizrutaM| (aiōn )
(parallel missing)
Luke 1:55 (लूका १:५५)
(parallel missing)
जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn )
Luke 1:70 (लूका १:७०)
(parallel missing)
जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn )
sRSTeH prathamataH svIyaiH pavitrai rbhAvivAdibhiH| (aiōn )
(parallel missing)
atha bhUtA vinayena jagaduH, gabhIraM garttaM gantuM mAjJApayAsmAn| (Abyssos )
और उन्होंने उससे विनती की, “हमें अथाह गड्ढे में जाने की आज्ञा न दे।” (Abyssos )
he kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvad unnatA kintu narakaM yAvat nyagbhaviSyasi| (Hadēs )
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा। (Hadēs )
anantaram eko vyavasthApaka utthAya taM parIkSituM papraccha, he upadezaka anantAyuSaH prAptaye mayA kiM karaNIyaM? (aiōnios )
तब एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
tarhi kasmAd bhetavyam ityahaM vadAmi, yaH zarIraM nAzayitvA narakaM nikSeptuM zaknoti tasmAdeva bhayaM kuruta, punarapi vadAmi tasmAdeva bhayaM kuruta| (Geenna )
मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna )
tenaiva prabhustamayathArthakRtam adhIzaM tadbuddhinaipuNyAt prazazaMsa; itthaM dIptirUpasantAnebhya etatsaMsArasya santAnA varttamAnakAle'dhikabuddhimanto bhavanti| (aiōn )
“स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों मेंज्योति के लोगोंसे अधिक चतुर हैं। (aiōn )
ato vadAmi yUyamapyayathArthena dhanena mitrANi labhadhvaM tato yuSmAsu padabhraSTeSvapi tAni cirakAlam AzrayaM dAsyanti| (aiōnios )
और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। (aiōnios )
pazcAt sa dhanavAnapi mamAra, taM zmazAne sthApayAmAsuzca; kintu paraloke sa vedanAkulaH san UrddhvAM nirIkSya bahudUrAd ibrAhImaM tatkroDa iliyAsaraJca vilokya ruvannuvAca; (Hadēs )
औरअधोलोकमें उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा। (Hadēs )
aparam ekodhipatistaM papraccha, he paramaguro, anantAyuSaH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
किसी सरदार ने उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
iha kAle tato'dhikaM parakAle 'nantAyuzca na prApsyati loka IdRzaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।” (aiōn , aiōnios )
tadA yIzuH pratyuvAca, etasya jagato lokA vivahanti vAgdattAzca bhavanti (aiōn )
यीशु ने उनसे कहा, “इस युग के सन्तानों में तो विवाह-शादी होती है, (aiōn )
kintu ye tajjagatprAptiyogyatvena gaNitAM bhaviSyanti zmazAnAccotthAsyanti te na vivahanti vAgdattAzca na bhavanti, (aiōn )
पर जो लोग इस योग्य ठहरेंगे, की उस युग को और मरे हुओं में से जी उठना प्राप्त करें, उनमें विवाह-शादी न होगी। (aiōn )
tasmAd yaH kazcit tasmin vizvasiSyati so'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। (aiōnios )
Izvara itthaM jagadadayata yat svamadvitIyaM tanayaM prAdadAt tato yaH kazcit tasmin vizvasiSyati so'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (aiōnios )
yaH kazcit putre vizvasiti sa evAnantam paramAyuH prApnoti kintu yaH kazcit putre na vizvasiti sa paramAyuSo darzanaM na prApnoti kintvIzvarasya kopabhAjanaM bhUtvA tiSThati| (aiōnios )
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।” (aiōnios )
kintu mayA dattaM pAnIyaM yaH pivati sa punaH kadApi tRSArtto na bhaviSyati| mayA dattam idaM toyaM tasyAntaH prasravaNarUpaM bhUtvA anantAyuryAvat sroSyati| (aiōn , aiōnios )
परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन्जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा, जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।” (aiōn , aiōnios )
yazchinatti sa vetanaM labhate anantAyuHsvarUpaM zasyaM sa gRhlAti ca, tenaiva vaptA chettA ca yugapad AnandataH| (aiōnios )
और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। (aiōnios )
yuSmAnAhaM yathArthataraM vadAmi yo jano mama vAkyaM zrutvA matprerake vizvasiti sonantAyuH prApnoti kadApi daNDabAjanaM na bhavati nidhanAdutthAya paramAyuH prApnoti| (aiōnios )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (aiōnios )
dharmmapustakAni yUyam AlocayadhvaM tai rvAkyairanantAyuH prApsyAma iti yUyaM budhyadhve taddharmmapustakAni madarthe pramANaM dadati| (aiōnios )
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है; (aiōnios )
kSayaNIyabhakSyArthaM mA zrAmiSTa kintvantAyurbhakSyArthaM zrAmyata, tasmAt tAdRzaM bhakSyaM manujaputro yuSmAbhyaM dAsyati; tasmin tAta IzvaraH pramANaM prAdAt| (aiōnios )
नाशवान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात् परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।” (aiōnios )
yaH kazcin mAnavasutaM vilokya vizvasiti sa zeSadine mayotthApitaH san anantAyuH prApsyati iti matprerakasyAbhimataM| (aiōnios )
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” (aiōnios )
ahaM yuSmAn yathArthataraM vadAmi yo jano mayi vizvAsaM karoti sonantAyuH prApnoti| (aiōnios )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है। (aiōnios )
yajjIvanabhakSyaM svargAdAgacchat sohameva idaM bhakSyaM yo jano bhuGktte sa nityajIvI bhaviSyati| punazca jagato jIvanArthamahaM yat svakIyapizitaM dAsyAmi tadeva mayA vitaritaM bhakSyam| (aiōn )
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।” (aiōn )
yo mamAmiSaM svAdati mama sudhiraJca pivati sonantAyuH prApnoti tataH zeSe'hni tamaham utthApayiSyAmi| (aiōnios )
जो मेरा माँस खाता, और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अन्तिम दिन फिर उसे जिला उठाऊँगा। (aiōnios )
yadbhakSyaM svargAdAgacchat tadidaM yanmAnnAM svAditvA yuSmAkaM pitaro'mriyanta tAdRzam idaM bhakSyaM na bhavati idaM bhakSyaM yo bhakSati sa nityaM jIviSyati| (aiōn )
जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, पूर्वजों के समान नहीं कि खाया, और मर गए; जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।” (aiōn )
tataH zimon pitaraH pratyavocat he prabho kasyAbhyarNaM gamiSyAmaH? (aiōnios )
शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, हम किसके पास जाएँ? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। (aiōnios )
dAsazca nirantaraM nivezane na tiSThati kintu putro nirantaraM tiSThati| (aiōn )
और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। (aiōn )
ahaM yuSmabhyam atIva yathArthaM kathayAmi yo naro madIyaM vAcaM manyate sa kadAcana nidhanaM na drakSyati| (aiōn )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु को न देखेगा।” (aiōn )
yihUdIyAstamavadan tvaM bhUtagrasta itIdAnIm avaiSma| ibrAhIm bhaviSyadvAdinaJca sarvve mRtAH kintu tvaM bhASase yo naro mama bhAratIM gRhlAti sa jAtu nidhAnAsvAdaM na lapsyate| (aiōn )
लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ (aiōn )
kopi manuSyo janmAndhAya cakSuSI adadAt jagadArambhAd etAdRzIM kathAM kopi kadApi nAzRNot| (aiōn )
जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अंधे की आँखें खोली हों। (aiōn )
ahaM tebhyo'nantAyu rdadAmi, te kadApi na naMkSyanti kopi mama karAt tAn harttuM na zakSyati| (aiōn , aiōnios )
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। (aiōn , aiōnios )
yaH kazcana ca jIvan mayi vizvasiti sa kadApi na mariSyati, asyAM kathAyAM kiM vizvasiSi? (aiōn )
और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (aiōn )
yo jane nijaprANAn priyAn jAnAti sa tAn hArayiSyati kintu ye jana ihaloke nijaprANAn apriyAn jAnAti senantAyuH prAptuM tAn rakSiSyati| (aiōnios )
जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। (aiōnios )
tadA lokA akathayan sobhiSiktaH sarvvadA tiSThatIti vyavasthAgranthe zrutam asmAbhiH, tarhi manuSyaputraH protthApito bhaviSyatIti vAkyaM kathaM vadasi? manuSyaputroyaM kaH? (aiōn )
इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (aiōn )
tasya sAjJA anantAyurityahaM jAnAmi, ataevAhaM yat kathayAmi tat pitA yathAjJApayat tathaiva kathayAmyaham| (aiōnios )
और मैं जानता हूँ, कि उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिए मैं जो बोलता हूँ, वह जैसा पिता ने मुझसे कहा है वैसा ही बोलता हूँ।” (aiōnios )
tataH pitaraH kathitavAn bhavAn kadApi mama pAdau na prakSAlayiSyati| yIzurakathayad yadi tvAM na prakSAlaye tarhi mayi tava kopyaMzo nAsti| (aiōn )
पतरस ने उससे कहा, “तू मेरे पाँव कभी न धोने पाएगा!” यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “यदि मैं तुझे न धोऊँ, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी भाग नहीं।” (aiōn )
tato mayA pituH samIpe prArthite pitA nirantaraM yuSmAbhiH sArddhaM sthAtum itaramekaM sahAyam arthAt satyamayam AtmAnaM yuSmAkaM nikaTaM preSayiSyati| (aiōn )
औरमैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (aiōn )
tvaM yollokAn tasya haste samarpitavAn sa yathA tebhyo'nantAyu rdadAti tadarthaM tvaM prANimAtrANAm adhipatitvabhAraM tasmai dattavAn| (aiōnios )
क्योंकि तूने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तूने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। (aiōnios )
yastvam advitIyaH satya IzvarastvayA preritazca yIzuH khrISTa etayorubhayoH paricaye prApte'nantAyu rbhavati| (aiōnios )
और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें। (aiōnios )
paraloke yato hetostvaM mAM naiva hi tyakSyasi| svakIyaM puNyavantaM tvaM kSayituM naiva dAsyasi| evaM jIvanamArgaM tvaM mAmeva darzayiSyasi| (Hadēs )
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने देगा! (Hadēs )
iti jJAtvA dAyUd bhaviSyadvAdI san bhaviSyatkAlIyajJAnena khrISTotthAne kathAmimAM kathayAmAsa yathA tasyAtmA paraloke na tyakSyate tasya zarIraJca na kSeSyati; (Hadēs )
उसने होनेवाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की, कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उसकी देह सड़ने पाई। (Hadēs )
kintu jagataH sRSTimArabhya Izvaro nijapavitrabhaviSyadvAdigaNona yathA kathitavAn tadanusAreNa sarvveSAM kAryyANAM siddhiparyyantaM tena svarge vAsaH karttavyaH| (aiōn )
अवश्य है कि वह स्वर्ग में उस समय तक रहे जब तक कि वह सब बातों का सुधार न कर ले जिसकी चर्चा प्राचीनकाल से परमेश्वर ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के मुख से की है। (aiōn )
tataH paulabarNabbAvakSobhau kathitavantau prathamaM yuSmAkaM sannidhAvIzvarIyakathAyAH pracAraNam ucitamAsIt kintuM tadagrAhyatvakaraNena yUyaM svAn anantAyuSo'yogyAn darzayatha, etatkAraNAd vayam anyadezIyalokAnAM samIpaM gacchAmaH| (aiōnios )
तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios )
tadA kathAmIdRzIM zrutvA bhinnadezIyA AhlAditAH santaH prabhoH kathAM dhanyAM dhanyAm avadan, yAvanto lokAzca paramAyuH prAptinimittaM nirUpitA Asan te vyazvasan| (aiōnios )
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios )
A prathamAd IzvaraH svIyAni sarvvakarmmANi jAnAti| (aiōn )
यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।’ (aiōn )
phalatastasyAnantazaktIzvaratvAdInyadRzyAnyapi sRSTikAlam Arabhya karmmasu prakAzamAnAni dRzyante tasmAt teSAM doSaprakSAlanasya panthA nAsti| (aïdios )
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहाँ तक कि वे निरुत्तर हैं। (aïdios )
itthaM ta Izvarasya satyatAM vihAya mRSAmatam AzritavantaH saccidAnandaM sRSTikarttAraM tyaktvA sRSTavastunaH pUjAM sevAJca kRtavantaH; (aiōn )
(parallel missing)
Romans 1:25 (रोमियों १:२५)
(parallel missing)
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन। (aiōn )
vastutastu ye janA dhairyyaM dhRtvA satkarmma kurvvanto mahimA satkAro'maratvaJcaitAni mRgayante tebhyo'nantAyu rdAsyati| (aiōnios )
जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा; (aiōnios )
tena mRtyunA yadvat pApasya rAjatvam abhavat tadvad asmAkaM prabhuyIzukhrISTadvArAnantajIvanadAyipuNyenAnugrahasya rAjatvaM bhavati| (aiōnios )
कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे। (aiōnios )
kintu sAmprataM yUyaM pApasevAto muktAH santa Izvarasya bhRtyA'bhavata tasmAd yuSmAkaM pavitratvarUpaM labhyam anantajIvanarUpaJca phalam Aste| (aiōnios )
परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। (aiōnios )
yataH pApasya vetanaM maraNaM kintvasmAkaM prabhuNA yIzukhrISTenAnantajIvanam IzvaradattaM pAritoSikam Aste| (aiōnios )
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (aiōnios )
tat kevalaM nahi kintu sarvvAdhyakSaH sarvvadA saccidAnanda Izvaro yaH khrISTaH so'pi zArIrikasambandhena teSAM vaMzasambhavaH| (aiōn )
पूर्वज भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन। (aiōn )
ko vA pretalokam avaruhya khrISTaM mRtagaNamadhyAd AneSyatIti vAk manasi tvayA na gaditavyA| (Abyssos )
या “अधोलोक में कौन उतरेगा?” (अर्थात् मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!) (Abyssos )
IzvaraH sarvvAn prati kRpAM prakAzayituM sarvvAn avizvAsitvena gaNayati| (eleēsē )
क्योंकि परमेश्वर ने सब को आज्ञा न मानने के कारण बन्द कर रखा है ताकि वह सब पर दया करे। (eleēsē )
yato vastumAtrameva tasmAt tena tasmai cAbhavat tadIyo mahimA sarvvadA prakAzito bhavatu| iti| (aiōn )
क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
aparaM yUyaM sAMsArikA iva mAcarata, kintu svaM svaM svabhAvaM parAvartya nUtanAcAriNo bhavata, tata Izvarasya nidezaH kIdRg uttamo grahaNIyaH sampUrNazceti yuSmAbhiranubhAviSyate| (aiōn )
और इस संसार के सदृश्य न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। (aiōn )
pUrvvakAlikayugeSu pracchannA yA mantraNAdhunA prakAzitA bhUtvA bhaviSyadvAdilikhitagranthagaNasya pramANAd vizvAsena grahaNArthaM sadAtanasyezvarasyAjJayA sarvvadezIyalokAn jJApyate, (aiōnios )
अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा। (aiōnios )
tasyA mantraNAyA jJAnaM labdhvA mayA yaH susaMvAdo yIzukhrISTamadhi pracAryyate, tadanusArAd yuSmAn dharmme susthirAn karttuM samartho yo'dvitIyaH (aiōnios )
परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ। (aiōnios )
sarvvajJa Izvarastasya dhanyavAdo yIzukhrISTena santataM bhUyAt| iti| (aiōn )
उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन। (aiōn )
jJAnI kutra? zAstrI vA kutra? ihalokasya vicAratatparo vA kutra? ihalokasya jJAnaM kimIzvareNa mohIkRtaM nahi? (aiōn )
कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? (aiōn )
vayaM jJAnaM bhASAmahe tacca siddhalokai rjJAnamiva manyate, tadihalokasya jJAnaM nahi, ihalokasya nazvarANAm adhipatInAM vA jJAnaM nahi; (aiōn )
फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होनेवाले हाकिमों का ज्ञान नहीं; (aiōn )
kintu kAlAvasthAyAH pUrvvasmAd yat jJAnam asmAkaM vibhavArtham IzvareNa nizcitya pracchannaM tannigUDham IzvarIyajJAnaM prabhASAmahe| (aiōn )
परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। (aiōn )
ihalokasyAdhipatInAM kenApi tat jJAnaM na labdhaM, labdhe sati te prabhAvaviziSTaM prabhuM kruze nAhaniSyan| (aiōn )
जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते। (aiōn )
kopi svaM na vaJcayatAM| yuSmAkaM kazcana cedihalokasya jJAnena jJAnavAnahamiti budhyate tarhi sa yat jJAnI bhavet tadarthaM mUDho bhavatu| (aiōn )
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आपको ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। (aiōn )
ato hetoH pizitAzanaM yadi mama bhrAtu rvighnasvarUpaM bhavet tarhyahaM yat svabhrAtu rvighnajanako na bhaveyaM tadarthaM yAvajjIvanaM pizitaM na bhokSye| (aiōn )
इस कारण यदि भोजन मेरे भाई को ठोकर खिलाएँ, तो मैं कभी किसी रीति से माँस न खाऊँगा, न हो कि मैं अपने भाई के ठोकर का कारण बनूँ। (aiōn )
tAn prati yAnyetAni jaghaTire tAnyasmAkaM nidarzanAni jagataH zeSayuge varttamAnAnAm asmAkaM zikSArthaM likhitAni ca babhUvuH| (aiōn )
परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ीं, दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं। (aiōn )
mRtyo te kaNTakaM kutra paraloka jayaH kka te|| (Hadēs )
हे मृत्यु तेरी जय कहाँ रहीं? हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs )
yata Izvarasya pratimUrtti ryaH khrISTastasya tejasaH susaMvAdasya prabhA yat tAn na dIpayet tadartham iha lokasya devo'vizvAsinAM jJAnanayanam andhIkRtavAn etasyodAharaNaM te bhavanti| (aiōn )
और उन अविश्वासियों के लिये, जिनकी बुद्धि इस संसार के ईश्वर ने अंधी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। (aiōn )
kSaNamAtrasthAyi yadetat laghiSThaM duHkhaM tad atibAhulyenAsmAkam anantakAlasthAyi gariSThasukhaM sAdhayati, (aiōnios )
क्योंकि हमारा पल भर का हलका सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। (aiōnios )
yato vayaM pratyakSAn viSayAn anuddizyApratyakSAn uddizAmaH| yato hetoH pratyakSaviSayAH kSaNamAtrasthAyinaH kintvapratyakSA anantakAlasthAyinaH| (aiōnios )
और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं। (aiōnios )
aparam asmAkam etasmin pArthive dUSyarUpe vezmani jIrNe satIzvareNa nirmmitam akarakRtam asmAkam anantakAlasthAyi vezmaikaM svarge vidyata iti vayaM jAnImaH| (aiōnios )
क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (aiōnios )
etasmin likhitamAste, yathA, vyayate sa jano rAyaM durgatebhyo dadAti ca| nityasthAyI ca taddharmmaH (aiōn )
जैसा लिखा है, “उसने बिखेरा, उसने गरीबों को दान दिया, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी।” (aiōn )
mayA mRSAvAkyaM na kathyata iti nityaM prazaMsanIyo'smAkaM prabho ryIzukhrISTasya tAta Izvaro jAnAti| (aiōn )
प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। (aiōn )
asmAkaM tAtezvaresyecchAnusAreNa varttamAnAt kutsitasaMsArAd asmAn nistArayituM yo (aiōn )
उसी ने अपने आपको हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। (aiōn )
yIzurasmAkaM pApahetorAtmotsargaM kRtavAn sa sarvvadA dhanyo bhUyAt| tathAstu| (aiōn )
उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
svazarIrArthaM yena bIjam upyate tena zarIrAd vinAzarUpaM zasyaM lapsyate kintvAtmanaH kRte yena bIjam upyate tenAtmato'nantajIvitarUpaM zasyaM lapsyate| (aiōnios )
क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (aiōnios )
adhipatitvapadaM zAsanapadaM parAkramo rAjatvaJcetinAmAni yAvanti padAnIha loke paraloke ca vidyante teSAM sarvveSAm Urddhve svarge nijadakSiNapArzve tam upavezitavAn, (aiōn )
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ्य, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया; (aiōn )
purA yUyam aparAdhaiH pApaizca mRtAH santastAnyAcaranta ihalokasya saMsArAnusAreNAkAzarAjyasyAdhipatim (aiōn )
(parallel missing)
Ephesians 2:2 (इफिसियों २:२)
(parallel missing)
जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है। (aiōn )
itthaM sa khrISTena yIzunAsmAn prati svahitaiSitayA bhAviyugeSu svakIyAnugrahasyAnupamaM nidhiM prakAzayitum icchati| (aiōn )
कि वह अपनी उस दया से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। (aiōn )
kAlAvasthAtaH pUrvvasmAcca yo nigUDhabhAva Izvare gupta AsIt tadIyaniyamaM sarvvAn jJApayAmi| (aiōn )
और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। (aiōn )
Ephesians 3:11 (इफिसियों ३:११)
(parallel missing)
उस सनातन मनसा के अनुसार जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। (aiōn )
prAptavantastamasmAkaM prabhuM yIzuM khrISTamadhi sa kAlAvasthAyAH pUrvvaM taM manorathaM kRtavAn| (aiōn )
(parallel missing)
khrISTayIzunA samite rmadhye sarvveSu yugeSu tasya dhanyavAdo bhavatu| iti| (aiōn )
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उसकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
yataH kevalaM raktamAMsAbhyAm iti nahi kintu kartRtvaparAkramayuktaistimirarAjyasyehalokasyAdhipatibhiH svargodbhavai rduSTAtmabhireva sArddham asmAbhi ryuddhaM kriyate| (aiōn )
क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लहू और माँस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अंधकार के शासकों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। (aiōn )
asmAkaM piturIzvarasya dhanyavAdo'nantakAlaM yAvad bhavatu| Amen| (aiōn )
हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
tat nigUDhaM vAkyaM pUrvvayugeSu pUrvvapuruSebhyaH pracchannam AsIt kintvidAnIM tasya pavitralokAnAM sannidhau tena prAkAzyata| (aiōn )
अर्थात् उस भेद को जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। (aiōn )
te ca prabho rvadanAt parAkramayuktavibhavAcca sadAtanavinAzarUpaM daNDaM lapsyante, (aiōnios )
वे प्रभु के सामने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे। (aiōnios )
asmAkaM prabhu ryIzukhrISTastAta IzvarazcArthato yo yuSmAsu prema kRtavAn nityAJca sAntvanAm anugraheNottamapratyAzAJca yuSmabhyaM dattavAn (aiōnios )
हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है। (aiōnios )
teSAM pApinAM madhye'haM prathama AsaM kintu ye mAnavA anantajIvanaprAptyarthaM tasmin vizvasiSyanti teSAM dRSTAnte mayi prathame yIzunA khrISTena svakIyA kRtsnA cirasahiSNutA yat prakAzyate tadarthamevAham anukampAM prAptavAn| (aiōnios )
पर मुझ पर इसलिए दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ। (aiōnios )
anAdirakSayo'dRzyo rAjA yo'dvitIyaH sarvvajJa Izvarastasya gauravaM mahimA cAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
vizvAsarUpam uttamayuddhaM kuru, anantajIvanam Alambasva yatastadarthaM tvam AhUto 'bhavaH, bahusAkSiNAM samakSaJcottamAM pratijJAM svIkRtavAn| (aiōnios )
विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिसके लिये तू बुलाया गया, और बहुत गवाहों के सामने अच्छा अंगीकार किया था। (aiōnios )
amaratAyA advitIya AkaraH, agamyatejonivAsI, marttyAnAM kenApi na dRSTaH kenApi na dRzyazca| tasya gauravaparAkramau sadAtanau bhUyAstAM| Amen| (aiōnios )
और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। (aiōnios )
ihaloke ye dhaninaste cittasamunnatiM capale dhane vizvAsaJca na kurvvatAM kintu bhogArtham asmabhyaM pracuratvena sarvvadAtA (aiōn )
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और अनिश्चित धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। (aiōn )
so'smAn paritrANapAtrANi kRtavAn pavitreNAhvAnenAhUtavAMzca; asmatkarmmahetuneti nahi svIyanirUpANasya prasAdasya ca kRte tat kRtavAn| sa prasAdaH sRSTeH pUrvvakAle khrISTena yIzunAsmabhyam adAyi, (aiōnios )
जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है; जो मसीह यीशु में अनादिकाल से हम पर हुआ है। (aiōnios )
khrISTena yIzunA yad anantagauravasahitaM paritrANaM jAyate tadabhirucitai rlokairapi yat labhyeta tadarthamahaM teSAM nimittaM sarvvANyetAni sahe| (aiōnios )
इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूँ, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएँ। (aiōnios )
yato dImA aihikasaMsAram IhamAno mAM parityajya thiSalanIkIM gatavAn tathA krISki rgAlAtiyAM gatavAn tItazca dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn )
क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। (aiōn )
aparaM sarvvasmAd duSkarmmataH prabhu rmAm uddhariSyati nijasvargIyarAjyaM netuM mAM tArayiSyati ca| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| Amen| (aiōn )
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
anantajIvanasyAzAto jAtAyA Izvarabhakte ryogyasya satyamatasya yat tatvajJAnaM yazca vizvAsa IzvarasyAbhirucitalokai rlabhyate tadarthaM (aiōnios )
(parallel missing)
Titus 1:2 (तीतुस १:२)
(parallel missing)
उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है, (aiōnios )
sa cAsmAn idaM zikSyati yad vayam adharmmaM sAMsArikAbhilASAMzcAnaGgIkRtya vinItatvena nyAyenezvarabhaktyA cehaloke Ayu ryApayAmaH, (aiōn )
और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धार्मिकता से और भक्ति से जीवन बिताएँ; (aiōn )
itthaM vayaM tasyAnugraheNa sapuNyIbhUya pratyAzayAnantajIvanasyAdhikAriNo jAtAH| (aiōnios )
जिससे हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। (aiōnios )
ko jAnAti kSaNakAlArthaM tvattastasya vicchedo'bhavad etasyAyam abhiprAyo yat tvam anantakAlArthaM taM lapsyase (aiōnios )
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। (aiōnios )
sa etasmin zeSakAle nijaputreNAsmabhyaM kathitavAn| sa taM putraM sarvvAdhikAriNaM kRtavAn tenaiva ca sarvvajaganti sRSTavAn| (aiōn )
पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn )
kintu putramuddizya tenoktaM, yathA, "he Izvara sadA sthAyi tava siMhAsanaM bhavet| yAthArthyasya bhaveddaNDo rAjadaNDastvadIyakaH| (aiōn )
परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn )
tadvad anyagIte'pIdamuktaM, tvaM malkISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH| (aiōn )
इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” (aiōn )
itthaM siddhIbhUya nijAjJAgrAhiNAM sarvveSAm anantaparitrANasya kAraNasvarUpo 'bhavat| (aiōnios )
और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदाकाल के उद्धार का कारण हो गया। (aiōnios )
anantakAlasthAyivicArAjJA caitaiH punarbhittimUlaM na sthApayantaH khrISTaviSayakaM prathamopadezaM pazcAtkRtya siddhiM yAvad agrasarA bhavAma| (aiōnios )
और बपतिस्मा और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अनन्त न्याय की शिक्षारूपी नींव, फिर से न डालें। (aiōnios )
Izvarasya suvAkyaM bhAvikAlasya zaktiJcAsvaditavantazca te bhraSTvA yadi (aiōn )
और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं। (aiōn )
tatraivAsmAkam agrasaro yIzuH pravizya malkISedakaH zreNyAM nityasthAyI yAjako'bhavat| (aiōn )
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदाकाल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है। (aiōn )
yata Izvara idaM sAkSyaM dattavAn, yathA, "tvaM maklISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH|" (aiōn )
क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।” (aiōn )
Hebrews 7:21 (इब्रानियों ७:२१)
(parallel missing)
क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उसकी ओर से नियुक्त किया गया जिसने उसके विषय में कहा, “प्रभु ने शपथ खाई, और वह उससे फिर न पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है।” (aiōn )
"parameza idaM zepe na ca tasmAnnivartsyate| tvaM malkISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH|" (aiōn )
(parallel missing)
kintvasAvanantakAlaM yAvat tiSThati tasmAt tasya yAjakatvaM na parivarttanIyaM| (aiōn )
पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजकपद अटल है। (aiōn )
yato vyavasthayA ye mahAyAjakA nirUpyante te daurbbalyayuktA mAnavAH kintu vyavasthAtaH paraM zapathayuktena vAkyena yo mahAyAjako nirUpitaH so 'nantakAlArthaM siddhaH putra eva| (aiōn )
क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्र को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है। (aiōn )
chAgAnAM govatsAnAM vA rudhiram anAdAya svIyarudhiram AdAyaikakRtva eva mahApavitrasthAnaM pravizyAnantakAlikAM muktiM prAptavAn| (aiōnios )
और बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं, पर अपने ही लहू के द्वारा एक ही बार पवित्रस्थान में प्रवेश किया, और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया। (aiōnios )
tarhi kiM manyadhve yaH sadAtanenAtmanA niSkalaGkabalimiva svamevezvarAya dattavAn, tasya khrISTasya rudhireNa yuSmAkaM manAMsyamarezvarasya sevAyai kiM mRtyujanakebhyaH karmmabhyo na pavitrIkAriSyante? (aiōnios )
तो मसीह का लहू जिसने अपने आपको सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीविते परमेश्वर की सेवा करो। (aiōnios )
sa nUtananiyamasya madhyastho'bhavat tasyAbhiprAyo'yaM yat prathamaniyamalaGghanarUpapApebhyo mRtyunA muktau jAtAyAm AhUtalokA anantakAlIyasampadaH pratijJAphalaM labheran| (aiōnios )
और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त विरासत को प्राप्त करें। (aiōnios )
karttavye sati jagataH sRSTikAlamArabhya bahuvAraM tasya mRtyubhoga Avazyako'bhavat; kintvidAnIM sa AtmotsargeNa pApanAzArtham ekakRtvo jagataH zeSakAle pracakAze| (aiōn )
नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार बार दुःख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे। (aiōn )
aparam Izvarasya vAkyena jagantyasRjyanta, dRSTavastUni ca pratyakSavastubhyo nodapadyantaitad vayaM vizvAsena budhyAmahe| (aiōn )
विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। (aiōn )
yIzuH khrISTaH zvo'dya sadA ca sa evAste| (aiōn )
यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक-सा है। (aiōn )
anantaniyamasya rudhireNa viziSTo mahAn meSapAlako yena mRtagaNamadhyAt punarAnAyi sa zAntidAyaka Izvaro (aiōnios )
अब शान्तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लहू के गुण से मरे हुओं में से जिलाकर ले आया, (aiōnios )
nijAbhimatasAdhanAya sarvvasmin satkarmmaNi yuSmAn siddhAn karotu, tasya dRSTau ca yadyat tuSTijanakaM tadeva yuSmAkaM madhye yIzunA khrISTena sAdhayatu| tasmai mahimA sarvvadA bhUyAt| Amen| (aiōn )
तुम्हें हर एक भली बात में सिद्ध करे, जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में पूरा करे, उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
rasanApi bhaved vahniradharmmarUpapiSTape| asmadaGgeSu rasanA tAdRzaM santiSThati sA kRtsnaM dehaM kalaGkayati sRSTirathasya cakraM prajvalayati narakAnalena jvalati ca| (Geenna )
जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। (Geenna )
yasmAd yUyaM kSayaNIyavIryyAt nahi kintvakSayaNIyavIryyAd Izvarasya jIvanadAyakena nityasthAyinA vAkyena punarjanma gRhItavantaH| (aiōn )
क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (aiōn )
kintu vAkyaM parezasyAnantakAlaM vitiSThate| tadeva ca vAkyaM susaMvAdena yuSmAkam antike prakAzitaM| (aiōn )
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn )
yo vAkyaM kathayati sa Izvarasya vAkyamiva kathayatu yazca param upakaroti sa IzvaradattasAmarthyAdivopakarotu| sarvvaviSaye yIzukhrISTenezvarasya gauravaM prakAzyatAM tasyaiva gauravaM parAkramazca sarvvadA bhUyAt| Amena| (aiōn )
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले मानो परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे, तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिससे सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो। महिमा और सामर्थ्य युगानुयुग उसी की है। आमीन। (aiōn )
kSaNikaduHkhabhogAt param asmabhyaM khrISTena yIzunA svakIyAnantagauravadAnArthaM yo'smAn AhUtavAn sa sarvvAnugrAhIzvaraH svayaM yuSmAn siddhAn sthirAn sabalAn nizcalAMzca karotu| (aiōnios )
अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा। (aiōnios )
tasya gauravaM parAkramazcAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
yato 'nena prakAreNAsmAkaM prabhostrAtR ryIzukhrISTasyAnantarAjyasya pravezena yUyaM sukalena yojayiSyadhve| (aiōnios )
वरन् इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। (aiōnios )
IzvaraH kRtapApAn dUtAn na kSamitvA timirazRGkhalaiH pAtAle ruddhvA vicArArthaM samarpitavAn| (Tartaroō )
क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō )
kintvasmAkaM prabhostrAtu ryIzukhrISTasyAnugrahe jJAne ca varddhadhvaM| tasya gauravam idAnIM sadAkAlaJca bhUyAt| Amen| (aiōn )
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
sa jIvanasvarUpaH prakAzata vayaJca taM dRSTavantastamadhi sAkSyaM dadmazca, yazca pituH sannidhAvavarttatAsmAkaM samIpe prakAzata ca tam anantajIvanasvarUpaM vayaM yuSmAn jJApayAmaH| (aiōnios )
(यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। (aiōnios )
saMsArastadIyAbhilASazca vyatyeti kintu ya IzvarasyeSTaM karoti so 'nantakAlaM yAvat tiSThati| (aiōn )
संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा। (aiōn )
sa ca pratijJayAsmabhyaM yat pratijJAtavAn tad anantajIvanaM| (aiōnios )
और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। (aiōnios )
yaH kazcit svabhrAtaraM dveSTi saM naraghAtI kiJcAnantajIvanaM naraghAtinaH kasyApyantare nAvatiSThate tad yUyaM jAnItha| (aiōnios )
जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। (aiōnios )
tacca sAkSyamidaM yad Izvaro 'smabhyam anantajIvanaM dattavAn tacca jIvanaM tasya putre vidyate| (aiōnios )
और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। (aiōnios )
Izvaraputrasya nAmni yuSmAn pratyetAni mayA likhitAni tasyAbhiprAyo 'yaM yad yUyam anantajIvanaprAptA iti jAnIyAta tasyezvaraputrasya nAmni vizvaseta ca| (aiōnios )
मैंने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। (aiōnios )
aparam Izvarasya putra AgatavAn vayaJca yayA tasya satyamayasya jJAnaM prApnuyAmastAdRzIM dhiyam asmabhyaM dattavAn iti jAnImastasmin satyamaye 'rthatastasya putre yIzukhrISTe tiSThAmazca; sa eva satyamaya Izvaro 'nantajIvanasvarUpazcAsti| (aiōnios )
और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। (aiōnios )
satyamatAd yuSmAsu mama premAsti kevalaM mama nahi kintu satyamatajJAnAM sarvveSAmeva| yataH satyamatam asmAsu tiSThatyanantakAlaM yAvaccAsmAsu sthAsyati| (aiōn )
वह सत्य जो हम में स्थिर रहता है, और सर्वदा हमारे साथ अटल रहेगा; (aiōn )
ye ca svargadUtAH svIyakartRtvapade na sthitvA svavAsasthAnaM parityaktavantastAn sa mahAdinasya vicArArtham andhakAramaye 'dhaHsthAne sadAsthAyibhi rbandhanairabadhnAt| (aïdios )
फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है। (aïdios )
aparaM sidomam amorA tannikaTasthanagarANi caiteSAM nivAsinastatsamarUpaM vyabhicAraM kRtavanto viSamamaithunasya ceSTayA vipathaM gatavantazca tasmAt tAnyapi dRSTAntasvarUpANi bhUtvA sadAtanavahninA daNDaM bhuJjate| (aiōnios )
जिस रीति से सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगर, जो इनके समान व्यभिचारी हो गए थे और पराए शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं। (aiōnios )
svakIyalajjApheNodvamakAH pracaNDAH sAmudrataraGgAH sadAkAlaM yAvat ghoratimirabhAgIni bhramaNakArINi nakSatrANi ca bhavanti| (aiōn )
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (aiōn )
Izvarasya premnA svAn rakSata, anantajIvanAya cAsmAkaM prabho ryIzukhrISTasya kRpAM pratIkSadhvaM| (aiōnios )
अपने आपको परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। (aiōnios )
yo 'smAkam advitIyastrANakarttA sarvvajJa Izvarastasya gauravaM mahimA parAkramaH kartRtvaJcedAnIm anantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
उस एकमात्र परमेश्वर के लिए, हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
yo 'smAsu prItavAn svarudhireNAsmAn svapApebhyaH prakSAlitavAn tasya piturIzvarasya yAjakAn kRtvAsmAn rAjavarge niyuktavAMzca tasmin mahimA parAkramazcAnantakAlaM yAvad varttatAM| Amen| (aiōn )
और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
aham amarastathApi mRtavAn kintu pazyAham anantakAlaM yAvat jIvAmi| Amen| mRtyoH paralokasya ca kuJjikA mama hastagatAH| (aiōn , Hadēs )
मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुँजियाँ मेरे ही पास हैं। (aiōn , Hadēs )
itthaM taiH prANibhistasyAnantajIvinaH siMhAsanopaviSTasya janasya prabhAve gaurave dhanyavAde ca prakIrttite (aiōn )
और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (aiōn )
te caturviMzatiprAcInA api tasya siMhAsanopaviSTasyAntike praNinatya tam anantajIvinaM praNamanti svIyakirITAMzca siMhAsanasyAntike nikSipya vadanti, (aiōn )
तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे, (aiōn )
aparaM svargamarttyapAtAlasAgareSu yAni vidyante teSAM sarvveSAM sRSTavastUnAM vAgiyaM mayA zrutA, prazaMsAM gauravaM zauryyam AdhipatyaM sanAtanaM| siMhasanopaviSTazca meSavatsazca gacchatAM| (aiōn )
फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब रची हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उनमें हैं, यह कहते सुना, “जो सिंहासन पर बैठा है, उसकी, और मेम्ने की स्तुति, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।” (aiōn )
tataH pANDuravarNa eko 'zvo mayA dRSTaH, tadArohiNo nAma mRtyuriti paralokazca tam anucarati khaGgena durbhikSeNa mahAmAryyA vanyapazubhizca lokAnAM badhAya pRthivyAzcaturthAMzasyAdhipatyaM tasmA adAyi| (Hadēs )
मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (Hadēs )
tathAstu dhanyavAdazca tejo jJAnaM prazaMsanaM| zauryyaM parAkramazcApi zaktizca sarvvameva tat| varttatAmIzvare'smAkaM nityaM nityaM tathAstviti| (aiōn )
“आमीन, हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।” (aiōn )
tataH paraM saptamadUtena tUryyAM vAditAyAM gaganAt pRthivyAM nipatita ekastArako mayA dRSTaH, tasmai rasAtalakUpasya kuJjikAdAyi| (Abyssos )
जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैंने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुँजी दी गई। (Abyssos )
tena rasAtalakUpe mukte mahAgnikuNDasya dhUma iva dhUmastasmAt kUpAd udgataH| tasmAt kUpadhUmAt sUryyAkAzau timirAvRtau| (Abyssos )
उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (Abyssos )
teSAM rAjA ca rasAtalasya dUtastasya nAma ibrIyabhASayA abaddon yUnAnIyabhASayA ca apalluyon arthato vinAzaka iti| (Abyssos )
अथाह कुण्ड का दूत उन पर राजा था, उसका नाम इब्रानी में अबद्दोन, और यूनानी में अपुल्लयोन है। (Abyssos )
aparaM svargAd yasya ravo mayAzrAvi sa puna rmAM sambhAvyAvadat tvaM gatvA samudramedinyostiSThato dUtasya karAt taM vistIrNa kSudragranthaM gRhANa, tena mayA dUtasamIpaM gatvA kathitaM grantho 'sau dIyatAM| (aiōn )
और उसकी शपथ खाकर जो युगानुयुग जीवित है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा है उसी की शपथ खाकर कहा कि “अब और देर न होगी।” (aiōn )
aparaM tayoH sAkSye samApte sati rasAtalAd yenotthitavyaM sa pazustAbhyAM saha yuddhvA tau jeSyati haniSyati ca| (Abyssos )
जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (Abyssos )
anantaraM saptadUtena tUryyAM vAditAyAM svarga uccaiH svarairvAgiyaM kIrttitA, rAjatvaM jagato yadyad rAjyaM tadadhunAbhavat| asmatprabhostadIyAbhiSiktasya tArakasya ca| tena cAnantakAlIyaM rAjatvaM prakariSyate|| (aiōn )
जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (aiōn )
anantaram AkAzamadhyenoDDIyamAno 'para eko dUto mayA dRSTaH so 'nantakAlIyaM susaMvAdaM dhArayati sa ca susaMvAdaH sarvvajAtIyAn sarvvavaMzIyAn sarvvabhASAvAdinaH sarvvadezIyAMzca pRthivInivAsinaH prati tena ghoSitavyaH| (aiōnios )
फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, कुल, भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। (aiōnios )
teSAM yAtanAyA dhUmo 'nantakAlaM yAvad udgamiSyati ye ca pazuM tasya pratimAJca pUjayanti tasya nAmno 'GkaM vA gRhlanti te divAnizaM kaJcana virAmaM na prApsyanti| (aiōn )
और उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात-दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn )
aparaM caturNAM prANinAm ekastebhyaH saptadUtebhyaH saptasuvarNakaMsAn adadAt| (aiōn )
तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीविता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए। (aiōn )
tvayA dRSTo 'sau pazurAsIt nedAnIM varttate kintu rasAtalAt tenodetavyaM vinAzazca gantavyaH| tato yeSAM nAmAni jagataH sRSTikAlam Arabhya jIvanapustake likhitAni na vidyante te pRthivInivAsino bhUtam avarttamAnamupasthAsyantaJca taM pazuM dRSTvAzcaryyaM maMsyante| (Abyssos )
जो पशु तूने देखा है, यह पहले तो था, पर अब नहीं है, और अथाह कुण्ड से निकलकर विनाश में पड़ेगा, और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। (Abyssos )
punarapi tairidamuktaM yathA, brUta parezvaraM dhanyaM yannityaM nityameva ca| tasyA dAhasya dhUmo 'sau dizamUrddhvamudeSyati|| (aiōn )
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (aiōn )
tataH sa pazu rdhRto yazca mithyAbhaviSyadvaktA tasyAntike citrakarmmANi kurvvan taireva pazvaGkadhAriNastatpratimApUjakAMzca bhramitavAn so 'pi tena sArddhaM dhRtaH| tau ca vahnigandhakajvalitahrade jIvantau nikSiptau| (Limnē Pyr )
और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (Limnē Pyr )
tataH paraM svargAd avarohan eko dUto mayA dRSTastasya kare ramAtalasya kuJjikA mahAzRGkhalaJcaikaM tiSThataH| (Abyssos )
फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुँजी, और एक बड़ी जंजीर थी। (Abyssos )
aparaM rasAtale taM nikSipya tadupari dvAraM ruddhvA mudrAGkitavAn yasmAt tad varSasahasraM yAvat sampUrNaM na bhavet tAvad bhinnajAtIyAstena puna rna bhramitavyAH| tataH param alpakAlArthaM tasya mocanena bhavitavyaM| (Abyssos )
और उसे अथाह कुण्ड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए। (Abyssos )
teSAM bhramayitA ca zayatAno vahnigandhakayo rhrade 'rthataH pazu rmithyAbhaviSyadvAdI ca yatra tiSThatastatraiva nikSiptaH, tatrAnantakAlaM yAvat te divAnizaM yAtanAM bhokSyante| (aiōn , Limnē Pyr )
और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (aiōn , Limnē Pyr )
tadAnIM samudreNa svAntarasthA mRtajanAH samarpitAH, mRtyuparalokAbhyAmapi svAntarasthA mRtajanAH sarmipatAH, teSAJcaikaikasya svakriyAnuyAyI vicAraH kRtaH| (Hadēs )
और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। (Hadēs )
aparaM mRtyuparalokau vahnihrade nikSiptau, eSa eva dvitIyo mRtyuH| (Hadēs , Limnē Pyr )
और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। (Hadēs , Limnē Pyr )
yasya kasyacit nAma jIvanapustake likhitaM nAvidyata sa eva tasmin vahnihrade nyakSipyata| (Limnē Pyr )
और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr )
kintu bhItAnAm avizvAsinAM ghRNyAnAM narahantRNAM vezyAgAminAM mohakAnAM devapUjakAnAM sarvveSAm anRtavAdinAJcAMzo vahnigandhakajvalitahrade bhaviSyati, eSa eva dvitIyo mRtyuH| (Limnē Pyr )
परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” (Limnē Pyr )
tadAnIM rAtriH puna rna bhaviSyati yataH prabhuH paramezvarastAn dIpayiSyati te cAnantakAlaM yAvad rAjatvaM kariSyante| (aiōn )
और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (aiōn )
ime nirjalAni prasravaNAni pracaNDavAyunA cAlitA meghAzca teSAM kRte nityasthAyI ghoratarAndhakAraH saJcito 'sti| ()