Aionian Verses

Genesis 37:35 (उत्पत्ति ३७:३५)
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और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा। (Sheol h7585)
Genesis 42:38 (उत्पत्ति ४२:३८)
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उसने कहा, “मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा; क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है: इसलिए जिस मार्ग से तुम जाओगे, उसमें यदि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े, तब तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।” (Sheol h7585)
Genesis 44:29 (उत्पत्ति ४४:२९)
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अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।’ (Sheol h7585)
Genesis 44:31 (उत्पत्ति ४४:३१)
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इस कारण, यह देखकर कि लड़का नहीं है, वह तुरन्त ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा। (Sheol h7585)
Numbers 16:30 (गिनती १६:३०)
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परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol h7585)
Numbers 16:33 (गिनती १६:३३)
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और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol h7585)
Deuteronomy 32:22 (व्यवस्था विवरण ३२:२२)
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क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। (Sheol h7585)
1 Samuel 2:6 (1 शमूएल २:६)
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यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उससे निकालता भी है। (Sheol h7585)
2 Samuel 22:6 (2 शमूएल २२:६)
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फंदे मेरे सामने थे। (Sheol h7585)
1 Kings 2:6 (1 राजा २:६)
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इसलिए तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शान्ति से उतरने न देना। (Sheol h7585)
1 Kings 2:9 (1 राजा २:९)
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परन्तु अब तू इसे निर्दोष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बाल वाले का लहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।” (Sheol h7585)
Job 7:9 (अय्यूब ७:९)
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जैसे बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक में उतरनेवाला फिर वहाँ से नहीं लौट सकता; (Sheol h7585)
Job 11:8 (अय्यूब ११:८)
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वह आकाश सा ऊँचा है; तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहरा है, तू कहाँ समझ सकता है? (Sheol h7585)
Job 14:13 (अय्यूब १४:१३)
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भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता। (Sheol h7585)
Job 17:13 (अय्यूब १७:१३)
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यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol h7585)
Job 17:16 (अय्यूब १७:१६)
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वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol h7585)
Job 21:13 (अय्यूब २१:१३)
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वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं। (Sheol h7585)
Job 24:19 (अय्यूब २४:१९)
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जैसे सूखे और धूप से हिम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक में सूख जाते हैं। (Sheol h7585)
Job 26:6 (अय्यूब २६:६)
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अधोलोक उसके सामने उघड़ा रहता है, और विनाश का स्थान ढँप नहीं सकता। (Sheol h7585)
Psalms 6:5 (भजन संहिता ६:५)
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क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? (Sheol h7585)
Psalms 9:17 (भजन संहिता ९:१७)
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दुष्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेश्वर को भूल जाती है। (Sheol h7585)
Psalms 16:10 (भजन संहिता १६:१०)
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क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। (Sheol h7585)
Psalms 18:5 (भजन संहिता १८:५)
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फंदे मुझ पर आए थे। (Sheol h7585)
Psalms 30:3 (भजन संहिता ३०:३)
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हे यहोवा, तूने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तूने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है। (Sheol h7585)
Psalms 31:17 (भजन संहिता ३१:१७)
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हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैंने तुझको पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। (Sheol h7585)
Psalms 49:14 (भजन संहिता ४९:१४)
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वे अधोलोक की मानो भेड़ों का झुण्ड ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरेगा; और भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। (Sheol h7585)
Psalms 49:15 (भजन संहिता ४९:१५)
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परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, वह मुझे ग्रहण करके अपनाएगा। (Sheol h7585)
Psalms 55:15 (भजन संहिता ५५:१५)
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उनको मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएँ; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयाँ और उत्पात भरा है। (Sheol h7585)
Psalms 86:13 (भजन संहिता ८६:१३)
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क्योंकि तेरी करुणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तूने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है। (Sheol h7585)
Psalms 88:3 (भजन संहिता ८८:३)
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क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है। (Sheol h7585)
Psalms 89:48 (भजन संहिता ८९:४८)
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कौन पुरुष सदा अमर रहेगा? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? (सेला) (Sheol h7585)
Psalms 116:3 (भजन संहिता ११६:३)
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मृत्यु की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा। (Sheol h7585)
Psalms 139:8 (भजन संहिता १३९:८)
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यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है! (Sheol h7585)
Psalms 141:7 (भजन संहिता १४१:७)
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जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुँह पर छितराई गई हैं। (Sheol h7585)
Proverbs 1:12 (नीतिवचन १:१२)
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हम उन्हें जीवित निगल जाए, जैसे अधोलोक स्वस्थ लोगों को निगल जाता है, और उन्हें कब्र में पड़े मृतकों के समान बना दें। (Sheol h7585)
Proverbs 5:5 (नीतिवचन ५:५)
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उसके पाँव मृत्यु की ओर बढ़ते हैं; और उसके पग अधोलोक तक पहुँचते हैं। (Sheol h7585)
Proverbs 7:27 (नीतिवचन ७:२७)
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उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुँचाता है। (Sheol h7585)
Proverbs 9:18 (नीतिवचन ९:१८)
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और वह नहीं जानता है, कि वहाँ मरे हुए पड़े हैं, और उस स्त्री के निमंत्रित अधोलोक के निचले स्थानों में पहुँचे हैं। (Sheol h7585)
Proverbs 15:11 (नीतिवचन १५:११)
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जबकि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। (Sheol h7585)
Proverbs 15:24 (नीतिवचन १५:२४)
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विवेकी के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। (Sheol h7585)
Proverbs 23:14 (नीतिवचन २३:१४)
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तू उसको छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा। (Sheol h7585)
Proverbs 27:20 (नीतिवचन २७:२०)
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जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आँखें भी तृप्त नहीं होती। (Sheol h7585)
Proverbs 30:16 (नीतिवचन ३०:१६)
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अधोलोक और बाँझ की कोख, भूमि जो जल पी पीकर तृप्त नहीं होती, और आग जो कभी नहीं कहती, ‘बस।’ (Sheol h7585)
Ecclesiastes 9:10 (सभोपदेशक ९:१०)
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जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। (Sheol h7585)
Song of Solomon 8:6 (श्रेष्ठगीत ८:६)
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मुझे नगीने के समान अपने हृदय पर लगा रख, और ताबीज़ की समान अपनी बाँह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन् परमेश्वर ही की ज्वाला है। (Sheol h7585)
Isaiah 5:14 (यशायाह ५:१४)
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इसलिए अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह हद से ज्यादा पसारा है, और उनका वैभव और भीड़-भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। (Sheol h7585)
Isaiah 7:11 (यशायाह ७:११)
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“अपने परमेश्वर यहोवा से कोई चिन्ह माँग; चाहे वह गहरे स्थान का हो, या ऊपर आकाश का हो।” (Sheol h7585)
Isaiah 14:9 (यशायाह १४:९)
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पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात् पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति-जाति से सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol h7585)
Isaiah 14:11 (यशायाह १४:११)
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तेरा वैभव और तेरी सारंगियों को शब्द अधोलोक में उतारा गया है; कीड़े तेरा बिछौना और केंचुए तेरा ओढ़ना हैं। (Sheol h7585)
Isaiah 14:15 (यशायाह १४:१५)
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परन्तु तू अधोलोक में उस गड्ढे की तह तक उतारा जाएगा। (Sheol h7585)
Isaiah 28:15 (यशायाह २८:१५)
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तुम ने कहा है “हमने मृत्यु से वाचा बाँधी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।” (Sheol h7585)
Isaiah 28:18 (यशायाह २८:१८)
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तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बाँधी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ के समान बढ़ आए, तब तुम उसमें डूब ही जाओगे। (Sheol h7585)
Isaiah 38:10 (यशायाह ३८:१०)
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मैंने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूँगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है। (Sheol h7585)
Isaiah 38:18 (यशायाह ३८:१८)
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क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कब्र में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते (Sheol h7585)
Isaiah 57:9 (यशायाह ५७:९)
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तू तेल लिए हुए राजा के पास गई और बहुत सुगन्धित तेल अपने काम में लाई; अपने दूत तूने दूर तक भेजे और अधोलोक तक अपने को नीचा किया। (Sheol h7585)
Ezekiel 31:15 (यहेजकेल ३१:१५)
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“परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैंने विलाप कराया और गहरे समुद्र को ढाँप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैंने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूर्छित हुए। (Sheol h7585)
Ezekiel 31:16 (यहेजकेल ३१:१६)
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जब मैंने उसको कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति-जाति थरथरा गई, और अदन के सब वृक्ष अर्थात् लबानोन के उत्तम-उत्तम वृक्षों ने, जितने उससे जल पाते हैं, उन सभी ने अधोलोक में शान्ति पाई। (Sheol h7585)
Ezekiel 31:17 (यहेजकेल ३१:१७)
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वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात् वे जो उसकी भुजा थे, और जाति-जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे। (Sheol h7585)
Ezekiel 32:21 (यहेजकेल ३२:२१)
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सामर्थी शूरवीर उससे और उसके सहायकों से अधोलोक में बातें करेंगे; वे खतनाहीन लोग वहाँ तलवार से मरे पड़े हैं। (Sheol h7585)
Ezekiel 32:27 (यहेजकेल ३२:२७)
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उन गिरे हुए खतनारहित शूरवीरों के संग वे पड़े न रहेंगे जो अपने-अपने युद्ध के हथियार लिए हुए अधोलोक में उतर गए हैं, वहाँ उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रखी हुई हैं, और उनके अधर्म के काम उनकी हड्डियों में व्याप्त हैं; क्योंकि जीवनलोक में उनसे शूरवीरों को भी भय उपजता था। (Sheol h7585)
Hosea 13:14 (होशे १३:१४)
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मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूँगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूँगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहाँ रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ रही? मैं फिर कभी नहीं पछताऊँगा। (Sheol h7585)
Amos 9:2 (आमोस ९:२)
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“क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएँ, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊँगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएँ, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा। (Sheol h7585)
Jonah 2:2 (योना २:२)
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“मैंने संकट में पड़े हुए यहोवा की दुहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तूने मेरी सुन ली। (Sheol h7585)
Habakkuk 2:5 (हबक्कूक २:५)
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दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरुष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु के समान उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है।” (Sheol h7585)
kintvahaM yuSmAn vadAmi, yaH kazcit kAraNaM vinA nijabhrAtre kupyati, sa vicArasabhAyAM daNDArho bhaviSyati; yaH kazcicca svIyasahajaM nirbbodhaM vadati, sa mahAsabhAyAM daNDArho bhaviSyati; punazca tvaM mUDha iti vAkyaM yadi kazcit svIyabhrAtaraM vakti, tarhi narakAgnau sa daNDArho bhaviSyati| (Geenna g1067)
परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा और जो कोई अपने भाई कोनिकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे ‘अरे मूर्ख’ वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा। (Geenna g1067)
tasmAt tava dakSiNaM netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tannetram utpATya dUre nikSipa, yasmAt tava sarvvavapuSo narake nikSepAt tavaikAGgasya nAzo varaM| (Geenna g1067)
यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna g1067)
yadvA tava dakSiNaH karo yadi tvAM bAdhate, tarhi taM karaM chittvA dUre nikSipa, yataH sarvvavapuSo narake nikSepAt ekAGgasya nAzo varaM| (Geenna g1067)
और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna g1067)
ye kAyaM hantuM zaknuvanti nAtmAnaM, tebhyo mA bhaiSTa; yaH kAyAtmAnau niraye nAzayituM, zaknoti, tato bibhIta| (Geenna g1067)
जो शरीर को मार सकते हैं, पर आत्मा को मार नहीं सकते, उनसे मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। (Geenna g1067)
aparaJca bata kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvadunnatosi, kintu narake nikSepsyase, yasmAt tvayi yAnyAzcaryyANi karmmaNyakAriSata, yadi tAni sidomnagara akAriSyanta, tarhi tadadya yAvadasthAsyat| (Hadēs g86)
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ्य के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता। (Hadēs g86)
yo manujasutasya viruddhAM kathAM kathayati, tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknoti, kintu yaH kazcit pavitrasyAtmano viruddhAM kathAM kathayati nehaloke na pretya tasyAparAdhasya kSamA bhavituM zaknoti| (aiōn g165)
जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में क्षमा किया जाएगा। (aiōn g165)
aparaM kaNTakAnAM madhye bIjAnyuptAni tadartha eSaH; kenacit kathAyAM zrutAyAM sAMsArikacintAbhi rbhrAntibhizca sA grasyate, tena sA mA viphalA bhavati| (aiōn g165)
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता। (aiōn g165)
vanyayavasAni pApAtmanaH santAnAH| yena ripuNA tAnyuptAni sa zayatAnaH, karttanasamayazca jagataH zeSaH, karttakAH svargIyadUtAH| (aiōn g165)
जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। (aiōn g165)
yathA vanyayavasAni saMgRhya dAhyante, tathA jagataH zeSe bhaviSyati; (aiōn g165)
अतः जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। (aiōn g165)
tathaiva jagataH zeSe bhaviSyati, phalataH svargIyadUtA Agatya puNyavajjanAnAM madhyAt pApinaH pRthak kRtvA vahnikuNDe nikSepsyanti, (aiōn g165)
जगत के अन्त में ऐसा ही होगा; स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धर्मियों से अलग करेंगे, (aiōn g165)
ato'haM tvAM vadAmi, tvaM pitaraH (prastaraH) ahaJca tasya prastarasyopari svamaNDalIM nirmmAsyAmi, tena nirayo balAt tAM parAjetuM na zakSyati| (Hadēs g86)
और मैं भी तुझ से कहता हूँ, कि तूपतरस है, और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। (Hadēs g86)
tasmAt tava karazcaraNo vA yadi tvAM bAdhate, tarhi taM chittvA nikSipa, dvikarasya dvipadasya vA tavAnaptavahnau nikSepAt, khaJjasya vA chinnahastasya tava jIvane pravezo varaM| (aiōnios g166)
“यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। (aiōnios g166)
aparaM tava netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tadapyutpAvya nikSipa, dvinetrasya narakAgnau nikSepAt kANasya tava jIvane pravezo varaM| (Geenna g1067)
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। (Geenna g1067)
aparam eka Agatya taM papraccha, he paramaguro, anantAyuH prAptuM mayA kiM kiM satkarmma karttavyaM? (aiōnios g166)
और एक मनुष्य ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, मैं कौन सा भला काम करूँ, कि अनन्त जीवन पाऊँ?” (aiōnios g166)
anyacca yaH kazcit mama nAmakAraNAt gRhaM vA bhrAtaraM vA bhaginIM vA pitaraM vA mAtaraM vA jAyAM vA bAlakaM vA bhUmiM parityajati, sa teSAM zataguNaM lapsyate, anantAyumo'dhikAritvaJca prApsyati| (aiōnios g166)
और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहनों या पिता या माता या बाल-बच्चों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा, और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा। (aiōnios g166)
tato mArgapArzva uDumbaravRkSamekaM vilokya tatsamIpaM gatvA patrANi vinA kimapi na prApya taM pAdapaM provAca, adyArabhya kadApi tvayi phalaM na bhavatu; tena tatkSaNAt sa uDumbaramAhIruhaH zuSkatAM gataH| (aiōn g165)
और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। (aiōn g165)
kaJcana prApya svato dviguNanarakabhAjanaM taM kurutha| (Geenna g1067)
“हे कपटी शास्त्रियों और फरीसियों तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है, तो उसे अपने से दुगना नारकीय बना देते हो। (Geenna g1067)
re bhujagAH kRSNabhujagavaMzAH, yUyaM kathaM narakadaNDAd rakSiSyadhve| (Geenna g1067)
हे साँपों, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे? (Geenna g1067)
anantaraM tasmin jaitunaparvvatopari samupaviSTe ziSyAstasya samIpamAgatya guptaM papracchuH, etA ghaTanAH kadA bhaviSyanti? bhavata Agamanasya yugAntasya ca kiM lakSma? tadasmAn vadatu| (aiōn g165)
और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (aiōn g165)
pazcAt sa vAmasthitAn janAn vadiSyati, re zApagrastAH sarvve, zaitAne tasya dUtebhyazca yo'nantavahnirAsAdita Aste, yUyaM madantikAt tamagniM gacchata| (aiōnios g166)
“तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, ‘हे श्रापित लोगों, मेरे सामने से उसअनन्त आगमें चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है। (aiōnios g166)
pazcAdamyanantazAstiM kintu dhArmmikA anantAyuSaM bhoktuM yAsyanti| (aiōnios g166)
और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” (aiōnios g166)
pazyata, jagadantaM yAvat sadAhaM yuSmAbhiH sAkaM tiSThAmi| iti| (aiōn g165)
और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगहूँ।” (aiōn g165)
kintu yaH kazcit pavitramAtmAnaM nindati tasyAparAdhasya kSamA kadApi na bhaviSyati sonantadaNDasyArho bhaviSyati| (aiōn g165, aiōnios g166)
परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” (aiōn g165, aiōnios g166)
ye janAH kathAM zRNvanti kintu sAMsArikI cintA dhanabhrAnti rviSayalobhazca ete sarvve upasthAya tAM kathAM grasanti tataH mA viphalA bhavati (aiōn g165)
(parallel missing)
Mark 4:19 (मरकुस ४:१९)
(parallel missing)
और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निष्फल रह जाता है। (aiōn g165)
Mark 9:43 (मरकुस ९:४३)
(parallel missing)
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna g1067)
yasmAt yatra kITA na mriyante vahnizca na nirvvAti, tasmin anirvvANAnalanarake karadvayavastava gamanAt karahInasya svargapravezastava kSemaM| (Geenna g1067)
(parallel missing)
Mark 9:45 (मरकुस ९:४५)
(parallel missing)
और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
yato yatra kITA na mriyante vahnizca na nirvvAti, tasmin 'nirvvANavahnau narake dvipAdavatastava nikSepAt pAdahInasya svargapravezastava kSemaM| (Geenna g1067)
(parallel missing)
Mark 9:47 (मरकुस ९:४७)
(parallel missing)
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। (Geenna g1067)
tasmina 'nirvvANavahnau narake dvinetrasya tava nikSepAd ekanetravata IzvararAjye pravezastava kSemaM| (Geenna g1067)
(parallel missing)
atha sa vartmanA yAti, etarhi jana eko dhAvan Agatya tatsammukhe jAnunI pAtayitvA pRSTavAn, bhoH paramaguro, anantAyuH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios g166)
और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
gRhabhrAtRbhaginIpitRmAtRpatnIsantAnabhUmInAmiha zataguNAn pretyAnantAyuzca na prApnoti tAdRzaH kopi nAsti| (aiōn g165, aiōnios g166)
और अबइस समयसौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहनों और माताओं और बाल-बच्चों और खेतों को, पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन। (aiōn g165, aiōnios g166)
adyArabhya kopi mAnavastvattaH phalaM na bhuJjIta; imAM kathAM tasya ziSyAH zuzruvuH| (aiōn g165)
इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके चेले सुन रहे थे। (aiōn g165)
tathA sa yAkUbo vaMzopari sarvvadA rAjatvaM kariSyati, tasya rAjatvasyAnto na bhaviSyati| (aiōn g165)
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn g165)
ibrAhImi ca tadvaMze yA dayAsti sadaiva tAM| smRtvA purA pitRNAM no yathA sAkSAt pratizrutaM| (aiōn g165)
(parallel missing)
Luke 1:55 (लूका १:५५)
(parallel missing)
जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn g165)
Luke 1:70 (लूका १:७०)
(parallel missing)
जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn g165)
sRSTeH prathamataH svIyaiH pavitrai rbhAvivAdibhiH| (aiōn g165)
(parallel missing)
atha bhUtA vinayena jagaduH, gabhIraM garttaM gantuM mAjJApayAsmAn| (Abyssos g12)
और उन्होंने उससे विनती की, “हमें अथाह गड्ढे में जाने की आज्ञा न दे।” (Abyssos g12)
he kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvad unnatA kintu narakaM yAvat nyagbhaviSyasi| (Hadēs g86)
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा। (Hadēs g86)
anantaram eko vyavasthApaka utthAya taM parIkSituM papraccha, he upadezaka anantAyuSaH prAptaye mayA kiM karaNIyaM? (aiōnios g166)
तब एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
tarhi kasmAd bhetavyam ityahaM vadAmi, yaH zarIraM nAzayitvA narakaM nikSeptuM zaknoti tasmAdeva bhayaM kuruta, punarapi vadAmi tasmAdeva bhayaM kuruta| (Geenna g1067)
मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna g1067)
tenaiva prabhustamayathArthakRtam adhIzaM tadbuddhinaipuNyAt prazazaMsa; itthaM dIptirUpasantAnebhya etatsaMsArasya santAnA varttamAnakAle'dhikabuddhimanto bhavanti| (aiōn g165)
“स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों मेंज्योति के लोगोंसे अधिक चतुर हैं। (aiōn g165)
ato vadAmi yUyamapyayathArthena dhanena mitrANi labhadhvaM tato yuSmAsu padabhraSTeSvapi tAni cirakAlam AzrayaM dAsyanti| (aiōnios g166)
और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। (aiōnios g166)
pazcAt sa dhanavAnapi mamAra, taM zmazAne sthApayAmAsuzca; kintu paraloke sa vedanAkulaH san UrddhvAM nirIkSya bahudUrAd ibrAhImaM tatkroDa iliyAsaraJca vilokya ruvannuvAca; (Hadēs g86)
औरअधोलोकमें उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा। (Hadēs g86)
aparam ekodhipatistaM papraccha, he paramaguro, anantAyuSaH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios g166)
किसी सरदार ने उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios g166)
iha kAle tato'dhikaM parakAle 'nantAyuzca na prApsyati loka IdRzaH kopi nAsti| (aiōn g165, aiōnios g166)
और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।” (aiōn g165, aiōnios g166)
tadA yIzuH pratyuvAca, etasya jagato lokA vivahanti vAgdattAzca bhavanti (aiōn g165)
यीशु ने उनसे कहा, “इस युग के सन्तानों में तो विवाह-शादी होती है, (aiōn g165)
kintu ye tajjagatprAptiyogyatvena gaNitAM bhaviSyanti zmazAnAccotthAsyanti te na vivahanti vAgdattAzca na bhavanti, (aiōn g165)
पर जो लोग इस योग्य ठहरेंगे, की उस युग को और मरे हुओं में से जी उठना प्राप्त करें, उनमें विवाह-शादी न होगी। (aiōn g165)
tasmAd yaH kazcit tasmin vizvasiSyati so'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios g166)
ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
Izvara itthaM jagadadayata yat svamadvitIyaM tanayaM prAdadAt tato yaH kazcit tasmin vizvasiSyati so'vinAzyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios g166)
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (aiōnios g166)
yaH kazcit putre vizvasiti sa evAnantam paramAyuH prApnoti kintu yaH kazcit putre na vizvasiti sa paramAyuSo darzanaM na prApnoti kintvIzvarasya kopabhAjanaM bhUtvA tiSThati| (aiōnios g166)
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।” (aiōnios g166)
kintu mayA dattaM pAnIyaM yaH pivati sa punaH kadApi tRSArtto na bhaviSyati| mayA dattam idaM toyaM tasyAntaH prasravaNarUpaM bhUtvA anantAyuryAvat sroSyati| (aiōn g165, aiōnios g166)
परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन्जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा, जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।” (aiōn g165, aiōnios g166)
yazchinatti sa vetanaM labhate anantAyuHsvarUpaM zasyaM sa gRhlAti ca, tenaiva vaptA chettA ca yugapad AnandataH| (aiōnios g166)
और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। (aiōnios g166)
yuSmAnAhaM yathArthataraM vadAmi yo jano mama vAkyaM zrutvA matprerake vizvasiti sonantAyuH prApnoti kadApi daNDabAjanaM na bhavati nidhanAdutthAya paramAyuH prApnoti| (aiōnios g166)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (aiōnios g166)
dharmmapustakAni yUyam AlocayadhvaM tai rvAkyairanantAyuH prApsyAma iti yUyaM budhyadhve taddharmmapustakAni madarthe pramANaM dadati| (aiōnios g166)
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है; (aiōnios g166)
kSayaNIyabhakSyArthaM mA zrAmiSTa kintvantAyurbhakSyArthaM zrAmyata, tasmAt tAdRzaM bhakSyaM manujaputro yuSmAbhyaM dAsyati; tasmin tAta IzvaraH pramANaM prAdAt| (aiōnios g166)
नाशवान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात् परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।” (aiōnios g166)
yaH kazcin mAnavasutaM vilokya vizvasiti sa zeSadine mayotthApitaH san anantAyuH prApsyati iti matprerakasyAbhimataM| (aiōnios g166)
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” (aiōnios g166)
ahaM yuSmAn yathArthataraM vadAmi yo jano mayi vizvAsaM karoti sonantAyuH prApnoti| (aiōnios g166)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है। (aiōnios g166)
yajjIvanabhakSyaM svargAdAgacchat sohameva idaM bhakSyaM yo jano bhuGktte sa nityajIvI bhaviSyati| punazca jagato jIvanArthamahaM yat svakIyapizitaM dAsyAmi tadeva mayA vitaritaM bhakSyam| (aiōn g165)
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।” (aiōn g165)
yo mamAmiSaM svAdati mama sudhiraJca pivati sonantAyuH prApnoti tataH zeSe'hni tamaham utthApayiSyAmi| (aiōnios g166)
जो मेरा माँस खाता, और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अन्तिम दिन फिर उसे जिला उठाऊँगा। (aiōnios g166)
yadbhakSyaM svargAdAgacchat tadidaM yanmAnnAM svAditvA yuSmAkaM pitaro'mriyanta tAdRzam idaM bhakSyaM na bhavati idaM bhakSyaM yo bhakSati sa nityaM jIviSyati| (aiōn g165)
जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, पूर्वजों के समान नहीं कि खाया, और मर गए; जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।” (aiōn g165)
tataH zimon pitaraH pratyavocat he prabho kasyAbhyarNaM gamiSyAmaH? (aiōnios g166)
शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, हम किसके पास जाएँ? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। (aiōnios g166)
dAsazca nirantaraM nivezane na tiSThati kintu putro nirantaraM tiSThati| (aiōn g165)
और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। (aiōn g165)
ahaM yuSmabhyam atIva yathArthaM kathayAmi yo naro madIyaM vAcaM manyate sa kadAcana nidhanaM na drakSyati| (aiōn g165)
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु को न देखेगा।” (aiōn g165)
yihUdIyAstamavadan tvaM bhUtagrasta itIdAnIm avaiSma| ibrAhIm bhaviSyadvAdinaJca sarvve mRtAH kintu tvaM bhASase yo naro mama bhAratIM gRhlAti sa jAtu nidhAnAsvAdaM na lapsyate| (aiōn g165)
लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ (aiōn g165)
kopi manuSyo janmAndhAya cakSuSI adadAt jagadArambhAd etAdRzIM kathAM kopi kadApi nAzRNot| (aiōn g165)
जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अंधे की आँखें खोली हों। (aiōn g165)
ahaM tebhyo'nantAyu rdadAmi, te kadApi na naMkSyanti kopi mama karAt tAn harttuM na zakSyati| (aiōn g165, aiōnios g166)
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। (aiōn g165, aiōnios g166)
yaH kazcana ca jIvan mayi vizvasiti sa kadApi na mariSyati, asyAM kathAyAM kiM vizvasiSi? (aiōn g165)
और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (aiōn g165)
yo jane nijaprANAn priyAn jAnAti sa tAn hArayiSyati kintu ye jana ihaloke nijaprANAn apriyAn jAnAti senantAyuH prAptuM tAn rakSiSyati| (aiōnios g166)
जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। (aiōnios g166)
tadA lokA akathayan sobhiSiktaH sarvvadA tiSThatIti vyavasthAgranthe zrutam asmAbhiH, tarhi manuSyaputraH protthApito bhaviSyatIti vAkyaM kathaM vadasi? manuSyaputroyaM kaH? (aiōn g165)
इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (aiōn g165)
tasya sAjJA anantAyurityahaM jAnAmi, ataevAhaM yat kathayAmi tat pitA yathAjJApayat tathaiva kathayAmyaham| (aiōnios g166)
और मैं जानता हूँ, कि उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिए मैं जो बोलता हूँ, वह जैसा पिता ने मुझसे कहा है वैसा ही बोलता हूँ।” (aiōnios g166)
tataH pitaraH kathitavAn bhavAn kadApi mama pAdau na prakSAlayiSyati| yIzurakathayad yadi tvAM na prakSAlaye tarhi mayi tava kopyaMzo nAsti| (aiōn g165)
पतरस ने उससे कहा, “तू मेरे पाँव कभी न धोने पाएगा!” यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “यदि मैं तुझे न धोऊँ, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी भाग नहीं।” (aiōn g165)
tato mayA pituH samIpe prArthite pitA nirantaraM yuSmAbhiH sArddhaM sthAtum itaramekaM sahAyam arthAt satyamayam AtmAnaM yuSmAkaM nikaTaM preSayiSyati| (aiōn g165)
औरमैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (aiōn g165)
tvaM yollokAn tasya haste samarpitavAn sa yathA tebhyo'nantAyu rdadAti tadarthaM tvaM prANimAtrANAm adhipatitvabhAraM tasmai dattavAn| (aiōnios g166)
क्योंकि तूने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तूने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। (aiōnios g166)
yastvam advitIyaH satya IzvarastvayA preritazca yIzuH khrISTa etayorubhayoH paricaye prApte'nantAyu rbhavati| (aiōnios g166)
और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें। (aiōnios g166)
paraloke yato hetostvaM mAM naiva hi tyakSyasi| svakIyaM puNyavantaM tvaM kSayituM naiva dAsyasi| evaM jIvanamArgaM tvaM mAmeva darzayiSyasi| (Hadēs g86)
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने देगा! (Hadēs g86)
iti jJAtvA dAyUd bhaviSyadvAdI san bhaviSyatkAlIyajJAnena khrISTotthAne kathAmimAM kathayAmAsa yathA tasyAtmA paraloke na tyakSyate tasya zarIraJca na kSeSyati; (Hadēs g86)
उसने होनेवाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की, कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उसकी देह सड़ने पाई। (Hadēs g86)
kintu jagataH sRSTimArabhya Izvaro nijapavitrabhaviSyadvAdigaNona yathA kathitavAn tadanusAreNa sarvveSAM kAryyANAM siddhiparyyantaM tena svarge vAsaH karttavyaH| (aiōn g165)
अवश्य है कि वह स्वर्ग में उस समय तक रहे जब तक कि वह सब बातों का सुधार न कर ले जिसकी चर्चा प्राचीनकाल से परमेश्वर ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के मुख से की है। (aiōn g165)
tataH paulabarNabbAvakSobhau kathitavantau prathamaM yuSmAkaM sannidhAvIzvarIyakathAyAH pracAraNam ucitamAsIt kintuM tadagrAhyatvakaraNena yUyaM svAn anantAyuSo'yogyAn darzayatha, etatkAraNAd vayam anyadezIyalokAnAM samIpaM gacchAmaH| (aiōnios g166)
तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios g166)
tadA kathAmIdRzIM zrutvA bhinnadezIyA AhlAditAH santaH prabhoH kathAM dhanyAM dhanyAm avadan, yAvanto lokAzca paramAyuH prAptinimittaM nirUpitA Asan te vyazvasan| (aiōnios g166)
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios g166)
A prathamAd IzvaraH svIyAni sarvvakarmmANi jAnAti| (aiōn g165)
यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।’ (aiōn g165)
phalatastasyAnantazaktIzvaratvAdInyadRzyAnyapi sRSTikAlam Arabhya karmmasu prakAzamAnAni dRzyante tasmAt teSAM doSaprakSAlanasya panthA nAsti| (aïdios g126)
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहाँ तक कि वे निरुत्तर हैं। (aïdios g126)
itthaM ta Izvarasya satyatAM vihAya mRSAmatam AzritavantaH saccidAnandaM sRSTikarttAraM tyaktvA sRSTavastunaH pUjAM sevAJca kRtavantaH; (aiōn g165)
(parallel missing)
Romans 1:25 (रोमियों १:२५)
(parallel missing)
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन। (aiōn g165)
vastutastu ye janA dhairyyaM dhRtvA satkarmma kurvvanto mahimA satkAro'maratvaJcaitAni mRgayante tebhyo'nantAyu rdAsyati| (aiōnios g166)
जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा; (aiōnios g166)
tena mRtyunA yadvat pApasya rAjatvam abhavat tadvad asmAkaM prabhuyIzukhrISTadvArAnantajIvanadAyipuNyenAnugrahasya rAjatvaM bhavati| (aiōnios g166)
कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे। (aiōnios g166)
kintu sAmprataM yUyaM pApasevAto muktAH santa Izvarasya bhRtyA'bhavata tasmAd yuSmAkaM pavitratvarUpaM labhyam anantajIvanarUpaJca phalam Aste| (aiōnios g166)
परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
yataH pApasya vetanaM maraNaM kintvasmAkaM prabhuNA yIzukhrISTenAnantajIvanam IzvaradattaM pAritoSikam Aste| (aiōnios g166)
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
tat kevalaM nahi kintu sarvvAdhyakSaH sarvvadA saccidAnanda Izvaro yaH khrISTaH so'pi zArIrikasambandhena teSAM vaMzasambhavaH| (aiōn g165)
पूर्वज भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन। (aiōn g165)
ko vA pretalokam avaruhya khrISTaM mRtagaNamadhyAd AneSyatIti vAk manasi tvayA na gaditavyA| (Abyssos g12)
या “अधोलोक में कौन उतरेगा?” (अर्थात् मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!) (Abyssos g12)
IzvaraH sarvvAn prati kRpAM prakAzayituM sarvvAn avizvAsitvena gaNayati| (eleēsē g1653)
क्योंकि परमेश्वर ने सब को आज्ञा न मानने के कारण बन्द कर रखा है ताकि वह सब पर दया करे। (eleēsē g1653)
yato vastumAtrameva tasmAt tena tasmai cAbhavat tadIyo mahimA sarvvadA prakAzito bhavatu| iti| (aiōn g165)
क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
aparaM yUyaM sAMsArikA iva mAcarata, kintu svaM svaM svabhAvaM parAvartya nUtanAcAriNo bhavata, tata Izvarasya nidezaH kIdRg uttamo grahaNIyaH sampUrNazceti yuSmAbhiranubhAviSyate| (aiōn g165)
और इस संसार के सदृश्य न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। (aiōn g165)
pUrvvakAlikayugeSu pracchannA yA mantraNAdhunA prakAzitA bhUtvA bhaviSyadvAdilikhitagranthagaNasya pramANAd vizvAsena grahaNArthaM sadAtanasyezvarasyAjJayA sarvvadezIyalokAn jJApyate, (aiōnios g166)
अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा। (aiōnios g166)
tasyA mantraNAyA jJAnaM labdhvA mayA yaH susaMvAdo yIzukhrISTamadhi pracAryyate, tadanusArAd yuSmAn dharmme susthirAn karttuM samartho yo'dvitIyaH (aiōnios g166)
परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ। (aiōnios g166)
sarvvajJa Izvarastasya dhanyavAdo yIzukhrISTena santataM bhUyAt| iti| (aiōn g165)
उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
jJAnI kutra? zAstrI vA kutra? ihalokasya vicAratatparo vA kutra? ihalokasya jJAnaM kimIzvareNa mohIkRtaM nahi? (aiōn g165)
कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? (aiōn g165)
vayaM jJAnaM bhASAmahe tacca siddhalokai rjJAnamiva manyate, tadihalokasya jJAnaM nahi, ihalokasya nazvarANAm adhipatInAM vA jJAnaM nahi; (aiōn g165)
फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होनेवाले हाकिमों का ज्ञान नहीं; (aiōn g165)
kintu kAlAvasthAyAH pUrvvasmAd yat jJAnam asmAkaM vibhavArtham IzvareNa nizcitya pracchannaM tannigUDham IzvarIyajJAnaM prabhASAmahe| (aiōn g165)
परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। (aiōn g165)
ihalokasyAdhipatInAM kenApi tat jJAnaM na labdhaM, labdhe sati te prabhAvaviziSTaM prabhuM kruze nAhaniSyan| (aiōn g165)
जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते। (aiōn g165)
kopi svaM na vaJcayatAM| yuSmAkaM kazcana cedihalokasya jJAnena jJAnavAnahamiti budhyate tarhi sa yat jJAnI bhavet tadarthaM mUDho bhavatu| (aiōn g165)
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आपको ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। (aiōn g165)
ato hetoH pizitAzanaM yadi mama bhrAtu rvighnasvarUpaM bhavet tarhyahaM yat svabhrAtu rvighnajanako na bhaveyaM tadarthaM yAvajjIvanaM pizitaM na bhokSye| (aiōn g165)
इस कारण यदि भोजन मेरे भाई को ठोकर खिलाएँ, तो मैं कभी किसी रीति से माँस न खाऊँगा, न हो कि मैं अपने भाई के ठोकर का कारण बनूँ। (aiōn g165)
tAn prati yAnyetAni jaghaTire tAnyasmAkaM nidarzanAni jagataH zeSayuge varttamAnAnAm asmAkaM zikSArthaM likhitAni ca babhUvuH| (aiōn g165)
परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ीं, दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं। (aiōn g165)
mRtyo te kaNTakaM kutra paraloka jayaH kka te|| (Hadēs g86)
हे मृत्यु तेरी जय कहाँ रहीं? हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs g86)
yata Izvarasya pratimUrtti ryaH khrISTastasya tejasaH susaMvAdasya prabhA yat tAn na dIpayet tadartham iha lokasya devo'vizvAsinAM jJAnanayanam andhIkRtavAn etasyodAharaNaM te bhavanti| (aiōn g165)
और उन अविश्वासियों के लिये, जिनकी बुद्धि इस संसार के ईश्वर ने अंधी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। (aiōn g165)
kSaNamAtrasthAyi yadetat laghiSThaM duHkhaM tad atibAhulyenAsmAkam anantakAlasthAyi gariSThasukhaM sAdhayati, (aiōnios g166)
क्योंकि हमारा पल भर का हलका सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। (aiōnios g166)
yato vayaM pratyakSAn viSayAn anuddizyApratyakSAn uddizAmaH| yato hetoH pratyakSaviSayAH kSaNamAtrasthAyinaH kintvapratyakSA anantakAlasthAyinaH| (aiōnios g166)
और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं। (aiōnios g166)
aparam asmAkam etasmin pArthive dUSyarUpe vezmani jIrNe satIzvareNa nirmmitam akarakRtam asmAkam anantakAlasthAyi vezmaikaM svarge vidyata iti vayaM jAnImaH| (aiōnios g166)
क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (aiōnios g166)
etasmin likhitamAste, yathA, vyayate sa jano rAyaM durgatebhyo dadAti ca| nityasthAyI ca taddharmmaH (aiōn g165)
जैसा लिखा है, “उसने बिखेरा, उसने गरीबों को दान दिया, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी।” (aiōn g165)
mayA mRSAvAkyaM na kathyata iti nityaM prazaMsanIyo'smAkaM prabho ryIzukhrISTasya tAta Izvaro jAnAti| (aiōn g165)
प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। (aiōn g165)
asmAkaM tAtezvaresyecchAnusAreNa varttamAnAt kutsitasaMsArAd asmAn nistArayituM yo (aiōn g165)
उसी ने अपने आपको हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। (aiōn g165)
yIzurasmAkaM pApahetorAtmotsargaM kRtavAn sa sarvvadA dhanyo bhUyAt| tathAstu| (aiōn g165)
उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
svazarIrArthaM yena bIjam upyate tena zarIrAd vinAzarUpaM zasyaM lapsyate kintvAtmanaH kRte yena bIjam upyate tenAtmato'nantajIvitarUpaM zasyaM lapsyate| (aiōnios g166)
क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (aiōnios g166)
adhipatitvapadaM zAsanapadaM parAkramo rAjatvaJcetinAmAni yAvanti padAnIha loke paraloke ca vidyante teSAM sarvveSAm Urddhve svarge nijadakSiNapArzve tam upavezitavAn, (aiōn g165)
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ्य, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया; (aiōn g165)
purA yUyam aparAdhaiH pApaizca mRtAH santastAnyAcaranta ihalokasya saMsArAnusAreNAkAzarAjyasyAdhipatim (aiōn g165)
(parallel missing)
Ephesians 2:2 (इफिसियों २:२)
(parallel missing)
जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है। (aiōn g165)
itthaM sa khrISTena yIzunAsmAn prati svahitaiSitayA bhAviyugeSu svakIyAnugrahasyAnupamaM nidhiM prakAzayitum icchati| (aiōn g165)
कि वह अपनी उस दया से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। (aiōn g165)
kAlAvasthAtaH pUrvvasmAcca yo nigUDhabhAva Izvare gupta AsIt tadIyaniyamaM sarvvAn jJApayAmi| (aiōn g165)
और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। (aiōn g165)
Ephesians 3:11 (इफिसियों ३:११)
(parallel missing)
उस सनातन मनसा के अनुसार जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। (aiōn g165)
prAptavantastamasmAkaM prabhuM yIzuM khrISTamadhi sa kAlAvasthAyAH pUrvvaM taM manorathaM kRtavAn| (aiōn g165)
(parallel missing)
khrISTayIzunA samite rmadhye sarvveSu yugeSu tasya dhanyavAdo bhavatu| iti| (aiōn g165)
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उसकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
yataH kevalaM raktamAMsAbhyAm iti nahi kintu kartRtvaparAkramayuktaistimirarAjyasyehalokasyAdhipatibhiH svargodbhavai rduSTAtmabhireva sArddham asmAbhi ryuddhaM kriyate| (aiōn g165)
क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लहू और माँस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अंधकार के शासकों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। (aiōn g165)
asmAkaM piturIzvarasya dhanyavAdo'nantakAlaM yAvad bhavatu| Amen| (aiōn g165)
हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
tat nigUDhaM vAkyaM pUrvvayugeSu pUrvvapuruSebhyaH pracchannam AsIt kintvidAnIM tasya pavitralokAnAM sannidhau tena prAkAzyata| (aiōn g165)
अर्थात् उस भेद को जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। (aiōn g165)
te ca prabho rvadanAt parAkramayuktavibhavAcca sadAtanavinAzarUpaM daNDaM lapsyante, (aiōnios g166)
वे प्रभु के सामने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे। (aiōnios g166)
asmAkaM prabhu ryIzukhrISTastAta IzvarazcArthato yo yuSmAsu prema kRtavAn nityAJca sAntvanAm anugraheNottamapratyAzAJca yuSmabhyaM dattavAn (aiōnios g166)
हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है। (aiōnios g166)
teSAM pApinAM madhye'haM prathama AsaM kintu ye mAnavA anantajIvanaprAptyarthaM tasmin vizvasiSyanti teSAM dRSTAnte mayi prathame yIzunA khrISTena svakIyA kRtsnA cirasahiSNutA yat prakAzyate tadarthamevAham anukampAM prAptavAn| (aiōnios g166)
पर मुझ पर इसलिए दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ। (aiōnios g166)
anAdirakSayo'dRzyo rAjA yo'dvitIyaH sarvvajJa Izvarastasya gauravaM mahimA cAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
vizvAsarUpam uttamayuddhaM kuru, anantajIvanam Alambasva yatastadarthaM tvam AhUto 'bhavaH, bahusAkSiNAM samakSaJcottamAM pratijJAM svIkRtavAn| (aiōnios g166)
विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिसके लिये तू बुलाया गया, और बहुत गवाहों के सामने अच्छा अंगीकार किया था। (aiōnios g166)
amaratAyA advitIya AkaraH, agamyatejonivAsI, marttyAnAM kenApi na dRSTaH kenApi na dRzyazca| tasya gauravaparAkramau sadAtanau bhUyAstAM| Amen| (aiōnios g166)
और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। (aiōnios g166)
ihaloke ye dhaninaste cittasamunnatiM capale dhane vizvAsaJca na kurvvatAM kintu bhogArtham asmabhyaM pracuratvena sarvvadAtA (aiōn g165)
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और अनिश्चित धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। (aiōn g165)
so'smAn paritrANapAtrANi kRtavAn pavitreNAhvAnenAhUtavAMzca; asmatkarmmahetuneti nahi svIyanirUpANasya prasAdasya ca kRte tat kRtavAn| sa prasAdaH sRSTeH pUrvvakAle khrISTena yIzunAsmabhyam adAyi, (aiōnios g166)
जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है; जो मसीह यीशु में अनादिकाल से हम पर हुआ है। (aiōnios g166)
khrISTena yIzunA yad anantagauravasahitaM paritrANaM jAyate tadabhirucitai rlokairapi yat labhyeta tadarthamahaM teSAM nimittaM sarvvANyetAni sahe| (aiōnios g166)
इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूँ, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएँ। (aiōnios g166)
yato dImA aihikasaMsAram IhamAno mAM parityajya thiSalanIkIM gatavAn tathA krISki rgAlAtiyAM gatavAn tItazca dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn g165)
क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। (aiōn g165)
aparaM sarvvasmAd duSkarmmataH prabhu rmAm uddhariSyati nijasvargIyarAjyaM netuM mAM tArayiSyati ca| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
anantajIvanasyAzAto jAtAyA Izvarabhakte ryogyasya satyamatasya yat tatvajJAnaM yazca vizvAsa IzvarasyAbhirucitalokai rlabhyate tadarthaM (aiōnios g166)
(parallel missing)
Titus 1:2 (तीतुस १:२)
(parallel missing)
उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है, (aiōnios g166)
sa cAsmAn idaM zikSyati yad vayam adharmmaM sAMsArikAbhilASAMzcAnaGgIkRtya vinItatvena nyAyenezvarabhaktyA cehaloke Ayu ryApayAmaH, (aiōn g165)
और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धार्मिकता से और भक्ति से जीवन बिताएँ; (aiōn g165)
itthaM vayaM tasyAnugraheNa sapuNyIbhUya pratyAzayAnantajIvanasyAdhikAriNo jAtAH| (aiōnios g166)
जिससे हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। (aiōnios g166)
ko jAnAti kSaNakAlArthaM tvattastasya vicchedo'bhavad etasyAyam abhiprAyo yat tvam anantakAlArthaM taM lapsyase (aiōnios g166)
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। (aiōnios g166)
sa etasmin zeSakAle nijaputreNAsmabhyaM kathitavAn| sa taM putraM sarvvAdhikAriNaM kRtavAn tenaiva ca sarvvajaganti sRSTavAn| (aiōn g165)
पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn g165)
kintu putramuddizya tenoktaM, yathA, "he Izvara sadA sthAyi tava siMhAsanaM bhavet| yAthArthyasya bhaveddaNDo rAjadaNDastvadIyakaH| (aiōn g165)
परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn g165)
tadvad anyagIte'pIdamuktaM, tvaM malkISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH| (aiōn g165)
इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” (aiōn g165)
itthaM siddhIbhUya nijAjJAgrAhiNAM sarvveSAm anantaparitrANasya kAraNasvarUpo 'bhavat| (aiōnios g166)
और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदाकाल के उद्धार का कारण हो गया। (aiōnios g166)
anantakAlasthAyivicArAjJA caitaiH punarbhittimUlaM na sthApayantaH khrISTaviSayakaM prathamopadezaM pazcAtkRtya siddhiM yAvad agrasarA bhavAma| (aiōnios g166)
और बपतिस्मा और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अनन्त न्याय की शिक्षारूपी नींव, फिर से न डालें। (aiōnios g166)
Izvarasya suvAkyaM bhAvikAlasya zaktiJcAsvaditavantazca te bhraSTvA yadi (aiōn g165)
और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं। (aiōn g165)
tatraivAsmAkam agrasaro yIzuH pravizya malkISedakaH zreNyAM nityasthAyI yAjako'bhavat| (aiōn g165)
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदाकाल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है। (aiōn g165)
yata Izvara idaM sAkSyaM dattavAn, yathA, "tvaM maklISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH|" (aiōn g165)
क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।” (aiōn g165)
Hebrews 7:21 (इब्रानियों ७:२१)
(parallel missing)
क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उसकी ओर से नियुक्त किया गया जिसने उसके विषय में कहा, “प्रभु ने शपथ खाई, और वह उससे फिर न पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है।” (aiōn g165)
"parameza idaM zepe na ca tasmAnnivartsyate| tvaM malkISedakaH zreNyAM yAjako'si sadAtanaH|" (aiōn g165)
(parallel missing)
kintvasAvanantakAlaM yAvat tiSThati tasmAt tasya yAjakatvaM na parivarttanIyaM| (aiōn g165)
पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजकपद अटल है। (aiōn g165)
yato vyavasthayA ye mahAyAjakA nirUpyante te daurbbalyayuktA mAnavAH kintu vyavasthAtaH paraM zapathayuktena vAkyena yo mahAyAjako nirUpitaH so 'nantakAlArthaM siddhaH putra eva| (aiōn g165)
क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्र को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है। (aiōn g165)
chAgAnAM govatsAnAM vA rudhiram anAdAya svIyarudhiram AdAyaikakRtva eva mahApavitrasthAnaM pravizyAnantakAlikAM muktiM prAptavAn| (aiōnios g166)
और बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं, पर अपने ही लहू के द्वारा एक ही बार पवित्रस्थान में प्रवेश किया, और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया। (aiōnios g166)
tarhi kiM manyadhve yaH sadAtanenAtmanA niSkalaGkabalimiva svamevezvarAya dattavAn, tasya khrISTasya rudhireNa yuSmAkaM manAMsyamarezvarasya sevAyai kiM mRtyujanakebhyaH karmmabhyo na pavitrIkAriSyante? (aiōnios g166)
तो मसीह का लहू जिसने अपने आपको सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीविते परमेश्वर की सेवा करो। (aiōnios g166)
sa nUtananiyamasya madhyastho'bhavat tasyAbhiprAyo'yaM yat prathamaniyamalaGghanarUpapApebhyo mRtyunA muktau jAtAyAm AhUtalokA anantakAlIyasampadaH pratijJAphalaM labheran| (aiōnios g166)
और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त विरासत को प्राप्त करें। (aiōnios g166)
karttavye sati jagataH sRSTikAlamArabhya bahuvAraM tasya mRtyubhoga Avazyako'bhavat; kintvidAnIM sa AtmotsargeNa pApanAzArtham ekakRtvo jagataH zeSakAle pracakAze| (aiōn g165)
नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार बार दुःख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे। (aiōn g165)
aparam Izvarasya vAkyena jagantyasRjyanta, dRSTavastUni ca pratyakSavastubhyo nodapadyantaitad vayaM vizvAsena budhyAmahe| (aiōn g165)
विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। (aiōn g165)
yIzuH khrISTaH zvo'dya sadA ca sa evAste| (aiōn g165)
यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक-सा है। (aiōn g165)
anantaniyamasya rudhireNa viziSTo mahAn meSapAlako yena mRtagaNamadhyAt punarAnAyi sa zAntidAyaka Izvaro (aiōnios g166)
अब शान्तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लहू के गुण से मरे हुओं में से जिलाकर ले आया, (aiōnios g166)
nijAbhimatasAdhanAya sarvvasmin satkarmmaNi yuSmAn siddhAn karotu, tasya dRSTau ca yadyat tuSTijanakaM tadeva yuSmAkaM madhye yIzunA khrISTena sAdhayatu| tasmai mahimA sarvvadA bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
तुम्हें हर एक भली बात में सिद्ध करे, जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में पूरा करे, उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
rasanApi bhaved vahniradharmmarUpapiSTape| asmadaGgeSu rasanA tAdRzaM santiSThati sA kRtsnaM dehaM kalaGkayati sRSTirathasya cakraM prajvalayati narakAnalena jvalati ca| (Geenna g1067)
जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। (Geenna g1067)
yasmAd yUyaM kSayaNIyavIryyAt nahi kintvakSayaNIyavIryyAd Izvarasya jIvanadAyakena nityasthAyinA vAkyena punarjanma gRhItavantaH| (aiōn g165)
क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (aiōn g165)
kintu vAkyaM parezasyAnantakAlaM vitiSThate| tadeva ca vAkyaM susaMvAdena yuSmAkam antike prakAzitaM| (aiōn g165)
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn g165)
yo vAkyaM kathayati sa Izvarasya vAkyamiva kathayatu yazca param upakaroti sa IzvaradattasAmarthyAdivopakarotu| sarvvaviSaye yIzukhrISTenezvarasya gauravaM prakAzyatAM tasyaiva gauravaM parAkramazca sarvvadA bhUyAt| Amena| (aiōn g165)
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले मानो परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे, तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिससे सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो। महिमा और सामर्थ्य युगानुयुग उसी की है। आमीन। (aiōn g165)
kSaNikaduHkhabhogAt param asmabhyaM khrISTena yIzunA svakIyAnantagauravadAnArthaM yo'smAn AhUtavAn sa sarvvAnugrAhIzvaraH svayaM yuSmAn siddhAn sthirAn sabalAn nizcalAMzca karotu| (aiōnios g166)
अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा। (aiōnios g166)
tasya gauravaM parAkramazcAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
yato 'nena prakAreNAsmAkaM prabhostrAtR ryIzukhrISTasyAnantarAjyasya pravezena yUyaM sukalena yojayiSyadhve| (aiōnios g166)
वरन् इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। (aiōnios g166)
IzvaraH kRtapApAn dUtAn na kSamitvA timirazRGkhalaiH pAtAle ruddhvA vicArArthaM samarpitavAn| (Tartaroō g5020)
क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō g5020)
kintvasmAkaM prabhostrAtu ryIzukhrISTasyAnugrahe jJAne ca varddhadhvaM| tasya gauravam idAnIM sadAkAlaJca bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
sa jIvanasvarUpaH prakAzata vayaJca taM dRSTavantastamadhi sAkSyaM dadmazca, yazca pituH sannidhAvavarttatAsmAkaM samIpe prakAzata ca tam anantajIvanasvarUpaM vayaM yuSmAn jJApayAmaH| (aiōnios g166)
(यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। (aiōnios g166)
saMsArastadIyAbhilASazca vyatyeti kintu ya IzvarasyeSTaM karoti so 'nantakAlaM yAvat tiSThati| (aiōn g165)
संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा। (aiōn g165)
sa ca pratijJayAsmabhyaM yat pratijJAtavAn tad anantajIvanaM| (aiōnios g166)
और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
yaH kazcit svabhrAtaraM dveSTi saM naraghAtI kiJcAnantajIvanaM naraghAtinaH kasyApyantare nAvatiSThate tad yUyaM jAnItha| (aiōnios g166)
जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। (aiōnios g166)
tacca sAkSyamidaM yad Izvaro 'smabhyam anantajIvanaM dattavAn tacca jIvanaM tasya putre vidyate| (aiōnios g166)
और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। (aiōnios g166)
Izvaraputrasya nAmni yuSmAn pratyetAni mayA likhitAni tasyAbhiprAyo 'yaM yad yUyam anantajIvanaprAptA iti jAnIyAta tasyezvaraputrasya nAmni vizvaseta ca| (aiōnios g166)
मैंने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। (aiōnios g166)
aparam Izvarasya putra AgatavAn vayaJca yayA tasya satyamayasya jJAnaM prApnuyAmastAdRzIM dhiyam asmabhyaM dattavAn iti jAnImastasmin satyamaye 'rthatastasya putre yIzukhrISTe tiSThAmazca; sa eva satyamaya Izvaro 'nantajIvanasvarUpazcAsti| (aiōnios g166)
और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। (aiōnios g166)
satyamatAd yuSmAsu mama premAsti kevalaM mama nahi kintu satyamatajJAnAM sarvveSAmeva| yataH satyamatam asmAsu tiSThatyanantakAlaM yAvaccAsmAsu sthAsyati| (aiōn g165)
वह सत्य जो हम में स्थिर रहता है, और सर्वदा हमारे साथ अटल रहेगा; (aiōn g165)
ye ca svargadUtAH svIyakartRtvapade na sthitvA svavAsasthAnaM parityaktavantastAn sa mahAdinasya vicArArtham andhakAramaye 'dhaHsthAne sadAsthAyibhi rbandhanairabadhnAt| (aïdios g126)
फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है। (aïdios g126)
aparaM sidomam amorA tannikaTasthanagarANi caiteSAM nivAsinastatsamarUpaM vyabhicAraM kRtavanto viSamamaithunasya ceSTayA vipathaM gatavantazca tasmAt tAnyapi dRSTAntasvarUpANi bhUtvA sadAtanavahninA daNDaM bhuJjate| (aiōnios g166)
जिस रीति से सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगर, जो इनके समान व्यभिचारी हो गए थे और पराए शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं। (aiōnios g166)
svakIyalajjApheNodvamakAH pracaNDAH sAmudrataraGgAH sadAkAlaM yAvat ghoratimirabhAgIni bhramaNakArINi nakSatrANi ca bhavanti| (aiōn g165)
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (aiōn g165)
Izvarasya premnA svAn rakSata, anantajIvanAya cAsmAkaM prabho ryIzukhrISTasya kRpAM pratIkSadhvaM| (aiōnios g166)
अपने आपको परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। (aiōnios g166)
yo 'smAkam advitIyastrANakarttA sarvvajJa Izvarastasya gauravaM mahimA parAkramaH kartRtvaJcedAnIm anantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
उस एकमात्र परमेश्वर के लिए, हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
yo 'smAsu prItavAn svarudhireNAsmAn svapApebhyaH prakSAlitavAn tasya piturIzvarasya yAjakAn kRtvAsmAn rAjavarge niyuktavAMzca tasmin mahimA parAkramazcAnantakAlaM yAvad varttatAM| Amen| (aiōn g165)
और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn g165)
aham amarastathApi mRtavAn kintu pazyAham anantakAlaM yAvat jIvAmi| Amen| mRtyoH paralokasya ca kuJjikA mama hastagatAH| (aiōn g165, Hadēs g86)
मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुँजियाँ मेरे ही पास हैं। (aiōn g165, Hadēs g86)
itthaM taiH prANibhistasyAnantajIvinaH siMhAsanopaviSTasya janasya prabhAve gaurave dhanyavAde ca prakIrttite (aiōn g165)
और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (aiōn g165)
te caturviMzatiprAcInA api tasya siMhAsanopaviSTasyAntike praNinatya tam anantajIvinaM praNamanti svIyakirITAMzca siMhAsanasyAntike nikSipya vadanti, (aiōn g165)
तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे, (aiōn g165)
aparaM svargamarttyapAtAlasAgareSu yAni vidyante teSAM sarvveSAM sRSTavastUnAM vAgiyaM mayA zrutA, prazaMsAM gauravaM zauryyam AdhipatyaM sanAtanaM| siMhasanopaviSTazca meSavatsazca gacchatAM| (aiōn g165)
फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब रची हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उनमें हैं, यह कहते सुना, “जो सिंहासन पर बैठा है, उसकी, और मेम्ने की स्तुति, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।” (aiōn g165)
tataH pANDuravarNa eko 'zvo mayA dRSTaH, tadArohiNo nAma mRtyuriti paralokazca tam anucarati khaGgena durbhikSeNa mahAmAryyA vanyapazubhizca lokAnAM badhAya pRthivyAzcaturthAMzasyAdhipatyaM tasmA adAyi| (Hadēs g86)
मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (Hadēs g86)
tathAstu dhanyavAdazca tejo jJAnaM prazaMsanaM| zauryyaM parAkramazcApi zaktizca sarvvameva tat| varttatAmIzvare'smAkaM nityaM nityaM tathAstviti| (aiōn g165)
“आमीन, हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।” (aiōn g165)
tataH paraM saptamadUtena tUryyAM vAditAyAM gaganAt pRthivyAM nipatita ekastArako mayA dRSTaH, tasmai rasAtalakUpasya kuJjikAdAyi| (Abyssos g12)
जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैंने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुँजी दी गई। (Abyssos g12)
tena rasAtalakUpe mukte mahAgnikuNDasya dhUma iva dhUmastasmAt kUpAd udgataH| tasmAt kUpadhUmAt sUryyAkAzau timirAvRtau| (Abyssos g12)
उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (Abyssos g12)
teSAM rAjA ca rasAtalasya dUtastasya nAma ibrIyabhASayA abaddon yUnAnIyabhASayA ca apalluyon arthato vinAzaka iti| (Abyssos g12)
अथाह कुण्ड का दूत उन पर राजा था, उसका नाम इब्रानी में अबद्दोन, और यूनानी में अपुल्लयोन है। (Abyssos g12)
aparaM svargAd yasya ravo mayAzrAvi sa puna rmAM sambhAvyAvadat tvaM gatvA samudramedinyostiSThato dUtasya karAt taM vistIrNa kSudragranthaM gRhANa, tena mayA dUtasamIpaM gatvA kathitaM grantho 'sau dIyatAM| (aiōn g165)
और उसकी शपथ खाकर जो युगानुयुग जीवित है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा है उसी की शपथ खाकर कहा कि “अब और देर न होगी।” (aiōn g165)
aparaM tayoH sAkSye samApte sati rasAtalAd yenotthitavyaM sa pazustAbhyAM saha yuddhvA tau jeSyati haniSyati ca| (Abyssos g12)
जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (Abyssos g12)
anantaraM saptadUtena tUryyAM vAditAyAM svarga uccaiH svarairvAgiyaM kIrttitA, rAjatvaM jagato yadyad rAjyaM tadadhunAbhavat| asmatprabhostadIyAbhiSiktasya tArakasya ca| tena cAnantakAlIyaM rAjatvaM prakariSyate|| (aiōn g165)
जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (aiōn g165)
anantaram AkAzamadhyenoDDIyamAno 'para eko dUto mayA dRSTaH so 'nantakAlIyaM susaMvAdaM dhArayati sa ca susaMvAdaH sarvvajAtIyAn sarvvavaMzIyAn sarvvabhASAvAdinaH sarvvadezIyAMzca pRthivInivAsinaH prati tena ghoSitavyaH| (aiōnios g166)
फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, कुल, भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। (aiōnios g166)
teSAM yAtanAyA dhUmo 'nantakAlaM yAvad udgamiSyati ye ca pazuM tasya pratimAJca pUjayanti tasya nAmno 'GkaM vA gRhlanti te divAnizaM kaJcana virAmaM na prApsyanti| (aiōn g165)
और उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात-दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn g165)
aparaM caturNAM prANinAm ekastebhyaH saptadUtebhyaH saptasuvarNakaMsAn adadAt| (aiōn g165)
तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीविता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए। (aiōn g165)
tvayA dRSTo 'sau pazurAsIt nedAnIM varttate kintu rasAtalAt tenodetavyaM vinAzazca gantavyaH| tato yeSAM nAmAni jagataH sRSTikAlam Arabhya jIvanapustake likhitAni na vidyante te pRthivInivAsino bhUtam avarttamAnamupasthAsyantaJca taM pazuM dRSTvAzcaryyaM maMsyante| (Abyssos g12)
जो पशु तूने देखा है, यह पहले तो था, पर अब नहीं है, और अथाह कुण्ड से निकलकर विनाश में पड़ेगा, और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। (Abyssos g12)
punarapi tairidamuktaM yathA, brUta parezvaraM dhanyaM yannityaM nityameva ca| tasyA dAhasya dhUmo 'sau dizamUrddhvamudeSyati|| (aiōn g165)
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (aiōn g165)
tataH sa pazu rdhRto yazca mithyAbhaviSyadvaktA tasyAntike citrakarmmANi kurvvan taireva pazvaGkadhAriNastatpratimApUjakAMzca bhramitavAn so 'pi tena sArddhaM dhRtaH| tau ca vahnigandhakajvalitahrade jIvantau nikSiptau| (Limnē Pyr g3041 g4442)
और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (Limnē Pyr g3041 g4442)
tataH paraM svargAd avarohan eko dUto mayA dRSTastasya kare ramAtalasya kuJjikA mahAzRGkhalaJcaikaM tiSThataH| (Abyssos g12)
फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुँजी, और एक बड़ी जंजीर थी। (Abyssos g12)
aparaM rasAtale taM nikSipya tadupari dvAraM ruddhvA mudrAGkitavAn yasmAt tad varSasahasraM yAvat sampUrNaM na bhavet tAvad bhinnajAtIyAstena puna rna bhramitavyAH| tataH param alpakAlArthaM tasya mocanena bhavitavyaM| (Abyssos g12)
और उसे अथाह कुण्ड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए। (Abyssos g12)
teSAM bhramayitA ca zayatAno vahnigandhakayo rhrade 'rthataH pazu rmithyAbhaviSyadvAdI ca yatra tiSThatastatraiva nikSiptaH, tatrAnantakAlaM yAvat te divAnizaM yAtanAM bhokSyante| (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
tadAnIM samudreNa svAntarasthA mRtajanAH samarpitAH, mRtyuparalokAbhyAmapi svAntarasthA mRtajanAH sarmipatAH, teSAJcaikaikasya svakriyAnuyAyI vicAraH kRtaH| (Hadēs g86)
और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। (Hadēs g86)
aparaM mRtyuparalokau vahnihrade nikSiptau, eSa eva dvitIyo mRtyuH| (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
yasya kasyacit nAma jIvanapustake likhitaM nAvidyata sa eva tasmin vahnihrade nyakSipyata| (Limnē Pyr g3041 g4442)
और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr g3041 g4442)
kintu bhItAnAm avizvAsinAM ghRNyAnAM narahantRNAM vezyAgAminAM mohakAnAM devapUjakAnAM sarvveSAm anRtavAdinAJcAMzo vahnigandhakajvalitahrade bhaviSyati, eSa eva dvitIyo mRtyuH| (Limnē Pyr g3041 g4442)
परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” (Limnē Pyr g3041 g4442)
tadAnIM rAtriH puna rna bhaviSyati yataH prabhuH paramezvarastAn dIpayiSyati te cAnantakAlaM yAvad rAjatvaM kariSyante| (aiōn g165)
और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (aiōn g165)
Questioned verse translations do not contain Aionian Glossary words, but may wrongly imply eternal or Hell
ime nirjalAni prasravaNAni pracaNDavAyunA cAlitA meghAzca teSAM kRte nityasthAyI ghoratarAndhakAraH saJcito 'sti| (questioned)

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HIN > Aionian Verses: 264