< Псалтирь 89 >
1 Учение Ефама Езрахита. Милости Твои, Господи, буду петь вечно, в род и род возвещать истину Твою устами моими.
मैं हमेशा ख़ुदावन्द की शफ़क़त के हम्द गाऊँगा। मैं नसल दर नसल अपने मुँह से तेरी वफ़ादारी का 'ऐलान करूँगा।
2 Ибо говорю: навек основана милость, на небесах утвердил Ты истину Твою, когда сказал:
क्यूँकि मैंने कहा कि शफ़क़त हमेशा तक बनी रहेगी, तू अपनी वफ़ादारी को आसमान में क़ाईम रखेगा।
3 “Я поставил завет с избранным Моим, клялся Давиду, рабу Моему:
“मैंने अपने बरगुज़ीदा के साथ 'अहद बाँधा है मैंने अपने बन्दे दाऊद से क़सम खाई है;
4 навек утвержу семя твое, в род и род устрою престол твой”.
मैं तेरी नसल को हमेशा के लिए क़ाईम करूँगा, और तेरे तख़्त को नसल दर नसल बनाए रखूँगा।” (सिलाह)
5 И небеса прославят чудные дела Твои, Господи, и истину Твою в собрании святых.
ऐ ख़ुदावन्द, आसमान तेरे 'अजायब की ता'रीफ़ करेगा; पाक लोगों के मजमे' में तेरी वफ़ादारी की ता'रीफ़ होगी।
6 Ибо кто на небесах сравнится с Господом? кто между сынами Божиими уподобится Господу?
क्यूँकि आसमान पर ख़ुदावन्द का नज़ीर कौन है? फ़रिश्तों की जमा'त में कौन ख़ुदावन्द की तरह है?
7 Страшен Бог в великом сонме святых, страшен Он для всех окружающих Его.
ऐसा मा'बूद जो पाक लोगो की महफ़िल में बहुत ता'ज़ीम के लायक़ ख़ुदा है, और अपने सब चारों तरफ़ वालों से ज़्यादा बड़ा है।
8 Господи, Боже сил! кто силен, как Ты, Господи? И истина Твоя окрест Тебя.
ऐ ख़ुदावन्द लश्करों के ख़ुदा, ऐ याह! तुझ सा ज़बरदस्त कौन है? तेरी वफ़ादारी तेरे चारों तरफ़ है।
9 Ты владычествуешь над яростью моря: когда воздымаются волны его, Ты укрощаешь их.
समन्दर के जोश — ओ — ख़रोश पर तू हुक्मरानी करता है; तू उसकी उठती लहरों को थमा देता है।
10 Ты низложил Раава, как пораженного; крепкою мышцею Твоею рассеял врагов Твоих.
तूने रहब को मक़्तूल की तरह टुकड़े टुकड़े किया; तूने अपने क़वी बाज़ू से अपने दुश्मनों को तितर बितर कर दिया।
11 Твои небеса и Твоя земля; вселенную и что наполняет ее, Ты основал.
आसमान तेरा है, ज़मीन भी तेरी है; जहान और उसकी मा'मूरी को तू ही ने क़ाईम किया है।
12 Север и юг Ты сотворил; Фавор и Ермон о имени Твоем радуются.
उत्तर और दाख्खिन का पैदा करने वाला तू ही है; तबूर और हरमून तेरे नाम से ख़ुशी मनाते हैं।
13 Крепка мышца Твоя, сильна рука Твоя, высока десница Твоя!
तेरा बाज़ू कु़दरत वाला है; तेरा हाथ क़वी और तेरा दहना हाथ बुलंद है।
14 Правосудие и правота - основание престола Твоего; милость и истина предходят пред лицем Твоим.
सदाक़त और 'अद्ल तेरे तख़्त की बुनियाद हैं; शफ़क़त और वफ़ादारी तेरे आगे आगे चलती हैं।
15 Блажен народ, знающий трубный зов! Они ходят во свете лица Твоего, Господи,
मुबारक है वह क़ौम, जो खु़शी की ललकार को पहचानती है, वह ऐ ख़ुदावन्द, जो तेरे चेहरे के नूर में चलते हैं;
16 о имени Твоем радуются весь день и правдою Твоею возносятся,
वह दिनभर तेरे नाम से ख़ुशी मनाते हैं, और तेरी सदाक़त से सरफराज़ होते हैं।
17 ибо Ты украшение силы их, и благоволением Твоим возвышается рог наш.
क्यूँकि उनकी ताक़त की शान तू ही है और तेरे करम से हमारा सींग बुलन्द होगा।
18 От Господа - щит наш, и от Святаго Израилева - царь наш.
क्यूँकि हमारी ढाल ख़ुदावन्द की तरफ़ से है, और हमारा बादशाह इस्राईल के क़ुद्दूस की तरफ़ से।
19 Некогда говорил Ты в видении святому Твоему, и сказал: “Я оказал помощь мужественному, вознес избранного из народа.
उस वक़्त तूने ख़्वाब में अपने पाक लोगों से कलाम किया, और फ़रमाया, मैंने एक ज़बरदस्त को मददगार बनाया है, और क़ौम में से एक को चुन कर सरफ़राज़ किया है।
20 Я обрел Давида, раба Моего, святым елеем Моим помазал его.
मेरा बन्दा दाऊद मुझे मिल गया, अपने पाक तेल से मैंने उसे मसह किया है।
21 Рука Моя пребудет с ним, и мышца Моя укрепит его.
मेरा हाथ उसके साथ रहेगा, मेरा बाजू़ उसे तक़वियत देगा।
22 Враг не превозможет его, и сын беззакония не притеснит его.
दुश्मन उस पर जब्र न करने पाएगा, और शरारत का फ़र्ज़न्द उसे न सताएगा।
23 Сокрушу пред ним врагов его и поражу ненавидящих его.
मैं उसके मुख़ालिफ़ों को उसके सामने मग़लूब करूँगा और उससे 'अदावत रखने वालों को मारूँगा।
24 И истина Моя и милость Моя с ним, и Моим именем возвысится рог его.
लेकिन मेरी वफ़ादारी और शफ़क़त उसके साथ रहेंगी, और मेरे नाम से उसका सींग बुलन्द होगा।
25 И положу на море руку его, и на реки - десницу его.
मैं उसका हाथ समन्दर तक बढ़ाऊँगा, और उसके दहने हाथ को दरियाओं तक।
26 Он будет звать Меня: Ты отец мой, Бог мой и твердыня спасения моего.
वह मुझे पुकार कर कहेगा, 'तू मेराबाप, मेरा ख़ुदा, और मेरी नजात की चट्टान है।
27 И Я сделаю его первенцем, превыше царей земли,
और मैं उसको अपना पहलौठा बनाऊँगा और दुनिया का शहंशाह।
28 вовек сохраню ему милость Мою, и завет Мой с ним будет верен.
मैं अपनी शफ़क़त को उसके लिए हमेशा तक क़ाईम रखूँगा और मेरा 'अहद उसके साथ लातब्दील रहेगा।
29 И продолжу вовек семя его, и престол его - как дни неба.
मैं उसकी नसल को हमेशा तक क़ाईम रख्खूंगा, और उसके तख़्त को जब तक आसमानहै।
30 Если сыновья его оставят закон Мой и не будут ходить по заповедям Моим;
अगर उसके फ़र्ज़न्द मेरी शरी'अत को छोड़ दें, और मेरे अहकाम पर न चलें,
31 если нарушат уставы Мои и повелений Моих не сохранят:
अगर वह मेरे क़ानून को तोड़ें, और मेरे फ़रमान को न मानें,
32 посещу жезлом беззаконие их, и ударами - неправду их;
तो मैं उनको छड़ी से ख़ता की, और कोड़ों से बदकारी की सज़ा दूँगा।
33 милости же Моей не отниму от него, и не изменю истины Моей.
लेकिन मैं अपनी शफ़क़त उस पर से हटा न लूँगा, और अपनी वफ़ादारी को बेकार न होने न दूँगा।
34 Не нарушу завета Моего, и не переменю того, что вышло из уст Моих.
मैं अपने 'अहद को न तोडूँगा, और अपने मुँह की बात को न बदलूँगा।
35 Однажды Я поклялся святостью Моею: солгу ли Давиду?
मैं एक बार अपनी पाकी की क़सम खा चुका हूँ मैं दाऊद से झूट न बोलूँगा।
36 Семя его пребудет вечно, и престол его, как солнце, предо Мною,
उसकी नसल हमेशा क़ाईम रहेगी, और उसका तख़्त आफ़ताब की तरह मेरे सामने क़ाईम रहेगा।
37 вовек будет тверд, как луна, и верный свидетель на небесах”.
वह हमेशा चाँद की तरह, और आसमान के सच्चे गवाह की तरह क़ाईम रहेगा। मिलाह
38 Но ныне Ты отринул и презрел, прогневался на помазанника Твоего;
लेकिन तूने तो तर्क कर दिया और छोड़ दिया, तू अपने मम्सूह से नाराज़ हुआ है।
39 пренебрег завет с рабом Твоим, поверг на землю венец его;
तूने अपने ख़ादिम के 'अहद को रद्द कर दिया, तूने उसके ताज को ख़ाक में मिला दिया।
40 разрушил все ограды его, превратил в развалины крепости его.
तूने उसकी सब बाड़ों को तोड़ डाला, तूने उसके क़िलों' को खण्डर बना दिया।
41 Расхищают его все проходящие путем; он сделался посмешищем у соседей своих.
सब आने जाने वाले उसे लूटते हैं, वह अपने पड़ोसियों की मलामत का निशाना बन गया।
42 Ты возвысил десницу противников его, обрадовал всех врагов его;
तूने उसके मुख़ालिफ़ों के दहने हाथ को बुलन्द किया; तूने उसके सब दुश्मनों को ख़ुश किया।
43 Ты обратил назад острие меча его и не укрепил его на брани;
बल्कि तू उसकी तलवार की धार को मोड़ देता है, और लड़ाई में उसके पाँव को जमने नहीं दिया।
44 отнял у него блеск и престол его поверг на землю;
तूने उसकी रौनक़ उड़ा दी, और उसका तख़्त ख़ाक में मिला दिया।
45 сократил дни юности его и покрыл его стыдом.
तूने उसकी जवानी के दिन घटा दिए, तूने उसे शर्मिन्दा कर दिया है। (सिलाह)
46 Доколе, Господи, будешь скрываться непрестанно, будет пылать ярость Твоя, как огонь?
ऐ ख़ुदावन्द, कब तक? क्या तू हमेशा तक पोशीदा रहेगा? तेरे क़हर की आग कब तक भड़कती रहेगी?
47 Вспомни, какой мой век: на какую суету сотворил Ты всех сынов человеческих?
याद रख मेरा क़याम ही क्या है, तूने कैसी बतालत के लिए कुल बनी आदम को पैदा किया।
48 Кто из людей жил - и не видел смерти, избавил душу свою от руки преисподней? (Sheol )
वह कौन सा आदमी है जो ज़िन्दा ही रहेगा और मौत को न देखेगा, और अपनी जान को पाताल के हाथ से बचा लेगा? (सिलाह) (Sheol )
49 Где прежние милости Твои, Господи? Ты клялся Давиду истиною Твоею.
या रब्ब, तेरी वह पहली शफ़क़त क्या हुई, जिसके बारे में तूने दाऊद से अपनी वफ़ादारी की क़सम खाई थी?
50 Вспомни, Господи, поругание рабов Твоих, которое я ношу в недре моем от всех сильных народов;
या रब्ब, अपने बन्दों की रुस्वाई को याद कर; मैं तो सब ज़बरदस्त क़ौमों की ता'नाज़नी, अपने सीने में लिए फिरता हूँ।
51 как поносят враги Твои, Господи, как бесславят следы помазанника Твоего.
ऐ ख़ुदावन्द, तेरे दुश्मनों ने कैसे ता'ने मारे, तेरे मम्सूह के क़दम क़दम पर कैसी ता'नाज़नी की है।
52 Благословен Господь вовек! Аминь, аминь.
ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक मुबारक हो! आमीन सुम्मा आमीन।