< 4-я Царств 19 >

1 Когда услышал это царь Езекия, то разодрал одежды свои и покрылся вретищем, и пошел в дом Господень.
जब हिज़क़ियाह बादशाह ने यह सुना, तो अपने कपड़े फाड़े और टाट ओढ़कर ख़ुदावन्द के घर में गया।
2 И послал Елиакима, начальника дворца, и Севну писца, и старших священников, покрытых вретищами, к Исаии пророку, сыну Амосову.
और उसने घर के दीवान और इलियाक़ीम और शबनाह मुन्शी और काहिनों के बुज़ुर्गों को टाट उढ़ाकर आमूस के बेटे यसा'याह नबी के पास भेजा।
3 И они сказали ему: так говорит Езекия: день скорби и наказания и посрамления - день сей; ибо дошли младенцы до отверстия утробы матерней, а силы нет родить.
और उन्होंने उससे कहा, हिज़क़ियाह यूँ कहता है, कि आज का दिन दुख, और मलामत, और तौहीन का दिन है; क्यूँकि बच्चे पैदा होने पर हैं, लेकिन विलादत की ताक़त नहीं।
4 Может быть, услышит Господь Бог твой все слова Рабсака, которого послал царь Ассирийский, господин его, хулить Бога живаго и поносить словами, какие слышал Господь Бог твой. Принеси же молитву об оставшихся, которые находятся еще в живых.
शायद ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा रबशाक़ी की सब बातें सुने जिसको उसके आक़ा शाह — ए — असूर ने भेजा है, कि “ज़िन्दा ख़ुदा की तौहीन करे और जो बातें ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने सुनी हैं उन पर वह मलामत करेगा। इसलिए तू उस बक़िया के लिए जो मौजूद है दुआ कर।”
5 И пришли слуги царя Езекии к Исаии,
इसलिए हिज़क़ियाह बादशाह के मुलाज़िम यसा'याह के पास आए।
6 и сказал им Исаия: так скажите господину вашему: так говорит Господь: не бойся слов, которые ты слышал, которыми поносили Меня слуги царя Ассирийского.
यसा'याह ने उनसे कहा, “तुम अपने मालिक से यूँ कहना, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि तू उन बातों से जो तूने सुनी हैं, जिनसे शाह — ए — असूर के मुलाज़िमों ने मेरी बुराई की है, न डर।
7 Вот Я пошлю в него дух, и он услышит весть, и возвратится в землю свою, и Я поражу его мечом в земле его.
देख, मैं उसमें एक रूह डाल दूँगा, और वह एक अफ़वाह सुनकर अपने मुल्क को लौट जाएगा, और मैं उसे उसी के मुल्क में तलवार से मरवा डालूँगा।”
8 И возвратился Рабсак, и нашел царя Ассирийского воюющим против Ливны, ибо он слышал, что тот отошел от Лахиса.
इसलिए रबशाक़ी लौट गया और उसने शाह — ए — असूर को लिबनाह से लड़ते पाया, क्यूँकि उसने सुना था कि वह लकीस से चला गया है;
9 И услышал он о Тиргаке, царе Ефиопском; ему сказали: вот, он вышел сразиться с тобою. И снова послал он послов к Езекии сказать:
और जब उसने कूश के बादशाह तिरहाक़ा के ज़रिए' ये कहते सुना कि “देख, वह तुझसे लड़ने को निकला है,” तो उसने फिर हिज़क़ियाह के पास क़ासिद रवाना किए और कहा,
10 так скажите Езекии, царю Иудейскому: пусть не обманывает тебя Бог твой, на Которого ты уповаешь, думая: “не будет отдан Иерусалим в руки царя Ассирийского”.
कि “शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह से इस तरह कहना, 'तेरा ख़ुदा, जिस पर तेरा भरोसा है, तुझे यह कहकर धोखा न दे कि येरूशलेम शाह — ए — असूर के क़ब्ज़े में नहीं किया जाएगा।
11 Ведь ты слышал, что сделали цари Ассирийские со всеми землями, положив на них заклятие, - и ты ли уцелеешь?
देख, तूने सुना है कि असूर के बादशाहों ने तमाम मुमालिक को बिल्कुल ग़ारत करके उनका क्या हाल बनाया है; इसलिए क्या तू बचा रहेगा?
12 Боги народов, которых разорили отцы мои, спасли ли их? Спасли ли Гозан, и Харан, и Рецеф, и сынов Едена, что в Фалассаре?
क्या उन क़ौमों के मा'बूदों ने उनको, या'नी जौज़ान और हारान और रसफ़ और बनी — 'अदन जो तिल्लसार में थे, जिनको हमारे बाप — दादा ने बर्बाद किया, छुड़ाया?
13 Где царь Емафа, и царь Арпада, и царь города Сепарваима, Ены и Иввы?
हमात का बादशाह और अरफ़ाद का बादशाह, और शहर सिफ़वाइम और हेना' और इवाह का बादशाह कहाँ है?”
14 И взял Езекия письмо из руки послов, и прочитал его, и пошел в дом Господень, и развернул его Езекия пред лицем Господним,
हिज़क़ियाह ने क़ासिदों के हाथ से ख़त लिया और उसे पढ़ा, और हिज़क़ियाह ने ख़ुदावन्द के घर में जाकर उसे ख़ुदावन्द के सामने फैला दिया।
15 и молился Езекия пред лицем Господним и говорил: Господи Боже Израилев, сидящий на Херувимах! Ты один Бог всех царств земли, Ты сотворил небо и землю.
और हिज़क़ियाह ने ख़ुदावन्द के सामने इस तरह दुआ की, ऐ ख़ुदावन्द, इस्राईल के ख़ुदा, करूबियों के ऊपर बैठने वाले! तू ही अकेला ज़मीन की सब सल्तनतों का ख़ुदा है। तू ने ही आसमान और ज़मीन को पैदा किया।
16 Приклони, Господи, ухо Твое и услышь меня; открой, Господи, очи Твои и воззри, и услышь слова Сеннахирима, который послал поносить Тебя, Бога живаго!
ऐ ख़ुदावन्द, कान लगा और सुन! ऐ ख़ुदावन्द, अपनी आँखें खोल और देख; और सनहेरिब की बातों को, जिनसे ज़िन्दा ख़ुदा की तौहीन करने के लिए उसने इस आदमी को भेजा है, सुन ले।
17 Правда, о, Господи, цари Ассирийские разорили народы и земли их,
ऐ ख़ुदावन्द, असूर के बादशाहों ने दर हक़ीक़त क़ौमों को उनके मुल्कों समेत तबाह किया:
18 и побросали богов их в огонь; но это не боги, а изделие рук человеческих, дерево и камень; потому и истребили их.
और उनके मा'बूदों को आग में डाला क्यूँकि वह ख़ुदा न थे, बल्कि आदमियों की दस्तकारी, या'नी लकड़ी और पत्थर थे; इसलिए उन्होंने उनको बर्बाद किया है।
19 И ныне, Господи Боже наш, спаси нас от руки его, и узнают все царства земли, что Ты, Господи, Бог один.
इसलिए अब ऐ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा मैं तेरी मिन्नत करता हूँ, कि तू हमको उसके हाथ से बचा ले, ताकि ज़मीन की सब सल्तनतें जान लें कि तू ही अकेला ख़ुदावन्द ख़ुदा है।”
20 И послал Исаия, сын Амосов, к Езекии сказать: так говорит Господь Бог Израилев: то, о чем ты молился Мне против Сеннахирима, царя Ассирийского, Я услышал.
तब यसा'याह — बिन — आमूस ने हिज़क़ियाह को कहला भेजा कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: चूँकि तू ने शाह — ए — असूर सनहेरिब के ख़िलाफ़ मुझसे दू'आ की है, मैंने तेरी सुन ली।
21 Вот слово, которое изрек Господь о нем: презрит тебя, посмеется над тобою девствующая дочь Сиона; вслед тебя покачает головою дочь Иерусалима.
इसलिए ख़ुदावन्द ने उसके हक़ में यूँ फ़रमाया कि कुँवारी दुख़्तरें सिय्यून ने तुझे हक़ीर जाना और तेरा मज़ाक़ उड़ाया।
22 Кого ты порицал и поносил? И на кого ты возвысил голос и поднял так высоко глаза свои? На Святаго Израилева!
येरूशलेम की बेटी ने तुझ पर सर हिलाया है, तूने किसकी तौहीन — ओ — बुराई की है? तूने किसके ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बलन्द की, और अपनी आँखें ऊपर उठाई? इस्राईल के क़ुद्दूस के ख़िलाफ़!
23 Чрез послов твоих ты порицал Господа и сказал: “со множеством колесниц моих я взошел на высоту гор, на ребра Ливана, и срубил рослые кедры его, отличные кипарисы его, и пришел на самое крайнее пристанище его, в рощу сада его;
तूने अपने क़ासिदों के ज़रिए' से ख़ुदावन्द की तौहीन की, और कहा, कि मैं बहुत से रथों को साथ लेकर पहाड़ों की चोटियों पर, बल्कि लुबनान के वस्ती हिस्सों तक चढ़आया हूँ; और मैं उसके ऊँचे — ऊँचे देवदारों और अच्छे से अच्छे सनोबर के दरख़्तों को काट डालूँगा; और मैं उसके दूर से दूर मक़ाम में, जहाँ उसकी बेशक़ीमती ज़मीन का जंगल है घुसा चला जाऊँगा।
24 и откапывал я и пил воду чужую, и осушу ступнями ног моих все реки Египетские”.
मैंने जगह — जगह का पानी खोद — खोद कर पिया है और मैं अपने पाँव के तलवे से मिस्र की सब नदियाँ सुखा डालूँगा।
25 Разве ты не слышал, что Я издавна сделал это, в древние дни предначертал это, а ныне выполнил тем, что ты опустошаешь укрепленные города, превращая в груды развалин?
क्या तू ने नहीं सुना कि मुझे यह किए हुए मुद्दत हुई और मैने इसे गुज़रे दिनों में ठहरा दिया था? अब मैने उसको पूरा किया है कि तू फ़सीलदार शहरों को उजाड़ कर खंडर बना देने के लिए खड़ा हो।
26 И жители их сделались маломощны, трепещут и остаются в стыде. Они стали как трава на поле и нежная зелень, как порост на кровлях и опаленный хлеб, прежде нежели выколосился.
इसी वजह से उनके बाशिन्दे कमज़ोर हुए और वह घबरा गए, और शर्मिन्दा हुए वह मैदान की घास और हरी पौद और छतों पर की घास, और उस अनाज की तरह हो गए, जो बढ़ने से पहले सूख जाए।
27 Сядешь ли ты, выйдешь ли, войдешь ли, Я все знаю; знаю и дерзость твою против Меня.
“लेकिन मैं तेरी मजलिस और आमद — ओ — रफ़्त और तेरा मुझ पर झुंझलाना मैं जानता हूँ।
28 За твою дерзость против Меня и за то, что надмение твое дошло до ушей Моих, Я вложу кольцо Мое в ноздри твои и удила Мои в рот твой, и возвращу тебя назад тою же дорогою, которою пришел ты.
तेरे मुझ पर झंझलाने की वजह से, और इसलिए कि तेरा घमण्ड मेरे कानों तक पहुँचा है, मैं अपनी नकेल तेरी नाक में, और अपनी लगाम तेरे मुँह में डालूँगा; और तू जिस रास्ते से आया है, मैं तुझे उसी रास्ते से वापस लौटा दूँगा।
29 И вот тебе, Езекия, знамение: ешьте в этот год выросшее от упавшего зерна, и в другой год - самородное, а на третий год сейте и жните, и садите виноградные сады и ешьте плоды их.
“और तेरे लिए ये निशान होगा कि तुम इस साल वह चीज़ें जो ख़ुद से उगती हैं, और दूसरे साल वह चीज़ें जो उनसे पैदा हों खाओगे; और तीसरे साल तुम बोना और काटना, और बाग़ लगाकर उनका फल खाना।
30 И уцелевшее в доме Иудином, оставшееся пустит опять корень внизу и принесет плод вверху,
और वह जो यहूदाह के घराने से बचा रहा है फिर नीचे की तरफ़ जड़ पकड़ेगा और ऊपर कि तरफ़ फल लाएगा।
31 ибо из Иерусалима произойдет остаток, и спасенное от горы Сиона. Ревность Господа Саваофа сделает сие.
क्यूँकि एक बक़िया येरूशलेम से, और वह जो बच रहे हैं कोह — ए — सिय्यून से निकलेंगे। ख़ुदावन्द की ग़य्यूरी ये कर दिखाएगी।
32 Посему так говорит Господь о царе Ассирийском: “не войдет он в сей город, и не бросит туда стрелы, и не приступит к нему со щитом, и не насыплет против него вала.
“इसलिए ख़ुदावन्द शाह — ए — असूर के हक़ में यूँ फ़रमाता है कि वह इस शहर में आने, या यहाँ तीर चलाने न पाएगा; वह न तो सिपर लेकर उसके सामने आने, और न उसके मुक़ाबिल दमदमा बाँधने पाएगा।
33 Тою же дорогою, которою пришел, возвратится, и в город сей не войдет, говорит Господь.
बल्कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि जिस रास्ते से वह आया, उसी रास्ते से लौट जाएगा; और इस शहर में आने न पाएगा।
34 Я буду охранять город сей, чтобы спасти его ради Себя и ради Давида, раба Моего”.
क्यूँकि मैं अपनी ख़ातिर और अपने बन्दे दाऊद की ख़ातिर इस शहर की हिमायत करूँगा ताकि इसे बचा लें।”
35 И случилось в ту ночь: пошел Ангел Господень и поразил в стане Ассирийском сто восемьдесят пять тысяч. И встали поутру, и вот все тела мертвые.
इसलिए उसी रात को ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने निकल कर असूर की लश्करगाह में एक लाख पचासी हज़ार आदमी मार डाले, और सुबह को जब लोग सवेरे उठे तो देखा, कि वह सब मरे पड़े हैं।
36 И отправился, и пошел, и возвратился Сеннахирим, царь Ассирийский, и жил в Ниневии.
तब शाह — ए — असूर सनहेरिब वहाँ से चला गया और लौटकर नीनवा में रहने लगा।
37 И когда он поклонялся в доме Нисроха, бога своего, то Адрамелех и Шарецер, сыновья его, убили его мечом, а сами убежали в землю Араратскую. И воцарился Асардан, сын его, вместо него.
और जब वह अपने मा'बूद निसरूक के बुतख़ाने में इबादत कर रहा था, तो अदरम्मलिक और शराज़र ने उसे तलवार से क़त्ल किया, और अरारात की सरज़मीन को भाग गए। और उसका बेटा असरहद्दून उसकी जगह बादशाह हुआ।

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