< Jeremias 33 >
1 E veio a palavra do SENHOR a Jeremias pela segunda vez, estando ele ainda preso no pátio da guarda, dizendo:
१जिस समय यिर्मयाह पहरे के आँगन में बन्द था, उस समय यहोवा का वचन दूसरी बार उसके पास पहुँचा,
2 Assim diz o SENHOR que faz [isto]; o SENHOR, que forma isto para o confirmar; EU-SOU é o seu nome:
२“यहोवा जो पृथ्वी का रचनेवाला है, जो उसको स्थिर करता है, उसका नाम यहोवा है; वह यह कहता है,
3 Clama a mim, e eu te responderei; e te direi coisas grandes e difíceis que tu não conheces.
३मुझसे प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊँगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
4 Pois assim diz o SENHOR, Deus de Israel, quanto às casas desta cidade, e às casas dos reis de Judá, que foram derrubadas com as rampas de cerco e com espada:
४क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के घरों और यहूदा के राजाओं के भवनों के विषय में, जो इसलिए गिराए जाते हैं कि दमदमों और तलवार के साथ सुभीते से लड़ सके, यह कहता है,
5 Vieram lutar contra os caldeus, para enchê-las de cadáveres de homens, aos quais feri em minha ira e meu furor; pois escondi meu rosto desta cidade, por causa de toda a sua malícia.
५कसदियों से युद्ध करने को वे लोग आते तो हैं, परन्तु मैं क्रोध और जलजलाहट में आकर उनको मरवाऊँगा और उनकी लोथें उसी स्थान में भर दूँगा; क्योंकि उनकी दुष्टता के कारण मैंने इस नगर से मुख फेर लिया है।
6 Eis que eu lhes trarei saúde e cura, e os sararei; e lhes manifestarei abundância de paz e de verdade.
६देख, मैं इस नगर का इलाज करके इसके निवासियों को चंगा करूँगा; और उन पर पूरी शान्ति और सच्चाई प्रगट करूँगा।
7 E restaurarei Judá de seu infortúnio, e israel de seu infortúnio, e os edificarei como no princípio.
७मैं यहूदा और इस्राएल के बन्दियों को लौटा ले आऊँगा, और उन्हें पहले के समान बसाऊँगा।
8 E os purificarei de toda a sua maldade [com] que pecaram contra mim; e perdoarei todas as suas maldades [com] que pecaram contra mim, e que se rebelaram contra mim.
८मैं उनको उनके सारे अधर्म और पाप के काम से शुद्ध करूँगा जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किए हैं; और उन्होंने जितने अधर्म और अपराध के काम मेरे विरुद्ध किए हैं, उन सब को मैं क्षमा करूँगा।
9 E [esta cidade] será para mim como nome de alegria, de louvor e de glória, entre todas as nações da terra, que ouvirem todo o bem que eu lhes faço; e se espantarão e tremerão por causa de todo o bem e de toda a paz que eu lhes darei.
९क्योंकि वे वह सब भलाई के काम सुनेंगे जो मैं उनके लिये करूँगा और वे सब कल्याण और शान्ति की चर्चा सुनकर जो मैं उनसे करूँगा, डरेंगे और थरथराएँगे; वे पृथ्वी की उन जातियों की दृष्टि में मेरे लिये हर्ष और स्तुति और शोभा का कारण हो जाएँगे।
10 Assim diz o SENHOR: Neste lugar, do qual dizeis que está desolado, sem homens nem animais, nas cidades de Judá e nas ruas de Jerusalém, que estão desoladas, sem homem, nem morador, nem animal, ainda se ouvirá
१०“यहोवा यह कहता है, यह स्थान जिसके विषय तुम लोग कहते हो ‘यह तो उजाड़ हो गया है, इसमें न तो मनुष्य रह गया है और न पशु,’ अर्थात् यहूदा देश के नगर और यरूशलेम की सड़कें जो ऐसी सुनसान पड़ी हैं कि उनमें न तो कोई मनुष्य रहता है और न कोई पशु,
11 Voz de júbilo e voz de alegria, voz de noivo e voz de noiva, e voz dos que dizem: Louvai ao SENHOR dos exércitos, pois o SENHOR é bom; pois sua bondade dura para sempre; [e também] dos que trazem louvor à casa do SENHOR; porque restaurarei esta terra de seu infortúnio para o que era no princípio, diz o SENHOR.
११इन्हीं में हर्ष और आनन्द का शब्द, दुल्हे-दुल्हन का शब्द, और इस बात के कहनेवालों का शब्द फिर सुनाई पड़ेगा: ‘सेनाओं के यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि यहोवा भला है, और उसकी करुणा सदा की है!’ और यहोवा के भवन में धन्यवाद-बलि लानेवालों का भी शब्द सुनाई देगा; क्योंकि मैं इस देश की दशा पहले के समान ज्यों की त्यों कर दूँगा, यहोवा का यही वचन है।
12 Assim diz o SENHOR dos exércitos: Neste lugar desolado, sem homem nem animal, e em todas as suas cidades, haverá novamente morada de pastores, que façam deitar o gado.
१२“सेनाओं का यहोवा कहता है: सब गाँवों समेत यह स्थान जो ऐसा उजाड़ है कि इसमें न तो मनुष्य रह गया है और न पशु, इसी में भेड़-बकरियाँ बैठानेवाले चरवाहे फिर बसेंगे।
13 Nas cidades das montanhas, nas cidades das planícies, nas cidades do Negueve, na terra de Benjamim, e ao redor de Jerusalém e nas cidades de Judá, novamente passará o gado pelas mãos dos contadores, diz o SENHOR.
१३पहाड़ी देश में और नीचे के देश में, दक्षिण देश के नगरों में, बिन्यामीन क्षेत्र में, और यरूशलेम के आस-पास, अर्थात् यहूदा देश के सब नगरों में भेड़-बकरियाँ फिर गिन-गिनकर चराई जाएँगी, यहोवा का यही वचन है।
14 Eis que vêm dias, diz o SENHOR, em que eu confirmarei a boa palavra que prometi à casa de Israel e à casa de Judá.
१४“यहोवा की यह भी वाणी है, देख, ऐसे दिन आनेवाले हैं कि कल्याण का जो वचन मैंने इस्राएल और यहूदा के घरानों के विषय में कहा है, उसे पूरा करूँगा।
15 Naqueles dias e naquele tempo farei brotar a Davi um Renovo de justiça; e ele fará juízo e justiça na terra.
१५उन दिनों में और उन समयों में, मैं दाऊद के वंश में धार्मिकता की एक डाल लगाऊँगा; और वह इस देश में न्याय और धार्मिकता के काम करेगा।
16 Naqueles dias Judá será salvo, e Jerusalém habitará em segurança, e isto é o que a chamarão: O SENHOR [é] a nossa justiça.
१६उन दिनों में यहूदा बचा रहेगा और यरूशलेम निडर बसा रहेगा; और उसका नाम यह रखा जाएगा अर्थात् ‘यहोवा हमारी धार्मिकता।’
17 Pois assim diz o SENHOR: Não faltará a Davi homem que se sente sobre o trono da casa de Israel;
१७“यहोवा यह कहता है, दाऊद के कुल में इस्राएल के घराने की गद्दी पर विराजनेवाले सदैव बने रहेंगे,
18 Nem aos sacerdotes levitas faltará homem diante de mim que ofereça holocaustos, queime oferta de cereais, e faça sacrifícios todos os dias.
१८और लेवीय याजकों के कुलों में प्रतिदिन मेरे लिये होमबलि चढ़ानेवाले और अन्नबलि जलानेवाले और मेलबलि चढ़ानेवाले सदैव बने रहेंगे।”
19 E veio a palavra do SENHOR a Jeremias, dizendo:
१९फिर यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा
20 Assim diz o SENHOR: Se puderdes invalidar meu pacto do dia e meu pacto da noite, de tal modo que não haja dia e noite a seu tempo,
२०“यहोवा यह कहता है: मैंने दिन और रात के विषय में जो वाचा बाँधी है, जब तुम उसको ऐसा तोड़ सको कि दिन और रात अपने-अपने समय में न हों,
21 Também se poderá invalidar meu pacto com meu servo Davi, para que não tenha filho que reine sobre seu trono, e com os levitas e sacerdotes, trabalhadores a meu serviço.
२१तब ही जो वाचा मैंने अपने दास दाऊद के संग बाँधी है टूट सकेगी, कि तेरे वंश की गद्दी पर विराजनेवाले सदैव बने रहेंगे, और मेरी वाचा मेरी सेवा टहल करनेवाले लेवीय याजकों के संग बँधी रहेगी।
22 Assim como não se pode contar o exército do céu, nem se pode medir a areia do mar, assim também multiplicarei a descendência de Davi meu servo, e os levitas que me servem.
२२जैसा आकाश की सेना की गिनती और समुद्र के रेतकणों का परिमाण नहीं हो सकता है उसी प्रकार मैं अपने दास दाऊद के वंश और अपने सेवक लेवियों को बढ़ाकर अनगिनत कर दूँगा।”
23 E veio a palavra do SENHOR a Jeremias, dizendo:
२३यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा
24 Por acaso não tens visto o que este povo fala? Eles dizem: As duas famílias que o SENHOR havia escolhido agora ele as rejeitou. E desprezam a meu povo, como se não o considerassem mais como nação.
२४“क्या तूने नहीं देखा कि ये लोग क्या कहते हैं, ‘जो दो कुल यहोवा ने चुन लिए थे उन दोनों से उसने अब हाथ उठाया है’? यह कहकर कि ये मेरी प्रजा को तुच्छ जानते हैं और कि यह जाति उनकी दृष्टि में गिर गई है।
25 Assim diz o SENHOR: Se meu pacto com o dia e a noite não durasse, se eu não tivesse estabelecido as leis do céu e a terra,
२५यहोवा यह कहता है, यदि दिन और रात के विषय मेरी वाचा अटल न रहे, और यदि आकाश और पृथ्वी के नियम मेरे ठहराए हुए न रह जाएँ,
26 Então também rejeitaria a descendência de Jacó, e de Davi meu servo, para que não tomasse da sua descendência aos que governem sobre a descendência de Abraão, Isaque, e Jacó. Pois eu os restaurarei de seu infortúnio, e deles terei misericórdia.
२६तब ही मैं याकूब के वंश से हाथ उठाऊँगा। और अब्राहम, इसहाक और याकूब के वंश पर प्रभुता करने के लिये अपने दास दाऊद के वंश में से किसी को फिर न ठहराऊँगा। परन्तु इसके विपरीत मैं उन पर दया करके उनको बँधुआई से लौटा लाऊँगा।”