< Jeremias 29 >
1 Estas são as palavras da carta que o profeta Jeremias enviou de Jerusalém ao restante dos anciãos levados cativos, como também aos sacerdotes e aos profetas, e a todo o povo, que Nabucodonosor havia transportado de Jerusalém para a Babilônia,
१उसी वर्ष यिर्मयाह नबी ने इस आशय की पत्री, उन पुरनियों और भविष्यद्वक्ताओं और साधारण लोगों के पास भेजी जो बन्दियों में से बचे थे, जिनको नबूकदनेस्सर यरूशलेम से बाबेल को ले गया था।
2 Depois da saída do rei Jeconias, da rainha-mãe, dos príncipes de Judá e Jerusalém, e dos carpinteiros e ferreiros de Jerusalém,
२यह पत्री उस समय भेजी गई, जब यकोन्याह राजा और राजमाता, खोजे, यहूदा और यरूशलेम के हाकिम, लोहार और अन्य कारीगर यरूशलेम से चले गए थे।
3 [Enviada] pela mão de Elasá, filho de Safã, e de Gemarias, filho de Hilquias, os quais Zedequias rei de Judá enviou a Nabucodonosor rei da Babilônia, dizendo:
३यह पत्री शापान के पुत्र एलासा और हिल्किय्याह के पुत्र गमर्याह के हाथ भेजी गई, जिन्हें यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के पास बाबेल को भेजा।
4 Assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel, a todos os levados cativos, os quais fiz transportar de Jerusalém à Babilônia:
४उसमें लिखा था: “जितने लोगों को मैंने यरूशलेम से बन्दी करके बाबेल में पहुँचवा दिया है, उन सभी से इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है।
5 Edificai casas, e [nelas] habitai; plantai hortas, e comei o fruto delas.
५घर बनाकर उनमें बस जाओ; बारियाँ लगाकर उनके फल खाओ।
6 Tomai esposas, e gerai filhos e filhas, e tomai esposas para vossos filhos, e dai vossas filhas a homens, para que gerem filhos e filhas; e ali multiplicai-vos, e não vos diminuais.
६ब्याह करके बेटे-बेटियाँ जन्माओ; और अपने बेटों के लिये स्त्रियाँ ब्याह लो और अपनी बेटियाँ पुरुषों को ब्याह दो, कि वे भी बेटे-बेटियाँ जन्माएँ; और वहाँ घटो नहीं वरन् बढ़ते जाओ।
7 E buscai a paz da cidade para onde eu vos levei, e orai por ela ao SENHOR; porque na paz dela vós tereis paz.
७परन्तु जिस नगर में मैंने तुम को बन्दी कराके भेज दिया है, उसके कुशल का यत्न किया करो, और उसके हित के लिये यहोवा से प्रार्थना किया करो। क्योंकि उसके कुशल से तुम भी कुशल के साथ रहोगे।
8 Porque assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel: Os vossos profetas, que há entre vós, e vossos adivinhos não vos enganem; nem escutais a vossos sonhos, que vós sonhais.
८क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा तुम से यह कहता है कि तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता और भावी कहनेवाले तुम्हारे बीच में हैं, वे तुम को बहकाने न पाएँ, और जो स्वप्न वे तुम्हारे निमित्त देखते हैं उनकी ओर कान मत लगाओ,
9 Pois eles vos profetizam falsamente em meu nome; eu não os enviei, diz o SENHOR.
९क्योंकि वे मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं; मैंने उन्हें नहीं भेजा, मुझ यहोवा की यह वाणी है।
10 Porque assim diz o SENHOR: Certamente que, quando se cumprirem setenta anos na Babilônia, eu vos visitarei; e cumprirei sobre vós minha boa palavra, trazendo-vos de volta a este lugar.
१०“यहोवा यह कहता है कि बाबेल के सत्तर वर्ष पूरे होने पर मैं तुम्हारी सुधि लूँगा, और अपना यह मनभावना वचन कि मैं तुम्हें इस स्थान में लौटा ले आऊँगा, पूरा करूँगा।
11 Porque eu sei os pensamentos que penso quanto a vós, diz o SENHOR, pensamentos de paz, e não de mal, para vos dar um futuro com esperança.
११क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा।
12 Então me invocareis, e ireis, e orareis a mim, e eu vos ouvirei;
१२तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझसे प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूँगा।
13 E vós me buscareis e achareis, quando me buscardes de todo o vosso coração.
१३तुम मुझे ढूँढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।
14 E serei achado por vós, diz o SENHOR, e vos restauarei de vosso infortúnio, e vos ajuntarei de todas as nações, e de todos os lugares para onde eu vos lancei, diz o SENHOR; e vos farei voltar ao lugar de onde vos fiz serdes levados cativos.
१४मैं तुम्हें मिलूँगा, यहोवा की यह वाणी है, और बँधुआई से लौटा ले आऊँगा; और तुम को उन सब जातियों और स्थानों में से जिनमें मैंने तुम को जबरन निकाल दिया है, और तुम्हें इकट्ठा करके इस स्थान में लौटा ले आऊँगा जहाँ से मैंने तुम्हें बँधुआ करवाकर निकाल दिया था, यहोवा की यही वाणी है।
15 Visto que dizeis: “O SENHOR tem nos levantado profetas na Babilônia”,
१५“तुम कहते तो हो कि यहोवा ने हमारे लिये बाबेल में भविष्यद्वक्ता प्रगट किए हैं।
16 por isso assim diz o SENHOR acerca do rei que se assenta sobre o trono de Davi, e de todo o povo que mora nesta cidade, os vossos irmãos que não saíram convosco ao cativeiro;
१६परन्तु जो राजा दाऊद की गद्दी पर विराजमान है, और जो प्रजा इस नगर में रहती है, अर्थात् तुम्हारे जो भाई तुम्हारे संग बँधुआई में नहीं गए, उन सभी के विषय सेनाओं का यहोवा यह कहता है,
17 Assim diz o SENHOR dos exércitos: Eis que enviarei contra eles espada, fome, e pestilência; e farei deles como a figos podres, que de tão ruins não podem ser comidos.
१७सुनो, मैं उनके बीच तलवार चलाऊँगा, अकाल, और मरी फैलाऊँगा; और उन्हें ऐसे घिनौने अंजीरों के समान करूँगा जो निकम्मे होने के कारण खाए नहीं जाते।
18 E os perseguirei com espada, com fome e com pestilência; e os farei de horror a todos os reinos da terra, de maldição e de espanto, e de assovio e de humilhação entre todas a nações às quais eu os tiver lançado;
१८मैं तलवार, अकाल और मरी लिए हुए उनका पीछा करूँगा, और ऐसा करूँगा कि वे पृथ्वी के राज्य-राज्य में मारे-मारे फिरेंगे, और उन सब जातियों में जिनके बीच मैं उन्हें जबरन कर दूँगा, उनकी ऐसी दशा करूँगा कि लोग उन्हें देखकर चकित होंगे और ताली बजाएँगे और उनका अपमान करेंगे, और उनकी उपमा देकर श्राप दिया करेंगे।
19 Porque não deram ouvidos às minhas palavras, diz o SENHOR, que lhes enviei por meus servos os profetas, insistindo em os enviar; próem não escutastes, diz o SENHOR.
१९क्योंकि जो वचन मैंने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उनके पास बड़ा यत्न करके कहला भेजे हैं, उनको उन्होंने नहीं सुना, यहोवा की यही वाणी है।
20 Vós, pois, ouvi a palavra do SENHOR, todos os do cativeiro que enviei de Jerusalém à Babilônia.
२०“इसलिए हे सारे बन्दियों, जिन्हें मैंने यरूशलेम से बाबेल को भेजा है, तुम उसका यह वचन सुनो
21 Assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel, quanto a Acabe filho de Colaías, e quanto a Zedequias filho de Maaseias, que vos profetizam falsamente em meu nome: Eis que os entregarei na mão de Nabucodonosor rei da Babilônia, e ele os ferirá diante de vossos olhos.
२१‘कोलायाह का पुत्र अहाब और मासेयाह का पुत्र सिदकिय्याह जो मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं, उनके विषय इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि सुनो, मैं उनको बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दूँगा, और वह उनको तुम्हारे सामने मार डालेगा।
22 E todos os exilados de Judá que estão na Babilônia, os usarão como objeto de maldição, dizendo: Que o SENHOR faça a ti como a Zedequias e como a Acabe, aos quais o rei de Babilônia assou no fogo;
२२सब यहूदी बन्दी जो बाबेल में रहते हैं, उनकी उपमा देकर यह श्राप दिया करेंगे: यहोवा तुझे सिदकिय्याह और अहाब के समान करे, जिन्हें बाबेल के राजा ने आग में भून डाला,
23 porque fizeram loucura em Israel, e cometeram adultério com as mulheres de seus próximos; e falaram falsamente em meu nome palavra que não lhes mandei; e disso eu sei, e sou testemunha, diz o SENHOR.
२३क्योंकि उन्होंने इस्राएलियों में मूर्खता के काम किए, अर्थात् अपने पड़ोसियों की स्त्रियों के साथ व्यभिचार किया, और बिना मेरी आज्ञा पाए मेरे नाम से झूठे वचन कहे। इसका जाननेवाला और गवाह मैं आप ही हूँ, यहोवा की यही वाणी है।’”
24 E a Semaías o neelamita falarás, dizendo:
२४नेहेलामी शमायाह से तू यह कह, “इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह कहा है:
25 Assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel, dizendo: Enviaste em teu nome cartas a todo o povo que está em Jerusalém, e a Sofonias, filho do sacerdote Maaseias, e a todos os sacerdotes, dizendo:
२५इसलिए कि तूने यरूशलेम के सब रहनेवालों और सब याजकों को और मासेयाह के पुत्र सपन्याह याजक को अपने ही नाम की इस आशय की पत्री भेजी,
26 O SENHOR te pôs por sacerdote em lugar do sacerdote Joiada, para que sejas supervisor na casa do SENHOR sobre todo homem furioso e profetizante, para o lançares na prisão e no tronco.
२६कि, ‘यहोवा ने यहोयादा याजक के स्थान पर तुझे याजक ठहरा दिया ताकि तू यहोवा के भवन में रखवाला होकर जितने वहाँ पागलपन करते और भविष्यद्वक्ता बन बैठे हैं उन्हें काठ में ठोंके और उनके गले में लोहे के पट्टे डाले।
27 Agora, pois, por que não repreendeste a Jeremias de Anatote, que vos profetiza?
२७इसलिए यिर्मयाह अनातोती जो तुम्हारा भविष्यद्वक्ता बन बैठा है, उसको तूने क्यों नहीं घुड़का?
28 Porque por isso ele nos mandou dizer na Babilônia: [O cativeiro] será duradouro; edificai casas, e [nelas] morai; plantai hortas, e comei o fruto delas.
२८उसने तो हम लोगों के पास बाबेल में यह कहला भेजा है कि बँधुआई तो बहुत काल तक रहेगी, इसलिए घर बनाकर उनमें रहो, और बारियाँ लगाकर उनके फल खाओ।’”
29 E o sacerdote Sofonias leu esta carta aos ouvidos do profeta Jeremias.
२९यह पत्री सपन्याह याजक ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को पढ़ सुनाई।
30 Então veio a palavra do SENHOR a Jeremias, dizendo:
३०तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा “सब बंधुओं के पास यह कहला भेज,
31 Manda dizer a todos os do cativeiro: Assim diz o SENHOR quanto a Semaías, o neelamita: Visto que Semaías vos profetizou, sem que eu tenha o enviado, e vos fez confiar em mentiras;
३१यहोवा नेहेलामी शमायाह के विषय यह कहता है: ‘शमायाह ने मेरे बिना भेजे तुम से जो भविष्यद्वाणी की और तुम को झूठ पर भरोसा दिलाया है,
32 Portanto assim diz o SENHOR: Eis que castigarei Semaías o neelamita, e a sua descendência; ele não terá ninguém que habite entre este povo, nem verá o bem que eu farei a meu povo, diz o SENHOR; pois ele falou rebelião contra o SENHOR.
३२इसलिए यहोवा यह कहता है: सुनो, मैं उस नेहेलामी शमायाह और उसके वंश को दण्ड देना चाहता हूँ; उसके घर में से कोई इन प्रजाओं में न रह जाएगा। और जो भलाई मैं अपनी प्रजा की करनेवाला हूँ, उसको वह देखने न पाएगा, क्योंकि उसने यहोवा से फिर जाने की बातें कही हैं, यहोवा की यही वाणी है।’”