< Jeremias 16 >
1 E veio a mim a palavra do SENHOR, dizendo:
ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ, और उसने फ़रमाया,
2 Não tomes para ti mulher, nem tenhas filhos nem filhas neste lugar.
तू बीवी न करना, इस जगह तेरे यहाँ बेटे — बेटियाँ न हों।
3 Porque assim diz o SENHOR quanto aos filhos e às filhas que nascerem neste lugar, e às suas mães que os tiverem e aos pais que os gerarem nesta terra:
क्यूँकि ख़ुदावन्द उन बेटों और बेटियों के बारे में जो इस जगह पैदा हुए हैं, और उनकी माँओं के बारे में जिन्होंने उनको पैदा किया, और उनके बापों के बारे में जिनसे वह पैदा हुए, यूँ फ़रमाता है:
4 De dolorosas enfermidades morrerão; não serão pranteados nem sepultados; servirão de esterco sobre a face da terra; e com espada e com fome serão consumidos, e seus cadáveres servirão de alimento para as aves do céu e para os animais da terra.
कि वह बुरी मौत मरेंगे, न उन पर कोई मातम करेगा और न वह दफ़्न किए जाएँगे, वह सतह — ए — ज़मीन पर खाद की तरह होंगे; वह तलवार और काल से हलाक होंगे और उनकी लाशें हवा के परिन्दों और ज़मीन के दरिन्दों की ख़ुराक होंगी।
5 Porque assim diz o SENHOR: Não entres em casa de luto, nem vás para lamentar, nem mostre compaixão deles; pois deste povo eu tirei minha paz, bondade e misericórdia, diz o SENHOR.
'इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि तू मातम वाले घर में दाख़िल न हो, और न उन पर रोने के लिए जा, न उन पर मातम कर; क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि मैंने अपनी सलामती और शफ़क़त — ओ — रहमत को इन लोगों पर से उठा लिया है।
6 E nesta terra morrerão grandes e pequenos; não serão sepultados, nem pranteados, nem por eles se cortarão, ou rasparão seus cabelos;
और इस मुल्क के छोटे बड़े सब मर जाएँगे; न वह दफ़्न किए जाएँगे, न लोग उन पर मातम करेंगे, और न कोई उनके लिए ज़ख़्मी होगा, न सिर मुण्डाएगा;
7 Nem repartirão pão aos que estiverem de luto, para consolá-los de seus mortos; nem lhes darão a beber copo de consolações pelo pai ou pela mãe.
न लोग मातम करनेवालों को खाना खिलाएँगे, ताकि उनको मुर्दों के बारे में तसल्ली दें; और न उनकी दिलदारी का प्याला देंगे कि वह अपने माँ — बाप के ग़म में पिएँ।
8 Nem também entres em casa de banquete, para te sentares com eles para comer e beber;
और तू ज़ियाफ़त वाले घर में दाख़िल न होना कि उनके साथ बैठकर खाए पिए।
9 Porque assim diz o SENHOR dos exércitos, Deus de Israel: Eis que farei cessar neste lugar, diante de vossos olhos e em vossos dias, toda voz de prazer e toda voz de alegria, toda voz de noivo e toda voz de noiva.
क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि देख, मैं इस जगह से तुम्हारे देखते हुए और तुम्हारे ही दिनों में ख़ुशी और शादमानी की आवाज़ दुल्हे और दुल्हन की आवाज़ ख़त्म कराऊँगा।
10 E será que quando anunciares a este povo todas estas palavras, eles te dirão: Por que o SENHOR falou sobre nós este mal tão grande? E que maldade é a nossa, ou que pecado é o nosso, que cometemos contra o SENHOR nosso Deus?
“और जब तू यह सब बातें इन लोगों पर ज़ाहिर करे और वह तुझ से पूछे कि 'ख़ुदावन्द ने क्यूँ यह सब बुरी बातें हमारे ख़िलाफ़ कहीं? हमने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के ख़िलाफ़ कौन सी बुराई और कौन सा गुनाह किया है?”
11 Então lhes dirás: Porque vossos pais me deixaram, diz o SENHOR, e seguiram deuses estrangeiros, os serviram e a eles se prostraram; e me abandonaram, e não guardaram minha Lei;
तब तू उनसे कहना, 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है: इसलिए कि तुम्हारे बाप — दादा ने मुझे छोड़ दिया, और ग़ैरमा'बूदों के तालिब हुए और उनकी इबादत और परस्तिश की, और मुझे छोड़ दिया और मेरी शरी'अत पर 'अमल नहीं किया;
12 E vós fizestes pior que vossos pais; pois eis que vós caminhais cada um atrás da teimosia de seu coração maligno, sem me obedecerem.
और तुमने अपने बाप — दादा से बढ़कर बुराई की; क्यूँकि देखो, तुम में से हर एक अपने बुरे दिन की सख़्ती की पैरवी करता है कि मेरी न सुने,
13 Por isso eu vos lançarei fora desta terra, para uma terra que nem vós nem vossos pais conhecestes; e lá servireis a deuses estrangeiros de dia e de noite, porque não terei misericórdia de vós.
इसलिए मैं तुमको इस मुल्क से ख़ारिज करके ऐसे मुल्क में आवारा करूँगा, जिसे न तुम और न तुम्हारे बाप — दादा जानते थे; और वहाँ तुम रात दिन ग़ैर मा'बूदों की इबादत करोगे, क्यूँकि मैं तुम पर रहम न करूँगा।
14 Porém eis que vêm dias, diz o SENHOR, que não se dirá mais: Vive o SENHOR, que trouxe os filhos de Israel da terra do Egito;
लेकिन देख, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, वह दिन आते हैं कि लोग कभी न कहेंगे कि ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम जो बनी — इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया;
15 Mas sim: Vive o SENHOR, que trouxe os filhos de Israel da terra do norte, e de todas as terras aonde ele tinha os lançado; pois eu os farei voltar à sua terra, a qual dei a seus pais.
बल्कि ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम जो बनी — इस्राईल को उत्तर की सरज़मीन से और उन सब ममलुकतों से, जहाँ — जहाँ उसने उनको हॉक दिया था, निकाल लाया; और मैं उनको फिर उस मुल्क में लाऊँगा जो मैंने उनके बाप — दादा को दिया था।
16 Eis que enviarei muitos pescadores, diz o SENHOR, que os pescarão; e depois enviarei muitos caçadores, que os caçarão de todo monte, e de todo morro, e até das fendas das rochas.
आनेवाली सज़ा 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है: देख बहुत से माहीगीरों को बुलवाऊँगा और वह उनको शिकार करेंगे, और फिर मैं बहुत से शिकारियों को बुलवाऊँगा और वह हर पहाड़ से और हर टीले से और चट्टानों के शिगाफ़ों से उनको पकड़ निकालेंगे।
17 Pois meus olhos estão sobre todos seus caminhos; eles não estão escondidos de mim, nem a maldade deles está oculta de diante de meus olhos.
क्यूँकि मेरी ऑखें उनके सब चाल चलन पर लगी हैं, वह मुझसे छिपी नहीं हैं और उनकी बदकिरदारी मेरी ऑखों से छिपी नहीं।
18 Mas primeiro pagarei em dobro a iniquidade e o pecado deles, pois contaminaram minha terra com os cadáveres de suas coisas detestáveis, e encheram minha herança de suas abominações.
और मैं पहले उनकी बदकिरदारी और ख़ताकारी की दूनी सज़ा दूँगा क्यूँकि उन्होंने मेरी सरज़मीन को अपनी मकरूह चीज़ों की लाशों से नापाक किया और मेरी मीरास को अपनी मकरूहात से भर दिया है।
19 Ó SENHOR, fortaleza minha, e força minha, e meu refúgio no tempo da aflição; a ti virão nações desde os confins da terra, e dirão: Certamente o que nossos pais possuíam era mentira e inutilidade; não havia nessas coisas proveito algum.
यरमियाह की दुआ ऐ ख़ुदावन्द, मेरी क़ुव्वत और मेरे गढ़ और मुसीबत के दिन में मेरी पनाहगाह, दुनिया कि किनारों से क़ौमें तेरे पास आकर कहेंगी कि “हक़ीक़त में हमारे बाप — दादा ने महज़ झूट की मीरास हासिल की, या'नी बेकार और बेसूद चीज़ें।
20 Pode, por acaso, o homem fazer deuses para si? Eles, porém, não são deuses.
क्या इंसान अपने लिए मा'बूद बनाए जो ख़ुदा नहीं हैं!”
21 Portanto eis que desta vez lhes farei conhecer, lhes farei conhecer minha mão e meu poder, e saberão que EU-SOU é o meu nome.
“इसलिए देख, मैं इस मर्तबा उनको आगाह करूँगा; मैं अपने हाथ और अपना ज़ोर उनको दिखाऊँगा, और वह जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।”