< Êxodo 24 >
1 E disse a Moisés: Sobe ao SENHOR, tu, e Arão, Nadabe, e Abiú, e setenta dos anciãos de Israel; e vos inclinareis desde longe.
और उसने मूसा से कहा, कि “तू हारून और नदब और अबीहू और बनी इस्राईल के सत्तर बुज़ुर्गों को लेकर ख़ुदावन्द के पास ऊपर आ, और तुम दूर ही से सिज्दा करना।
2 Mas Moisés somente se chegará ao SENHOR; e eles não se aproximem, nem suba com ele o povo.
और मूसा अकेला ख़ुदावन्द के नज़दीक आए पर वह नज़दीक न आएँ और लोग उसके साथ ऊपर न चढ़ें।”
3 E Moisés veio e contou ao povo todas as palavras do SENHOR, e todos os estatutos: e todo o povo respondeu em uma voz, e disseram: Executaremos todas as palavras que o SENHOR disse.
और मूसा ने लोगों के पास जाकर ख़ुदावन्द की सब बातें और अहकाम उनको बता दिए और सब लोगों ने हम आवाज़ होकर जवाब दिया, “जितनी बातें ख़ुदावन्द ने फ़रमाई हैं, हम उन सब को मानेंगे।”
4 E Moisés escreveu todas as palavras do SENHOR, e levantando-se de manhã edificou um altar ao pé do monte, e doze colunas, segundo as doze tribos de Israel.
और मूसा ने ख़ुदावन्द की सब बातें लिख लीं और सुब्ह को सवेरे उठ कर पहाड़ के नीचे एक क़ुर्बानगाह और बनी — इस्राईल के बारह क़बीलों के हिसाब से बारह सुतून बनाए।
5 E enviou aos rapazes dos filhos de Israel, os quais ofereceram holocaustos e sacrificaram pacíficos ao SENHOR, bezerros.
और उसने बनी इस्राईल के जवानों को भेजा, जिन्होंने सोख़्तनी कु़र्बानियाँ चढ़ाई और बैलों को ज़बह करके सलामती के ज़बीहे ख़ुदावन्द के लिए पेश किया।
6 E Moisés tomou a metade do sangue, e a pôs em bacias, e espargiu a outra metade do sangue sobre o altar.
और मूसा ने आधा ख़ून लेकर तसलों में रख्खा और आधा क़ुर्बानगाह पर छिड़क दिया।
7 E tomou o livro da aliança, e leu aos ouvidos do povo, o qual disse: Faremos todas as coisas que o SENHOR disse, e obedeceremos.
फिर उसने 'अहदनामा लिया और लोगों को पढ़ कर सुनाया। उन्होंने कहा, कि “जो कुछ ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है उस सब को हम करेंगे और ताबे' रहेंगे।”
8 Então Moisés tomou o sangue, e salpicou sobre o povo, e disse: Eis o sangue da aliança que o SENHOR fez convosco sobre todas estas coisas.
तब मूसा ने उस ख़ून को लेकर लोगों पर छिड़का और कहा, “देखो, यह उस 'अहद का ख़ून है जो ख़ुदावन्द ने इन सब बातों के बारे में तुम्हारे साथ बाँधा है।”
9 E subiram Moisés e Arão, Nadabe e Abiú, e setenta dos anciãos de Israel;
तब मूसा और हारून और नदब और अबीहू और बनी — इस्राईल के सत्तर बुज़ुर्ग़ ऊपर गए।
10 E viram ao Deus de Israel; e havia debaixo de seus pés como um pavimento de safira, semelhante ao céu quando está claro.
और उन्होंने इस्राईल के ख़ुदा को देखा, और उसके पाँव के नीचे नीलम के पत्थर का चबूतरा सा था जो आसमान की तरह शफ़्फ़ाफ़ था।
11 Mas não estendeu sua mão sobre os príncipes dos filhos de Israel: e viram a Deus, e comeram e beberam.
और उसने बनी इस्राईल के शरीफ़ों पर अपना हाथ न बढ़ाया। फिर उन्होंने ख़ुदा को देखा और खाया और पिया।
12 Então o SENHOR disse a Moisés: Sobe a mim ao monte, e espera ali, e te darei tábuas de pedra, e a lei, e mandamentos que escrevi para ensiná-los.
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, कि “पहाड़ पर मेरे पास आ और वहीं ठहरा रह; और मैं तुझे पत्थर की लोहें और शरी'अत और अहकाम जो मैंने लिखे हैं दूँगा ताकि तू उनको सिखाए।”
13 E levantou-se Moisés, e Josué seu assistente; e Moisés subiu ao monte de Deus.
और मूसा और उसका ख़ादिम यशू'अ उठे और मूसा ख़ुदा के पहाड़ के ऊपर गया।
14 E disse aos anciãos: Esperai-nos aqui até que voltemos a vós: e eis que Arão e Hur estão convosco: o que tiver negócios chegue-se a eles.
और बुज़ुर्गों से कह गया कि “जब तक हम लौट कर तुम्हारे पास न आ जाएँ तुम हमारे लिए यहीं ठहरे रहो, और देखो हारून और हूर तुम्हारे साथ हैं, जिस किसी का कोई मुक़दमा हो वह उनके पास जाए।”
15 Então Moisés subiu ao monte, e uma nuvem cobriu o monte.
तब मूसा पहाड़ के ऊपर गया और पहाड़ पर घटा छा गई।
16 E a glória do SENHOR repousou sobre o monte Sinai, e a nuvem o cobriu por seis dias: e ao sétimo dia chamou a Moisés do meio da nuvem.
और ख़ुदावन्द का जलाल कोह-ए-सीना पर आकर ठहरा और छ: दिन तक घटा उस पर छाई रही और सातवें दिन उसने घटा में से मूसा को बुलाया।
17 E a aparência da glória do SENHOR era como um fogo abrasador no cume do monte, aos olhos dos filhos de Israel.
और बनी — इस्राईल की निगाह में पहाड़ की चोटी पर ख़ुदावन्द के जलाल का मन्ज़र भसम करने वाली आग की तरह था।
18 E entrou Moisés em meio da nuvem, e subiu ao monte: e esteve Moisés no monte quarenta dias e quarenta noites.
और मूसा घटा के बीच में होकर पहाड़ पर चढ़ गया और वह पहाड़ पर चालीस दिन और चालीस रात रहा।