< Salmos 85 >

1 Abençoaste, Senhor, a tua terra: fizeste voltar o cativeiro de Jacob.
ऐ ख़ुदावन्द तू अपने मुल्क पर मेहरबान रहा है। तू या'क़ूब को ग़ुलामी से वापस लाया है।
2 Perdoaste a iniquidade do teu povo: cobriste todos os seus pecados. (Selah)
तूने अपने लोगों की बदकारी मु'आफ़ कर दी है; तूने उनके सब गुनाह ढाँक दिए हैं।
3 Fizeste cessar toda a tua indignação: desviaste-te do ardor da tua ira.
तूने अपना ग़ज़ब बिल्कुल उठा लिया; तू अपने क़हर — ए — शदीद से बाज़ आया है।
4 Torna-nos a trazer, ó Deus da nossa salvação, e faze cessar a tua ira de sobre nós.
ऐ हमारे नजात देने वाले ख़ुदा! हम को बहाल कर, अपना ग़ज़ब हम से दूर कर!
5 Acaso estarás sempre irado contra nós? ou estenderás a tua ira a todas as gerações?
क्या तू हमेशा हम से नाराज़ रहेगा? क्या तू अपने क़हर को नसल दर नसल जारी रख्खेगा?
6 Não tornarás a reviver-nos, para que o teu povo se alegre em ti?
क्या तू हम को फिर ज़िन्दा न करेगा, ताकि तेरे लोग तुझ में ख़ुश हों?
7 Mostra-nos, Senhor, a tua misericórdia, e concede-nos a tua salvação.
ऐ ख़ुदावन्द! तू अपनी शफ़क़त हमको दिखा, और अपनी नजात हम को बख़्श।
8 Escutarei o que Deus, o Senhor, falar; porque falará de paz ao seu povo, e aos santos para que não voltem à loucura.
मैं सुनूँगा कि ख़ुदावन्द ख़ुदा क्या फ़रमाता है। क्यूँकि वह अपने लोगों और अपने पाक लोगों से सलामती की बातें करेगा; लेकिन वह फिर हिमाक़त की तरफ़ रुजू न करें।
9 Certamente que a salvação está perto daqueles que o temem, para que a glória habite na nossa terra.
यक़ीनन उसकी नजात उससे डरने वालों के क़रीब है, ताकि जलाल हमारे मुल्क में बसे।
10 A misericórdia e a verdade se encontraram: a justiça e a paz se beijaram.
शफ़क़त और रास्ती एक साथ मिल गई हैं, सदाक़त और सलामती ने एक दूसरे का बोसा लिया है।
11 A verdade brotará da terra, e a justiça olhará desde os céus.
रास्ती ज़मीन से निकलती है, और सदाक़त आसमान पर से झाँकती हैं।
12 Também o Senhor dará o que é bom, e a nossa terra dará o seu fruto.
जो कुछ अच्छा है वही ख़ुदावन्द अता फ़रमाएगा और हमारी ज़मीन अपनी पैदावार देगी।
13 A justiça irá adiante dele, e a porá no caminho das suas pisadas.
सदाक़त उसके आगे — आगे चलेगी, उसके नक़्श — ए — क़दम को हमारी राह बनाएगी।

< Salmos 85 >