< Salmos 54 >
1 Salva-me, ó Deus, pelo teu nome, e faze-me justiça pelo teu poder.
ऐ ख़ुदा! अपने नाम के वसीले से मुझे बचा, और अपनी कु़दरत से मेरा इन्साफ़ कर।
2 Ó Deus, ouve a minha oração, inclina os teus ouvidos às palavras da minha boca.
ऐ ख़ुदा मेरी दुआ सुन ले; मेरे मुँह की बातों पर कान लगा।
3 Porque os estranhos se levantam contra mim, e tiranos procuram a minha vida: não tem posto Deus perante os seus olhos (Selah)
क्यूँकि बेगाने मेरे ख़िलाफ़ उठे हैं, और टेढ़े लोग मेरी जान के तलबगार हुए हैं; उन्होंने ख़ुदा को अपने सामने नहीं रख्खा।
4 Eis que Deus é o meu ajudador, o Senhor está com aqueles que susteem a minha alma.
देखो, ख़ुदा मेरा मददगार है! ख़ुदावन्द मेरी जान को संभालने वालों में है।
5 Ele recompensará com o mal aqueles que me andam espiando: destroi-os na tua verdade.
वह बुराई को मेरे दुश्मनों ही पर लौटा देगा; तू अपनी सच्चाई की रूह से उनको फ़ना कर!
6 Eu te oferecerei voluntariamente sacrifícios, louvarei o teu nome ó Senhor, porque é bom.
मैं तेरे सामने रज़ा की कु़र्बानी चढ़ाऊँगा; ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे नाम की शुक्रगु़ज़ारी करूँगा क्यूँकि वह खू़ब है।
7 Pois me tem livrado de toda a angústia; e os meus olhos viram o meu desejo sobre os meus inimigos.
क्यूँकि उसने मुझे सब मुसीबतों से छुड़ाया है, और मेरी आँख ने मेरे दुश्मनों को देख लिया है।