< Marcos 14 >
1 E d'ali a dois dias era a pascoa, e a festa dos pães asmos, e os principais dos sacerdotes e os escribas buscavam como o prenderiam com dolo, e o matariam.
फ़सह तथा खमीर रहित रोटी के उत्सव के लिए मात्र दो दिन रह गए थे. प्रधान पुरोहित तथा शास्त्री इस खोज में थे कि मसीह येशु को पकड़कर गुप्त रूप से उनकी हत्या कर दें,
2 Mas eles diziam: Não na festa, para que porventura se não faça alvoroço entre o povo.
क्योंकि उनका विचार था: “उत्सव के समय में नहीं, अन्यथा बलवा हो जाएगा.”
3 E, estando ele em Bethania, assentado à mesa, em casa de Simão, o leproso, veio uma mulher, que trazia um vaso de alabastro, com unguênto de nardo puro, de muito preço, e, quebrando o vaso, lho derramou sobre a cabeça.
मसीह येशु बैथनियाह नगर आए. वहां वह पूर्व कोढ़ रोगी शिमओन नामक व्यक्ति के घर पर भोजन के लिए बैठे थे. एक स्त्री वहां संगमरमर के बर्तन में शुद्ध जटामांसी का अत्यंत कीमती इत्र ले आई. उसने उस बर्तन को तोड़ वह इत्र मसीह येशु के सिर पर उंडेल दिया.
4 E alguns houve que em si mesmos se indignaram, e disseram: Para que se fez este desperdício de unguênto?
उपस्थित अतिथियों में से कुछ क्रुद्ध होकर आपस में बड़बड़ाने लगे, “क्यों कर दिया इसने इस इत्र का फिज़ूल खर्च?
5 Porque podia isto vender-se por mais de trezentos dinheiros, e da-lo aos pobres. E bramavam contra ela.
इसे तीन सौ दीनार से भी अधिक दाम पर बेचकर वह राशि निर्धनों में बांटी जा सकती थी.” वे उस स्त्री को इसके लिए डांटने लगे.
6 Jesus, porém, disse: deixai-a, para que a molestais? ela fêz-me uma obra boa.
किंतु मसीह येशु ने उनसे कहा, “छोड़ दो उसे! क्यों सता रहे हो उसे? उसने मेरे लिए एक सराहनीय काम किया है.
7 Porque sempre tendes os pobres convosco, e podeis fazer-lhes bem, quando quizerdes; porém a mim nem sempre me tendes.
जहां तक निर्धनों का प्रश्न है, वे तो तुम्हारे साथ हमेशा ही रहेंगे. तुम उनकी सहायता तो कभी भी कर सकते हो, किंतु मैं तुम्हारे साथ हमेशा नहीं रहूंगा.
8 Esta fez o que podia; antecipou-se a ungir o meu corpo para a sepultura.
जो उसके लिए संभव था, वह उसने किया है—उसने मेरी देह का अभिषेक मेरे अंतिम संस्कार के पहले ही कर दिया है.
9 Em verdade vos digo que, em todas as partes do mundo onde este evangelho for pregado, também o que ela fez será contado para sua memória.
सच तो यह है कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, इस स्त्री के इस कार्य का वर्णन भी इसकी याद में किया जाएगा.”
10 E Judas Iscariotes, um dos doze, foi ter com os principais dos sacerdotes para lho entregar.
तब कारियोतवासी यहूदाह ने, जो बारह शिष्यों में से एक था, मसीह येशु को पकड़वाने के उद्देश्य से प्रधान पुरोहितों से भेंट की.
11 E eles, ouvindo-o, folgaram, e prometeram dar-lhe dinheiro; e buscava como o entregaria a tempo oportuno.
इससे वे अत्यंत प्रसन्न हो गए और उसे धनराशि देने का वचन दिया. इसलिये यहूदाह एक अवसर के लिए देखता रहा कि वह किसी भी प्रकार सही अवसर पर मसीह येशु को पकड़वा दे.
12 E, no primeiro dia dos pães asmos, quando sacrificavam a pascoa, disseram-lhe os discípulos: Aonde queres que vamos preparar-te o necessário para comer a pascoa?
अखमीरी रोटी के उत्सव के पहले दिन, जो फ़सह बलि अर्पण की बेला होती थी, शिष्यों ने मसीह येशु से पूछा, “हम आपके लिए फ़सह कहां तैयार करें—आपकी इच्छा क्या है?”
13 E enviou dois dos seus discípulos, e disse-lhes: Ide à cidade, e um homem, que leva um cântaro d'água, vos encontrará; segui-o;
इस पर मसीह येशु ने अपने दो शिष्यों को इस निर्देश के साथ भेजा, “नगर में जाओ. तुम्हें जल का मटका ले जाता हुआ एक व्यक्ति मिलेगा. उसके पीछे-पीछे जाना.
14 E, onde quer que entrar, dizei ao senhor da casa: O Mestre diz: Onde está o aposento em que hei de comer a pascoa com os meus discípulos?
वह जिस घर में प्रवेश करेगा, उसके घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है, “मेरा अतिथि कक्ष कहां है, जहां मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह खाऊं?”’
15 E ele vos mostrará um grande cenáculo mobiliado e preparado; ali a preparai.
वह स्वयं तुम्हें एक विशाल, तैयार तथा सुसज्जित ऊपरी कक्ष दिखा देगा. हमारे लिए वहीं तैयारी करना.”
16 E, saindo os seus discípulos, foram à cidade, e acharam como lhes tinha dito, e prepararam a pascoa.
शिष्य चले गए. जब वे नगर पहुंचे, उन्होंने ठीक वैसा ही पाया जैसा प्रभु ने उनसे कहा था और वहां उन्होंने फ़सह तैयार किया.
17 E, chegada a tarde, foi com os doze,
संध्या होने पर मसीह येशु अपने बारहों शिष्यों के साथ वहां आए.
18 E, quando estavam assentados à mesa, e comendo, disse Jesus: Em verdade vos digo que um de vos, que comigo come, há de trair-me.
जब वह भोजन पर बैठे हुए थे मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक अटल सत्य प्रकट कर रहा हूं: तुममें से एक, जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, मेरे साथ धोखा करेगा.”
19 E eles começaram a entristecer-se e a dizer-lhe um após outro: Porventura sou eu, Senhor? e outro: Porventura sou eu, Senhor?
अत्यंत दुःखी हो वे उनसे एक-एक कर यह पूछने लगे, “निःसंदेह वह मैं तो नहीं हूं?”
20 Porém ele, respondendo, disse-lhes: É um dos doze que mete comigo a mão no prato.
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “है तो वह बारहों में से एक—वही, जो मेरे साथ कटोरे में रोटी डुबो रहा है.
21 Na verdade o Filho do homem vai, como dele está escrito, mas ai daquele homem por quem o Filho do homem é traido! bom seria ao tal homem não haver nascido.
मनुष्य के पुत्र को तो, जैसा कि उसके विषय में पवित्र शास्त्र में लिखा है, जाना ही है; किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर, जो मनुष्य के पुत्र के साथ धोखा करेगा. उस व्यक्ति के लिए अच्छा तो यही होता कि उसका जन्म ही न होता.”
22 E, comendo eles, tomou Jesus pão, e, abençoando-o, o partiu e deu-lho, e disse: tomai, comei, isto é o meu corpo.
भोजन के लिए बैठे हुए मसीह येशु ने रोटी लेकर उसके लिए आभार धन्यवाद करते हुए उसे तोड़ा और उनमें बांटते हुए कहा, “लो, यह मेरा शरीर है.”
23 E, tomando o cálice, e dando graças, deu-lho; e todos beberam dele.
इसके बाद मसीह येशु ने प्याला उठाया, उसके लिए धन्यवाद दिया, शिष्यों को दिया और सबने उसमें से पिया.
24 E disse-lhes: Isto é o meu sangue, o sangue do Novo Testamento, que por muitos é derramado.
मसीह येशु ने उनसे कहा, “यह वायदे का मेरा लहू है, जो अनेकों के लिए उंडेला गया है.
25 Em verdade vos digo que não beberei mais do fruto da vide, até àquele dia em que o beber novo no reino de Deus.
मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: जब तक परमेश्वर के राज्य में नया रस न पिऊं, दाख का रस तब तक मैं नहीं पिऊंगा.”
26 E, tendo cantado o hino, sairam para o monte das Oliveiras.
एक भक्ति गीत गाने के बाद वे ज़ैतून पर्वत पर चले गए.
27 E disse-lhes Jesus: Todos vós esta noite vos escandalizareis em mim; porque escrito está: Ferirei o pastor, e as ovelhas se dispersarão.
उनसे मसीह येशु ने कहा, “तुम सभी मेरा साथ छोड़कर चले जाओगे. जैसा कि इस संबंध में पवित्र शास्त्र का लेख है: “मैं चरवाहे का संहार करूंगा और झुंड की सभी भेड़ें तितर-बितर हो जाएंगी.
28 Mas, depois que eu houver resuscitado, irei adiante de vós para a Galiléia.
हां, पुनर्जीवित किए जाने के बाद मैं तुमसे पहले गलील प्रदेश पहुंच जाऊंगा.”
29 E disse-lhe Pedro: Ainda que todos se escandalizem, nunca, porém, eu.
पेतरॉस ने कहा, “सभी आपका साथ छोड़कर जाएं तो जाएं, किंतु मैं आपको कभी न छोड़ूंगा.”
30 E disse-lhe Jesus: Em verdade te digo que hoje, nesta noite, antes que o galo cante duas vezes, três vezes me negarás.
मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक अटल सत्य प्रकट कर रहा हूं; आज रात में ही, इससे पहले कि मुरगा दो बार बांग दे, तुम मुझे तीन बार नकार चुके होंगे.”
31 Mas ele dizia cada vez mais: Ainda que me seja necessário morrer contigo, de modo nenhum te negarei. E da mesma maneira diziam todos também.
किंतु पेतरॉस दृढतापूर्वक कहते रहे, “यदि मुझे आपके साथ मृत्यु को अपनाना भी पड़े तो भी मैं आपको नहीं नकारूंगा.” अन्य सभी शिष्यों ने भी यही दोहराया.
32 E foram a um lugar chamado Gethsemane, e disse aos seus discípulos: assentai-vos aqui, até que ore.
वे गेतसेमनी नामक स्थान पर आए. मसीह येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जब तक मैं प्रार्थना कर रहा हूं, तुम यहीं ठहरो.”
33 E tomou consigo a Pedro, e a Thiago, e a João, e começou a ter pavor, e a angustiar-se.
उन्होंने अपने साथ पेतरॉस, याकोब तथा योहन को ले लिया. वह अत्यंत अधीर तथा व्याकुल हो रहे थे.
34 E disse-lhes: A minha alma está profundamente triste até à morte: ficai aqui, e vigiai.
मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे प्राण इतने व्याकुल हैं मानो मेरी मृत्यु हो रही हो. तुम यहीं ठहरो और जागते रहो.”
35 E, tendo ido um pouco mais adiante, prostrou-se em terra; e orou para que, se fosse possível, passasse dele aquela hora.
वह उनसे थोड़ी ही दूर गए और भूमि पर गिरकर यह प्रार्थना करने लगे कि यदि संभव हो तो यह क्षण टल जाए.
36 E disse: Abba, Pai, todas as coisas te são possíveis; afasta de mim este cálice; porém não o que eu quero, mas o que tu queres.
प्रार्थना में उन्होंने कहा, “अब्बा! पिता! आपके लिए तो सभी कुछ संभव है. मेरे सामने रखे इस प्याले को हटा दीजिए. फिर भी मेरी नहीं, आपकी इच्छा के अनुरूप हो.”
37 E, chegando, achou-os dormindo; e disse a Pedro: Simão, dormes? não podes vigiar uma hora?
जब मसीह येशु वहां लौटकर आए तो शिष्यों को सोता हुआ पाया. उन्होंने पेतरॉस से कहा, “शिमओन! सोए हुए हो! एक घंटा भी जागे न रह सके!
38 Vigiai e orai, para que não entreis em tentação; o espírito, na verdade, está pronto, mas a carne é fraca.
सजग रहो, प्रार्थना करते रहो, ऐसा न हो कि तुम परीक्षा में पड़ जाओ. हां, निःसंदेह आत्मा तो तैयार है किंतु शरीर दुर्बल.”
39 E, tornando a ir, orou, dizendo as mesmas palavras.
तब उन्होंने दोबारा जाकर वही प्रार्थना की.
40 E, tornando, achou-os outra vez dormindo, porque os seus olhos estavam carregados, e não sabiam que responder-lhe.
वह दोबारा लौटकर आए तो देखा कि शिष्य सोए हुए हैं—क्योंकि उनकी पलकें बोझिल थी. उन्हें यह भी नहीं सूझ रहा था कि प्रभु को क्या उत्तर दें.
41 E voltou terceira vez, e disse-lhes: Dormi agora, e descançai. Basta; é chegada a hora. Eis que o Filho do homem vai ser entregue nas mãos dos pecadores.
जब मसीह येशु तीसरी बार उनके पास आए तो उन्होंने उनसे कहा, “अभी भी सो रहे हो? सोते रहो और विश्राम करो! बहुत हो गया! वह क्षण आ गया है. देख लो कैसे मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों में सौंपा जा रहा है!
42 Levantai-vos, vamos; eis que está perto o que me trai.
उठो! यहां से चलें. देखो, जो मुझे पकड़वाने पर है, वह आ गया!”
43 E logo, falando ele ainda, veio Judas, que era um dos doze, da parte dos principais dos sacerdotes, e dos escribas e dos anciãos, e com ele uma grande multidão com espadas e varapaus.
जब मसीह येशु यह कह ही रहे थे, उसी क्षण यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, आ पहुंचा. उसके साथ तलवार और लाठियां लिए हुए एक भीड़ भी थी. ये सब प्रधान पुरोहितों, शास्त्रियों तथा पुरनियों द्वारा भेजे गए थे.
44 Ora, o que o traia, tinha-lhes dado um sinal, dizendo: aquele que eu beijar, esse é; prendei-o, e levai-o com segurança.
पकड़वानेवाले ने उन्हें यह संकेत दिया था: “मैं जिसे चूमूं, वही होगा वह. उसे पकड़कर सिपाहियों की सुरक्षा में ले जाना.”
45 E, logo que chegou, aproximou-se dele, e disse-lhe: rabi, rabi. E beijou-o.
वहां पहुंचते ही यहूदाह सीधे मसीह येशु के पास गया और उनसे कहा, “रब्बी” और उन्हें चूम लिया.
46 E lançaram-lhe as mãos, e o prenderam.
इस पर उन्होंने मसीह येशु को पकड़कर बांध लिया.
47 E um dos que ali estavam presentes, puxando da espada, feriu o servo do sumo sacerdote, e cortou-lhe a orelha.
उनमें से, जो मसीह के साथ थे, एक ने तलवार खींची और महापुरोहित के दास पर प्रहार कर दिया जिससे उसका एक कान कट गया.
48 E, respondendo Jesus, disse-lhes: saístes com espadas e varapaus a prender-me, como a um salteador?
मसीह येशु ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे पकड़ने के लिए तुम तलवार और लाठियां लेकर आए हो मानो मैं कोई डाकू हूं!
49 Todos os dias estava convosco ensinando no templo, e não me prendestes; mas assim se faz para que as escrituras se cumpram.
मंदिर में शिक्षा देते हुए मैं प्रतिदिन तुम्हारे साथ ही होता था, तब तो तुमने मुझे नहीं पकड़ा किंतु अब जो कुछ घटित हो रहा है वह इसलिये कि पवित्र शास्त्र का लेख पूरा हो.”
50 Então, deixando-o, todos fugiram.
सभी शिष्य मसीह येशु को छोड़ भाग चुके थे.
51 E um certo mancebo o seguia, envolto em um lençol sobre o corpo nú. E os mancebos o prenderam;
एक युवक था, जो मसीह येशु के पीछे-पीछे आ रहा था. उसने अपने शरीर पर मात्र एक चादर लपेटी हुई थी. जब उन्होंने उसे पकड़ना चाहा,
52 E ele, largando o lençol, fugiu nu dentre eles.
वह अपनी उस चादर को छोड़ नंगा ही भाग निकला.
53 E levaram Jesus ao sumo sacerdote, e ajuntaram-se a ele todos os principais dos sacerdotes, e os anciãos e os escribas.
वे मसीह येशु को महापुरोहित के सामने ले गए, वहां सभी प्रधान पुरोहित, वरिष्ठ नागरिक तथा शास्त्री इकट्ठा थे.
54 E Pedro o seguiu de longe até dentro do pátio do sumo sacerdote, e estava assentado com os servidores, e aquentando-se ao lume.
पेतरॉस दूर ही दूर, उनके पीछे-पीछे आ रहे थे और वह महापुरोहित के आंगन में भी आ गए. वह अधिकारियों के साथ बैठ गए और उनके साथ आग तापने लगे.
55 E os principais dos sacerdotes e todo o concílio buscavam algum testemunho contra Jesus, para o matar, e não o achavam.
मसीह येशु को मृत्यु दंड देने की इच्छा लिए हुए प्रधान पुरोहित तथा पूरी महासभा मसीह येशु के विरुद्ध गवाह खोजने का यत्न कर रही थी किंतु इसमें वे विफल ही रहे.
56 Porque muitos testificavam falsamente contra ele, mas os testemunhos não eram conformes.
निःसंदेह उनके विरुद्ध अनेक झूठे गवाह उठ खड़े हुए थे, किंतु उनकी गवाही मेल न खायी.
57 E, levantando-se alguns, testificavam falsamente contra ele, dizendo:
तब कुछ ने मसीह येशु के विरुद्ध यह झूठी गवाही दी:
58 Nós ouvimos-lhe dizer: Eu derribarei este templo, construído pelas mãos, e em três dias edificarei outro, não feito por mãos.
“हमने इसे कहते सुना है: ‘मैं मनुष्य के द्वारा बनाए गए इस मंदिर को ढाह दूंगा और तीन दिन में एक दूसरा बना दूंगा, जो हाथ से बना न होगा.’”
59 E nem assim o seu testemunho era conforme.
इस आरोप में भी उनके गवाह में समानता न थी.
60 E, levantando-se o sumo sacerdote no meio, perguntou a Jesus, dizendo: Nada respondes? Que testificam estes contra ti?
तब महापुरोहित उनके सामने खड़े हुए तथा मसीह येशु से पूछा, “क्या तुम्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है? ये सब तुम्हारे विरुद्ध क्या-क्या गवाही दे रहे हैं!”
61 Mas ele calou-se, e nada respondeu. O sumo sacerdote lhe tornou a perguntar, e disse-lhe: És tu o Cristo, Filho do Deus bendito?
किंतु मसीह येशु ने कोई उत्तर न दिया. वह मौन ही बने रहे. तब महापुरोहित ने उन पर व्यंग्य करते हुए पूछा, “क्या तुम ही मसीह हो—परम प्रधान के पुत्र?”
62 E Jesus disse-lhe: Eu o sou, e vereis o Filho do homem assentado à direita do poder de Deus, e vindo sobre as nuvens do céu.
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “जी हां, मैं हूं. आप मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान के दायें पक्ष में आसीन तथा आकाश के बादलों पर लौटता हुआ देखेंगे.”
63 E o sumo sacerdote, rasgando os seus vestidos, disse: Para que necessitamos de mais testemunhas?
इस पर महापुरोहित ने अपने वस्त्र फाड़ते हुए कहा, “अब क्या ज़रूरत रह गई किसी अन्य गवाह की?
64 Vós ouvistes a blasfêmia; que vos parece? E todos o condenaram como culpado de morte.
तुम सभी ने परमेश्वर-निंदा सुन ली है. क्या विचार है तुम्हारा?” सबने एक मत से उन्हें मृत्यु दंड का भागी घोषित किया.
65 E alguns começaram a cuspir nele, e a cobrir-lhe o rosto, e a dar-lhe punhadas, e a dizer-lhe: profetiza. E os servidores davam-lhe bofetadas.
कुछ ने उन पर थूकना प्रारंभ कर दिया. उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर कुछ उन्हें घूंसे मारते हुए कहने लगे, “कर भविष्यवाणी!” और प्रहरियों ने उनके मुख पर थप्पड़ भी मारे.
66 E, estando Pedro em baixo, no átrio, chegou uma das criadas do sumo sacerdote;
जब पेतरॉस नीचे आंगन में थे. महापुरोहित की एक सेविका वहां आई.
67 E, vendo a Pedro, que se estava aquentando, olhou para ele, e disse: Tu também estavas com Jesus Nazareno.
उसे पेतरॉस वहां आग तापते हुए दिखे इसलिये वह उनकी ओर एकटक देखते हुए बोली, “तुम भी तो येशु नाज़री के साथ थे!”
68 Mas ele negou-o, dizendo: Não o conheço, nem sei o que dizes. E saiu fora ao alpendre, e o galo cantou.
पेतरॉस ने यह कहते हुए नकार दिया, “क्या कह रही हो! मैं इस विषय में कुछ नहीं जानता. मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है,” और वह द्वार की ओर चले गए.
69 E a criada, vendo-o outra vez, começou a dizer aos que ali estavam: Este é um dos tais.
एक बार फिर जब उस दासी ने उन्हें देखा तो आस-पास उपस्थित लोगों से दोबारा कहने लगी, “यह भी उन्हीं में से एक है!”
70 Mas ele o negou outra vez. E pouco depois os que ali estavam disseram outra vez a Pedro: Verdadeiramente tu és um deles, porque és também galileu, e a tua fala é semelhante.
पेतरॉस ने दोबारा नकार दिया. कुछ समय बाद उनके पास खड़े लोग ही पेतरॉस से कहने लगे, “इसमें तो कोई संदेह ही नहीं है कि तुम उनमें से एक हो क्योंकि तुम भी गलीलवासी हो.”
71 E ele começou a imprecar, e a jurar, dizendo: Não conheço esse homem de quem falais,
किंतु पेतरॉस धिक्कार कर शपथ खाते हुए कहने लगे, “तुम जिस व्यक्ति के विषय में कह रहे हो, उसे तो मैं जानता ही नहीं!”
72 E o galo cantou segunda vez. E Pedro lembrou-se da palavra que Jesus lhe tinha dito: Antes que o galo cante duas vezes, três vezes me negarás tu. E, retirando-se dali, chorou.
उसी क्षण मुर्गे ने दूसरी बार बांग दी. पेतरॉस को मसीह येशु की वह पहले से कही हुए बात याद आई, “इसके पहले कि मुर्ग दो बार बांग दे, तुम तीन बार मुझे नकार चुके होंगे.” पेतरॉस फूट-फूटकर रोने लगे.