< Oséias 8 >

1 Põe a trombeta à tua boca; ele vem como a águia contra a casa do Senhor, porque traspassaram o meu concerto, e se rebelaram contra a minha lei.
तुरही अपने मुँह से लगा! वह 'उक़ाब की तरह ख़ुदावन्द के घर पर टूट पड़ा है, क्यूँकि उन्होंने मेरे अहद से तजावुज़ किया और मेरी शरी'अत के ख़िलाफ़ चले।
2 Então a mim clamarão: Deus meu! nós, Israel, te conhecemos.
वह मुझे यूँ पुकारते हैं कि ऐ हमारे ख़ुदा, हम बनी — इस्राईल तुझे पहचानते हैं।
3 Israel rejeitou o bem: o inimigo persegui-lo-á.
इस्राईल ने भलाई को छोड़ दिया, दुश्मन उसका पीछा करेंगे।
4 Eles fizeram reis, porém não de mim: constituiram príncipes, porém eu não o soube: da sua prata e do seu ouro fizeram ídolos para si, para serem destruídos.
उन्होंने बादशाह मुक़र्रर किए लेकिन मेरी तरफ़ से नहीं। उन्होंने उमरा को ठहराया है और मैंने उनको न जाना। उन्होंने अपने सोने चाँदी से बुत बनाए ताकि बर्बाद हों।
5 O teu bezerro, ó Samaria, te rejeitou: a minha ira se acendeu contra eles; até quando serão eles incapazes da inocência?
ऐ सामरिया, तेरा बछड़ा मरदूद है। मेरा क़हर उन पर भड़का है। वह कब तक गुनाह से पाक न होंगे।
6 Porque também isso é de Israel, um artífice o fez, e não é Deus, mas em pedaços será desfeito o bezerro de Samaria.
क्यूँकि ये भी इस्राईल ही की करतूत है। कारीगर ने उसको बनाया है। वह ख़ुदा नहीं। सामरिया का बछड़ा यक़ीनन टुकड़े — टुकड़े किया जाएगा।
7 Porque vento semearam, e segarão tormenta: seara não haverá, a erva não dará farinha: se a der, traga-la-ão os estrangeiros.
बेशक उन्होंने हवा बोई। वह गर्दबाद काटेंगे, न उसमें डंठल निकलेगा न उसकी बालों से ग़ल्ला पैदा होगा और अगर पैदा हो भी तो अजनबी उसे चट कर जाएँगे।
8 Israel foi tragado: agora entre as nações será tido como um vaso em que ninguém tem prazer.
इस्राईल निगला गया। अब वह क़ौमों के बीच ना पसंदीदा बर्तन की तरह होंगे।
9 Porque subiram à Assyria, como um jumento montez, por si só: mercou Ephraim amores.
क्यूँकि वह तन्हा गोरख़र की तरह असूर को चले गए हैं। इफ़्राईम ने उजरत पर यार बुलाए।
10 Ainda que eles merquem entre as nações, agora as congregarei: já começaram a ser diminuídos por causa da carga do rei dos príncipes.
अगरचे उन्होंने क़ौमों को उजरत दी है तो भी अब मै उनको जमा' करूँगा और वह बादशाह — ओ — उमरा के बोझ से ग़मग़ीन होंगे।
11 Porquanto Ephraim multiplicou os altares para pecar; teve altar para pecar.
चूँकि इफ़्राईम ने गुनहगारी के लिए बहुत सी क़ुर्बानगाहें बनायीं इसलिए वह क़ुर्बानगाहें उसकी गुनहगारी का ज़रिया' हुई।
12 Escrevi-lhe as grandezas da minha lei, porém essas são estimadas como coisa estranha.
अगरचे मैंने अपनी शरी'अत के अहकाम को उनके लिए हज़ारों बार लिखा, लेकिन वह उनको अजनबी ख़्याल करते हैं।
13 Quanto aos sacrifícios dos meus dons, sacrificam carne, e a comem, mas o Senhor não se deleitou neles: agora se lembrará da sua injustiça, e visitará os seus pecados: eles voltarão para o Egito.
वह मेरे तोहफ़ों की क़ुर्बानियों के लिए गोश्त पेश करते और खाते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उनको क़ुबूल नहीं करता। अब वह उनकी बदकिरदारी की याद करेगा और उनको उनके गुनाहों की सज़ा देगा। वह मिस्र को वापस जाएँगे।
14 Porque Israel se esqueceu do seu criador, e edificou templos, e Judá multiplicou cidades fortes; mas eu enviarei um fogo contra as suas cidades, que consumirá os seus palácios.
इस्राईल ने अपने ख़ालिक़ को फ़रामोश करके बुतख़ाने बनाए हैं और यहूदाह ने बहुत से हसीन शहर ता'मीर किए हैं, लेकिन मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा और वह उनके कस्रों को भसम कर देगी।

< Oséias 8 >