< Salmos 5 >

1 Dá ouvidos ás minhas palavras, ó Senhor, entende a minha meditação.
ऐ ख़ुदावन्द मेरी बातो पर कान लगा! मेरी आहों पर तवज्जुह कर!
2 Attende á voz do meu clamor, Rei meu e Deus meu, pois a ti orarei.
ऐ मेरे बादशाह! ऐ मेरे ख़ुदा! मेरी फ़रियाद की आवाज़ की तरफ़ मुतवज्जिह हो, क्यूँकि मैं तुझ ही से दुआ करता हूँ।
3 Pela manhã ouvirás a minha voz, ó Senhor; pela manhã me apresentarei a ti, e vigiarei.
ऐ ख़ुदावन्द तू सुबह को मेरी आवाज़ सुनेगा। मैं सवेरे ही तुझ से दुआ करके इन्तिज़ार करूँगा।
4 Porque tu não és um Deus que tenha prazer na iniquidade, nem comtigo habitará o mal.
क्यूँकि तू ऐसा ख़ुदा नहीं जो शरारत से खु़श हो। गुनाह तेरे साथ नहीं रह सकता।
5 Os loucos não pararão á tua vista; aborreces a todos os que obram a maldade.
घमंडी तेरे सामने खड़े न होंगे। तुझे सब बदकिरदारों से नफ़रत है।
6 Destruirás aquelles que fallam a mentira; o Senhor aborrecerá o homem sanguinario e fraudulento.
तू उनको जो झूट बोलते हैं हलाक करेगा। ख़ुदावन्द को खू़ँख़्वार और दग़ाबाज़ आदमी से नफ़रत है।
7 Porém eu entrarei em tua casa pela grandeza de tua benignidade; e em teu temor me inclinarei para o teu sancto templo.
लेकिन मैं तेरी शफ़क़त की कसरत से तेरे घर में आऊँगा। मैं तेरा रौ'ब मानकर तेरी पाक हैकल की तरफ़ रुख़ करके सिज्दा करूँगा।
8 Senhor, guia-me na tua justiça, por causa dos meus inimigos: endireita diante de mim o teu caminho.
ऐ ख़ुदावन्द! मेरे दुश्मनों की वजह से मुझे अपनी सदाक़त में चला; मेरे आगे आगे अपनी राह को साफ़ कर दे।
9 Porque não ha rectidão na bocca d'elles: as suas entranhas são verdadeiras maldades, a sua garganta é um sepulchro aberto; lisongeam com a sua lingua.
क्यूँकि उनके मुँह में ज़रा सच्चाई नहीं, उनका बातिन सिर्फ़ बुराई है। उनका गला खुली क़ब्र है, वह अपनी ज़बान से ख़ुशामद करते हैं।
10 Declara-os culpados, ó Deus: caiam por seus proprios conselhos; lança-os fóra por causa da multidão de suas transgressões, pois se rebellaram contra ti.
ऐ ख़ुदा तू उनको मुजरिम ठहरा; वह अपने ही मश्वरों से तबाह हों। उनको उनके गुनाहों की ज़्यादती की वजह से ख़ारिज कर दे; क्यूँकि उन्होंने तुझ से बग़ावत की है।
11 Porém alegrem-se todos os que confiam em ti; exultem eternamente, porquanto tu os defendes; e em ti se gloriem os que amam o teu nome.
लेकिन वह सब जो तुझ पर भरोसा रखते हैं, शादमान हों, वह सदा ख़ुशी से ललकारें, क्यूँकि तू उनकी हिमायत करता है। और जो तेरे नाम से मुहब्बत रखते हैं, तुझ में ख़ुश रहें।
12 Pois tu, Senhor, abençoarás ao justo; coroal-o-has com a tua benevolencia, como de um escudo.
क्यूँकि तू सादिक़ को बरकत बख़्शेगा। ऐ ख़ुदावन्द! तू उसे करम से ढाल की तरह ढाँक लेगा।

< Salmos 5 >