< Provérbios 26 >
1 Como a neve no verão, e como a chuva na sega, assim não convem ao louco a honra.
मूर्ख को सम्मानित करना वैसा ही असंगत है, जैसा ग्रीष्मऋतु में हिमपात तथा कटनी के समय वृष्टि.
2 Como ao passaro o vaguear, como á andorinha o voar, assim a maldição sem causa não virá.
निर्दोष को दिया गया शाप वैसे ही प्रभावी नहीं हो पाता, जैसे गौरेया का फुदकना और अबाबील की उड़ान.
3 O açoite para o cavallo, o freio para o jumento, e a vara para as costas dos tolos.
जैसे घोड़े के लिए चाबुक और गधे के लिए लगाम, वैसे ही मूर्ख की पीठ के लिए छड़ी निर्धारित है.
4 Não respondas ao tolo segundo a sua estulticia; para que tambem te não faças similhante a elle.
मूर्ख को उसकी मूर्खता के अनुरूप उत्तर न दो, कहीं तुम स्वयं मूर्ख सिद्ध न हो जाओ.
5 Responde ao tolo segundo a sua estulticia; para que não seja sabio aos seus olhos.
मूर्खों को उनकी मूर्खता के उपयुक्त उत्तर दो, अन्यथा वे अपनी दृष्टि में विद्वान हो जाएंगे.
6 Os pés corta, e o damno bebe, quem manda mensagens pela mão d'um tolo.
किसी मूर्ख के द्वारा संदेश भेजना वैसा ही होता है, जैसा अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेना अथवा विषपान कर लेना.
7 Como as pernas do côxo, que pendem frouxas, assim é o proverbio na bocca dos tolos.
मूर्ख के मुख द्वारा निकला नीति सूत्र वैसा ही होता है, जैसा अपंग के लटकते निर्जीव पैर.
8 Como o que ata a pedra preciosa na funda, assim é aquelle que dá honra ao tolo.
किसी मूर्ख को सम्मानित करना वैसा ही होगा, जैसे पत्थर को गोफन में बांध देना.
9 Como o espinho que entra na mão do bebado, assim é o proverbio na bocca dos tolos.
मूर्ख व्यक्ति द्वारा कहा गया नीतिवचन वैसा ही लगता है, जैसे मद्यपि के हाथों में चुभा हुआ कांटा.
10 Os grandes molestam a todos, e alugam os tolos e transgressores.
जो अनजान मूर्ख यात्री अथवा मदोन्मत्त व्यक्ति को काम पर लगाता है, वह उस धनुर्धारी के समान है, जो बिना किसी लक्ष्य के, लोगों को घायल करता है.
11 Como o cão que torna ao seu vomito, assim é o tolo que reitera a sua estulticia.
अपनी मूर्खता को दोहराता हुआ व्यक्ति उस कुत्ते के समान है, जो बार-बार अपने उल्टी की ओर लौटता है.
12 Tens visto a um homem que é sabio a seus proprios olhos? maior esperança ha do tolo do que d'elle.
क्या तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है, जो स्वयं को बुद्धिमान समझता है? उसकी अपेक्षा एक मूर्ख से कहीं अधिक अपेक्षा संभव है.
13 Diz o preguiçoso: Um leão está no caminho; um leão está nas ruas
आलसी कहता है, “मार्ग में सिंह है, सिंह गलियों में छुपा हुआ है!”
14 Como a porta se revolve nos seus gonzos, assim o preguiçoso na sua cama.
आलसी अपने बिछौने पर वैसे ही करवटें बदलते रहता है, जैसे चूल पर द्वार.
15 O preguiçoso esconde a sua mão no seio: enfada-se de tornal-a á sua bocca.
आलसी अपना हाथ भोजन की थाली में डाल तो देता है; किंतु आलस्यवश वह अपना हाथ मुख तक नहीं ले जाता.
16 Mais sabio é o preguiçoso a seus olhos do que sete homens que bem respondem.
अपने विचार में आलसी उन सात व्यक्तियों से अधिक बुद्धिमान होता है, जिनमें सुसंगत उत्तर देने की क्षमता होती है.
17 O que, passando, se entremette em pleito alheio é como aquelle que toma um cão pelas orelhas.
मार्ग में चलते हुए अपरिचितों के मध्य चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करते हुए व्यक्ति की स्थिति वैसी ही होती है, मानो उसने वन्य कुत्ते को उसके कानों से पकड़ लिया हो.
18 Como o louco que lança de si faiscas, frechas, e mortandades,
उस उन्मादी सा जो मशाल उछालता है या मनुष्य जो घातक तीर फेंकता है
19 Assim é o homem que engana o seu proximo, e diz: Não o fiz eu por brincar?
वैसे ही वह भी होता है जो अपने पड़ोसी की छलता है और कहता है, “मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था!”
20 Sem lenha, o fogo se apagará; e, não havendo murmurador, cessará a contenda.
लकड़ी समाप्त होते ही आग बुझ जाती है; वैसे ही जहां कानाफूसी नहीं की जाती, वहां कलह भी नहीं होता.
21 Como o carvão é para as brazas, e a lenha para o fogo, assim é o homem contencioso para accender rixas.
जैसे प्रज्वलित अंगारों के लिए कोयला और अग्नि के लिए लकड़ी, वैसे ही कलह उत्पन्न करने के लिए होता है विवादी प्रवृत्ति का व्यक्ति.
22 As palavras do murmurador são como as palavras do espancado, e ellas descem ao intimo do ventre.
फुसफुसाहट में उच्चारे गए शब्द स्वादिष्ट भोजन-समान होते हैं; ये शब्द मनुष्य के पेट में समा जाते हैं.
23 Como o caco coberto d'escorias de prata, assim são os labios ardentes com o coração maligno.
कुटिल हृदय के व्यक्ति के चिकने-चुपड़े शब्द वैसे ही होते हैं, जैसे मिट्टी के पात्र पर चढ़ाई गई चांदी का कीट.
24 Aquelle que aborrece se contrafaz pelos seus beiços, mas no seu interior encobre o engano.
घृणापूर्ण हृदय के व्यक्ति के मुख से मधुर वाक्य टपकते रहते हैं, जबकि उसके हृदय में छिपा रहता है छल और कपट.
25 Quando te supplicar com a sua voz, não te fies n'elle, porque sete abominações ha no seu coração.
जब वह मनभावन विचार व्यक्त करने लगे, तो उसका विश्वास न करना, क्योंकि उसके हृदय में सात घिनौनी बातें छिपी हुई हैं.
26 Cujo odio se encobre com engano; a sua malicia se descobrirá na congregação.
यद्यपि इस समय उसने अपने छल को छुपा रखा है, उसकी कुटिलता का प्रकाशन भरी सभा में कर दिया जाएगा.
27 O que cava uma cova n'ella cairá; e o que revolve a pedra esta sobre elle tornará.
जो कोई गड्ढा खोदता है, उसी में जा गिरता है; जो कोई पत्थर को लुढ़का देता है, उसी के नीचे आ जाता है.
28 A lingua falsa aborrece aos que ella afflige, e a bocca lubrica obra a ruina.
झूठ बोलने वाली जीभ जिससे बातें करती है, वह उसके घृणा का पात्र होता है, तथा विनाश का कारण होते हैं चापलूस के शब्द.