< 28 >

1 Na verdade, ha veia d'onde se tira a prata, e para o oiro logar em que o derretem.
“यक़ीनन चाँदी की कान होती है, और सोने के लिए जगह होती है, जहाँ ताया जाता है।
2 O ferro se toma do pó, e da pedra se funde o metal.
लोहा ज़मीन से निकाला जाता है, और पीतल पत्थर में से गलाया जाता है।
3 Elle poz fim ás trevas, e toda a extremidade elle esquadrinha, a pedra da escuridão e da sombra da morte.
इंसान तारीकी की तह तक पहुँचता है, और ज़ुल्मात और मौत के साए की इन्तिहा तक पत्थरों की तलाश करता है।
4 Trasborda o ribeiro junto ao que habita ali, de maneira que se não possa passar a pé: então se esgota do homem, e as aguas se vão.
आबादी से दूर वह सुरंग लगाता है, आने जाने वालों के पाँव से बे ख़बर और लोगों से दूर वह लटकते और झूलते हैं।
5 Da terra procede o pão, e debaixo d'ella se converte como em fogo.
और ज़मीन उस से ख़ूराक पैदा होती है, और उसके अन्दर गोया आग से इन्क़लाब होता रहता है।
6 As suas pedras são o logar da saphira, e tem pósinhos d'oiro.
उसके पत्थरों में नीलम है, और उसमें सोने के ज़र्रे हैं
7 Vereda que ignora a ave de rapina, e que não viu os olhos da gralha.
उस राह को कोई शिकारी परिन्दा नहीं जानता न कुछ की आँख ने उसे देखा है।
8 Nunca a pisaram filhos d'animaes altivos, nem o feroz leão passou por ella.
न मुतक़ब्बिर जानवर उस पर चले हैं, न खू़नख़्वार बबर उधर से गुज़रा है।
9 Estendeu a sua mão contra o rochedo, e transtorna os montes desd'as suas raizes.
वह चकमक की चट्टान पर हाथ लगाता है, वह पहाड़ों को जड़ ही से उखाड़ देता है।
10 Dos rochedos faz sair rios, e o seu olho viu tudo o que ha precioso.
वह चट्टानों में से नालियाँ काटता है, उसकी आँख हर एक बेशक़ीमत चीज़ को देख लेती है।
11 Os rios tapa, e nem uma gotta sae d'elles, e tira á luz o que estava escondido.
वह नदियों को मसदूद करता है, कि वह टपकती भी नहीं और छिपी चीज़ को वह रोशनी में निकाल लाता है।
12 Porém d'onde se achará a sabedoria? e onde está o logar da intelligencia?
लेकिन हिकमत कहाँ मिलेगी? और 'अक़्लमन्दी की जगह कहाँ है
13 O homem não sabe a sua valia, e não se acha na terra dos viventes.
न इंसान उसकी क़द्र जानता है, न वह ज़िन्दों की सर ज़मीन में मिलती है।
14 O abysmo diz: Não está em mim: e o mar diz: Ella não está comigo.
गहराव कहता है, वह मुझ में नहीं है, और समन्दर भी कहता है वह मेरे पास नहीं है।
15 Não se dará por ella oiro fino, nem se pesará prata em cambio d'ella.
न वह सोने के बदले मिल सकती है, न चाँदी उसकी क़ीमत के लिए तुलेगी।
16 Nem se pode comprar por oiro fino d'Ophir, nem pelo precioso onyx, nem pela saphira.
न ओफ़ीर का सोना उसका मोल हो सकता है और न क़ीमती सुलैमानी पत्थर या नीलम।
17 Com ella se não póde comparar o oiro nem o crystal; nem se dá em troca d'ella joia d'oiro fino.
न सोना और काँच उसकी बराबरी कर सकते हैं, न चोखे सोने के ज़ेवर उसका बदल ठहरेंगे।
18 Não se fará menção de coral nem de perolas; porque o desejo da sabedoria é melhor que o dos rubins.
मोंगे और बिल्लौर का नाम भी नहीं लिया जाएगा, बल्कि हिकमत की क़ीमत मरजान से बढ़कर है।
19 Não se lhe igualará o topazio de Cus, nem se póde comprar por oiro puro.
न कूश का पुखराज उसके बराबर ठहरेगा न चोखा सोना उसका मोल होगा।
20 D'onde pois vem a sabedoria? e onde está o logar da intelligencia?
फिर हिकमत कहाँ से आती है, और 'अक़्लमन्दी की जगह कहाँ है।
21 Porque está encoberta aos olhos de todo o vivente, e occulta ás aves do céu.
जिस हाल कि वह सब ज़िन्दों की आँखों से छिपी है, और हवा के परिंदों से पोशीदा रख्खी गई है
22 A perdição e a morte dizem: Ouvimos com os nossos ouvidos a sua fama.
हलाकत और मौत कहती है, 'हम ने अपने कानों से उसकी अफ़वाह तो सुनी है।”
23 Deus entende o seu caminho, e elle sabe o seu logar.
“ख़ुदा उसकी राह को जानता है, और उसकी जगह से वाक़िफ़ है।
24 Porque elle vê as extremidades da terra; e vê tudo o que ha debaixo dos céus:
क्यूँकि वह ज़मीन की इन्तिहा तक नज़र करता है, और सारे आसमान के नीचे देखता है;
25 Dando peso ao vento, e tomando a medida das aguas.
ताकि वह हवा का वज़न ठहराए, बल्कि वह पानी को पैमाने से नापता है।
26 Prescrevendo lei para a chuva e caminho para o relampago dos trovões.
जब उसने बारिश के लिए क़ानून, और रा'द की बर्क़ के लिए रास्ता ठहराया,
27 Então a viu e relatou, a preparou, e tambem a esquadrinhou.
तब ही उसने उसे देखा और उसका बयान किया, उसने उसे क़ाईम और ढूँड निकाला।
28 Porém disse ao homem: Eis que o temor do Senhor é a sabedoria, e apartar-se do mal, a intelligencia.
और उसने इंसान से कहा, देख, ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ ही हिकमत है; और बदी से दूर रहना यही 'अक़्लमन्दी है।”

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