< Esdras 6 >
1 Então o rei Dario deu ordem, e buscaram na chancellaria, onde se mettiam os thesouros em Babylonia.
१तब राजा दारा की आज्ञा से बाबेल के पुस्तकालय में जहाँ खजाना भी रहता था, खोज की गई।
2 E em Achmetha, no paço, que está na provincia de Media, se achou um rôlo, e n'elle estava escripto um memorial que dizia assim:
२मादे नामक प्रान्त के अहमता नगर के राजगढ़ में एक पुस्तक मिली, जिसमें यह वृत्तान्त लिखा था:
3 No anno primeiro do rei Cyro, o rei Cyro deu esta ordem: A casa de Deus em Jerusalem, esta casa se edificará para logar em que se offereçam sacrificios, e seus fundamentos serão firmes: a sua altura de sessenta covados, e a sua largura de sessenta covados;
३“राजा कुस्रू के पहले वर्ष में उसी कुस्रू राजा ने यह आज्ञा दी, कि परमेश्वर के भवन के विषय जो यरूशलेम में है, अर्थात् वह भवन जिसमें बलिदान किए जाते थे, वह बनाया जाए और उसकी नींव दृढ़ता से डाली जाए, उसकी ऊँचाई और चौड़ाई साठ-साठ हाथ की हो;
4 Com tres carreiras de grandes pedras, e uma carreira de madeira nova: e a despeza se fará da casa do rei.
४उसमें तीन रद्दे भारी-भारी पत्थरों के हों, और एक परत नई लकड़ी की हो; और इनकी लागत राजभवन में से दी जाए।
5 De mais d'isto, os vasos de oiro e de prata da casa de Deus, que Nabucodonosor transportou do templo que estava em Jerusalem, e levou para Babylonia, se tornarão a dar, para que vão ao seu logar, ao templo que está em Jerusalem, e os levarão á casa de Deus
५परमेश्वर के भवन के जो सोने और चाँदी के पात्र नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम के मन्दिर में से निकलवाकर बाबेल को पहुँचा दिए थे। वह लौटाकर यरूशलेम के मन्दिर में अपने-अपने स्थान पर पहुँचाए जाएँ, और तू उन्हें परमेश्वर के भवन में रख देना।”
6 Agora pois Tattenai, governador de além do rio, Sethar-boznai, e os seus companheiros, os apharsachitas, que estaes de além do rio, apartae-vos d'ali.
६“अब हे महानद के पार के अधिपति तत्तनै! हे शतर्बोजनै! तुम अपने सहयोगियों महानद के पार के फारसियों समेत वहाँ से अलग रहो;
7 Deixa-os na obra d'esta casa de Deus; para que o governador dos judeos e os judeus edifiquem esta casa de Deus no seu logar.
७परमेश्वर के उस भवन के काम को रहने दो; यहूदियों का अधिपति और यहूदियों के पुरनिये परमेश्वर के उस भवन को उसी के स्थान पर बनाएँ।
8 Tambem por mim se decreta o que haveis de fazer com os anciãos dos judeos, para edificar esta casa de Deus, a saber: que da fazenda do rei dos tributos d'além do rio se dê promptamente a despeza a estes homens, para que não sejam impedidos.
८वरन् मैं आज्ञा देता हूँ कि तुम्हें यहूदियों के उन पुरनियों से ऐसा बर्ताव करना होगा, कि परमेश्वर का वह भवन बनाया जाए; अर्थात् राजा के धन में से, महानद के पार के कर में से, उन पुरुषों को फुर्ती के साथ खर्चा दिया जाए; ऐसा न हो कि उनको रुकना पड़े।
9 E o que fôr necessario, como bezerros, e carneiros, e cordeiros, por holocausto ao Deus dos céus, trigo, sal, vinho e azeite, segundo o rito dos sacerdotes que estão em Jerusalem; e dê-se-lhes, de dia em dia, para que não haja falta.
९क्या बछड़े! क्या मेढ़े! क्या मेम्ने! स्वर्ग के परमेश्वर के होमबलियों के लिये जिस-जिस वस्तु का उन्हें प्रयोजन हो, और जितना गेहूँ, नमक, दाखमधु और तेल यरूशलेम के याजक कहें, वह सब उन्हें बिना भूल चूक प्रतिदिन दिया जाए,
10 Para que offereçam sacrificios de cheiro suave ao Deus dos céus, e orem pela vida do rei e de seus filhos.
१०इसलिए कि वे स्वर्ग के परमेश्वर को सुखदायक सुगन्धवाले बलि चढ़ाकर, राजा और राजकुमारों के दीर्घायु के लिये प्रार्थना किया करें।
11 Tambem por mim se decreta que todo o homem que mudar este decreto, um madeiro se arrancará da sua casa, e, levantado, o pendurarão n'elle, e da sua casa se fará por isso um monturo.
११फिर मैंने आज्ञा दी है, कि जो कोई यह आज्ञा टाले, उसके घर में से कड़ी निकाली जाए, और उस पर वह स्वयं चढ़ाकर जकड़ा जाए, और उसका घर इस अपराध के कारण घूरा बनाया जाए।
12 O Deus, pois, que fez habitar ali o seu nome derribe a todos os reis e povos que estenderem a sua mão para o mudarem e para destruirem esta casa de Deus, que está em Jerusalem. Eu, Dario, dei o decreto; apressuradamente se faça.
१२परमेश्वर जिसने वहाँ अपने नाम का निवास ठहराया है, वह क्या राजा क्या प्रजा, उन सभी को जो यह आज्ञा टालने और परमेश्वर के भवन को जो यरूशलेम में है नाश करने के लिये हाथ बढ़ाएँ, नष्ट करे। मुझ दारा ने यह आज्ञा दी है फुर्ती से ऐसा ही करना।”
13 Então Tattenai, o governador de além do rio, Sethar-boznai e os seus companheiros, assim fizeram apressuradamente, conforme ao que decretara o rei Dario.
१३तब महानद के इस पार के अधिपति तत्तनै और शतर्बोजनै और उनके सहयोगियों ने दारा राजा के चिट्ठी भेजने के कारण, उसी के अनुसार फुर्ती से काम किया।
14 E os anciãos dos judeos iam edificando e prosperando pela prophecia do propheta Aggeo, e de Zacharias, filho d'Iddo: e a edificaram e aperfeiçoaram conforme ao mandado do Deus de Israel, e conforme ao mandado de Cyro e Dario, e d'Artaxerxes rei da Persia.
१४तब यहूदी पुरनिये, हाग्गै नबी और इद्दो के पोते जकर्याह के नबूवत करने से मन्दिर को बनाते रहे, और सफल भी हुए और उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार और फारस के राजा कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र की आज्ञाओं के अनुसार बनाते-बनाते उसे पूरा कर लिया।
15 E acabou-se esta casa no dia terceiro do mez d'Adar que era o sexto anno do reinado do rei Dario.
१५इस प्रकार वह भवन राजा दारा के राज्य के छठवें वर्ष में अदार महीने के तीसरे दिन को बनकर समाप्त हुआ।
16 E os filhos d'Israel, os sacerdotes, e os levitas, e o resto dos filhos do captiveiro, fizeram a consagração d'esta casa de Deus com alegria.
१६इस्राएली, अर्थात् याजक लेवीय और जितने बँधुआई से आए थे उन्होंने परमेश्वर के उस भवन की प्रतिष्ठा उत्सव के साथ की।
17 E offereceram para a consagração d'esta casa de Deus cem novilhos, duzentos carneiros, quatrocentos cordeiros, e doze cabritos por expiação do peccado de todo o Israel; segundo o numero das tribus d'Israel.
१७उस भवन की प्रतिष्ठा में उन्होंने एक सौ बैल और दो सौ मेढ़े और चार सौ मेम्ने और फिर सब इस्राएल के निमित्त पापबलि करके इस्राएल के गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह बकरे चढ़ाए।
18 E pozeram os sacerdotes nas suas turmas e os levitas nas suas divisões, para o ministerio de Deus, que está em Jerusalem; conforme ao escripto do livro de Moysés.
१८तब जैसे मूसा की पुस्तक में लिखा है, वैसे ही उन्होंने परमेश्वर की आराधना के लिये जो यरूशलेम में है, बारी-बारी से याजकों और दल-दल के लेवियों को नियुक्त कर दिया।
19 E os que vieram do captiveiro celebraram a paschoa no dia quatorze do primeiro mez.
१९फिर पहले महीने के चौदहवें दिन को बँधुआई से आए हुए लोगों ने फसह माना।
20 Porque os sacerdotes e levitas se purificaram como se fossem um só homem, todos estavam limpos: e mataram o cordeiro da paschoa para todos os filhos do captiveiro, e para seus irmãos, os sacerdotes, e para si mesmos.
२०क्योंकि याजकों और लेवियों ने एक मन होकर, अपने-अपने को शुद्ध किया था; इसलिए वे सब के सब शुद्ध थे। उन्होंने बँधुआई से आए हुए सब लोगों और अपने भाई याजकों के लिये और अपने-अपने लिये फसह के पशुबलि किए।
21 Assim comeram os filhos d'Israel que tinham voltado do captiveiro, com todos os que a elles se apartaram da immundicia das gentes da terra, para buscarem o Senhor, Deus d'Israel:
२१तब बँधुआई से लौटे हुए इस्राएली और जितने और देश की अन्यजातियों की अशुद्धता से इसलिए अलग हो गए थे कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की खोज करें, उन सभी ने भोजन किया।
22 E celebraram a festa dos pães asmos os sete dias com alegria, porque o Senhor os tinha alegrado, e tinha mudado o coração do rei de Assyria a favor d'elles; para lhes esforçar as mãos na obra da casa de Deus, o Deus d'Israel.
२२वे अख़मीरी रोटी का पर्व सात दिन तक आनन्द के साथ मनाते रहे; क्योंकि यहोवा ने उन्हें आनन्दित किया था, और अश्शूर के राजा का मन उनकी ओर ऐसा फेर दिया कि वह परमेश्वर अर्थात् इस्राएल के परमेश्वर के भवन के काम में उनकी सहायता करे।