< Ezequiel 24 >

1 E veiu a mim a palavra do Senhor, no nono anno, no decimo mez, aos dez do mez, dizendo:
फिर नवें बरस के दसवें महीने की दसवीं तारीख़ को ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
2 Filho do homem, escreve o nome d'este dia, d'este mesmo dia; porque o rei de Babylonia se achega a Jerusalem n'este mesmo dia.
कि 'ऐ आदमज़ाद, आज के दिन, हाँ, इसी दिन का नाम लिख रख; शाह — ए — बाबुल ने ऐन इसी दिन येरूशलेम पर ख़रूज किया।
3 E usa de uma comparação para com a casa rebelde, e dize-lhe: Assim diz o Senhor Jehovah: Põe a panella ao lume, põe-n'a, e deita-lhe tambem agua dentro.
और इस बाग़ी ख़ान्दान के लिए एक मिसाल बयान कर और इनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि एक देग चढ़ा दे, हाँ, उसे चढ़ा और उसमें पानी भर दे।
4 Ajunta n'ella os seus pedaços, todos os bons pedaços, as pernas e as espadoas; enche-a de ossos escolhidos.
टुकड़े उसमें इकट्ठे कर, हर एक अच्छा टुकड़ा या'नी रान और शाना और अच्छी अच्छी हड्डियाँ उसमें भर दे।
5 Pega no melhor do rebanho, e queima tambem os ossos debaixo d'ella: faze-a ferver bem, e cozam-se dentro d'ella os seus ossos.
और गल्ले में से चुन — चुन कर ले, और उसके नीचे लकड़ियों का ढेर लगा दे, और ख़ूब जोश दे ताकि उसकी हड्डियाँ उसमें ख़ूब उबल जाएँ।
6 Portanto, assim diz o Senhor Jehovah: Ai da cidade sanguinaria, da panella cuja escuma está n'ella, e cuja escuma não saiu d'ella! tira d'ella pedaços a pedaços, não caia sorte sobre ella
“इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि उस खू़नी शहर पर अफ़सोस और उस देग पर जिसमें ज़न्ग लगा है, और उसका ज़न्ग उस पर से उतारा नहीं गया! एक एक टुकड़ा करके उसमें से निकाल, और उस पर पर्ची पड़े।
7 Porque o seu sangue está no meio d'ella, sobre uma penha descalvada o poz: não o derramou sobre a terra, para o cobrir com pó.
क्यूँकि उसका खू़न उसके बीच है, उसने उसे साफ़ चट्टान पर रख्खा, ज़मीन पर नहीं गिराया ताकि खाक में छिप जाए।
8 Para que eu faça subir a indignação, para tomar vingança, tambem eu puz o seu sangue n'uma penha descalvada, para que não se encubra.
इसलिए कि ग़ज़ब नाज़िल हो और इन्तक़ाम लिया जाए, मैंने उसका खू़न साफ़ चट्टान पर रख्खा ताकि वह छिप न जाए।
9 Portanto, assim diz o Senhor Jehovah: Ai da cidade sanguinaria! tambem eu farei uma grande fogueira.
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि खू़नी शहर पर अफ़सोस! मैं भी बड़ा ढेर लगाऊँगा।
10 Amontoa muita lenha, accende o fogo, consome a carne, e tempera-a com especiarias, e ardam os ossos.
लकड़ियाँ ख़ूब झोंक, आग सुलगा, गोश्त को ख़ूब उबाल और शोरबा गाढ़ा कर और हड्डियाँ भी जला दे।
11 Então a porás vazia sobre as suas brazas, para que ella aqueça, e se queime a sua ferrugem, e se funda a sua immundicia no meio d'ella, e se consuma a sua escuma.
तब उसे ख़ाली करके अँगारों पर रख, ताकि उसका पीतल गर्म हो और जल जाए और उसमें की नापाकी गल जाए और उसका ज़न्ग दूर हो।
12 Com vaidades me cançou; e não saiu d'ella a sua muita escuma; ao fogo irá a sua escuma.
वह सख़्त मेहनत से हार गई, लेकिन उसका बड़ा ज़न्ग उससे दूर नहीं हुआ; आग से भी उसका ज़न्ग दूर नहीं होता।
13 Na immundicia ha infamia, porquanto te purifiquei, e tu não te purificaste; nunca mais serás purificada da tua immundicia, emquanto eu não fizer descançar sobre ti a minha indignação.
तेरी नापाकी में ख़बासत है, क्यूँकि मैं तुझे पाक करना चाहता हूँ लेकिन तू पाक होना नहीं चाहती, तू अपनी नापाकी से फिर पाक न होगी, जब तक मैं अपना क़हर तुझ पर पूरा न कर चुकूँ।
14 Eu, o Senhor, o fallei; virá, e o farei: não me tornarei atraz, e não pouparei, nem me arrependerei; conforme os teus caminhos, e conforme os teus tratos, te julgarão, diz o Senhor Jehovah.
मैं ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है, यूँ ही होगा और मैं कर दिखाऊँगा, न दस्तबरदार हूँगा न रहम करूँगा न बाज़ आऊँगा; तेरे चाल चलन और तेरे कामों के मुताबिक़ वह तेरी 'अदालत करेंगे ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
15 E veiu a mim a palavra do Senhor, dizendo:
फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
16 Filho do homem, eis que tirarei de ti o desejo dos teus olhos d'um golpe, mas não lamentarás, nem chorarás, nem te correrão as lagrimas.
कि 'ऐ आदमज़ाद, देख, मैं तेरी मन्जूर — ए — नज़र को एक ही मार में तुझ से जुदा करूँगा, लेकिन तू न मातम करना, न रोना और न आँसू बहाना।
17 Refreia-te de gemer, não farás luto por mortos, ata o teu turbante, e mette nos pés os teus sapatos; e não te rebuçarás, e o pão dos homens não comerás
चुपके चुपके ऑहें भरना, मुर्दे पर नोहा न करना, सिर पर अपनी पगड़ी बाँधना और पाँव में जूती पहनना और अपने होटों को न छिपाना और लोगों की रोटी न खाना।”
18 E fallei ao povo pela manhã, e á tarde morreu minha mulher: e fiz pela manhã como se me deu ordem.
इसलिए मैंने सुबह को लोगों से कलाम किया और शाम को मेरी बीवी मर गई, और सुबह को मैंने वही किया जिसका मुझे हुक्म मिला था।
19 E o povo me disse: Porventura não nos farás saber o que nos significam estas coisas que tu estás fazendo?
तब लोगों ने मुझ से पूछा, “क्या तू हमें न बताएगा कि जो तू करता है उसको हम से क्या रिश्ता है?”
20 E eu lhes disse: Veiu a mim a palavra do Senhor, dizendo:
तब मैंने उनसे कहा, कि ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
21 Dize á casa de Israel: Assim diz o Senhor Jehovah: Eis que eu profanarei o meu sanctuario, a gloria da vossa fortaleza, o desejo dos vossos olhos, e o regalo das vossas almas; e vossos filhos e vossas filhas, que deixastes, cairão á espada.
कि 'इस्राईल के घराने से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि देखो, मैं अपने हैकल को जो तुम्हारे ज़ोर का फ़ख़्र और तुम्हारा मंज़ूर — ए — नज़र है जिसके लिए तुम्हारे दिल तरसते हैं नापाक करूँगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ, जिनको तुम पीछे छोड़ आए हो, तलवार से मारे जाएँगे।
22 E fareis como eu fiz: não vos rebuçareis, e não comereis o pão dos homens.
और तुम ऐसा ही करोगे जैसा मैंने किया; तुम अपने होटों को न छिपाओगे, और लोगों की रोटियाँ न खाओगे।
23 E tereis nas cabeças os vossos turbantes, e os vossos sapatos nos pés; não lamentareis, nem chorareis, mas definhar-vos-heis nas vossas maldades, e dareis gemidos uns com os outros.
और तुम्हारी पगड़ियाँ तुम्हारे सिरों पर और तुम्हारी जूतियाँ तुम्हारे पाँव में होंगी, और तुम नोहा और ज़ारी न करोगे लेकिन अपनी शरारत की वजह से घुलोगे, और एक दूसरे को देख देख कर ठन्डी साँस भरोगे।
24 Assim vos servirá Ezequiel de signal; conforme tudo quanto fez fareis: vendo isto, então sabereis que eu sou o Senhor Jehovah.
चुनाँचे हिज़क़िएल तुम्हारे लिए निशान है; सब कुछ जो उसने किया तुम भी करोगे, और जब यह वजूद में आएगा तो तुम जानोगे कि ख़ुदावन्द ख़ुदा मैं हूँ।
25 E tu, filho do homem, porventura não será no dia que eu lhes tirar a sua fortaleza, o gozo do seu ornamento, o desejo dos seus olhos, e a saudade das suas almas, seus filhos e suas filhas,
“और तू ऐ आदमज़ाद, देख, कि जिस दिन मैं उनसे उनका ज़ोर और उनकी शान — ओ — शौकत और उनके मन्जूर — ए — नज़र को, और उनके मरगू़ब — ए — ख़ातिर उनके बेटे और उनकी बेटियाँ ले लूँगा,
26 Aquelle dia em que virá ter comtigo algum que escapar, para t'o fazer ouvir com os ouvidos?
उस दिन वह जो भाग निकले, तेरे पास आएगा कि तेरे कान में कहे।
27 N'aquelle dia abrir-se-ha a tua bocca para com aquelle que escapar, e fallarás, e mais não ficarás mudo: assim lhes virás a ser um signal maravilhoso, e saberão que eu sou o Senhor.
उस दिन तेरा मुँह उसके सामने, जो बच निकला है खुल जाएगा और तू बोलेगा, और फिर गूँगा न रहेगा; इसलिए तू उनके लिए एक निशान होगा और वह जानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।”

< Ezequiel 24 >