< 2 Samuel 24 >
1 E a ira do Senhor se tornou a accender contra Israel: e incitou a David contra elles, dizendo: Vae, numera a Israel e a Judah.
इसके बाद ख़ुदावन्द का ग़ुस्सा इस्राईल पर फिर भड़का और उसने दाऊद के दिल को उनके ख़िलाफ़ यह कहकर उभारा कि “जाकर इस्राईल और यहूदाह को गिन।”
2 Disse pois o rei a Joab, chefe do exercito, o qual tinha comsigo: Agora rodeia por todas as tribus de Israel, desde Dan até Berseba, e numera o povo: para que eu saiba o numero do povo.
और बादशाह ने लश्कर के सरदार योआब को जो उसके साथ था हुक्म किया कि “इस्राईल के सब क़बीलों में दान से बेर सबा' तक गश्त करो और लोगों को गिनो ताकि लोगों की ता'दाद मुझे मा'लूम हो।”
3 Então disse Joab ao rei: Ora, multiplique o Senhor teu Deus a este povo cem vezes tanto quanto agora é, e os olhos do rei meu senhor o vejam: mas porque deseja o rei meu senhor este negocio?
तब योआब ने बादशाह से कहा कि “ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा उन लोगों को चाहे वह कितने ही हों सौ गुना बढ़ाए और मेरे मालिक बादशाह की आँखें इसे देखें, लेकिन मेरे मालिक बादशाह को यह बात क्यों भाती है?”
4 Porém a palavra do rei prevaleceu contra Joab, e contra os chefes do exercito: Joab pois saiu com os chefes do exercito diante da face do rei, a numerar o povo de Israel.
तो भी बादशाह की बात योआब और लश्कर के सरदारों पर ग़ालिब ही रही, और योआब और लश्कर के सरदार बादशाह के सामने से इस्राईल के लोगों का शुमार करने निकले।
5 E passaram o Jordão: e pozeram-se em campo junto a Aroer, á direita da cidade que está no meio do ribeiro de Gad, e junto a Jazer.
और वह यरदन पार उतरे और उस शहर की दहनी तरफ़ 'अरो'ईर में ख़ेमाज़न हुए जो जद की वादी में या'ज़ेर की जानिब है।
6 E vieram a Gilead, e á terra baixa de Hodsi: tambem vieram até Dan-jaan, e ao redor de Zidon.
फिर जिल'आद और तहतीम हदसी के 'इलाक़े में गए, और दान या'न को गए, और घूम कर सैदा तक पहुँचे।
7 E vieram á fortaleza de Tyro, e a todas as cidades dos heveos e dos cananeos: e sairam para a banda do sul de Judah, a Berseba.
और वहाँ से सूर के क़िला' को और हव्वियों और कन'आनियों के सब शहरों को गए और यहूदाह के जुनूब में बेरसबा' तक निकल गए।
8 Assim rodeiaram por toda a terra: e ao cabo de nove mezes e vinte dias voltaram a Jerusalem.
चुनाँचे सारी हुकूमत में गश्त करके नौ महीने बीस दिन के बाद वह येरूशलेम को लौटे।
9 E Joab deu ao rei a somma do numero do povo contado: e havia em Israel oitocentos mil homens de guerra, que arrancavam espada; e os homens de Judah eram quinhentos mil homens.
और योआब ने मर्दुम शुमारी की ता'दाद बादशाह को दी वह इस्राईल में आठ लाख बहादुर मर्द निकले जो शमशीर ज़न थे और यहूदाह में आदमी पाँच लाख निकले।
10 E o coração feriu a David, depois de haver numerado o povo: e disse David ao Senhor: Muito pequei no que fiz: porém agora, ó Senhor, peço-te que traspasses a iniquidade do teu servo; porque tenho feito mui loucamente.
और लोगों का शुमार करने के बाद दाऊद का दिल बेचैन हुआ और दाऊद ने ख़ुदावन्द से कहा, “यह जो मैंने किया वह बड़ा गुनाह किया, अब ऐ ख़ुदावन्द मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि तू अपने बन्दा का गुनाह दूर कर दे क्यूँकि मुझसे बड़ी बेवक़ूफ़ी हुई।”
11 Levantando-se pois David pela manhã, veiu a palavra do Senhor ao propheta Gad, vidente de David, dizendo:
इसलिए जब दाऊद सुबह को उठा तो ख़ुदावन्द का कलाम जाद पर जो दाऊद का ग़ैब बीन था नाज़िल हुआ और उसने कहा कि।
12 Vae, e dize a David: Assim diz o Senhor: Tres coisas te offereço; escolhe uma d'ellas, para que t'a faça.
“जा और दाऊद से कह ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि मैं तेरे सामने तीन बलाएँ पेश करता हूँ, तू उनमें से एक को चुन ले ताकि मैं उसे तुझ पर नाज़िल करूँ।”
13 Veiu pois Gad a David, e fez-lh'o saber; e disse-lhe: Queres que sete annos de fome te venham á tua terra; ou que por tres mezes fujas diante de teus inimigos, e elles te persigam; ou que por tres dias haja peste na tua terra? Delibera agora, e vê que resposta hei de tornar ao que me enviou.
तब जाद ने दाऊद के पास जाकर उसको यह बताया और उस से पुछा, “क्या तेरे मुल्क में सात बरस क़हत रहे या तू तीन महीने तक अपने दुश्मनों से भागता फिरे और वह तेरा पीछा करें या तेरी हुकूमत में तीन दिन तक मौतें हों? इसलिए तू सोच ले और ग़ौर कर ले कि मैं उसे जिसने मुझे भेजा ने क्या जवाब दूँ।”
14 Então disse David a Gad: Estou em grande angustia: porém caiamos nas mãos do Senhor, porque muitas são as suas misericordias; mas nas mãos dos homens não caia eu.
दाऊद ने जाद से कहा, “मैं बड़े शिकंजे में हूँ, हम ख़ुदावन्द के हाथ में पड़ें क्यूँकि उसकी रहमतें 'अज़ीम हैं लेकिन मैं इंसान के हाथ में न पड़ूँ।”
15 Então enviou o Senhor a peste a Israel, desde pela manhã até ao tempo determinado: e desde Dan até Berseba, morreram setenta mil homens do povo.
तब ख़ुदावन्द ने इस्राईल पर वबा भेजी जो उस सुबह से लेकर वक़्त मु'अय्यना तक रही और दान से बेर सबा' तक लोगों मेंसे सत्तर हज़ार आदमी मर गए।
16 Estendendo pois o anjo a sua mão sobre Jerusalem, para a destruir, o Senhor se arrependeu d'aquelle mal; e disse ao anjo que fazia a destruição entre o povo: Basta, agora retira a tua mão. E o anjo do Senhor estava junto á eira d'Arauna, o jebuseo.
और जब फ़रिश्ते ने अपना हाथ बढ़ाया कि येरूशलेम को हलाक करे तो ख़ुदावन्द उस वबा से मलूल हुआ और उस फ़रिश्ते से जो लोगों को हलाक कर रहा था कहा, “यह बस है, अब अपना हाथ रोक ले।” उस वक़्त ख़ुदावन्द का फ़रिश्ता यबूसी अरोनाह के खलिहान के पास खड़ा था।
17 E, vendo David ao anjo que feria o povo, fallou ao Senhor, e disse: Eis que eu sou o que pequei, e eu o que iniquamente obrei; porém estas ovelhas que fizeram? seja pois a tua mão contra mim, e contra a casa de meu pae.
और दाऊद ने जब उस फ़रिश्ता को जो लोगों को मार रहा था देखा तो ख़ुदावन्द से कहने लगा, “देख गुनाह तो मैंने किया और ख़ता मुझसे हुई लेकिन इन भेड़ों ने क्या किया है? इसलिए तेरा हाथ मेरे और मेरे बाप के घराने के ख़िलाफ़ हो।”
18 E Gad veiu n'aquelle mesmo dia a David; e disse-lhe: Sobe, levanta ao Senhor um altar na eira de Arauna, o jebuseo.
उसी दिन जाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जा और यबूसी अरोनाह के खलिहान में ख़ुदावन्द के लिए एक मज़बह बना।”
19 David subiu conforme á palavra de Gad, como o Senhor lhe tinha ordenado.
इसलिए दाऊद जाद के कहने के मुताबिक़ जैसा ख़ुदावन्द का हुक्म था गया।
20 E olhou Arauna, e viu que vinham para elle o rei e os seus servos: saiu pois Arauna, e inclinou-se diante do rei com o rosto em terra.
और अरोनाह ने निगाह की और बादशाह और उसके ख़ादिमों को अपनी तरफ़ आते देखा, तब अरोनाह निकला और ज़मीन पर सरनगूँ होकर बादशाह के आगे सज्दा किया।
21 E disse Arauna: Porque vem o rei meu Senhor ao seu servo? E disse David: Para comprar de ti esta eira, afim de edificar n'ella um altar ao Senhor, para que este castigo cesse de sobre o povo.
और अरोनाह कहने लगा, “मेरा मालिक बादशाह अपने बन्दा के पास क्यों आया?” दाऊद ने कहा, “यह खलिहान तुझसे ख़रीदने और ख़ुदावन्द के लिए एक मज़बह बनाने आया हूँ ताकि लोगों में से वबा जाती रहे।”
22 Então disse Arauna a David: Tome, e offereça o rei meu senhor o que bem parecer aos seus olhos; eis ahi bois para o holocausto, e os trilhos, e o apparelho dos bois para a lenha.
अरोनाह ने दाऊद से कहा, मेरा मालिक बादशाह जो कुछ उसे अच्छा मा'लूम हो लेकर पेश करे, देख सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए बैल हैं और दायें चलाने के औज़ार और बैलों का सामान ईंधन के लिए हैं।
23 Tudo isto deu Arauna ao rei: disse mais Arauna ao rei: O Senhor teu Deus tome prazer em ti.
यह सब कुछ ऐ बादशाह अरोनाह बादशाह की नज़र करता है। और अरोनाह ने बादशाह से कहा कि “ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको क़ुबूल फ़रमाए।”
24 Porém o rei disse a Arauna: Não, porém por certo preço t'o comprarei, porque não offerecerei ao Senhor meu Deus holocaustos que me não custem nada. Assim David comprou a eira e os bois por cincoenta siclos de prata
तब बादशाह ने अरोनाह से कहा, “नहीं बल्कि मैं ज़रूर क़ीमत देकर उसको तुझसे ख़रीदूँगा और मैं ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने ऐसी सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ अदा करूँगा जिन पर मेरा कुछ ख़र्च न हुआ हो” फिर दाऊद ने वह खलिहान और वह बैल चाँदी के पचास मिस्क़ालें देकर ख़रीदे।
25 E edificou ali David ao Senhor um altar, e offereceu holocaustos, e offertas pacificas. Assim o Senhor se aplacou com a terra, e cessou aquelle castigo de sobre Israel.
और दाऊद ने वहाँ ख़ुदावन्द के लिए मज़बह बनाया और सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और सलामती की क़ुर्बानियाँ पेश कीं और ख़ुदावन्द ने उस मुल्क के बारे में दुआ सुनी और वबा इस्राईल में से जाती रही।