< Psalmów 88 >
1 pouczający, od Hemana Ezrachity. PANIE, Boże mego zbawienia, we dnie i w nocy wołam do ciebie.
एक गीत. कोराह के पुत्रों की स्तोत्र रचना. संगीत निर्देशक के लिये. माहलाथ लान्नोथ धुन पर आधारित. एज़्रावंश हेमान का मसकील हे याहवेह, मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर; मैं दिन-रात आपको पुकारता रहता हूं.
2 Niech dojdzie do ciebie moja modlitwa, nakłoń swego ucha na moje wołanie.
मेरी प्रार्थना आप तक पहुंच सके; और आप मेरी पुकार सुनें.
3 Moja dusza bowiem jest nasycona utrapieniem, a moje życie zbliża się do grobu. (Sheol )
मेरा प्राण क्लेश में डूब चुका है तथा मेरा जीवन अधोलोक के निकट आ पहुंचा है. (Sheol )
4 Zaliczono mnie do tych, którzy zstępują do dołu; stałem się jak człowiek bez siły.
मेरी गणना उनमें होने लगी है, जो कब्र में पड़े हैं; मैं दुःखी पुरुष के समान हो गया हूं.
5 Zaliczono mnie do umarłych; [jestem] jak zabici, którzy leżą w grobie, o których już nie pamiętasz i którzy są odłączeni od twojej ręki.
मैं मृतकों के मध्य छोड़ दिया गया हूं, उन वध किए गए पुरुषों के समान, जो कब्र में पड़े हैं, जिन्हें अब आप स्मरण नहीं करते, जो आपकी हितचिंता के योग्य नहीं रह गए.
6 Strąciłeś mnie w najgłębszy dół, w ciemności, w głębie.
आपने मुझे अधोलोक में डाल दिया है ऐसी गहराई में, जहां अंधकार ही अंधकार है.
7 Twój gniew ciąży na mnie i przytłoczyłeś mnie wszystkimi twymi falami. (Sela)
आपका कोप मुझ पर अत्यंत भारी पड़ा है; मानो मैं लहरों में दबा दिया गया हूं.
8 Oddaliłeś ode mnie moich znajomych, uczyniłeś mnie dla nich ohydą; jestem uwięziony i nie mam wyjścia.
मेरे निकटतम मित्रों को आपने मुझसे दूर कर दिया है, आपने मुझे उनकी घृणा का पात्र बना दिया है. मैं ऐसा बंध गया हूं कि मुक्त ही नहीं हो पा रहा;
9 Moje oko płacze nad moim utrapieniem; wzywam cię, PANIE, codziennie, wyciągam do ciebie swe ręce.
वेदना से मेरी आंखें धुंधली हो गई हैं. याहवेह, मैं प्रतिदिन आपको पुकारता हूं; मैं आपके सामने हाथ फैलाए रहता हूं.
10 Czy dla umarłych będziesz czynił cuda? Czy umarli powstaną, aby cię wysławiać? (Sela)
क्या आप अपने अद्भुत कार्य मृतकों के सामने प्रदर्शित करेंगे? क्या वे, जो मृत हैं, जीवित होकर आपकी महिमा करेंगे?
11 Czy w grobie będzie się opowiadać o twoim miłosierdziu, a o twojej wierności – w zniszczeniu?
क्या आपके करुणा-प्रेम की घोषणा कब्र में की जाती है? क्या विनाश में आपकी सच्चाई प्रदर्शित होगी?
12 Czy twoje cuda pozna się w ciemnościach, a twoją sprawiedliwość w ziemi zapomnienia?
क्या अंधकारमय स्थान में आपके आश्चर्य कार्य पहचाने जा सकेंगे, अथवा क्या विश्वासघात के स्थान में आपकी धार्मिकता प्रदर्शित की जा सकेगी?
13 Lecz ja, PANIE, do ciebie wołam; rankiem wita cię moja modlitwa.
किंतु, हे याहवेह, सहायता के लिए मैं आपको ही पुकारता हूं; प्रातःकाल ही मैं अपनी मांग आपके सामने प्रस्तुत कर देता हूं.
14 Dlaczego, PANIE, odrzucasz moją duszę i ukrywasz przede mną swoje oblicze?
हे याहवेह, आप क्यों मुझे अस्वीकार करते रहते हैं, क्यों मुझसे अपना मुख छिपाते रहते हैं?
15 Jestem strapiony i od młodości bliski śmierci; znoszę twoją grozę i trwożę się.
मैं युवावस्था से आक्रांत और मृत्यु के निकट रहा हूं; मैं आपके आतंक से ताड़ना भोग रहा हूं तथा मैं अब दुःखी रह गया हूं.
16 Twój srogi gniew spadł na mnie [i] wyniszczyła mnie twoja groza.
आपके कोप ने मुझे भयभीत कर लिया है; आपके आतंक ने मुझे नष्ट कर दिया है.
17 Ogarniają mnie co dzień jak woda, wszystkie mnie otaczają.
सारे दिन ये मुझे बाढ़ के समान भयभीत किए रहते हैं; इन्होंने पूरी रीति से मुझे अपने में समाहित कर रखा है.
18 Oddaliłeś ode mnie przyjaciela i towarzysza, a moich znajomych – w ciemności.
आपने मुझसे मेरे मित्र तथा मेरे प्रिय पात्र छीन लिए हैं; अब तो अंधकार ही मेरा घनिष्ठ मित्र हो गया है.