< II Kronik 29 >
1 Ezechiasz miał dwadzieścia pięć lat, kiedy zaczął królować, i królował dwadzieścia dziewięć lat w Jerozolimie. Jego matka miała na imię Abijja, [była] córką Zachariasza.
जब हिज़किय्याह राजा बना, उसकी उम्र पच्चीस साल थी. येरूशलेम में उसने उनतीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम अबीयाह था, वह ज़करयाह की पुत्री थी.
2 A czynił to, co prawe w oczach PANA, według wszystkiego, co czynił jego ojciec Dawid.
उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. वैसा ही, जैसा उसके पूर्वज दावीद ने किया था.
3 On to w pierwszym roku swego panowania, w pierwszym miesiącu, otworzył bramy domu PANA i naprawił je.
अपने शासन के पहले साल, पहले महीने में ही उसने याहवेह के भवन के फाटक खोल दिए और उनमें ज़रूरी सुधार भी किए.
4 Przyprowadził kapłanów i Lewitów, zgromadził ich na ulicy wschodniej;
उसने पुरोहितों और लेवियों को पूर्वी चौक में इकट्ठा किया.
5 I powiedział do nich: Słuchajcie mnie, Lewici! Poświęćcie się teraz, poświęćcie też i dom PANA, Boga waszych ojców, i usuńcie plugastwo ze świątyni.
राजा हिज़किय्याह ने उन्हें कहा: “आप जो लेवी हैं ध्यान से सुनिए! अब अपने आपको शुद्ध करो, याहवेह, अपने पूर्वजों के परमेश्वर के भवन को पवित्र करो और पवित्र स्थान से अशुद्धता को निकाल डालो.
6 Nasi ojcowie bowiem zgrzeszyli i czynili to, co złe w oczach PANA, naszego Boga. Opuścili go, odwrócili swoje oblicze od przybytku PANA i odwrócili się [do niego] tyłem.
हमारे पूर्वज सच्चे नहीं थे. उन्होंने वह सब किया, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर की दृष्टि में बुरा है. उन्होंने उनको त्याग दिया. वे याहवेह के घर से दूर हो गए, और इसे पीठ ही दिखा दी है.
7 Zamknęli też bramy przedsionka, pogasili lampy, nie palili kadzidła ani nie składali Bogu Izraela ofiar całopalnych w świątyni.
उन्होंने तो ओसारे के द्वार बंद कर दिए हैं, दीप बुझा दिए हैं और इस्राएल के परमेश्वर के पवित्र स्थान पर धूप जलाना और होमबलि चढ़ाना छोड़ रखा है.
8 Dlatego gniew PANA [spadł] na Judę i Jerozolimę i [PAN] wydał ich na rozproszenie, na zdumienie i na pośmiewisko, jak sami widzicie swoimi oczami.
इसलिये यहूदिया और येरूशलेम याहवेह के क्रोध के पात्र हो गए; फलस्वरूप जैसा आप देख ही रहे हैं, याहवेह ने इन्हें घृणा और आतंक का विषय बना दिया है.
9 Oto bowiem z tego powodu nasi ojcowie polegli od miecza, a naszych synów, [nasze] córki i żony uprowadzono do niewoli.
आपने देखा कि हमारे पूर्वज तलवार से घात किए गए हैं और हमारे पुत्र, पुत्रियों और पत्नियां इसके कारण बंदी बना ली गईं.
10 Teraz więc postanowiłem zawrzeć przymierze z PANEM, Bogiem Izraela, aby odwrócił od nas zapalczywość swojego gniewu.
अब मेरी इच्छा यह है कि मैं याहवेह इस्राएल के परमेश्वर के साथ एक वाचा बांधूं, कि उनका भड़का हुआ क्रोध हम पर से हट जाए.
11 Moi synowie, nie bądźcie już niedbali, gdyż PAN wybrał was, abyście stali przed nim i służyli mu, abyście byli jego sługami i palili kadzidło.
मेरे पुत्रों, अब उपेक्षा को त्याग दो, क्योंकि याहवेह ने तुम्हें चुन लिया है कि तुम उनके सामने खड़े रहो, उनकी सेवा करो और उनके सेवक होकर उनके सामने धूप जलाओ.”
12 Powstali więc Lewici: Machat, syn Amasaja, Joel, syn Azariasza, z synów Kehata; a z synów Merariego: Kisz, syn Abdiego, i Azariasz, syn Jehallela; a z Gerszonitów: Joach, syn Zimmy, i Eden, syn Joacha;
यह सुनकर ये लेवी लोग सेवा के लिए: आगे आ गये कोहाथ के वंशजों में से: आमासाई का पुत्र माहाथ और अज़रियाह का पुत्र योएल; मेरारी के वंशजों में से: अबदी का पुत्र कीश और येहालेलेल का पुत्र अज़रियाह; गेरशोन के वंशजों में से: ज़िम्माह का पुत्र योआह और योआह का पुत्र एदेन;
13 Z synów Elisafana: Szimri i Jejel; z synów Asafa: Zachariasz i Mattaniasz;
एलिज़ाफ़ान के वंशजों में से: शिमरी और येइएल; आसफ के वंशजों में से: ज़करयाह और मत्तनियाह;
14 Z synów Hemana: Jechiel i Szimei; z synów Jedutuna: Szemajasz i Uzziel.
हेमान के वंशजों में से: येहिएल और शिमेई; यदूथून के वंशजों में से: शेमायाह और उज्ज़िएल.
15 I zgromadzili swoich braci, poświęcili się i przyszli zgodnie z rozkazem króla [oraz] ze słowami PANA, aby oczyścić dom PANA.
इन सभी ने अपने भाइयों को इकट्ठा किया, अपने आपको पवित्र किया और राजा के आदेश पर याहवेह के भवन को शुद्ध करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश किया, कि याहवेह द्वारा निर्धारित विधि से यह काम पूरा किया जाए.
16 Wtedy kapłani weszli do wnętrza domu PANA, aby [go] oczyścić, i wynieśli na dziedziniec domu PANA wszelkie plugastwo, które znaleźli w świątyni PANA. Następnie Lewici zabierali to i wynosili precz do potoku Cedron.
तब पुरोहितों ने याहवेह के भवन के भीतरी कमरे में प्रवेश किया, कि इसे शुद्ध करने का काम शुरू किया जाए. वहां उन्होंने हर एक वस्तु को, जो स्वच्छ नहीं थी, याहवेह के भवन से बाहर और याहवेह के भवन के आंगन में लाया; फिर लेवी इन्हें किद्रोन घाटी में ले गए.
17 Zaczęli poświęcenie w pierwszym [dniu] pierwszego miesiąca, a ósmego dnia tego miesiąca weszli do przedsionka PANA. Poświęcali dom PANA przez osiem dni i dokończyli szesnastego dnia pierwszego miesiąca.
पहले महीने के पहले दिन उन्होंने पवित्र करने का काम शुरू कर दिया. महीने के आठवें दिन उन्होंने याहवेह के ओसारे में प्रवेश किया. इसके बाद याहवेह के भवन को उन्होंने अगले आठ दिनों में पवित्र किया और पहले महीने के सोलहवें दिन सारा काम पूरा हो गया.
18 Potem poszli do króla Ezechiasza i powiedzieli: Oczyściliśmy cały dom PANA, ołtarz całopalenia i wszystkie jego przedmioty, stół pokładny i wszystkie jego naczynia.
तब वे राजा हिज़किय्याह के सामने गए और उन्होंने बताया, हमने याहवेह के पूरे भवन को शुद्ध कर दिया है, होमबलि की वेदी, उससे संबंधित सारे बर्तन, भेंट की रोटी की मेज़ और उससे संबंधित सारे बर्तन.
19 Wszystkie też naczynia, które król Achaz odrzucił podczas swojego panowania, kiedy zgrzeszył, przygotowaliśmy i poświęciliśmy, a oto są przed ołtarzem PANA.
इसके अलावा, वे सारे बर्तन, जिन्हें राजा आहाज़ ने अपने विश्वासघात में अपने शासनकाल में फेंक दिए थे, हमने ठीक कर शुद्ध कर दिए हैं. आप देख लीजिए, ये सभी याहवेह की वेदी के सामने रखे हुए हैं.
20 Wstał więc król Ezechiasz o poranku, zgromadził naczelników miasta i poszedł do domu PANA.
अगले दिन राजा हिज़किय्याह सुबह-सुबह उठा, नगर के शासकों को इकट्ठा किया और वे सभी याहवेह के भवन को गए.
21 I przyprowadzono [mu] siedem cielców, siedem baranów, siedem jagniąt i siedem kozłów na ofiarę za grzech, za królestwo, za świątynię i za Judę. I rozkazał kapłanom, synom Aarona, by złożyli [je] na ołtarzu PANA.
वे अपने साथ सात बछड़े, सात मेढ़े, सात मेमने और सात बकरे ले गए, कि वे अपने राज्य के लिए, पवित्र स्थान के लिए और यहूदिया के लिए बलि चढ़ाएं. राजा ने अहरोन के वंशज पुरोहितों को आदेश दिया कि वे इन्हें याहवेह की वेदी पर चढ़ाएं.
22 Zabito więc woły, a kapłani wzięli krew i pokropili ołtarz. Zabili też barany i pokropili ołtarz ich krwią. Zabili także jagnięta i pokropili ołtarz [ich] krwią.
तब बछड़ों का वध किया गया और पुरोहितों ने उनका लहू वेदी पर छिड़का; उन्होंने मेढ़ों का भी वध किया और उनका लहू भी वेदी पर छिड़क दिया; उन्होंने मेमनों का भी वध किया और उनका लहू वेदी पर छिड़क दिया.
23 Następnie przyprowadzili przed króla i zgromadzenie kozły na ofiarę za grzech, a oni włożyli na nie swoje ręce.
तब वे पापबलि के लिए राजा और सभा के सामने पापबलि के लिए ठहराए गए बकरे लेकर आए और उन पर अपने हाथ रखे.
24 Potem kapłani je zabili i dokonali na ołtarzu oczyszczenia ich krwią na przebłaganie za całego Izraela. Król bowiem rozkazał złożyć całopalenie i ofiarę za grzech za całego Izraela.
पुरोहितों ने उनका वध किया, उनके लहू को वेदी पर छिड़का कि सारे इस्राएलियों के लिए प्रायश्चित किया जाए, क्योंकि राजा का आदेश था कि होमबलि और पापबलि सारे इस्राएल के लिए चढ़ाई जाए.
25 Postawił też Lewitów w domu PANA z cymbałami, cytrami i harfami, według rozkazu Dawida, Gada, widzącego króla, oraz proroka Natana, gdyż był to rozkaz PANA przez jego proroków.
इसके बाद उसने, याहवेह के भवन में दावीद, और राजा का दर्शी गाद और भविष्यद्वक्ता नाथान के आदेश के अनुसार झांझ, सारंगी और वीणाओं के लिए लेवी चुने, क्योंकि यह भविष्यवक्ताओं द्वारा घोषित याहवेह की आज्ञा थी.
26 Stanęli więc Lewici z instrumentami Dawida, a kapłani z trąbami.
दावीद द्वारा बनवाए वाद्य लिए हुए लेवी खड़े थे और पुरोहित नरसिंगे.
27 I Ezechiasz rozkazał złożyć całopalenie na ołtarzu. A gdy rozpoczęło się całopalenie, zaczęto też śpiewać PANU przy dźwiękach trąb i instrumentów Dawida, króla Izraela.
इसी समय हिज़किय्याह ने आदेश दिया कि वेदी पर होमबलि चढ़ाई जाए. जब होमबलि चढ़ाना शुरू हुई, नरसिंगों की आवाजों के साथ याहवेह के लिए स्तुतिगान भी शुरू हो गया. इनके अलावा इस्राएल के राजा दावीद द्वारा बनवाए वाद्य भी बजाए जा रहे थे.
28 Wtedy całe zgromadzenie oddało pokłon, śpiewacy śpiewali i trębacze trąbili. To wszystko [trwało] aż do końca całopalenia.
सारी सभा आराधना में लीन थी, गायक गा रहे थे और नरसिंगे बजाए जा रहे थे. यह सब उस समय तक होता रहा जब तक होमबलि का काम पूरा न हो गया.
29 A gdy skończyło się całopalenie, król oraz wszyscy, którzy z nim byli, uklękli i oddali pokłon.
होमबलि खत्म हो जाने पर राजा और उसके साथ उपस्थित सभी व्यक्तियों ने झुककर आराधना की.
30 Wówczas król Ezechiasz i książęta rozkazali Lewitom, by wysławiali PANA słowami Dawida i Asafa widzącego. I wysławiali z wielką radością, kłaniali się i oddali pokłon.
इसके अलावा राजा हिज़किय्याह और उपस्थित अधिकारियों ने आदेश दिया, कि दावीद और दर्शी आसफ की गीत रचनाओं द्वारा लेवी याहवेह की स्तुति करें. तब उन्होंने बड़ी खुशी से स्तुति की और झुक-झुक कर आराधना की.
31 Potem Ezechiasz powiedział: Teraz poświęciliście się PANU. Przystąpcie i przyprowadźcie ofiary pojednawcze i dziękczynne do domu PANA. Zgromadzenie przyprowadziło więc ofiary pojednawcze i dziękczynne, a każdy, kto pragnął – ofiary na całopalenie.
यह होने पर हिज़किय्याह ने उन्हें कहा, “अब इसलिये कि आप लोगों ने स्वयं को याहवेह के लिए पवित्र कर लिया है,” निकट आकर याहवेह के भवन में बलि और धन्यवाद की भेंट चढ़ाइए. तब सारी सभा बलियां और धन्यवाद की भेंटें लेकर आ गई और जिन्होंने चाहा वे होमबलियां चढ़ाने आ गए.
32 Liczba ofiar na całopalenie, które przyprowadziło zgromadzenie, wynosiła siedemdziesiąt wołów, sto baranów i dwieście jagniąt – wszystko to na całopalenie dla PANA.
सभा द्वारा चढ़ाई गई होमबलियों की गिनती उस दिन इस तरह थी: सत्तर बछड़े, सौ बैल, और दो सौ मेमने. ये सभी पशु याहवेह को होमबलि के लिए थे.
33 Jako dary poświęconych [było]: sześćset wołów i trzy tysiące owiec.
शुद्ध किए हुए पशुओं की संख्या इस प्रकार थी: छः सौ बैल और तीन हज़ार भेड़ें.
34 Lecz kapłanów było zbyt mało i nie zdołali obedrzeć ze skóry wszystkich ofiar całopalnych. Pomagali im więc ich bracia Lewici, dopóki nie dokończyli tej pracy i dopóki nie poświęcili się inni kapłani. Lewici bowiem bardziej ochotnie poświęcili się niż kapłani.
मगर इनके लिए पुरोहितों की संख्या कम साबित हुई फलस्वरूप होमबलि के पहले पशुओं की खाल उतारना संभव न हो सका. इसलिये लेवी आकर इसमें उनकी सहायता तब तक करते रहे, जब तक यह काम खत्म न हो गया और जब तक बाकी पुरोहितों ने अपने आपको शुद्ध न कर लिया. क्योंकि यह देखा गया कि स्वयं को शुद्ध करने के लिए पुरोहितों की तुलना में लेवी अधिक सीधे मन के थे.
35 Ponadto [było] też wiele ofiar całopalnych, z tłuszczem ofiar pojednawczych i z ofiarami z płynów na każde całopalenie. Tak została ustawiona służba w domu PANA.
बड़ी संख्या में होमबलि के अलावा वहां मेल बलि में से बची रह गई चर्बी और पेय बलि भी थी. इस प्रकार याहवेह के भवन में आराधना दोबारा शुरू की गई.
36 I Ezechiasz wraz z całym ludem radował się z tego, co Bóg przygotował ludowi, gdyż ta rzecz stała się nieoczekiwanie.
हिज़किय्याह और सारी प्रजा बहुत ही खुश थी कि परमेश्वर ने बहुत ही जल्दी उनके लिए यह सब कर दिया था.