< Jeremiasza 51 >
1 Tak mówi Pan: Oto Ja wzbudzę przeciwko Babilonowi, i przeciwko tym, którzy mieszkają w pośród powstawających przeciwko mnie, wiatr zaraźliwy;
यह याहवेह की वाणी है: “यह देखना मैं बाबेल के विरुद्ध तथा लेब-कोमाई के निवासियों के विरुद्ध एक विनाशक बवंडर उत्पन्न करने पर हूं.
2 I poślę na Babiilon przewiewaczy, którzy go przewiewać będą, i wypróżnią ziemię jego, gdyż będą przeciwko niemu zewsząd w dzień ucisku.
मैं विदेशियों को बाबेल की ओर भेजूंगा, कि वे उसको सुनसान करें तथा उस देश को ध्वस्त कर दें; चारों ओर से वे उसका विरोध करेंगे यह उसके विनाश का दिन होगा.
3 Do tego, który mocno ciągnie łuk swój, a postępuje w pancerzu swoim, rzekę: Nie folgujcie młodzieńcom jego, wygładźcie wszystko wojsko jego.
वह, जो धनुर्धारी है, उसे न तो धनुष तानने दो, न ही उसे झिलम पहनकर खड़े होने दो. संक्षेप में, बाबेल के जवानों को किसी भी रीति से बचकर न जाने दो; बाबेल की संपूर्ण सेना को नष्ट कर दो.
4 Niech polegną pobici w ziemi Chaldejskiej, a poprzebijani po ulicach jego.
वे कसदियों के देश में पृथ्वीशायी हो जाएंगे, वे अपनी ही सड़कों पर बर्छियों से बेधे जाएंगे.
5 Bo nie jest opuszczony Izrael i Juda od Boga swego, od Pana zastępów, choć ziemia ich pełna jest przestępstwa przeciwko Świętemu Izraelskiemu.
क्योंकि न तो इस्राएल और न यहूदिया को उनके परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह द्वारा परित्याग किया गया है, यद्यपि उनका देश इस्राएल के पवित्र परमेश्वर के समक्ष सहायकभाव से परिपूर्ण हो गया है.
6 Uciekajcie z pośrodku Babilonu, a niech zachowa każdy duszę swoję, abyście nie byli zatraceni w nieprawości jego; bo czas będzie pomsty Pańskiej, sam mu zapłatę odda.
“बाबेल के मध्य से पलायन करो! तुममें से हर एक अपना प्राण बचा ले! उसे दिए जा रहे दंड में तुम नष्ट न हो जाना. क्योंकि यह याहवेह के बदला लेने का अवसर होगा; वह उसे वही देंगे, जो उसे दिया जाना उपयुक्त है.
7 Byłci Babilon kubkiem złotym w ręce Pańskiej, upajającym wszystkę ziemię; wino jego piły narody, dlatego poszalały narody;
बाबेल याहवेह के हाथ में स्वर्ण कटोरा समान रहा है; इससे सारी पृथ्वी मतवाली की गयी है. राष्ट्रों ने उसकी मदिरा का सेवन किया है; इसलिये राष्ट्र मतवाले हुए जा रहे हैं.
8 Ale nagle upadnie Babilon, i starty będzie; rozkwilcie się nad nim, nabierzcie olejku balsamowego dla boleści jego, owa się wyleczy.
सहसा बाबेल का पतन हो गया है और वह चूर-चूर हो गया है. उसके लिए विलाप करो! उसके लिए दर्द मिटाने वाली औषधि ले आओ; संभव है उसकी वेदना का निवारण हो जाए.
9 Leczyliśmy Babilon, ale nie jest uleczony. Opuśćmyż go, a pójdźmy każdy do ziemi swej; bo sąd jego aż do nieba sięga, i wyniósł się aż pod obłoki.
“‘हमने बाबेल का उपचार करना चाहा, किंतु हमारा प्रयास निष्फल रहा; उसे वैसा ही छोड़ दिया जाए और हम अपने-अपने देश को लौट चलें, क्योंकि उसका दंड स्वर्ग तक पहुंच रहा है, वह आकाश तक पहुंच चुका है.’
10 Wywiódł Pan sprawiedliwości nasze. Pójdźcie, a opowiadajmy na Syonie dzieło Pana, Boga naszego.
“‘याहवेह ने हमें निस्सहाय घोषित किया है; आओ, हम ज़ियोन में जाकर इसकी घोषणा करें कि यह याहवेह हमारे परमेश्वर द्वारा बनाया कृत्य है.’
11 Wyostrzcie strzały, sporządżcie tarcze. Wzbudził Pan ducha królów Medskich; bo przeciwko Babilonowi zamysł jego, aby go wytracił, gdyż pomsta Pańska jest pomsta kościoła jego.
“बाणों की नोक की धार बना लो, ढालों को उठा लो! याहवेह ने मेदियों के राजाओं के उत्साह को उत्तेजित कर दिया है, क्योंकि वे बाबेल के विनाश के लिए तैयार हैं. यह याहवेह का बदला है, उनके मंदिर के लिए लिया गया बदला है.
12 Podnieście chorągiew na murach Babilońskich, przyczyńcie straży, postawcie stróżów, nagotujcie zasadzki; bo i umyślił Pan i wykona, co wyrzekł przeciwko obywatelom Babilońskim.
बाबेल शहरपनाह पर आक्रमण के लिए संकेत झंडा ऊंचा उठाओ! वहां एक सशक्त प्रहरी नियुक्त करो, संतरियों को भी नियुक्त किया जाए, कुछ योद्धा घात लगाकर छिप जाएं! क्योंकि याहवेह ने निर्धारित भी किया और निष्पादित भी, जिसकी पूर्ववाणी वह बाबेलवासियों के विषय में कर चुके थे.
13 O ty, który mieszkasz nad wodami wielkiemi! o bogaty w skarby! przyszedł koniec twój, kres łakomstwa twego.
तुम, जो महानद के निकट निवास करते हो, तुम, जो निधियों में सम्पन्न हो, तुम्हारा पतन बड़ा है, तुम्हारा जीवन सूत्र काटा जा चुका है.
14 Przysiągł Pan zastępów na duszę swoję, że cię napełni ludźmi, jako chrząszczami, którzy uczynią nad tobą okrzyk wojenny.
सेनाओं के याहवेह ने अपनी ही जीवन की शपथ खायी है: निस्संदेह, मैं तुम्हारे मध्य टिड्डी दल सदृश एक जनसमूह ले आऊंगा, और वे तुम्हें पराजित कर जयघोष करेंगे.
15 Onci to jest, który uczynił ziemię mocą swoją, który utwierdził okrąg świata mądrością swoją, i roztropnością swoją rozpostarł niebiosa;
“याहवेह ही हैं जिन्होंने अपने सामर्थ्य से पृथ्वी की सृष्टि की; जिन्होंने विश्व को अपनी बुद्धि द्वारा प्रतिष्ठित किया है. अपनी सूझ-बूझ से उन्होंने आकाश को विस्तीर्ण कर दिया.
16 Który gdy głos wypuszcza, wody na niebie szumią, a który sprawuje, aby występowały pary od kończyn ziemi, i błyskawice ze dżdżem przywodzi, a wywodzi wiatr z skarbów swoich.
उनके नाद उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है; वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं. वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
17 Tak zgłupiał każdy człowiek, że tego nie zna, że pohańbiony bywa złotnik od obrazu rytego; bo kłamstwem jest ulanie jego, a niemasz w nich ducha.
“हर एक मनुष्य मूर्ख है—ज्ञानहीन; हर एक स्वर्णशिल्पी अपनी ही कृति प्रतिमा द्वारा लज्जित किया जाता है. क्योंकि उसके द्वारा ढाली गई प्रतिमाएं धोखा हैं; उनमें जीवन-श्वास तो है ही नहीं.
18 Marnością są a dzieło błędów; zginą czasu nawiedzenia swego.
ये प्रतिमाएं सर्वथा व्यर्थ हैं, ये हास्यपद कृति हैं; जब उन पर दंड का अवसर आएगा, वे नष्ट हो जाएंगी.
19 Nie takowyć jest dział Jakóbowy; bo on jest który wszystko stworzył, a Izrael jest prętem dziedzictwa jego; Pan zastępów imię jego.
याहवेह, जो याकोब की निधि हैं, इनके सदृश नहीं हैं, क्योंकि वे सभी के सृष्टिकर्ता हैं, उनके निज भाग इस कुल का भी; उनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
20 Młotemeś ty moim kruszącym, orężem wojennym, abym pokruszył przez cię narody, i poburzył przez cię królestwa;
“उनका आश्वासन है, मेरे लिए तुम युद्ध के शस्त्र हो, तुम्हारे द्वारा मैं राष्ट्रों को चूर्ण कर देता हूं, तुम्हारे साथ मैं राज्यों को नष्ट कर देता हूं,
21 Abym pokruszył przez cię konia i jezdnego, abym pokruszył przez cię wóz i tego, co na nim jeździ;
तुमसे मैं घोड़े तथा उसके सवार को नष्ट कर देता हूं, तुमसे ही मैं रथ तथा रथ नियंता को नष्ट कर देता हूं,
22 Abym pokruszył przez cię męża i niewiastę, abym pokruszył przez cię starca i dziecię, abym pokruszył przez cię młodzieńca i pannę;
तुमसे मैं पुरुष तथा स्त्री को नष्ट कर देता हूं, तथा तुमसे ही मैं वृद्ध तथा जवान को नष्ट कर देता हूं, तुमसे मैं नवयुवक को तथा कुंवारी कन्या को नष्ट कर देता हूं,
23 Abym pokruszył przez cię pasterza i trzodę jego, abym pokruszył przez cię oracza, i sprzężaj jego, abym pokruszył przez cię książąt i hetmanów.
तुमसे मैं चरवाहे एवं भेड़-बकरियों को नष्ट करता हूं, तुमसे ही मैं किसान एवं उसके सहायकों को नष्ट करता हूं, तथा तुमसे ही मैं राज्यपालों एवं सेनापतियों को नष्ट करता हूं.
24 Ale już oddam Babilonowi, i wszystkim obywatelom Chaldejskim za wszystkie złości ich, które czynili Syonowi przed oczyma waszemi, mówi Pan.
“किंतु मैं तुम्हारी आंखों ही के समक्ष बाबेल तथा सारे कसदियावासियों से उनके द्वारा ज़ियोन में किए गए उनके सारे अधर्म का बदला लूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
25 Otom Ja jest przeciwko tobie, o góro każąca! mówi Pan, która kazisz wszystkę ziemię, i wyciągnę rękę moję przeciwko tobie, a zwalę cię z skał, i uczynię cię górą spalenia;
“तुम यह समझ लो, विनाशक पर्वत, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, तुम, जो सारे पृथ्वी को नष्ट करते हो,” यह याहवेह की वाणी है. “मैं तुम्हारे विरुद्ध अपनी भुजा बढ़ाऊंगा, और तुम्हें ढलवां चट्टानों से लुढ़का दूंगा, और तब मैं तुम्हें भस्म हो चुका पर्वत बना छोड़ूंगा.
26 A nie wezmą z ciebie kamienia do węgła, ani kamienia do gruntów; bo pustynią wieczną będziesz, mówi Pan.
तुममें से वे भवन के लिए कोने की शिला तक न निकालेंगे और न ही नींव के लिए कोई शिला: तुम तो सदा-सर्वदा के लिए उजाड़-निर्जन होकर रह जाओगे,” यह याहवेह की वाणी है.
27 Podnieście chorągiew w ziemi, trąbcie w trąbę między narodami, zgotujcie przeciwko niemu narody, zwołajcie przeciwko niemu królestwa Ararad, Minny, i Aschenas; postanówcie przeciwko niemu hetmana, przywiedźcie konie jako chrząszcze najeżone;
“सारे देश में चेतावनी का झंडा ऊंचा किया जाए! राष्ट्रों में नरसिंगा नाद किया जाए! राष्ट्रों को उसके विरुद्ध युद्ध के लिए नियुक्त करो; उसके विरुद्ध अरारात, मिन्नी तथा अश्केनाज राज्य एकत्र किए जाएं. घोड़ों को टिड्डी दल सदृश ले आओ; तथा उसके लिए सेनापति भी नियुक्त करो.
28 Zgotujcie przeciwko niemu narody, królów Medskich, książąt ich, i wszystkich hetmanów ich, ze wszystką ziemią władzy ich;
राष्ट्रों को उसके विरुद्ध युद्ध के लिए नियुक्त करो— मेदियों के राजा, उनके राज्यपाल तथा उनके सेनापति, तथा उनके द्वारा शासित हर एक देश.
29 Tedy zadrży ziemia, i rozboleje się, gdy wykonane będą przeciwko Babilonowi myśli Pańskie, aby obrócił ziemię Babilońską w pustynię, aby została bez obywatela.
पृथ्वी कंपित होती तथा वेदना में ऐंठ रही है, क्योंकि बाबेल के विरुद्ध याहवेह का उद्देश्य अटल है— बाबेल देश को उजाड़ एवं निर्जन कर देना.
30 Przestaną mocarze Babilońscy walczyć, usiądą w zamkach, ustanie męstwo ich, będą jako niewiasty; zapali mieszkania ich, pokruszone będą zawory ich.
बाबेल के शूर योद्धाओं ने समर्पण कर दिया है; वे अपने दुर्गों से बाहर नहीं आ रहे. उनका बल क्षय हो चुका है; वस्तुतः वे अब स्त्रियां होकर रह गए है. उनके आवास अग्नि से ग्रसित हो चुके है; नगर प्रवेश द्वार की छड़ें टूट चुकी हैं.
31 Goniec spotka drugiego gońca, a poseł zabieży posłowi, aby opowiedzieli królowi Babilońskiemu, iż wzięto miasto jego z jednej strony,
एक समाचार का प्रेषक दौड़कर अन्य से मिलता है और एक संदेशवाहक अन्य से, कि बाबेल के राजा को यह संदेश दिया जाए: एक छोर से दूसरी छोर तक आपका नगर अधीन हो चुका है,
32 A iż brody ubieżono, i jeziora wypalano ogniem, a mężowie waleczni ustraszeni są.
घाटों पर शत्रु का अधिकार हो चुका है, शत्रु ने तो दलदल-वन तक को दाह कर दिया है, योद्धा अत्यंत भयभीत हैं.”
33 Bo tak mówi Pan zastępów, Bóg Izraelski: Córka Babilońska jest jako bojewisko, czas deptania jej przyszedł; jeszcze maluczko, a przyjdzie czas żniwa jej.
सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: “बाबेल की पुत्री दांवनी के खलिहान-सदृश है, जिस पर अन्न रौंदा जाता है; फिर भी शीघ्र ही उसे कटनी के अवसर का सामना करना पड़ेगा.”
34 Pożarł mię, potarł mię Nabuchodonozor, król Babiloński, uczynił mię naczyniem próżnem, połknął mię jako smok, napełnił brzuch swój rozkoszami mojemi, i wygnał mię.
ज़ियोनवासी कहेंगे, “बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने तो मुझे ग्रसित कर लिया है, तथा कुचल दिया है, उसने मुझे एक रिक्त बर्तन की स्थिति में लाकर छोड़ दिया है. उसने मुझे विकराल जंतु सदृश निगल लिया है, और वह मेरे उत्कृष्ट व्यंजनों का सेवन कर तृप्त हो चुका है, वह मानो मुझे बहाकर ले गया है.
35 Gwałt mnie i ciału memu uczyniony niech przyjdzie na Babilon, mówi obywatelka Syońska, a krew moja na obywateli Chaldejskich, mówi Jeruzalem.
वह हिंसा, जो बाबेल द्वारा मुझ पर तथा मेरी देह पर की गई थी,” तब ज़ियोनवासी कहेंगे, वह उसी पर लौट पड़े. तथा येरूशलेम कहेगा, “मुझ पर की गई हिंसा का बदला कसदिया देश से लिया जाए,”
36 Przetoż tak mówi Pan: Oto się Ja zastawię o krzywdę twoję, a pomszczę się za cię; bo wysuszę morze jego, wysuszę i źródła jego.
इसलिये याहवेह की वाणी यह है: “यह देख लेना, मैं तुम्हारे सहायक का प्रवक्ता हो जाऊंगा और तुम्हारे लिए भरपूर बदला प्रभावी करूंगा. मैं उसकी जल राशि को शुष्क कर दूंगा तथा उसके जल-स्रोत निर्जल बना दूंगा.
37 I będzie Babilon obrócony w mogiły, w mieszkanie smoków, w zdumienie, i w poświstanie, i będzie bez obywatela.
बाबेल खंडहरों का ढेर, तथा सियारों का बसेरा बन जाएगा, वह भय का पर्याय, निर्जन स्थान, तथा उपहास का विषय बन जाएगा.
38 Pospołu jako lwy ryczeć będą, a skomleć jako szczenięta lwie.
बाबेलवासी सशक्त सिंहों के समान दहाड़ेंगे, वे सिंह के शावकों के समान गुर्राएंगे.
39 Gdy się zapalą, uczynię im ucztę, i tak ich upoję, że krzyczeć i snem wiecznym zasnąć muszą, tak, aby nie ocucili, mówi Pan.
जब वे उतावला होंगे, मैं उनके लिए भोज आयोजित कर दूंगा और मैं उन्हें ऐसे मतवाले कर दूंगा, कि वे प्रमुदित हो जाएं और तब वे चिर-निद्रा में चले जाएंगे, कि वे कभी न जाग सकें,” यह याहवेह की वाणी है.
40 Powiodę ich jako baranki ku zabiciu, jako barany i kozły.
“मैं उनकी स्थिति वध के लिए निर्धारित मेमनों के समान कर दूंगा, मेढ़ों तथा बकरों के सदृश.
41 Jakożby dobyty mógł być Sesach? Jakożby wzięta być mogła chwała wszystkiej ziemi? Jakożby mógł przyjść na spustoszenie Babilon między narodami?
“कैसे शेशाख को बंदी बना लिया गया है, जिसे सारी पृथ्वी की प्रशंसा प्राप्त होती रहती थी! यह कैसे हुआ कि बाबेल राष्ट्रों के मध्य भय का विषय बन गया है!
42 Wystąpi przeciwko Babilonowi morze, mnóstwem wałów jego okryte będzie.
समुद्र जल स्तर ऊंचा होकर बाबेल तक पहुंच गया है; उसकी प्रचंड लहरों ने इसे ढांप लिया है.
43 Miasta jego będą spustoszeniem, ziemią suchą i pustą, ziemią, w której miastach nikt nie będzie mieszkał, ani będzie chodził przez nią syn człowieczy.
उसके नगर भयास्पद हो गए हैं, अनावृष्टि प्रभावित मरुभूमि सदृश ऐसा क्षेत्र जहां कोई मनुष्य निवास नहीं करता, जिसके मध्य से होकर कोई भी नहीं निकलता.
44 Nawiedzę też Bela w Babilonie, i wydrę, co był połknął, z gęby jego; i nie będą się więcej do niego zbiegać narody, i mury także Babilońskie upadną.
मैं बाबेल में ही बेल को दंड दूंगा, मैं उसके मुख से वही उगलवाऊंगा, जो उसने निगल लिया था. तब जनता उसकी ओर आकर्षित होना ही छोड़ देंगे. अब तो बाबेल की शहरपनाह भी ढह चुकी है.
45 Wyjdźcie z pośrodku jego, ludu mój! a wybaw każdy duszę swoję przed gniewem zapalczywości Pańskiej.
“मेरी प्रजाजनो, वहां से निकल आओ! तुममें से हर एक याहवेह के प्रचंड प्रकोप से अपनी रक्षा करें.
46 A nie bądźcie miękkiego serca, ani się lękajcie wieści, którą będzie słychać w tej ziemi; gdy przyjdzie jednego roku nowina, potem drugiego roku wieść i gwałt w ziemi, a pan na pana.
तुम्हारा हृदय मूर्छित न होने लगे तथा सारे देश में प्रसारित होते समाचार से तुम भयभीत न हो जाओ; क्योंकि एक समाचार इस वर्ष आएगा, तत्पश्चात अन्य समाचार अगले वर्ष, सारे देश में हिंसा भड़क रही होगी, उच्चाधिकारी ही उच्चाधिकारी के विरुद्ध हो जाएगा.
47 Przetoż oto dni przyjdą, w które Ja nawiedzę bałwany ryte Babilońskie, a wszystka ziemia jego pohańbiona będzie, i wszyscy pobici jego polegną w pośrodku niego.
तब तुम यह देख लेना वे दिन आ रहे हैं, मैं बाबेल की प्रतिमाओं को दंड दूंगा; सारे देश के लिए यह लज्जा का विषय होगा घात किए हुओं के शव उसके मध्य में इधर-उधर पड़े पाए जाएंगे.
48 I będą nad Babilonem śpiewać niebiosa i ziemia, i wszystko, co na nich jest, gdy z północy przyjdą nań pustoszyciele, mówi Pan.
तब स्वर्ग और पृथ्वी तथा इनके सारे निवासी बाबेल की इस स्थिति पर हर्षनाद करेंगे, क्योंकि उसके विनाशक उत्तर दिशा से आएंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
49 Jako Babilon poraził onych pobitych Izraelskich, tak z Babilonu polegną pobici po wszystkiej ziemi.
“इस्राएल के लोगों के कारण बाबेल का पतन अनिवार्य है, ठीक जिस प्रकार सारी पृथ्वी पर के मारे गये लोग बाबेल के ही कारण मारे गये हैं.
50 O którzyście uszli miecza, idźcie, nie stójcie! wspominajcie z daleka na Pana, a Jeruzalem niech wstępuje na serce wasze.
तुम सभी, जो तलवार से बच निकले हो, यहां ठहरे न रहो, भागो यहां से! दूर ही दूर रहते हुए याहवेह को स्मरण कर लिया करो, येरूशलेम तुम्हारी स्मृति से दूर न रहे.”
51 Rzeczcie: Wstydzimy się, że słyszymy urąganie; hańba okryła twarzy nasze, bo cudzoziemcy wchodzą do świątnic domu Pańskiego.
“निंदा सुनकर हम अत्यंत लज्जित हुए हैं हमारे मुखमंडल पर कलंक लग चुका है, क्योंकि याहवेह के पवित्र भवन में विदेशियों का प्रवेश हो चुका है.”
52 Przetoż oto dni przychodzą, mówi Pan, że nawiedzę ryte bałwany jego, a po wszystkiej ziemi jego zraniony stękać będzie.
“तब यह समझ लो: वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं उसकी प्रतिमाओं को दंड दूंगा, तब घातक प्रहार से पीड़ित, संपूर्ण देश में कराहते हुए पाए जाएंगे.
53 Chociażby Babilon wstąpił na niebo, i obwarował na wysokości moc swoję, przecie odemnie przyjdą pustoszyciele jego, mówi Pan.
चाहे बाबेल आकाश-सदृश ऊंचा हो जाए, चाहे वह अपने ऊंचे गढ़ सुदृढ़ बना ले, मेरे द्वारा भेजे गए विनाशक उसे जा पकड़ेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
54 Głos wołania z Babilonu, a starcie wielkie z ziemi Chaldejskiej;
“बाबेल में विलाप व्याप्त है, तथा कसदियों के देश में महाविनाश.
55 Bo Pan Babilon zburzy i wytraci z niego głos wielki, choćby huczały wały ich jako wody wielkie, i wydany był szum głosu ich.
क्योंकि याहवेह बाबेल के विनाश के लिए तैयार हैं; वह उसकी उस उच्च आवाज को समाप्त कर देंगे. उसकी ध्वनि उग्र लहरों के सदृश है; नगर में आवाज गूंज रही है.
56 Gdy nań, to jest na Babilon, pustoszyciel przyciągnie pojmani będą mocarze jego, pokruszone będą łuki ich; bo Bóg nagrody, Pan nagrodzi im sowicie;
बाबेल पर विनाशक ने आक्रमण किया है; उसके सारे शूर योद्धा बंदी बनाए जाएंगे, उसके धनुष टूट चुके हैं. क्योंकि याहवेह बदला लेनेवाले परमेश्वर हैं; वह पूरा-पूरा बदला लेंगे.
57 Opoi książąt jego i mędrców jego, wodzów jego, i urzędników jego, i mocarzy jego, aby zasnęli snem wiecznym, a nie ocucili, mówi król, Pan zastępów imię jego.
मैं उसके उच्चाधिकारी तथा परामर्शकों को मदोन्मत बना दूंगा, उसके राज्यपालों, सेनापतियों तथा शूर योद्धाओं को भी; कि वे सभी चिर-निद्रा में सो जाएं, और फिर कभी न जागें!” यह उस राजा की वाणी है, जिनका नाम है सेनाओं के याहवेह.
58 Tak mówi Pan zastępów: Mur Babiloński szeroki do gruntu zburzony będzie, i bramy jego wysokie ogniem spalone będą, a ludzie darmo pracować będą, a narody przy ogniu pomdleją.
सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: “बाबेल की चौड़ी शहरपनाह पूर्णतः ध्वस्त कर दी जाएगी तथा उसके ऊंचे-ऊंचे प्रवेश द्वार अग्नि में दाह कर दिए जाएंगे; तब प्रजा का परिश्रम व्यर्थ रहेगा, तथा राष्ट्रों का सारा परिश्रम मात्र अग्नि में भस्म होने के लिए सिद्ध होगा.”
59 Toć jest słowo, które rozkazał Jeremijasz prorok Sarajaszowi, synowi Neryjasza, syna Maasejaszowego, gdy odszedł od Sedekijasza, króla Judzkiego, do Babilonu, roku czwartego królowania jego; (a Sarajasz był książęciem w Menucha.)
नेरियाह के पुत्र माहसेइयाह के पौत्र सेराइयाह को दिया गया भविष्यद्वक्ता येरेमियाह का आदेश यह है, यह उसे उस अवसर पर भेजा गया, जब वह यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के चौथे वर्ष में राजा के साथ बाबेल गया था, सेराइयाह वहां महलों का प्रबंधक था.
60 Gdy zapisał Jeremijasz wszystko złe, które przyjść miało na Babilon, w księgi jedne, wszystkie te słowa, które są napisane przeciwko Babilonowi.
येरेमियाह ने एक चर्म कुण्डलिका में उन सारे संकटों की एक सूची बना दी जो बाबेल के लिए निर्धारित किए गए थे, अर्थात् वे सभी भविष्यवाणी, जो बाबेल के विषय में की गई थी.
61 I rzekł Jeremijasz do Sarajasza: Gdy przyjdziesz do Babilonu, i oglądasz go, tedy przeczytasz te wszystkie słowa,
तत्पश्चात येरेमियाह ने सेराइयाह को संबोधित कर कहा, “यह ध्यान रखना कि बाबेल पहुंचते ही तुम यह सब उच्च स्वर में सबके समक्ष पढ़ोगे.
62 A rzeczesz: O Panie! tyś mówił przeciwko miejscu temu, że je wytracisz, aby w niem nie mieszkał nikt, ani z ludzi ani z bydląt, ale żeby było pustkami wiecznemi.
फिर तुम यह भी कहना, ‘याहवेह ने इस स्थान के विषय में भविष्यवाणी की है, कि यह स्थान नष्ट कर दिया जाएगा, इस प्रकार कि इस स्थान पर कोई भी निवासी शेष न रह जाएगा; चाहे मनुष्य हो अथवा पशु और यह स्थायी उजाड़ हो जाएगा.’
63 A gdy do końca przeczytasz te księgi, przywiążesz do nich kamień, i wrzucisz je w pośród Eufratesa,
जैसे ही तुम इस चर्म कुण्डली को पढ़ना समाप्त करोगे, तुम एक पत्थर इसमें बांध देना और इसे फरात नदी के मध्य में फेंक देना.
64 A rzeczesz: Tak zatopiony będzie Babilon, a nie powstanie więcej z tego złego, które Ja nań przywiodę, choć ustawać będą. Aż dotąd słowa Jeremijaszowe.
उसे फेंकते हुए तुम यह कहना, ‘बाबेल इसी प्रकार डूब जाएगा और फिर कभी उठकर ऊपर न आएगा, क्योंकि मैं उस पर ऐसा संकट डालने पर हूं. और उसके लोग गिर जाएंगे.’” येरेमियाह के शब्द यहीं तक हैं.