< غزل غزلها 7 >

ای شاهزادهٔ من، پاهای تو در صندل، چه زیباست. انحنای رانهایت همچون جواهراتی است که به دست هنرمندان ماهر تراش داده شده باشند. 1
ହେ ରାଜକନ୍ୟେ, ପାଦୁକାରେ ତୁମ୍ଭ ଚରଣ କିପରି ସୁନ୍ଦର। ତୁମ୍ଭର କଟିମଣ୍ଡଳ ନିପୁଣ ଶିଳ୍ପକର ହସ୍ତରେ ନିର୍ମିତ ରତ୍ନହାର ସ୍ୱରୂପ।
ناف تو مانند جامی است که پر از شراب گوارا باشد. کمر تو همچون خرمن گندمی است که سوسنها احاطه‌اش کرده باشند. 2
ତୁମ୍ଭର ନାଭିଦେଶ ମିଶ୍ରିତ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଅଭାବ ନ ଥିବା ବର୍ତ୍ତୁଳ ତାଟିଆ ତୁଲ୍ୟ; ତୁମ୍ଭର ଉଦର କଇଁଫୁଲ-ମଣ୍ଡିତ ଗହମରାଶି ତୁଲ୍ୟ।
سینه‌هایت مثل بچه غزالهای دوقلو هستند. 3
ତୁମ୍ଭର ସ୍ତନଯୁଗଳ ହରିଣୀର ଯାଆଁଳା ଛୁଆ ତୁଲ୍ୟ।
گردنت مثل برجی از عاج است و چشمانت مانند آب زلال برکه‌های حشبون نزد دروازهٔ بیت ربیم. بینی تو به زیبایی برج لبنان است که بر سر راه دمشق می‌باشد. 4
ତୁମ୍ଭର ଗଳଦେଶ ଗଜଦନ୍ତମୟ ଦୁର୍ଗ ସଦୃଶ; ତୁମ୍ଭ ନେତ୍ରଯୁଗଳ ବେଥ୍‍-ରବ୍ବୀମ ନଗର-ଦ୍ୱାର ନିକଟସ୍ଥ ହିଷ୍‍ବୋନ ସରୋବର ସଦୃଶ; ତୁମ୍ଭ ନାସିକା ଦମ୍ମେଶକ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ଲିବାନୋନର ଦୁର୍ଗ ତୁଲ୍ୟ।
سرت مانند کوه کَرمَل افراشته است و گیسوانت به لطافت اطلس‌اند، و حلقه‌های موهایت پادشاهان را اسیر خود می‌سازند. 5
ତୁମ୍ଭ ମସ୍ତକ କର୍ମିଲ ପର୍ବତ ତୁଲ୍ୟ, ପୁଣି ତୁମ୍ଭ ମସ୍ତକର କେଶ ବାଇଗଣିଆ ରଙ୍ଗ ତୁଲ୍ୟ; ତହିଁର ବେଣୀ-ପାଶରେ ରାଜା ବନ୍ଦୀ ରୂପେ ଧୃତ ଅଟନ୍ତି।
تو چه زیبایی، ای محبوبهٔ من؛ تو چه شیرین و چه دلپسندی! 6
ହେ ପ୍ରିୟେ, ତୁଷ୍ଟି ଜନ୍ମାଇବା ନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭେ କିପରି ସୁନ୍ଦରୀ ଓ ମନୋହାରିଣୀ!
مانند درخت نخل، بلند قامتی و سینه‌هایت همچون خوشه‌های خرماست. 7
ତୁମ୍ଭ ଶରୀରର ଦୀର୍ଘତା ଖର୍ଜ୍ଜୁର ବୃକ୍ଷ ତୁଲ୍ୟ ଓ ତୁମ୍ଭ ସ୍ତନ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳର ପେଣ୍ଡା ତୁଲ୍ୟ।
به خود گفتم: «از این درخت نخل بالا خواهم رفت و شاخه‌هایش را خواهم گرفت.» سینه‌هایت مانند خوشه‌های انگور است و نفس تو بوی دل‌انگیز سیب می‌دهد؛ 8
ମୁଁ କହିଲି, “ମୁଁ ଖର୍ଜ୍ଜୁର ବୃକ୍ଷ ଆରୋହଣ କରିବି, ମୁଁ ତହିଁର ବାହୁଙ୍ଗା ଧରିବି;” ତୁମ୍ଭ ସ୍ତନ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳର ପେଣ୍ଡା ତୁଲ୍ୟ ହେଉ; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ନିଶ୍ୱାସର ଆଘ୍ରାଣ ନାଗରଙ୍ଗ ଫଳର ବାସନା ତୁଲ୍ୟ ହେଉ;
بوسه‌هایت چون گواراترین شرابها است. محبوبه باشد که این شراب به محبوبم برسد و بر لبان و دهانش به ملایمت جاری شود. 9
ତୁମ୍ଭର ମୁଖ ସର୍ବୋତ୍ତମ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ତୁଲ୍ୟ, ତାହା ମୋʼ ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ଗଳଦେଶରେ ଚିକ୍କଣ ଗଳିଯାଏ, ପୁଣି ତାହାଙ୍କ ଓଷ୍ଠ ଓ ଦାନ୍ତ ଦେଇ ଧୀରେ ଧୀରେ ଚାଲିଯାଏ।
من از آن محبوبم هستم و محبوبم مشتاق من است. 10
ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରିୟତମଙ୍କର ଓ ତାଙ୍କର ବାସନା ମୋʼ ପ୍ରତି ଅଛି।
ای محبوب من، بیا تا به دشتها برویم؛ شب را در دهکده‌ای به سر بریم، 11
ଆସ, ମୋʼ ପ୍ରିୟତମ, ଆମ୍ଭେମାନେ କ୍ଷେତ୍ରକୁ ଯାଉ; ଆମ୍ଭେମାନେ ପଲ୍ଲୀଗ୍ରାମରେ କାଳ କ୍ଷେପଣ କରୁ।
و صبح زود برخاسته، به میان تاکستانها برویم تا ببینیم که آیا درختان انگور گل کرده و گلهایشان شکفته‌اند؟ ببینیم درختان انار شکوفه کرده‌اند؟ در آنجا من عشق خود را به تو تقدیم خواهم کرد. 12
ଆମ୍ଭେମାନେ ଅତି ପ୍ରଭାତରେ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରକୁ ଯାଉ; ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ପଲ୍ଲବିତ ଓ ତହିଁର ପୁଷ୍ପ ପ୍ରସ୍ପୁଟିତ ଓ ଡାଳିମ୍ବ ପୁଷ୍ପିତ ହୋଇଅଛି କି ନାହିଁ, ତାହା ଦେଖୁ; ସେଠାରେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆପଣା ପ୍ରେମ ପ୍ରଦାନ କରିବି।
مهر گیاهها رایحهٔ خود را پخش می‌کنند و نزدیک درهای ما همه نوع میوهٔ خوش طمع وجود دارد. من همه نوع لذت نو و کهنه برای تو، ای محبوب من، ذخیره کرده‌ام. 13
ଦୂଦାଫୁଲ ସୁବାସ ଦେଉଅଛି, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ସର୍ବପ୍ରକାର ବହୁମୂଲ୍ୟ ନୂତନ ଓ ପୁରାତନ ଫଳ ଅଛି, ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ପ୍ରତି ବ୍ୟାକୁଳତା ହେ ମୋହର ପ୍ରିୟତମ, ତାହାସବୁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ରଖିଅଛି।

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