< غزل غزلها 5 >

ای محبوبهٔ من وای عروس من، من به باغ خود آمده‌ام! مُر و عطرهایم را جمع می‌کنم، عسل خود را می‌خورم و شیر و شرابم را می‌نوشم. دوستان ای دوستان بخورید و بنوشید و از عشق سرمست و سرشار شوید. 1
ହେ ମୋହର ପ୍ରିୟେ, ମୋହର କନ୍ୟା, ମୁଁ ଆପଣା ଉଦ୍ୟାନକୁ ଆସିଅଛି; ମୁଁ ଆପଣା ଗନ୍ଧରସ ଓ ସୁଗନ୍ଧି ଦ୍ରବ୍ୟ ସଂଗ୍ରହ କରିଅଛି; ମୁଁ ଆପଣା ମଧୁଚାକ ଓ ମଧୁ ଭୋଜନ କରିଅଛି; ମୁଁ ଆପଣା ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଓ ଦୁଗ୍ଧ ପାନ କରିଅଛି। ହେ ବନ୍ଧୁଗଣ, ଭୋଜନ କର; ହେ ପ୍ରିୟତମଗଣ, ପାନ କର, ହଁ, ଯଥେଷ୍ଟ ପାନ କର।
می‌خوابم، اما دلم آرام ندارد. صدای محبوبم را می‌شنوم که بر در کوبیده، می‌گوید: «باز کن ای محبوبهٔ من و ای دلدار من، ای کبوتر من که در تو عیبی نیست. سرم از ژالهٔ شبانگاهی خیس شده و شبنم بر موهایم نشسته است.» 2
ମୁଁ ନିଦ୍ରିତା ଥିଲି, ମାତ୍ର ମୋହର ହୃଦୟ ଜାଗ୍ରତ ଥିଲା; ଏହି ତ ମୋʼ ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ରବ, ସେ ଦ୍ୱାରରେ ଆଘାତ କରି କହୁଅଛନ୍ତି, “ହେ ମୋହର ଭଗିନୀ, ମୋହର ପ୍ରିୟେ, ମୋହର କପୋତୀ, ମୋହର ଶୁଦ୍ଧମତେ; ମୋʼ ପାଇଁ ଦ୍ୱାର ଫିଟାଅ; କାରଣ ମୋହର ମସ୍ତକ ଶିଶିରରେ, ମୋହର କେଶ ରାତ୍ରିର ଜଳବିନ୍ଦୁରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ।”
ولی من لباسم را از تن درآورده‌ام، چگونه می‌توانم دوباره آن را بپوشم؟ پاهایم را شسته‌ام، چگونه می‌توانم آنها را دوباره کثیف کنم؟ 3
ମୁଁ ଆପଣା ଜାମା କାଢ଼ି ପକାଇଅଛି, କିପରି ପୁନର୍ବାର ତାହା ପିନ୍ଧିବି? ମୁଁ ଆପଣା ପାଦ ଧୋଇଅଛି; କିପରି ପୁନର୍ବାର ତାହା ମଳିନ କରିବି?
محبوبم دستش را از سوراخ در داخل کرده و می‌کوشد در را باز کند. دلم برای او به شدت می‌تپد. 4
ମୋʼ ପ୍ରିୟତମ ଦ୍ୱାରର ଛିଦ୍ରରେ ଆପଣା ହସ୍ତ ଥୋଇଲେ, ତହିଁରେ ମୋହର ହୃଦୟ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ଉତ୍ତେଜିତ ହେଲା।
برمی‌خیزم تا در را به روی او بگشایم. وقتی دست بر قفل می‌نهم، انگشتانم به عطر مُر آغشته می‌گردد. 5
ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ପାଇଁ ଦ୍ୱାର ଫିଟାଇବାକୁ ଉଠିଲି; କିଳିଣୀର ବେଣ୍ଟ ଉପରେ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଗନ୍ଧରସ, ମୋʼ ଅଙ୍ଗୁଳିରୁ ଦ୍ରବ ଗନ୍ଧରସ କ୍ଷରିଲା।
در را برای محبوبم باز می‌کنم، ولی او رفته است. چقدر دلم می‌خواهد باز صدایش را بشنوم! دنبالش می‌گردم، اما او را در هیچ جا نمی‌یابم. صدایش می‌کنم، ولی جوابی نمی‌شنوم. 6
ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ପାଇଁ ଦ୍ୱାର ଫିଟାଇଲି; ମାତ୍ର ମୋହର ପ୍ରିୟତମ ସ୍ଥାନାନ୍ତରେ ଚାଲି ଯାଇଥିଲେ। ସେ କଥା କହିବା ବେଳେ ମୋହର ପ୍ରାଣ ଉଡ଼ିଗଲା; ମୁଁ ତାଙ୍କୁ ଖୋଜିଲି, ମାତ୍ର ପାଇପାରିଲି ନାହିଁ; ମୁଁ ତାଙ୍କୁ ଡାକିଲି, ମାତ୍ର ସେ ମୋତେ କୌଣସି ଉତ୍ତର ଦେଲେ ନାହିଁ।
شبگردهای شهر مرا می‌یابند و می‌زنند و مجروحم می‌کنند. نگهبانان حصار ردای مرا از من می‌گیرند. 7
ନଗର ଭ୍ରମଣକାରୀ ପ୍ରହରୀମାନେ ମୋତେ ଦେଖିଲେ, ସେମାନେ ମୋତେ ପ୍ରହାର କଲେ, ସେମାନେ ମୋତେ କ୍ଷତବିକ୍ଷତ କଲେ। ପ୍ରାଚୀର-ରକ୍ଷକମାନେ ମୋʼ ଠାରୁ ମୋହର ଆଚ୍ଛାଦନ ବସ୍ତ୍ର କାଢ଼ି ନେଇଗଲେ।
ای دختران اورشلیم، شما را قسم می‌دهم که اگر محبوب مرا یافتید به او بگویید که من از عشق او بیمارم. 8
ହେ ଯିରୂଶାଲମର କନ୍ୟାଗଣ, ଯେବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋʼ ପ୍ରିୟତମଙ୍କର ଦେଖା ପାଇବ, ତେବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଶପଥ ଦେଇ କହୁଅଛି, ମୁଁ ପ୍ରେମପୀଡ଼ିତା ବୋଲି ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାଙ୍କୁ କହିବ।
ای زیباترین زنان، مگر محبوب تو چه برتری بر دیگران دارد که ما را اینچنین قسم می‌دهی؟ 9
ହେ ନାରୀଗଣ ମଧ୍ୟରେ ପରମାସୁନ୍ଦରୀ, ତୁମ୍ଭ ପ୍ରିୟତମ କି ବିଷୟରେ ଅନ୍ୟ ପ୍ରିୟତମଠାରୁ ଅଧିକ? ତୁମ୍ଭେ ଯେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଶପଥ ଦେଉଅଛ, ତୁମ୍ଭ ପ୍ରିୟତମ କି ବିଷୟରେ ଅନ୍ୟ ପ୍ରିୟତମଠାରୁ ଅଧିକ?
محبوب من سفیدرو و زیباست. او در میان ده هزار همتایی ندارد. 10
ମୋହର ପ୍ରିୟତମ ଶ୍ଵେତ ଓ ରକ୍ତବର୍ଣ୍ଣ, ଦଶ ସହସ୍ର ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରଧାନ।
سر او با موهای مواج سیاه رنگش، با ارزشتر از طلای ناب است. 11
ତାଙ୍କର ମସ୍ତକ ଶୁଦ୍ଧ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ତୁଲ୍ୟ, ତାଙ୍କର କେଶ କୁଞ୍ଚିତ ଓ ଡାମରା କାଉ ତୁଲ୍ୟ କୃଷ୍ଣବର୍ଣ୍ଣ।
چشمانش به لطافت کبوترانی است که کنار نهرهای آب نشسته‌اند و گویی خود را در شیر شسته‌اند. 12
ତାଙ୍କର ନେତ୍ରଯୁଗଳ ଜଳସ୍ରୋତ ନିକଟସ୍ଥ କପୋତ ତୁଲ୍ୟ; ଦୁଗ୍ଧରେ ଧୌତ ଓ ଯଥାସ୍ଥାନରେ ସ୍ଥାପିତ।
گونه‌هایش مانند گلزارها، معطر هستند. لبانش مثل سوسنهایی است که از آنها عطر مُر می‌چکد. 13
ତାଙ୍କର ଗାଲ ସୁଗନ୍ଧି ଲତାର କିଆରି ସ୍ୱରୂପ, ସୁଗନ୍ଧି ତୃଣର ତଟ ସ୍ୱରୂପ; ତାଙ୍କର ଓଷ୍ଠାଧର କଇଁଫୁଲ ତୁଲ୍ୟ, ତହିଁରୁ ଦ୍ରବ ଗନ୍ଧରସ କ୍ଷରେ।
دستهایش همچون طلایی است که با یاقوت آراسته شده باشند. پیکرش عاج شفاف گوهرنشان است. 14
ତାଙ୍କ ହସ୍ତଦ୍ୱୟ ବୈଦୁର୍ଯ୍ୟ ମଣିରେ ଖଚିତ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ମୁଦ୍ରିକା ତୁଲ୍ୟ; ତାଙ୍କ ଶରୀର ନୀଳକାନ୍ତମଣି-ମଣ୍ଡିତ ଗଜଦନ୍ତମୟ ଶିଳ୍ପକର୍ମ ତୁଲ୍ୟ।
ساقهایش چون ستونهای مرمر است که در پایه‌های طلایی نشانده شده باشند. سیمای او همچون سروهای لبنان بی‌همتاست. 15
ତାଙ୍କ ଗୋଡ଼ ଦୁଇଟି ଶୁଦ୍ଧ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ଚୁଙ୍ଗୀରେ ସ୍ଥାପିତ ମର୍ମର ପ୍ରସ୍ତରର ସ୍ତମ୍ଭ ତୁଲ୍ୟ; ତାଙ୍କର ଦୃଶ୍ୟ ଲିବାନୋନ ସଦୃଶ, ଏରସ ବୃକ୍ଷ ତୁଲ୍ୟ ଉତ୍କୃଷ୍ଟ।
دهانش شیرین است و وجودش دوست داشتنی. ای دختران اورشلیم، این است محبوب و یار من. 16
ତାଙ୍କ ମୁଖ ଅତ୍ୟନ୍ତ ସୁମିଷ୍ଟ; ହଁ, ସେ ସର୍ବତୋଭାବେ ମନୋହର। ହେ ଯିରୂଶାଲମର କନ୍ୟାଗଣ, ଏହି ମୋହର ପ୍ରିୟତମ, ଏହି ମୋହର ସଖା।

< غزل غزلها 5 >