< مزامیر 87 >
مزمور پسران قورح. سرود. اورشلیم بر کوههای مقدّس بنا شده است. | 1 |
१कोरहवंशियों का भजन उसकी नींव पवित्र पर्वतों में है;
خداوند آن را بیش از سایر شهرهای اسرائیل دوست دارد. | 2 |
२और यहोवा सिय्योन के फाटकों से याकूब के सारे निवासों से बढ़कर प्रीति रखता है।
ای شهر خدا، چه سخنان پرشکوه دربارهٔ تو گفته میشود. | 3 |
३हे परमेश्वर के नगर, तेरे विषय महिमा की बातें कही गई हैं। (सेला)
رَهَب و بابِل را جزو کسانی که مرا میشناسند خواهم شمرد، همچنین فلسطین و صور و حبشه را. همۀ آنها شهروندان اورشلیم خواهند شد! | 4 |
४मैं अपने जान-पहचानवालों से रहब और बाबेल की भी चर्चा करूँगा; पलिश्त, सोर और कूश को देखो: “यह वहाँ उत्पन्न हुआ था।”
دربارهٔ اورشلیم خواهند گفت که تمام قومهای دنیا به آن تعلق دارند و اینکه خدای قادر متعال اورشلیم را قوی خواهد ساخت. | 5 |
५और सिय्योन के विषय में यह कहा जाएगा, “इनमें से प्रत्येक का जन्म उसमें हुआ था।” और परमप्रधान आप ही उसको स्थिर रखे।
هنگامی که خداوند اسامی قومها را ثبت نماید، همهٔ آنها را به اورشلیم نسبت خواهد داد. | 6 |
६यहोवा जब देश-देश के लोगों के नाम लिखकर गिन लेगा, तब यह कहेगा, “यह वहाँ उत्पन्न हुआ था।” (सेला)
آن قومها سرودخوانان و رقصکنان خواهند گفت: «اورشلیم سرچشمهٔ همهٔ برکات و خوشیهای ماست!» | 7 |
७गवैये और नृतक दोनों कहेंगे, “हमारे सब सोते तुझी में पाए जाते हैं।”