< مزامیر 56 >
برای رهبر سرایندگان: در مایۀ «کبوتر بر درختان بلوط دوردست». غزل داوود دربارۀ زمانی که فلسطینیان او را در جَت گرفتار کردند. ای خدا، بر من رحم فرما، زیرا مورد هجوم دشمنان قرار گرفتهام و مخالفانم هر روز عرصه را بر من تنگتر میکنند. | 1 |
В конец, о людех от святых удаленых, Давиду в столпописание, внегда удержаша и иноплеменницы в Гефе, псалом. Помилуй мя, Боже, яко попра мя человек: весь день боря стужи ми.
تمام روز دشمنانم بر من یورش میآورند. مخالفانم که با من میجنگند بسیارند. | 2 |
Попраша мя врази мои весь день: яко мнози борющии мя с высоты.
هنگامی که بترسم، ای خداوند، بر تو توکل خواهم کرد. | 3 |
В день не убоюся, аз же уповаю на Тя.
وعدههای خداوند را میستایم و بر او توکل دارم، پس نخواهم ترسید، انسان فانی به من چه میتواند کرد؟ | 4 |
О Бозе похвалю словеса Моя: на Бога уповах, не убоюся: что сотворит мне плоть?
دشمنانم تمام روز در فکر آزار من هستند و یک دم مرا راحت نمیگذارند. | 5 |
Весь день словес моих гнушахуся: на мя вся помышления их на зло.
آنها با هم جمع شده در کمین مینشینند و تمام حرکات مرا زیر نظر گرفته، قصد جانم را میکنند. | 6 |
Вселятся и скрыют, тии пяту мою сохранят, якоже потерпеша душу мою.
خدایا، نگذار آنها با این همه شرارت، جان به در برند. با خشم خود آنها را سرنگون کن. | 7 |
Ни о чесомже отринеши я, гневом люди низведеши.
تو از پریشانی من آگاهی؛ حساب اشکهایم را داری و آن را در دفترت ثبت کردهای. | 8 |
Боже, живот мой возвестих Тебе: положил еси слезы моя пред Тобою, яко и во обетовании Твоем.
روزی که تو را به کمک بخوانم، دشمنانم شکست خورده، خواهند گریخت. یقین دارم که خداوند پشتیبان من است. | 9 |
Да возвратятся врази мои вспять, в оньже аще день призову Тя: се, познах, яко Бог мой еси Ты.
وعدههای خداوند را میستایم و بر او توکل دارم، | 10 |
О Бозе похвалю глаголгол, о Господе похвалю слово.
پس نخواهم ترسید. انسان به من چه میتواند کرد؟ | 11 |
На Бога уповах, не убоюся: что сотворит мне человек?
خدایا، نذرهای خود را ادا خواهم کرد و قربانیهای تشکر را به درگاه تو تقدیم خواهم نمود، | 12 |
Во мне, Боже, молитвы, яже воздам хвалы Твоея:
زیرا تو مرا از پرتگاه مرگ رهانیدی و نگذاشتی پایم بلغزد و نابود شوم تا بتوانم اکنون در نور حیاتی که در حضور توست راه روم. | 13 |
яко избавил еси душу мою от смерти, очи мои от слез и нозе мои от поползновения: благоугожду пред Господем во свете живых.