< مزامیر 45 >

برای رهبر سرایندگان: در مایۀ «سوسنها». قصیدۀ پسران قورَح. ترانۀ عاشقانه. در حالی که این سرود را برای پادشاه می‌سرایم، کلماتی زیبا فکرم را پر می‌سازند. همچون قلمی در دست شاعری توانا، زبانم آماده سرودن است. 1
प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम में कोरहवंशियों का मश्कील। प्रेम प्रीति का गीत मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से उमड़ रहा है, जो बात मैंने राजा के विषय रची है उसको सुनाता हूँ; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है।
تو از همهٔ انسانها زیباتری؛ از لبانت نعمت و فیض می‌چکد. خداوند تو را تا ابد متبارک ساخته است. 2
तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; तेरे होठों में अनुग्रह भरा हुआ है; इसलिए परमेश्वर ने तुझे सदा के लिये आशीष दी है।
ای دلاور، شمشیر جلال و جبروتت را بر کمر خویش ببند و شکوهمندانه بر اسب خویش سوار شو 3
हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और प्रताप है अपनी कमर पर बाँध!
تا از حقیقت و عدالت و تواضع دفاع کنی. قدرت بازوی تو پیروزی بزرگی را نصیب تو می‌گرداند. 4
सत्यता, नम्रता और धार्मिकता के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखाए!
تیرهای تیز تو به قلب دشمنانت فرو می‌روند؛ و قومها در برابر تو سقوط می‌کنند. 5
तेरे तीर तो तेज हैं, तेरे सामने देश-देश के लोग गिरेंगे; राजा के शत्रुओं के हृदय उनसे छिदेंगे।
ای خدا، سلطنت تو تا ابد برقرار است؛ اساس حکومت تو، بر عدل و راستی است. 6
हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन सदा सर्वदा बना रहेगा; तेरा राजदण्ड न्याय का है।
عدالت را دوست داری و از شرارت بیزاری؛ بنابراین، خدا، یعنی خدای تو، تو را بیش از هر کس دیگر به روغن شادمانی مسح کرده است. 7
तूने धार्मिकता से प्रीति और दुष्टता से बैर रखा है। इस कारण परमेश्वर ने हाँ, तेरे परमेश्वर ने तुझको तेरे साथियों से अधिक हर्ष के तेल से अभिषेक किया है।
همهٔ لباسهایت به بوی خوش مُر و عود و سلیخه آمیخته است؛ در کاخ عاج تو، نوای موسیقی گوشهایت را نوازش می‌دهد. 8
तेरे सारे वस्त्र गन्धरस, अगर, और तेज से सुगन्धित हैं, तू हाथी दाँत के मन्दिरों में तारवाले बाजों के कारण आनन्दित हुआ है।
ندیمه‌های دربارت، شاهزادگانند؛ در سمت راست تو، ملکه با لباس مزین به طلای خالص، ایستاده است. 9
तेरी प्रतिष्ठित स्त्रियों में राजकुमारियाँ भी हैं; तेरी दाहिनी ओर पटरानी, ओपीर के कुन्दन से विभूषित खड़ी है।
ای دختر، به نصیحت من گوش کن. قوم و خویش و زادگاه خود را فراموش کن 10
१०हे राजकुमारी सुन, और कान लगाकर ध्यान दे; अपने लोगों और अपने पिता के घर को भूल जा;
تا پادشاه شیفتهٔ زیبایی تو شود. او را اطاعت کن، زیرا او سَروَر توست. 11
११और राजा तेरे रूप की चाह करेगा। क्योंकि वह तो तेरा प्रभु है, तू उसे दण्डवत् कर।
اهالی سرزمین صور با هدایا نزد تو خواهند آمد و ثروتمندان قوم تو طالب رضامندی تو خواهند بود. 12
१२सोर की राजकुमारी भी भेंट करने के लिये उपस्थित होगी, प्रजा के धनवान लोग तुझे प्रसन्न करने का यत्न करेंगे।
عروسِ پادشاه را نگاه کنید! او در درون کاخش چه زیباست! لباسهایش زربافت می‌باشد. 13
१३राजकुमारी महल में अति शोभायमान है, उसके वस्त्र में सुनहले बूटे कढ़े हुए हैं;
او را با لباس نقشدارش نزد پادشاه می‌آورند؛ ندیمه‌هایش نیز از پی او می‌آیند. 14
१४वह बूटेदार वस्त्र पहने हुए राजा के पास पहुँचाई जाएगी। जो कुमारियाँ उसकी सहेलियाँ हैं, वे उसके पीछे-पीछे चलती हुई तेरे पास पहुँचाई जाएँगी।
آنان با خوشی و شادمانی به درون کاخ پادشاه هدایت می‌شوند. 15
१५वे आनन्दित और मगन होकर पहुँचाई जाएँगी, और वे राजा के महल में प्रवेश करेंगी।
ای پادشاه، تو صاحب پسران بسیار خواهی شد و آنها نیز مانند اجدادت تاج شاهی را بر سر خواهند نهاد، و تو ایشان را در سراسر جهان به حکمرانی خواهی گماشت. 16
१६तेरे पितरों के स्थान पर तेरे सन्तान होंगे; जिनको तू सारी पृथ्वी पर हाकिम ठहराएगा।
نام تو را در تمام نسلها شهرت خواهم داد، و همهٔ مردم تا ابد سپاسگزار تو خواهند بود. 17
१७मैं ऐसा करूँगा, कि तेरे नाम की चर्चा पीढ़ी से पीढ़ी तक होती रहेगी; इस कारण देश-देश के लोग सदा सर्वदा तेरा धन्यवाद करते रहेंगे।

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