< مزامیر 29 >
مزمور داوود. ای فرشتگان، خداوند را ستایش کنید! شکوه و عظمت او را بستایید! | 1 |
ऐ फ़रिश्तों की जमा'त ख़ुदावन्द की, ख़ुदावन्द ही की तम्जीद — ओ — ता'ज़ीम करो।
خداوند را به خاطر جلال نامش بپرستید. خداوند را در شکوه قدوسیتش پرستش کنید. | 2 |
ख़ुदावन्द की ऐसी तम्जीद करो, जो उसके नाम के शायाँ है। पाक आराइश के साथ ख़ुदावन्द को सिज्दा करो।
صدای خداوند از فراز دریاها شنیده میشود؛ او همچون رعد میغرد! صدای او بر اقیانوسها طنینافکن است! | 3 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ बादलों पर है; ख़ुदा — ए — जुलजलाल गरजता है, ख़ुदावन्द पानी से भरे बादलों पर है।
صدای خداوند پرقدرت و باشکوه است. | 4 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ में क़ुदरत है; ख़ुदावन्द की आवाज़ में जलाल है।
صدای خداوند درختان سِدر را میشکند. خداوند درختان سِدر لبنان را خُرد میکند. | 5 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ देवदारों को तोड़ डालती है; बल्कि ख़ुदावन्द लुबनान के देवदारों को टुकड़े टुकड़े कर देता है।
او کوههای لبنان را میلرزاند و کوه حرمون را مانند گوساله به جست و خیز وا میدارد. | 6 |
वह उनको बछड़े की तरह, लुबनान और सिरयून को जंगली बछड़े की तरह कुदाता है।
صدای خداوند رعد و برق ایجاد میکند، | 7 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ आग के शो'लों को चीरती है।
دشتها را به لرزه در میآورد و صحرای قادش را میجنباند. | 8 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ वीरान को हिला देती है; ख़ुदावन्द क़ादिस के वीरान को हिला डालता है।
صدای خداوند درخت بلوط را میلرزاند و برگهای درختان جنگل را به زمین میریزد. در خانهٔ خداوند، همه جلال و عظمت او را میستایند. | 9 |
ख़ुदावन्द की आवाज़ से हिरनीयों के हमल गिर जाते हैं; और वह जंगलों को बेबर्ग कर देती है; उसकी हैकल में हर एक जलाल ही जलाल पुकारता है।
خداوند بر آبهای عمیق فرمان میراند و تا به ابد سلطنت مینماید. | 10 |
ख़ुदावन्द तूफ़ान के वक़्त तख़्तनशीन था; बल्कि ख़ुदावन्द हमेशा तक तख़्तनशीन है।
خداوند به قوم برگزیدهٔ خود قدرت میبخشد و صلح و سلامتی نصیب ایشان میکند. | 11 |
ख़ुदावन्द अपनी उम्मत को ज़ोर बख़्शेगा; ख़ुदावन्द अपनी उम्मत को सलामती की बरकत देगा।