< مزامیر 26 >
مزمور داوود. ای خداوند، به داد من برس، زیرا در کمال صداقت رفتار میکنم و توکل راسخ به تو دارم. | 1 |
दावीद की रचना. याहवेह, मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए, क्योंकि मैं सीधा हूं; याहवेह पर से मेरा भरोसा कभी नहीं डगमगाया.
خداوندا، مرا بیازما. فکر و دل مرا تفتیش کن و پاک ساز؛ | 2 |
याहवेह, मुझे परख लीजिए, मेरा परीक्षण कर लीजिए, मेरे हृदय और मेरे मन को परख लीजिए;
زیرا محبت تو را در نظر دارم و وفاداری تو را شعار زندگی خود کردهام. | 3 |
आपके करुणा-प्रेम का बोध मुझमें सदैव बना रहता है, आपकी सत्यता मेरे मार्ग का आश्वासन है.
با مردان نادرست همنشین نمیشوم و با اشخاص ریاکار رفت و آمد نمیکنم. | 4 |
मैं न तो निकम्मी चाल चलने वालों की संगत करता हूं, और न मैं कपटियों से सहमत होता हूं.
از بدکاران نفرت دارم و با شریران معاشرت نمیکنم. | 5 |
कुकर्मियों की समस्त सभाएं मेरे लिए घृणित हैं और मैं दुष्टों की संगत में नहीं बैठता.
دستهای خود را خواهم شست تا نشان دهم که بیگناهم، سپس مذبح تو را طواف خواهم کرد. | 6 |
मैं अपने हाथ धोकर निर्दोषता प्रमाणित करूंगा और याहवेह, मैं आपकी वेदी की परिक्रमा करूंगा,
آنگاه با سراییدن سرود شکرگزاری کارهای شگفتانگیز تو را به همه خبر خواهم داد. | 7 |
कि मैं उच्च स्वर में आपके प्रति आभार व्यक्त कर सकूं और आपके आश्चर्य कार्यों को बता सकूं.
خداوندا، خانهٔ تو را که حضور پرجلالت در آنجاست، دوست میدارم. | 8 |
याहवेह, मुझे आपके आवास, पवित्र मंदिर से प्रेम है, यही वह स्थान है, जहां आपकी महिमा का निवास है.
پس با من مانند بدکاران و قاتلان رفتار نکن که رشوه میدهند و خون مردم را میریزند. | 9 |
पापियों की नियति में मुझे सम्मिलित न कीजिए, हिंसक पुरुषों के साथ मुझे दंड न दीजिए.
उनके हाथों में दुष्ट युक्ति है, जिनके दायें हाथ घूस से भरे हुए हैं.
اما من راستی را پیشه کردهام؛ بر من رحم کن و مرا نجات ده. | 11 |
किंतु मैं अपने आचरण में सदैव खरा रहूंगा; मुझ पर कृपा कर मुझे मुक्त कर दीजिए.
خداوند را در حضور مردم سپاس خواهم گفت، زیرا مرا از خطر رهانیده است. | 12 |
मेरे पैर चौरस भूमि पर स्थिर हैं; श्रद्धालुओं की महासभा में मैं याहवेह की वंदना करूंगा.