< مزامیر 15 >
مزمور داوود. ای خداوند، چه کسی میتواند به خیمهٔ تو وارد شود؟ چه کسی میتواند به حضور مقدّس تو راه یابد؟ | 1 |
ऐ ख़ुदावन्द तेरे ख़ेमे में कौन रहेगा? तेरे पाक पहाड़ पर कौन सुकूनत करेगा?
کسی که بیعیب و بیریا باشد و هر کاری را با صداقت انجام دهد، | 2 |
वह जो रास्ती से चलता और सदाक़त का काम करता, और दिल से सच बोलता है।
کسی که از دیگران بدگویی نکند، به تهمتها گوش ندهد و به همسایهٔ خود بدی نکند، | 3 |
वह जो अपनी ज़बान से बुहतान नहीं बांधता, और अपने दोस्त से बदी नहीं करता, और अपने पड़ोसी की बदनामी नहीं सुनता।
کسی که بدکاران را خوار بشمارد ولی به کسی که از خدا میترسد احترام بگذارد، کسی که به قول خود وفا کند اگرچه به ضررش تمام شود، | 4 |
वह जिसकी नज़र में रज़ील आदमी हक़ीर है, लेकिन जो ख़ुदावन्द से डरते हैं उनकी 'इज़्ज़त करता है; वह जो क़सम खाकर बदलता नहीं चाहे नुक़्सान ही उठाए।
پول قرض دهد ولی سود آن را نگیرد، و از گرفتن رشوه برای دادن شهادت بر ضد بیگناه خودداری کند. چنین شخصی همیشه پایدار خواهد ماند. | 5 |
वह जो अपना रुपया सूद पर नहीं देता, और बेगुनाह के ख़िलाफ़ रिश्वत नहीं लेता। ऐसे काम करने वाला कभी जुम्बिश न खाएगा।