< مزامیر 135 >
سپاس بر خداوند! نام خداوند را بستایید! ای خدمتگزاران خداوند، او را نیایش کنید! | 1 |
याहवेह का स्तवन करो. याहवेह की महिमा का स्तवन करो; तुम, जो याहवेह के सेवक हो, उनका स्तवन करो.
ای کسانی که در صحن خانهٔ خداوند میایستید، او را پرستش نمایید! | 2 |
तुम, जो याहवेह के आवास में सेवारत हो, जो परमेश्वर के आवास के आंगनों में सेवारत हो.
خداوند را شکر کنید، زیرا او نیکوست. نام خداوند را بسرایید، زیرا نام او دلپسند است. | 3 |
याहवेह का स्तवन करो क्योंकि याहवेह धन्य हैं; उनकी महिमा का गुणगान करो, क्योंकि यह सुखद है.
خداوند یعقوب را برای خود برگزید، و اسرائیل را تا قوم خاص او باشد. | 4 |
याहवेह को यह उपयुक्त लगा, कि वह याकोब को अपना बना लें, इस्राएल को अपनी अमूल्य संपत्ति के लिये चुन लिया है.
میدانم که خداوند بزرگ است و از جمیع خدایان برتر! | 5 |
मैं यह जानता हूं कि याहवेह सर्वश्रेष्ठ हैं, हमारे परमेश्वर समस्त देवताओं से महान हैं.
او هر آنچه که بخواهد، در آسمان و زمین و حتی اعماق دریا، انجام میدهد. | 6 |
याहवेह वही करते हैं जो उनकी दृष्टि में उपयुक्त होता है, स्वर्ग में तथा पृथ्वी पर, समुद्रों में तथा उनकी गहराइयों में.
ابرها را از جاهای دور دست زمین برمیآورد، رعد و برق و باد و باران ایجاد میکند. | 7 |
पृथ्वी के छोर से उन्हीं के द्वारा बादल उठाए जाते हैं; वही वृष्टि के साथ बिजलियां उत्पन्न करते हैं तथा अपने भण्डार-गृहों से हवा को प्रवाहित कर देते हैं.
خداوند پسران ارشد مصریها را کشت و نخستزادههای حیواناتشان را هلاک کرد. | 8 |
उन्होंने मिस्र के पहिलौठों की हत्या की, मनुष्यों तथा पशुओं के पहिलौठों की.
او بر ضد فرعون و قومش معجزات و علامات عظیم در مصر انجام داد. | 9 |
उन्हीं ने, हे मिस्र, तुम्हारे मध्य अपने आश्चर्य कार्य एवं चमत्कार प्रदर्शित किए, जो फ़रोह और उसके सभी सेवकों के विरुद्ध थे.
ممالک بزرگ را مجازات کرد و پادشاهان مقتدر را از بین برد: | 10 |
उन्हीं ने अनेक जनताओं की हत्या की और अनेक शक्तिशाली राजाओं का वध भी किया.
سیحون، پادشاه اموریها و عوج، پادشاه باشان و همهٔ پادشاهان کنعان را، | 11 |
अमोरियों के राजा सीहोन का, बाशान के राजा ओग का तथा कनान देश के समस्त राजाओं का.
و سرزمین آنها را همچون میراث به قوم خود اسرائیل بخشید. | 12 |
तत्पश्चात उन्होंने इन सब की भूमि निज भाग स्वरूप दे दी, अपनी प्रजा इस्राएल को, निज भाग स्वरूप.
ای خداوند، نام تو تا ابد باقی است! همهٔ نسلها تو را به یاد خواهند آورد. | 13 |
याहवेह, सदा के लिए है, आपकी महिमा. आपकी ख्याति, याहवेह, पीढ़ी से पीढ़ी स्थायी रहती है.
تو قوم خود را داوری خواهی نمود و بر بندگان خود رحم خواهی کرد. | 14 |
याहवेह अपनी प्रजा को निर्दोष प्रमाणित करेंगे, वह अपने सेवकों पर करुणा प्रदर्शित करेंगे.
خدایان قومهای دیگر، بتهای ساخته شده از طلا و نقره هستند. | 15 |
अन्य जनताओं की प्रतिमाएं मात्र स्वर्ण और चांदी हैं, मनुष्यों की हस्तकृति मात्र.
دهان دارند، ولی سخن نمیگویند؛ چشم دارند، اما نمیبینند؛ | 16 |
हां, उनका मुख अवश्य है, किंतु ये बोल नहीं सकती, उनकी आंखें अवश्य हैं, किंतु ये देख नहीं सकतीं.
گوش دارند، ولی نمیشنوند؛ حتی قادر نیستند نفس بکشند! | 17 |
उनके कान अवश्य हैं, किंतु ये सुन नहीं सकते, और न उनके नाक में श्वास है.
سازندگان و پرستندگان بتها نیز مانند آنها هستند. | 18 |
इनके समान ही हो जाएंगे इनके निर्माता, साथ ही वे सभी, जो इन पर भरोसा करते हैं.
ای بنیاسرائیل، خداوند را ستایش کنید! ای کاهنان، ای خاندان هارون، خداوند را ستایش کنید! | 19 |
इस्राएल वंश, याहवेह का स्तवन करो; अहरोन के वंशजो, याहवेह का स्तवन करो;
ای لاویان، خداوند را ستایش کنید! ای خداشناسان، او را ستایش کنید! | 20 |
लेवी के वंशजो, याहवेह का स्तवन करो; तुम सभी, जिनमें याहवेह के प्रति श्रद्धा है, याहवेह का स्तवन हो.
ای مردم اورشلیم، خداوند را ستایش کنید، زیرا او در اورشلیم ساکن است! سپاس بر خداوند! | 21 |
ज़ियोन से याहवेह का, जो येरूशलेम में निवास करते हैं, स्तवन हो. याहवेह का स्तवन हो.