< مزامیر 133 >
سرود زائران به هنگام بالا رفتن به اورشلیم. مزمور داوود. چه خوشایند و چه دلپسند است که قوم خدا به یکدلی با هم زندگی کنند! | 1 |
१दाऊद की यात्रा का गीत देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!
یکدلی، همچون روغن خوشبویی است که بر سر «هارون» ریخته میشود و بر ریش و ردایش میچکد! | 2 |
२यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी से बहकर, उसके वस्त्र की छोर तक पहुँच गया।
یکدلی، مانند شبنمی است که بر کوه بلند حرمون مینشیند و از آنجا بر کوههای اورشلیم فرود میآید. در آنجاست که خداوند برکت خود را عنایت میکند، برکت زندگی جاوید را. | 3 |
३वह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है।