< مزامیر 126 >
سرود زائران به هنگام بالا رفتن به اورشلیم. هنگامی که خداوند ما را از اسارت به اورشلیم باز آورد، فکر کردیم که خواب میبینیم! | 1 |
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. जब याहवेह ने बंदियों को ज़ियोन लौटा लाया, हम उन पुरुषों के समान थे, जिन्होंने स्वप्न देखा था.
سپس دهان ما از خنده پر شد و سرود شادی سر دادیم! آنگاه قومهای دیگر دربارهٔ ما گفتند: «خداوند برای بنیاسرائیل کارهای شگفتانگیز کرده است!» | 2 |
हमारे मुख से हंसी छलक रही थी, हमारी जीभ पर हर्षगान थे. राष्ट्रों में यह बात जाहिर हो चुकी थी, “उनके लिए याहवेह ने अद्भुत कार्य किए हैं.”
آری خداوندا، تو برای ما کارهای شگفتانگیز کردهای و ما شادمانیم! | 3 |
हां, याहवेह ने हमारे लिए अद्भुत कार्य किए, हम हर्ष से भरे हुए थे.
ای خداوند، آنچه را از دست دادهایم به ما بازگردان؛ چنانکه باران، آب را به زمین خشک باز میگرداند. | 4 |
याहवेह, नेगेव की नदी समान, हमारी समृद्धि लौटा लाइए.
بگذار آنانی که با اشک میکارند، با شادی درو کنند! | 5 |
जो अश्रु बहाते हुए रोपण करते हैं, वे हर्ष गीत गाते हुए उपज एकत्र करेंगे.
کسانی که با گریه بیرون رفته بذر میافشانند، با شادی محصول خود را باز خواهند آورد. | 6 |
वह, जो रोते हुए बीजारोपण के लिए बाहर निकलता है, अपने साथ पूले लेकर हर्ष गीत गाता हुआ लौटेगा.