< مزامیر 121 >

سرود زائران به هنگام بالا رفتن به اورشلیم. چشمان خود را به کوهها دوخته‌ام و در انتظار کمک هستم. 1
Ымь ридик окий спре мунць… Де унде-мь ва вени ажуторул?
کمک من از جانب خداوند می‌آید که آسمان و زمین را آفرید. 2
Ажуторул ымь вине де ла Домнул, каре а фэкут черуриле ши пэмынтул.
خداوند نخواهد گذاشت پایم بلغزد و بیفتم. او که از من حمایت می‌کند، هرگز نمی‌خوابد. 3
Да, Ел ну ва ынгэдуи сэ ци се клатине пичорул; Чел че те пэзеште ну ва дормита.
او که از اسرائیل محافظت می‌کند، چشمانش به خواب نمی‌رود. 4
Ятэ кэ ну дормитязэ, нич ну доарме Чел че пэзеште пе Исраел.
خداوند خودش از تو مراقبت می‌نماید! او در کنارت است تا از تو حمایت کند. 5
Домнул есте Пэзиторул тэу, Домнул есте умбра та пе мына та чя дряптэ.
آفتاب در روز به تو آسیب نخواهد رسانید و نه مهتاب در شب. 6
Де ачея ну те ва бате соареле зиуа, нич луна ноаптя.
خداوند، تو را از هر بدی دور نگاه می‌دارد و جانت را حفظ می‌کند. 7
Домнул те ва пэзи де орьче рэу, ыць ва пэзи суфлетул.
خداوند، رفت و آمد تو را زیر نظر دارد و از تو مراقبت می‌نماید، از حال تا ابد. 8
Домнул те ва пэзи ла плекаре ши ла венире, де акум ши пынэ ын вяк.

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