< مزامیر 119 >
خوشا به حال آنان که راستکردارند، و مطابق شریعت خداوند رفتار میکنند. | 1 |
कैसे धन्य हैं वे, जिनका आचार-व्यवहार निर्दोष है, जिनका आचरण याहवेह की शिक्षाओं के अनुरूप है.
خوشا به حال کسانی که احکام خداوند را بجا میآورند، از صمیم قلب او را اطاعت میکنند | 2 |
कैसे धन्य हैं वे, जो उनके अधिनियमों का पालन करते हैं तथा जो पूर्ण मन से उनके खोजी हैं.
و به راههای کج نمیروند، بلکه در راههایی گام برمیدارند که خدا نشان داده است. | 3 |
वे याहवेह के मार्गों में चलते हैं, और उनसे कोई अन्याय नहीं होता.
خداوندا، تو فرمانهای خود را به ما دادهای و فرمودهای که آنها را با جدیت انجام دهیم. | 4 |
आपने ये आदेश इसलिये दिए हैं, कि हम इनका पूरी तरह पालन करें.
چقدر آرزو دارم که در انجام فرایض تو مطیع و وفادار باشم! | 5 |
मेरी कामना है कि आपके आदेशों का पालन करने में मेरा आचरण दृढ़ रहे!
اگر تمام دستورهای تو را پیوسته در نظر داشته باشم، هیچوقت شرمنده نخواهم شد! | 6 |
मैं आपके आदेशों पर विचार करता रहूंगा, तब मुझे कभी लज्जित होना न पड़ेगा.
وقتی قوانین منصفانهٔ تو را بیاموزم، از صمیم قلب تو را حمد خواهم گفت! | 7 |
जब मैं आपकी धर्ममय व्यवस्था का मनन करूंगा, तब मैं निष्कपट हृदय से आपका स्तवन करूंगा.
ای خداوند، فرایض تو را بجا خواهم آورد؛ تو هیچگاه مرا ترک نکن! | 8 |
मैं आपकी विधियों का पालन करूंगा; आप मेरा परित्याग कभी न कीजिए.
مرد جوان چگونه میتواند زندگی خود را پاک نگاه دارد؟ بهوسیلۀ خواندن کلام خدا و اطاعت از دستورهای آن! | 9 |
युवा अपना आचरण कैसे स्वच्छ रखे? आपके वचन पालन के द्वारा.
خداوندا، با تمام وجودم تو را میجویم، پس نگذار از احکام تو منحرف شوم. | 10 |
मैं आपको संपूर्ण हृदय से खोजता हूं; आप मुझे अपने आदेशों से भटकने न दीजिए.
کلام تو را در دل خود حفظ میکنم و به خاطر میسپارم تا مبادا نسبت به تو گناه ورزم! | 11 |
आपके वचन को मैंने अपने हृदय में इसलिये रख छोड़ा है, कि मैं आपके विरुद्ध पाप न कर बैठूं.
ای خداوند متبارک، فرایض خود را به من بیاموز! | 12 |
याहवेह, आपका स्तवन हो; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
تمام قوانین تو را با صدای بلند بیان خواهم کرد. | 13 |
जो व्यवस्था आपके मुख द्वारा निकली हैं, मैं उन्हें अपने मुख से दोहराता रहता हूं.
بیش از هر چیز دیگر، از پیروی قوانین تو لذت میبرم! در کلام تو تفکر خواهم کرد و فرمانهایت را به خاطر خواهم سپرد. | 14 |
आपके अधिनियमों का पालन करना मेरा आनंद है, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कोई विशाल धनराशि पर आनंदित होता है.
आपके नीति-सिद्धांत मेरे चिंतन का विषय हैं, मैं आपकी सम्विधियों की विवेचना करता रहता हूं.
از فرایض تو لذت میبرم و هرگز آنها را فراموش نخواهم کرد. | 16 |
आपकी विधियां मुझे मगन कर देती हैं, आपके वचनों को मैं कभी न भूलूंगा.
خداوندا، به خدمتگزارت احسان نما تا زنده بمانم و کلام تو را اطاعت کنم. | 17 |
अपने सेवक पर उपकार कीजिए कि मैं जीवित रह सकूं, मैं आपके वचन का पालन करूंगा.
چشمانم را بگشا تا حقایق شگفتانگیز شریعت تو را ببینم. | 18 |
मुझे आपकी व्यवस्था की गहन और अद्भुत बातों को ग्रहण करने की दृष्टि प्रदान कीजिए.
من در این دنیا غریب هستم؛ ای خدا، احکام خود را از من مخفی مدار. | 19 |
पृथ्वी पर मैं प्रवासी मात्र हूं; मुझसे अपने निर्देश न छिपाइए.
اشتیاق به دانستن قوانین تو، همچون آتش همواره جانم را میسوزاند! | 20 |
सारा समय आपकी व्यवस्था की अभिलाषा करते-करते मेरे प्राण डूब चले हैं.
تو متکبران ملعون را که از احکام تو منحرف میشوند، مجازات خواهی کرد. | 21 |
आपकी प्रताड़ना उन पर पड़ती है, जो अभिमानी हैं, शापित हैं, और जो आपके आदेशों का परित्याग कर भटकते रहते हैं.
ننگ و رسوایی را از من بگیر، زیرا احکام تو را انجام دادهام. | 22 |
मुझ पर लगे घृणा और तिरस्कार के कलंक को मिटा दीजिए, क्योंकि मैं आपके अधिनियमों का पालन करता हूं.
حکمرانان مینشینند و بر ضد من توطئه میچینند، اما من به فرایض تو فکر میکنم. | 23 |
यद्यपि प्रशासक साथ बैठकर मेरी निंदा करते हैं, आपका यह सेवक आपकी विधियों पर मनन करेगा.
احکام تو موجب شادی من است و همیشه مرا راهنمایی کرده است. | 24 |
आपके अधिनियमों में मगन है मेरा आनंद; वे ही मेरे सलाहकार हैं.
ای خداوند، جانم به خاک چسبیده است؛ مطابق کلامت مرا زنده ساز! | 25 |
मेरा प्राण नीचे धूलि में जा पड़ा है; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
راههای خود را آشکار کردم و تو مرا اجابت فرمودی. اکنون فرایض خود را به من بیاموز. | 26 |
जब मैंने आपके सामने अपने आचरण का वर्णन किया, आपने मुझे उत्तर दिया; याहवेह, अब मुझे अपनी विधियां सिखा दीजिए.
فرمانهایت را به من یاد ده تا دربارهٔ کلام شگفتانگیز تو تفکر نمایم. | 27 |
मुझे अपने उपदेशों की प्रणाली की समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपके अद्भुत कार्यों पर मनन कर सकूं.
جان من از حزن و اندوه پژمرده میشود؛ با کلامت جان مرا تازه ساز! | 28 |
शोक अतिरेक में मेरा प्राण डूबा जा रहा है; अपने वचन से मुझमें बल दीजिए.
نگذار به راه خطا روم؛ شریعت خود را به من بشناسان. | 29 |
झूठे मार्ग से मुझे दूर रखिए; और अपनी कृपा में मुझे अपनी व्यवस्था की शिक्षा दीजिए.
من راه وفاداری را اختیار نمودهام و قوانین تو را از نظر خود دور نداشتهام. | 30 |
मैंने सच्चाई के मार्ग को अपनाया है; मैंने आपके नियमों को अपना आदर्श बनाया है.
خداوندا، احکام تو را بجا میآورم؛ مگذار شرمنده شوم. | 31 |
याहवेह, मैंने आपके नियमों को दृढतापूर्वक थाम रखा है; मुझे लज्जित न होने दीजिए.
با اشتیاق فراوان در احکام تو گام برمیدارم، زیرا تو دل مرا از بند رها ساختی. | 32 |
आपने मेरे हृदय में साहस का संचार किया है, तब मैं अब आपके आदेशों के पथ पर दौड़ रहा हूं.
ای خداوند، راه اجرای فرایض خود را به من بیاموز و من همیشه آنها را انجام خواهم داد. | 33 |
याहवेह, मुझे आपकी विधियों का आचरण करने की शिक्षा दीजिए, कि मैं आजीवन उनका पालन करता रहूं.
به من فهم و حکمت بده تا با تمام دل شریعت تو را نگاه دارم. | 34 |
मुझे वह समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपकी व्यवस्था का पालन कर सकूं और संपूर्ण हृदय से इसमें मगन आज्ञाओं का पालन कर सकूं.
مرا در راه احکامت هدایت کن، زیرا از آنها لذت میبرم. | 35 |
अपने आदेशों के मार्ग में मेरा संचालन कीजिए, क्योंकि इन्हीं में मेरा आनंद है.
دل مرا به سوی احکامت مایل ساز، نه به سوی حرص و طمع! | 36 |
मेरे हृदय को स्वार्थी लाभ की ओर नहीं, परंतु अपने नियमों की ओर फेर दीजिए.
مگذار به آنچه بیارزش است توجه کنم؛ مرا با کلامت احیا کن! | 37 |
अपने वचन के द्वारा मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए; मेरी रुचि निरर्थक वस्तुओं से हटा दीजिए.
طبق وعدهای که به من دادهای عمل نما همان وعدهای که تو به مطیعان خود میدهی! | 38 |
अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा पूर्ण कीजिए, कि आपके प्रति मेरी श्रद्धा स्थायी रहे.
از آن رسوایی که میترسم مرا برهان، زیرا قوانین تو نیکوست! | 39 |
उस लज्जा को मुझसे दूर रखिए, जिसकी मुझे आशंका है, क्योंकि आपके नियम उत्तम हैं.
خداوندا، مشتاق فرمانهای تو هستم! ای خدای عادل، جان مرا تازه ساز! | 40 |
कैसी तीव्र है आपके उपदेशों के प्रति मेरी अभिलाषा! अपनी धार्मिकता के द्वारा मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
ای خداوند، بر من محبت فرما و طبق وعدهات مرا نجات ده | 41 |
याहवेह, आपका करुणा-प्रेम मुझ पर प्रगट हो जाए, और आपकी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझे आपका उद्धार प्राप्त हो;
تا بتوانم پاسخ مخالفانم را بدهم، زیرا آنان مرا برای اینکه بر تو اعتماد دارم، سرزنش میکنند. | 42 |
कि मैं उसे उत्तर दे सकूं, जो मेरा अपमान करता है, आपके वचन पर मेरा भरोसा है.
قدرت بیان حقیقت را از من مگیر، زیرا به قوانین تو امید بستهام. | 43 |
सत्य के वचन मेरे मुख से न छीनिए, मैं आपकी व्यवस्था पर आशा रखता हूं.
پیوسته شریعت تو را نگاه خواهم داشت، تا ابدالآباد! | 44 |
मैं सदा-सर्वदा निरंतर, आपकी व्यवस्था का पालन करता रहूंगा.
در آزادی کامل زندگی خواهم کرد، زیرا همیشه مطیع فرمانهایت هستم. | 45 |
मेरा जीवन स्वतंत्र हो जाएगा, क्योंकि मैं आपके उपदेशों का खोजी हूं.
احکام تو را در حضور پادشاهان اعلام خواهم کرد و از این کار خود شرمنده نخواهم شد. | 46 |
राजाओं के सामने मैं आपके अधिनियमों पर व्याख्यान दूंगा और मुझे लज्जित नहीं होना पड़ेगा.
از اطاعت کردن احکامت لذت میبرم، زیرا آنها را دوست دارم. | 47 |
क्योंकि आपका आदेश मेरे आनंद का उगम हैं, और वे मुझे प्रिय हैं.
احکام تو را با جان و دل میپذیرم و دربارهٔ فرایض تو تفکر میکنم. | 48 |
मैं आपके आदेशों की ओर हाथ बढ़ाऊंगा, जो मुझे प्रिय हैं, और आपकी विधियां मेरे मनन का विषय हैं.
خداوندا، قولی را که به بندهٔ خود دادهای به یاد آور، زیرا مرا بهوسیلۀ آن امیدوار ساختهای. | 49 |
याहवेह, अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा को स्मरण कीजिए, क्योंकि आपने मुझमें आशा का संचार किया है.
در زمان مصیبت بهوسیلۀ کلامت تسلی یافتم، زیرا وعدهٔ تو حیات به جان من بخشید. | 50 |
मेरी पीड़ा में मुझे इस बातों से सांत्वना प्राप्त होती है: आपकी प्रतिज्ञाएं मेरे नवजीवन का स्रोत हैं.
متکبران مرا بسیار مسخره کردند، اما من هرگز شریعت تو را ترک نکردم. | 51 |
अहंकारी बेधड़क मेरा उपहास करते हैं, किंतु मैं आपकी व्यवस्था से दूर नहीं होता.
ای خداوند، قوانین تو را که در زمانهای قدیم صادر کرده بودی، به یاد آوردم و بهوسیلۀ آنها خود را دلداری دادم. | 52 |
याहवेह, जब प्राचीन काल से प्रगट आपकी व्यवस्था पर मैं विचार करता हूं, तब मुझे उनमें सांत्वना प्राप्त होती है.
وقتی میبینم بدکاران شریعت تو را میشکنند، بسیار خشمگین میشوم. | 53 |
दुष्ट मुझमें कोप उकसाते हैं, ये वे हैं, जिन्होंने आपकी व्यवस्था त्याग दी है.
هر جا مسکن گزینم، فرایض تو سرود من خواهند بود. | 54 |
आपकी विधियां मेरे गीत की विषय-वस्तु हैं चाहे मैं किसी भी स्थिति में रहूं.
ای خداوند، در شب نیز افکارم متوجهٔ توست و دربارهٔ شریعت تو میاندیشم. | 55 |
याहवेह, मैं आपकी व्यवस्था का पालन करता हूं, रात्रि में मैं आपका स्मरण करता हूं.
سعادت من در این است که از فرامین تو اطاعت کنم. | 56 |
आपके उपदेशों का पालन करते जाना ही मेरी चर्या है.
ای خداوند، تو نصیب من هستی! قول میدهم که کلامت را نگاه دارم. | 57 |
याहवेह, आप मेरे जीवन का अंश बन गए हैं; आपके आदेशों के पालन के लिए मैंने शपथ की है.
با تمام دل خود طالب رضامندی تو میباشم، طبق وعدهات بر من رحم فرما! | 58 |
सारे मन से मैंने आपसे आग्रह किया है; अपनी ही प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझ पर कृपा कीजिए.
دربارهٔ زندگی خود بسیار اندیشیدم و به سوی تو آمدم تا از احکام تو پیروی کنم. | 59 |
मैंने अपनी जीवनशैली का विचार किया है और मैंने आपके अधिनियमों के पालन की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं.
با شتاب آمدم تا احکام تو را اجرا کنم. | 60 |
अब मैं विलंब न करूंगा और शीघ्रता से आपके आदेशों को मानना प्रारंभ कर दूंगा.
بدکاران کوشیدند مرا به گناه بکشانند، اما من شریعت تو را فراموش نکردم. | 61 |
मैं आपकी व्यवस्था से दूर न होऊंगा, यद्यपि दुर्जनों ने मुझे रस्सियों से बांध भी रखा हो.
در نیمههای شب برمیخیزم تا تو را به سبب قوانین عادلانهات ستایش کنم. | 62 |
आपकी युक्ति संगत व्यवस्था के प्रति आभार अभिव्यक्त करने के लिए, मैं मध्य रात्रि को ही जाग जाता हूं.
من دوست همهٔ کسانی هستم که تو را گرامی میدارند و فرمانهایت را انجام میدهند. | 63 |
मेरी मैत्री उन सभी से है, जिनमें आपके प्रति श्रद्धा है, उन सभी से, जो आपके उपदेशों पर चलते हैं.
ای خداوند، زمین از محبت تو پر است! فرایض خود را به من بیاموز! | 64 |
याहवेह, पृथ्वी आपके करुणा-प्रेम से तृप्त है; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
خداوندا، همانگونه که وعده دادی، بر بندهات احسان فرمودهای. | 65 |
याहवेह, अपनी ही प्रतिज्ञा के अनुरूप अपने सेवक का कल्याण कीजिए.
حکمت و قضاوت صحیح را به من یاد ده، زیرا به احکام تو ایمان دارم. | 66 |
मुझे ज्ञान और धर्ममय परख सीखाइए, क्योंकि मैं आपकी आज्ञाओं पर भरोसा करता हूं.
پیش از اینکه تو مرا تنبیه کنی، من گمراه بودم، اما اینک پیرو کلام تو هستم. | 67 |
अपनी पीड़ाओं में रहने के पूर्व मैं भटक गया था, किंतु अब मैं आपके वचन के प्रति आज्ञाकारी हूं.
تو نیک هستی و نیکی میکنی! فرایض خود را به من بیاموز! | 68 |
आप धन्य हैं, और जो कुछ आप करते हैं भला ही होता है; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
متکبران دروغها دربارهٔ من میگویند، اما من از صمیم قلب مطیع فرمانهایت هستم. | 69 |
यद्यपि अहंकारियों ने मुझे झूठी बातों से कलंकित कर दिया है, मैं पूर्ण सच्चाई में आपके आदेशों को थामे हुए हूं.
دل آنها سخت و بیاحساس است، اما من از شریعت تو لذت میبرم. | 70 |
उनके हृदय कठोर तथा संवेदनहीन हो चुके हैं, किंतु आपकी व्यवस्था ही मेरा आनंद है.
تو مرا تنبیه کردی و این به نفع من تمام شد، زیرا باعث شد فرایض تو را بیاموزم. | 71 |
यह मेरे लिए भला ही रहा कि मैं प्रताड़ित किया गया, इससे मैं आपकी विधियों से सीख सकूं.
شریعت تو برای من از تمام زر و سیم دنیا با ارزشتر است. | 72 |
आपके मुख से निकली व्यवस्था मेरे लिए स्वर्ण और चांदी की हजारों मुद्राओं से कहीं अधिक मूल्यवान हैं.
ای خداوند، تو مرا آفریدهای؛ پس به من دانش عطا کن تا احکام تو را بیاموزم. | 73 |
आपके हाथों ने मेरा निर्माण किया और मुझे आकार दिया; मुझे अपने आदेशों को समझने की सद्बुद्धि प्रदान कीजिए.
آنان که تو را گرامی میدارند، از دیدن من خوشحال میشوند، زیرا من نیز بر کلام تو توکل دارم. | 74 |
मुझे देख आपके भक्त उल्लसित हो सकें, क्योंकि आपका वचन ही मेरी आशा है.
ای خداوند، میدانم که قوانین تو عدل است، و مرا منصفانه تنبیه نمودهای. | 75 |
याहवेह, यह मैं जानता हूं कि आपकी व्यवस्था धर्ममय है, और आपके द्वारा मेरा क्लेश न्याय संगत था.
اکنون طبق وعدهای که فرمودهای، بگذار محبت تو مایهٔ تسلی من شود. | 76 |
अब अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा के अनुरूप, आपका करुणा-प्रेम ही मेरी शांति है!
بر من رحم فرما تا جانم تازه شود، زیرا از شریعت تو لذت میبرم! | 77 |
आपकी व्यवस्था में मेरा आनन्दमग्न है, तब मुझे आपकी मनोहरता में जीवन प्राप्त हो.
باشد که متکبران شرمنده شوند، زیرا با دروغهای خود مرا آزار رساندند؛ اما من دربارهٔ فرمانهایت تفکر خواهم کرد. | 78 |
अहंकारियों को लज्जित होना पड़े क्योंकि उन्होंने अकारण ही मुझसे छल किया है; किंतु मैं आपके उपदेशों पर मनन करता रहूंगा.
ای خداوند، بگذار آنانی که تو را گرامی میدارند و با احکام تو آشنا هستند، نزد من آیند. | 79 |
आपके श्रद्धालु, जिन्होंने आपके अधिनियमों को समझ लिया है, पुनः मेरे पक्ष में हो जाएं,
مرا یاری ده که به طور کامل از فرایض تو اطاعت کنم تا شرمنده نشوم! | 80 |
मेरा हृदय पूर्ण सिद्धता में आपकी विधियों का पालन करता रहे, कि मुझे लज्जित न होना पड़े.
خداوندا، آنقدر انتظار کشیدم مرا نجات دهی که خسته و فرسوده شدم؛ اما هنوز به وعدهٔ تو امیدوارم! | 81 |
आपके उद्धार की तीव्र अभिलाषा करते हुए मेरा प्राण बेचैन हुआ जा रहा है, अब आपका वचन ही मेरी आशा का आधार है.
از بس منتظر شدم به وعدهٔ خود وفا کنی، چشمانم تار گردید! خداوندا، چه وقت به کمک من خواهی آمد؟ | 82 |
आपकी प्रतिज्ञा-पूर्ति की प्रतीक्षा में मेरी आंखें थक चुकी हैं; मैं पूछ रहा हूं, “कब मुझे आपकी ओर से सांत्वना प्राप्त होगी?”
مانند مشک دوده گرفته و چروکیده شدهام؛ اما فرایض تو را فراموش نکردهام. | 83 |
यद्यपि मैं धुएं में संकुचित द्राक्षारस की कुप्पी के समान हो गया हूं, फिर भी आपकी विधियां मेरे मन से लुप्त नहीं हुई हैं.
تا به کی باید منتظر باشم؟ کی آزاردهندگان مرا مجازات خواهی کرد؟ | 84 |
और कितनी प्रतीक्षा करनी होगी आपके सेवक को? आप कब मेरे सतानेवालों को दंड देंगे?
متکبران که با شریعت تو مخالفت میکنند، برای من چاه کندهاند تا مرا گرفتار سازند. | 85 |
अहंकारियों ने मेरे लिए गड्ढे खोद रखे हैं, उनका आचरण आपकी व्यवस्था के विपरीत है.
ای خداوند، تمام احکام تو قابل اعتماد میباشند. متکبران به ناحق مرا عذاب دادند. خداوندا، به دادم برس! | 86 |
विश्वासयोग्य हैं आपके आदेश; मेरी सहायता कीजिए, झूठ बोलनेवाले मुझे दुःखित कर रहे हैं.
نزدیک بود مرا از بین ببرند، اما من از فرامین تو غافل نشدم. | 87 |
उन्होंने मुझे धरती पर से लगभग मिटा ही डाला था, फिर भी मैं आपके नीति सूत्रों से दूर न हुआ.
خداوندا، تو پر از محبتی؛ به جان من حیات ببخش تا احکامت را بجا آورم. | 88 |
मैं आपके मुख से बोले हुए नियमों का पालन करता रहूंगा, अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप मेरे जीवन की रक्षा कीजिए.
ای خداوند، کلام تو تا ابد در آسمانها پایدار خواهد ماند. | 89 |
याहवेह, सर्वदा है आपका वचन; यह स्वर्ग में दृढतापूर्वक बसा है.
وفاداری تو در همهٔ نسلها همچنان پا برجا خواهد بود و مانند زمینی که آفریدهای ثابت خواهد ماند. | 90 |
पीढ़ी से पीढ़ी आपकी सच्चाई बनी रहती है; आपके द्वारा ही पृथ्वी की स्थापना की गई और यह स्थायी बनी हुई है.
همهٔ کاینات به فرمان تو تا به حال باقی ماندهاند، زیرا تمام آنها در خدمت تو هستند. | 91 |
आप के नियम सभी आज तक अस्तित्व में हैं, और सभी कुछ आपकी सेवा कर रहे हैं.
اگر شریعت تو مایهٔ شادمانی من نشده بود، بدون شک تا به حال از غصه مرده بودم! | 92 |
यदि आपकी व्यवस्था में मैं उल्लास मगन न होता, तो इन पीड़ाओं को सहते सहते मेरी मृत्यु हो जाती.
فرمانهایت را هرگز فراموش نخواهم کرد، زیرا بهوسیلۀ آنها مرا حیات بخشیدی. | 93 |
आपके उपदेश मेरे मन से कभी नष्ट न होंगे, क्योंकि इन्हीं के द्वारा आपने मुझे जीवन प्रदान किया है,
من از آن تو هستم، نجاتم ده. کوشیدهام فرمانهای تو را نگاه دارم. | 94 |
तब मुझ पर आपका ही स्वामित्व है, मेरी रक्षा कीजिए; मैं आपके ही उपदेशों का खोजी हूं.
بدکاران منتظرند مرا نابود کنند اما من به احکام تو میاندیشم. | 95 |
दुष्ट मुझे नष्ट करने के उद्देश्य से घात लगाए बैठे हैं, किंतु आपकी चेतावनियों पर मैं विचार करता रहूंगा.
برای هر کمالی انتهایی دیدم، اما حکم تو کامل و بیانتهاست! | 96 |
हर एक सिद्धता में मैंने कोई न कोई सीमा ही पाई है, किंतु आपके आदेश असीमित हैं.
خداوندا، شریعت تو را چقدر دوست دارم! تمام روز در آن تفکر میکنم. | 97 |
आह, कितनी अधिक प्रिय है मुझे आपकी व्यवस्था! इतना, कि मैं दिन भर इसी पर विचार करता रहता हूं.
احکام تو مرا از مخالفانم حکیمتر ساخته است، زیرا همیشه در ذهن و وجود من است. | 98 |
आपके आदेशों ने तो मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बना दिया है क्योंकि ये कभी मुझसे दूर नहीं होते.
آری، حتی از معلمان خود نیز داناتر شدهام، زیرا همیشه در احکامت تفکر میکنم. | 99 |
मुझमें तो अपने सभी शिक्षकों से अधिक समझ है, क्योंकि आपके उपदेश मेरे चिंतन का विषय हैं.
از ریشسفیدان قوم خود نیز خردمندتر شدهام، زیرا فرمانهای تو را اطاعت کردهام. | 100 |
आपके उपदेशों का पालन करने का ही परिणाम यह है, कि मुझमें बुजुर्गों से अधिक समझ है.
از رفتن به راه بد پرهیز کردهام، زیرا خواست من این بوده که کلام تو را اطاعت کنم. | 101 |
आपकी आज्ञा का पालन करने के लक्ष्य से, मैंने अपने कदम हर एक अधर्म के पथ पर चलने से बचा रखे हैं.
از قوانین تو دور نشدهام، زیرا تعلیم تو برای من نیک بوده است. | 102 |
आप ही के द्वारा दी गई शिक्षा के कारण, मैं आपके नियम तोड़ने से बच सका हूं.
کلام تو برای جان من شیرین است؛ حتی شیرینتر از عسل! | 103 |
कैसा मधुर है आपकी प्रतिज्ञाओं का आस्वादन करना, आपकी प्रतिज्ञाएं मेरे मुख में मधु से भी अधिक मीठी हैं!
از فرامین تو دانش و حکمت کسب کردم، به همین جهت از هر راه کج بیزار و گریزانم. | 104 |
हर एक झूठा मार्ग मेरी दृष्टि में घृणास्पद है; क्योंकि आपके उपदेशों से मुझे समझदारी प्राप्त होती है.
کلام تو چراغ راهنمای من است؛ نوری است که راه را پیش پایم روشن میسازد! | 105 |
आपका वचन मेरे पांवों के लिए दीपक, और मेरे मार्ग के लिए प्रकाश है.
قول دادهام که از قوانین عادلانهٔ تو اطاعت کنم و به قول خود وفادار خواهم ماند. | 106 |
मैंने यह शपथ ली है और यह सुनिश्चित किया है, कि मैं आपके धर्ममय नियमों का ही पालन करता जाऊंगा.
ای خداوند، بسیار درمانده و پریشان هستم؛ همانگونه که وعده فرمودهای، جان مرا حیات ببخش! | 107 |
याहवेह, मेरी पीड़ा असह्य है; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
خداوندا، دعای شکرگزاری مرا بپذیر و قوانین خود را به من بیاموز. | 108 |
याहवेह, मेरे मुख से निकले स्वैच्छिक स्तवन वचनों को स्वीकार कीजिए, और मुझे अपने नियमों की शिक्षा दीजिए.
جان من دائم در معرض خطر قرار میگیرد؛ اما من شریعت تو را فراموش نمیکنم. | 109 |
आपकी व्यवस्था से मैं कभी दूर न होऊंगा, यद्यपि मैं लगातार अपने जीवन को हथेली पर लिए फिरता हूं.
بدکاران بر سر راه من دام مینهند؛ اما من از فرمانهای تو منحرف نمیشوم. | 110 |
दुष्टों ने मेरे लिए जाल बिछाया हुआ है, किंतु मैं आपके उपदेशों से नहीं भटका.
احکام تو تا ابد در خزانهٔ قلبم خواهد ماند، زیرا مایهٔ شادی قلبم میباشد. | 111 |
आपके नियमों को मैंने सदा-सर्वदा के लिए निज भाग में प्राप्त कर लिया है; वे ही मेरे हृदय का आनंद हैं.
با خود عهد بستهام که تا دم مرگ فرایض تو را اطاعت کنم! | 112 |
आपकी विधियों का अंत तक पालन करने के लिए मेरा हृदय तैयार है.
از مردمان دورو و متظاهر بیزارم، اما شریعت تو را دوست دارم. | 113 |
दुविधा से ग्रस्त मन का पुरुष मेरे लिए घृणास्पद है, मुझे प्रिय है आपकी व्यवस्था.
تو پناهگاه و سپر من هستی؛ امید من به وعدهٔ توست. | 114 |
आप मेरे आश्रय हैं, मेरी ढाल हैं; मेरी आशा का आधार है आपका वचन.
ای بدکاران، از من دور شوید؛ زیرا من احکام خدای خود را بجا میآورم. | 115 |
अधर्मियो, दूर रहो मुझसे, कि मैं परमेश्वर के आदेशों का पालन कर सकूं!
خداوندا، طبق وعدهای که به من دادهای قدرت عطا فرما تا زنده بمانم. مگذار امیدم به یاس و نومیدی تبدیل شود. | 116 |
याहवेह, अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझे सम्भालिए, कि मैं जीवित रहूं; मेरी आशा भंग न होने पाए.
از من حمایت کن تا از دست دشمنانم ایمن باشم و به حفظ فرایض تو بپردازم. | 117 |
मुझे थाम लीजिए कि मैं सुरक्षित रहूं; मैं सदैव आपकी विधियों पर भरोसा करता रहूंगा.
تو همهٔ کسانی را که فرایض تو را قبول نمیکنند از خود میرانی و تمام نقشههای اغفال کنندهٔ آنها را بیاثر میسازی. | 118 |
वे सभी, जो आपके नियमों से भटक जाते हैं, आपकी उपेक्षा के पात्र हो जाते हैं, क्योंकि निरर्थक होती है उनकी चालाकी.
تمام بدکاران روی زمین را مانند تفاله دور خواهی انداخت، به همین دلیل است که من احکام تو را دوست دارم. | 119 |
संसार के सभी दुष्टों को आप मैल के समान फेंक देते हैं; यही कारण है कि मुझे आपकी चेतावनियां प्रिय हैं.
ای خداوند، ترس تو در دل من است و از داوریهای تو هراسانم. | 120 |
आपके भय से मेरी देह कांप जाती है; आपके निर्णयों का विचार मुझमें भय का संचार कर देता है.
خداوندا، مرا به دست دشمنانم تسلیم نکن، زیرا آنچه را که درست و عادلانه بوده است، انجام دادهام. | 121 |
मैंने वही किया है, जो न्याय संगत तथा धर्ममय है; मुझे सतानेवालों के सामने न छोड़ दीजिएगा.
به من اطمینان بده که مرا یاری خواهی کرد؛ مگذار متکبران بر من ظلم کنند. | 122 |
अपने सेवक का हित निश्चित कर दीजिए; अहंकारियों को मुझ पर अत्याचार न करने दीजिए.
آنقدر چشم انتظار ماندم که بیایی و مرا نجات دهی که چشمانم تار شد. | 123 |
आपके उद्धार की प्रतीक्षा में, आपकी निष्ठ प्रतिज्ञाओं की प्रतीक्षा में मेरी आंखें थक चुकी हैं.
با من طبق محبت خود عمل نما و فرایض خود را به من بیاموز. | 124 |
अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप अपने सेवक से व्यवहार कीजिए और मुझे अपने अधिनियमों की शिक्षा दीजिए.
من خدمتگزار تو هستم؛ به من دانایی عنایت فرما تا احکامت را درک نمایم. | 125 |
मैं आपका सेवक हूं, मुझे समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपकी विधियों को समझ सकूं.
خداوندا، زمان آن رسیده که تو اقدام کنی، زیرا مردم از شریعت تو سرپیچی میکنند. | 126 |
याहवेह, आपके नियम तोड़े जा रहे हैं; समय आ गया है कि आप अपना कार्य करें.
من احکام تو را دوست دارم؛ آنها را بیش از طلا و زر خالص دوست دارم. | 127 |
इसलिये कि मुझे आपके आदेश स्वर्ण से अधिक प्रिय हैं, शुद्ध कुन्दन से अधिक,
همهٔ فرمانهای تو را، در هر موردی، صحیح میدانم؛ اما از هر نوع تعلیم دروغ متنفرم. | 128 |
मैं आपके उपदेशों को धर्ममय मानता हूं, तब मुझे हर एक गलत मार्ग से घृणा है.
ای خداوند، احکام تو بسیار عالی است؛ از صمیم قلب آنها را اطاعت میکنم. | 129 |
अद्भुत हैं आपके अधिनियम; इसलिये मैं उनका पालन करता हूं.
درک کلام تو به انسان نور میبخشد و سادهدلان را خردمند میسازد. | 130 |
आपके वचन के खुलने से ज्योति उत्पन्न होती है; परिणामस्वरूप भोले पुरुषों को सबुद्धि प्राप्त होती है.
دهان خود را باز میکنم و لَهلَه میزنم، زیرا مشتاق احکام تو هستم. | 131 |
मेरा मुख खुला है और मैं हांफ रहा हूं, क्योंकि मुझे प्यास है आपके आदेशों की.
همانگونه که بر دوستداران خود رحمت میفرمایی، بر من نیز نظر لطف بیفکن و مرا مورد رحمت خود قرار ده. | 132 |
मेरी ओर ध्यान दीजिए और मुझ पर कृपा कीजिए, जैसी आपकी नीति उनके प्रति है, जिन्हें आपसे प्रेम है.
با کلامت مرا راهنمایی کن تا مغلوب بدی نشوم. | 133 |
अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मेरे पांव को स्थिर कर दीजिए; कोई भी दुष्टता मुझ पर प्रभुता न करने पाए.
مرا از دست ظالمان نجات ده تا فرمانهای تو را انجام دهم. | 134 |
मुझे मनुष्यों के अत्याचार से छुड़ा लीजिए, कि मैं आपके उपदेशों का पालन कर सकूं.
روی خود را بر خادم خود تابان ساز، و فرایض خود را به من بیاموز. | 135 |
अपने सेवक पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए और मुझे अपने नियमों की शिक्षा दीजिए.
اشک همچون سیل از چشمانم سرازیر میشود، زیرا مردم شریعت تو را بجا نمیآورند. | 136 |
मेरी आंखों से अश्रुप्रवाह हो रहा है, क्योंकि लोग आपकी व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे.
ای خداوند، تو عادل هستی و قوانین تو منصفانه است. | 137 |
याहवेह, आप धर्मी हैं, सच्चे हैं आपके नियम.
احکامی را که وضع نمودهای تمام از عدل و انصاف سرشار است. | 138 |
जो अधिनियम आपने प्रगट किए हैं, वे धर्ममय हैं; वे हर एक दृष्टिकोण से विश्वासयोग्य हैं.
آتش خشم من وجود مرا میسوزاند، زیرا دشمنانم به احکام تو بیاعتنایی میکنند. | 139 |
मैं भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे शत्रु आपके वचनों को भूल गए हैं.
کلام تو آزموده شده و پاک است؛ خادمت چقدر آن را دوست میدارد! | 140 |
आपकी प्रतिज्ञाओं का उचित परीक्षण किया जा चुका है, वे आपके सेवक को अत्यंत प्रिय हैं.
من کوچک و نالایق هستم، اما از اجرای فرمانهای تو غافل نمیشوم. | 141 |
यद्यपि मैं छोटा, यहां तक कि लोगों की दृष्टि में घृणास्पद हूं, फिर भी मैं आपके अधिनियमों को नहीं भूलता.
عدالت تو ابدی است و شریعت تو همیشه راست و درست است. | 142 |
अनंत है आपकी धार्मिकता, परमेश्वर तथा यथार्थ है आपकी व्यवस्था.
من در زحمت و فشار هستم، ولی احکام تو موجب شادی من است! | 143 |
क्लेश और संकट मुझ पर टूट पड़े हैं, किंतु आपके आदेश मुझे मगन रखे हुए हैं.
احکام تو همیشه عادلانه است، مرا در فهم آنها یاری فرما تا روحم تازه شود! | 144 |
आपके अधिनियम सदा-सर्वदा धर्ममय ही प्रमाणित हुए हैं; मुझे इनके विषय में ऐसी समझ प्रदान कीजिए कि मैं जीवित रह सकूं.
ای خداوند، با تمام قوت خود نزد تو فریاد برمیآورم؛ مرا اجابت فرما تا فرایض تو را بجا آورم. | 145 |
याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपको पुकार रहा हूं, मुझे उत्तर दीजिए, कि मैं आपकी विधियों का पालन कर सकूं.
از تو یاری میخواهم؛ مرا نجات ده تا احکام تو را انجام دهم. | 146 |
मैं आपको पुकार रहा हूं; मेरी रक्षा कीजिए, कि मैं आपके अधिनियमों का पालन कर सकूं.
پیش از طلوع آفتاب نزد تو دعا و التماس کردم و به انتظار وعدهٔ تو نشستم. | 147 |
मैं सूर्योदय से पूर्व ही जाग कर सहायता के लिये पुकारता हूं; मेरी आशा आपके वचन पर आधारित है.
تمام شب بیدار ماندم تا در کلام تو تفکر نمایم. | 148 |
रात्रि के समस्त प्रहरों में मेरी आंखें खुली रहती हैं, कि मैं आपकी प्रतिज्ञाओं पर मनन कर सकूं.
ای خداوند، به سبب محبت خود فریادم را بشنو و طبق قوانین خود جان مرا حفظ کن! | 149 |
अपने करुणा-प्रेम के कारण मेरी पुकार सुनिए; याहवेह, अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
افراد شرور و بدکار، که بویی از شریعت تو نبردهاند، به من نزدیک میشوند؛ | 150 |
जो मेरे विरुद्ध बुराई की युक्ति रच रहे हैं, मेरे निकट आ गए हैं, किंतु वे आपकी व्यवस्था से दूर हैं.
اما ای خداوند، تو در کنار من هستی. همهٔ احکام تو حقیقت است. | 151 |
फिर भी, याहवेह, आप मेरे निकट हैं, और आपके सभी आदेश प्रामाणिक हैं.
احکام تو را از مدتها پیش آموختهام! تو آنها را چنان تثبیت کردهای که تا ابد پا برجا بمانند. | 152 |
अनेक-अनेक वर्ष पूर्व मैंने आपके अधिनियमों से यह अनुभव कर लिया था कि आपने इनकी स्थापना ही इसलिये की है कि ये सदा-सर्वदा स्थायी बने रहें.
ای خداوند، بر رنجهای من نظر کن و مرا نجات ده، زیرا من نسبت به شریعت تو بیاعتنا نبودهام. | 153 |
मेरे दुःख पर ध्यान दीजिए और मुझे इससे बचा लीजिए, क्योंकि आपकी व्यवस्था को मैं भुला नहीं.
از حق من دفاع کن و مرا آزاد ساز! طبق وعدهات جان مرا حفظ کن. | 154 |
मेरे पक्ष का समर्थन करके मेरा उद्धार कीजिए; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
بدکاران نجات نخواهند یافت، زیرا فرایض تو را اطاعت نمیکنند. | 155 |
कठिन है दुष्टों का उद्धार होना, क्योंकि उन्हें आपकी विधियों की महानता ही ज्ञात नहीं.
خداوندا، رحمت تو عظیم است! بگذار با حفظ قوانینت زنده بمانم! | 156 |
याहवेह, अनुपम है आपकी मनोहरता; अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
دشمنان و آزاردهندگان من بسیارند، اما من از اطاعت نمودن احکام تو غفلت نخواهم کرد. | 157 |
मेरे सतानेवाले तथा शत्रु अनेक हैं, किंतु मैं आपके अधिनियमों से दूर नहीं हुआ हूं.
وقتی به بدکاران که کلام تو را اطاعت نمیکنند، نگاه میکنم، از آنها منزجر میشوم. | 158 |
विश्वासघाती आपके आदेशों का पालन नहीं करते, तब मेरी दृष्टि में वे घृणास्पद हैं.
خداوندا، ملاحظه فرما که چقدر فرمانهای تو را دوست میدارم. طبق محبت خود، جان مرا حفظ کن. | 159 |
आप ही देख लीजिए: कितने प्रिय हैं मुझे आपके नीति-सिद्धांत; याहवेह, अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
تمام قوانین تو بر حق و داوریهای تو همیشه عادلانه است. | 160 |
वस्तुतः सत्य आपके वचन का सार है; तथा आपके धर्ममय नियम सदा-सर्वदा स्थायी रहते हैं.
زورمندان با بیانصافی بر من ظلم کردند، اما من کلام تو را گرامی داشتم. | 161 |
प्रधान मुझे बिना किसी कारण के दुःखित कर रहे हैं, किंतु आपके वचन का ध्यान कर मेरा हृदय कांप उठता है.
به سبب وعدههای تو خوشحال هستم، خوشحال مانند کسی که گنج بزرگی یافته باشد! | 162 |
आपकी प्रतिज्ञाओं से मुझे ऐसा उल्लास प्राप्त होता है; जैसा किसी को बड़ी लूट प्राप्त हुई है.
از دروغ متنفر و بیزارم، اما شریعت تو را دوست دارم. | 163 |
झूठ से मुझे घृणा है, बैर है किंतु मुझे प्रेम है आपकी व्यवस्था से.
برای قوانین عادلانهٔ تو، روزی هفت بار تو را سپاس میگویم. | 164 |
आपकी धर्ममय व्यवस्था का ध्यान कर मैं दिन में सात-सात बार आपका स्तवन करता हूं.
آنان که شریعت تو را دوست دارند از سلامتی کامل برخوردارند و هیچ قدرتی باعث لغزش آنان نخواهد شد! | 165 |
जिन्हें आपकी व्यवस्था से प्रेम है, उनको बड़ी शांति मिलती रहती है, वे किसी रीति से विचलित नहीं हो सकते.
ای خداوند، من احکام تو را اطاعت میکنم و امیدم به توست که مرا نجات دهی. | 166 |
याहवेह, मैं आपके उद्धार का प्रत्याशी हूं, मैं आपके आदेशों का पालन करता हूं.
احکام تو را انجام میدهم و آنها را از صمیم قلب دوست میدارم. | 167 |
मैं आपके अधिनियमों का पालन करता हूं, क्योंकि वे मुझे अत्यंत प्रिय हैं.
فرامین و احکام تو را نگاه میدارم، زیرا تو ناظر بر همهٔ کارهای من هستی. | 168 |
मैं आपके उपदेशों तथा नियमों का पालन करता हूं, आपके सामने मेरा संपूर्ण आचरण प्रगट है.
ای خداوند، فریاد مرا بشنو! طبق وعدهای که دادهای قدرت درک مرا زیاد کن. | 169 |
याहवेह, मेरी पुकार आप तक पहुंचे; मुझे अपने वचन को समझने की क्षमता प्रदान कीजिए.
دعایم را بشنو و طبق وعدهات مرا نجات ده! | 170 |
मेरा गिड़गिड़ाना आप तक पहुंचे; अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करते हुए मुझे छुड़ा लीजिए.
همیشه تو را سپاس میگویم، زیرا فرایض خود را به من میآموزی. | 171 |
मेरे होंठों से आपका स्तवन छलक उठे, क्योंकि आपने मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दी है.
کلامت را با سرود ستایش خواهم کرد، زیرا تمام احکام تو عادلانه است! | 172 |
मेरी जीभ आपके वचन का गान करेगी, क्योंकि आपके सभी आदेश आदर्श हैं.
یار و یاور من باش، زیرا مطیع فرامین تو هستم. | 173 |
आपकी भुजा मेरी सहायता के लिए तत्पर रहे, मैंने आपके उपदेशों को अपनाया है.
ای خداوند، مشتاق دیدن عمل رهاییبخش تو هستم؛ شریعت تو لذت زندگی من است! | 174 |
आपसे उद्धार की प्राप्ति की मुझे उत्कंठा है, याहवेह, आपकी व्यवस्था में मेरा आनंद है.
بگذار زنده بمانم و تو را سپاس بگویم! بگذار قوانین تو راهنمای من باشند! | 175 |
मुझे आयुष्मान कीजिए कि मैं आपका स्तवन करता रहूं, और आपकी व्यवस्था मुझे संभाले रहे.
مانند گوسفند گمشده سرگردان هستم! بیا و مرا دریاب، زیرا خادمت احکام تو را فراموش نکرده است. | 176 |
मैं खोई हुई भेड़ के समान हो गया था. आप ही अपने सेवक को खोज लीजिए, क्योंकि मैं आपके आदेशों को भूला नहीं.