< مزامیر 110 >
مزمور داوود. خداوند به خداوند من گفت: «به دست راست من بنشین تا دشمنانت را به زیر پایت بیفکنم.» | 1 |
१दाऊद का भजन मेरे प्रभु से यहोवा की वाणी यह है, “तू मेरे दाहिने ओर बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूँ।”
خداوند، پادشاهی قدرتمند تو را فراتر از اورشلیم گسترش خواهد داد تا در میان دشمنانت حکمرانی کنی. | 2 |
२तेरे पराक्रम का राजदण्ड यहोवा सिय्योन से बढ़ाएगा। तू अपने शत्रुओं के बीच में शासन कर।
هنگامی که رهسپار جنگ شوی، قوم تو در لباس تقوی و پرهیزگاری، به حضورت خواهند آمد، و نیروی تو همچون شبنم صبحگاهی هر روز تازهتر خواهد شد. | 3 |
३तेरी प्रजा के लोग तेरे पराक्रम के दिन स्वेच्छाबलि बनते हैं; तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान, और भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान तेरे पास हैं।
خداوند سوگند خورده است و از آن برنخواهد گشت که: «تو تا ابد کاهن هستی، تو تا ابد کاهن هستی، کاهنی همانند مِلکیصدق.» | 4 |
४यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सर्वदा का याजक है।”
خداوند که به دست راست توست در روز غضب خود، پادشاهان را شکست خواهد داد. | 5 |
५प्रभु तेरी दाहिनी ओर होकर अपने क्रोध के दिन राजाओं को चूर कर देगा।
او قومها را داوری خواهد کرد، و میدانهای جنگ را از اجساد کشتهشدگان پر خواهد ساخت و در سراسر دنیا، پادشاهان را مغلوب خواهد کرد. | 6 |
६वह जाति-जाति में न्याय चुकाएगा, रणभूमि शवों से भर जाएगी; वह लम्बे चौड़े देशों के प्रधानों को चूर चूरकर देगा
او از نهر سر راهش خواهد نوشید و نیروی تازه گرفته، سربلند و پیروز خواهد ایستاد. | 7 |
७वह मार्ग में चलता हुआ नदी का जल पीएगा और तब वह विजय के बाद अपने सिर को ऊँचा करेगा।