< مزامیر 11 >

برای رهبر سرایندگان. مزمور داوود. چرا به من که به خداوند پناه برده‌ام می‌گویید: «مثل پرنده به کوهها فرار کن 1
ପ୍ରଧାନ ବାଦ୍ୟକର ନିମନ୍ତେ ଦାଉଦଙ୍କର ଗୀତ। ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ଶରଣ ନିଏ; ତୁମ୍ଭେମାନେ କିପରି ମୋʼ ପ୍ରାଣକୁ କହୁଅଛ, “ପକ୍ଷୀ ପରି ଆପଣା ପର୍ବତକୁ ଉଡ଼ିଯାଅ?”
زیرا شریران در کمین عادلان نشسته‌اند و تیرهای خود را به کمان نهاده‌اند تا ایشان را هدف قرار دهند. 2
କାରଣ ଦେଖ! ଦୁଷ୍ଟମାନେ ସରଳଚିତ୍ତ ଲୋକକୁ ଅନ୍ଧକାରରେ ବିନ୍ଧିବା ପାଇଁ ଧନୁ ନୁଆଁନ୍ତି, ସେମାନେ ଗୁଣରେ ତୀରଯୁକ୍ତ କରନ୍ତି।
پایه‌های نظم و قانون فرو ریخته، پس عادلان چه می‌توانند بکنند؟» 3
ଯଦି ଭିତ୍ତିମୂଳ ଉତ୍ପାଟିତ ହୁଏ, ତେବେ ଧାର୍ମିକ କʼଣ କରି ପାରିବ?
اما خداوند هنوز در خانهٔ مقدّس خود است، او همچنان بر تخت آسمانی خود نشسته است. خداوند انسانها را می‌بیند و می‌داند که آنها چه می‌کنند. 4
ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ପବିତ୍ର ମନ୍ଦିରରେ ଅଛନ୍ତି, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ସିଂହାସନ ସ୍ୱର୍ଗରେ, ତାହାଙ୍କ ଚକ୍ଷୁ ନିରୀକ୍ଷଣ କରେ, ତାହାଙ୍କ ଚକ୍ଷୁର ପତା ମନୁଷ୍ୟ ସନ୍ତାନମାନଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା କରେ।
خداوند بدکاران و درستکاران را امتحان می‌کند. او از آدم بدکار و ظالم بیزار است. 5
ସଦାପ୍ରଭୁ ଧାର୍ମିକର ପରୀକ୍ଷା କରନ୍ତି; ମାତ୍ର ଦୁଷ୍ଟ ଓ ଦୌରାତ୍ମ୍ୟପ୍ରିୟ ଲୋକକୁ ସେ ଘୃଣା କରନ୍ତି।
او بر بدکاران آتش و گوگرد خواهد بارانید و با بادهای سوزان آنها را خواهد سوزانید. 6
ସେ ଦୁଷ୍ଟମାନଙ୍କ ଉପରେ ଜାଲ ବର୍ଷାଇବେ; ଅଗ୍ନି, ଗନ୍ଧକ ଓ ଝାଞ୍ଜି ପବନ ସେମାନଙ୍କ ପାନପାତ୍ରର ଅଂଶ ହେବ।
خداوند عادل است و انصاف را دوست دارد و درستکاران در حضور او خواهند زیست. 7
କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଧର୍ମମୟ; ସେ ଧାର୍ମିକତାକୁ ପ୍ରେମ କରନ୍ତି; ସରଳ ଲୋକ ତାହାଙ୍କ ମୁଖ ଦର୍ଶନ କରିବ।

< مزامیر 11 >