< امثال 30 >
سخنان آگور پسر یاکه، شامل این پیام است: خدایا، خستهام؛ ای خدا، خسته و درماندهام. | 1 |
याक़ा के बेटे अज़ूर के पैग़ाम की बातें: उस आदमी ने एतीएल, हाँ इतीएलऔर उकाल से कहा: ।
من نادانترینِ آدمیان هستم و عاری از شعور بشری. | 2 |
यक़ीनन मैं हर एक इंसान से ज़्यादा और इंसान का सा समझ मुझ में नहीं
حکمتی در من نیست و شناختی از خدا ندارم. | 3 |
मैंने हिकमत नहीं सीखी और न मुझे उस क़ुद्दूस का 'इरफ़ान हासिल है।
آن کیست که آسمان و زمین را زیر پا میگذارد؟ آن کیست که باد را در دست خود نگه میدارد و آبها را در ردای خود میپیچد؟ آن کیست که حدود زمین را برقرار کرده است؟ نامش چیست و پسرش چه نام دارد؟ اگر میدانی بگو! | 4 |
कौन आसमान पर चढ़ा और फिर नीचे उतरा? किसने हवा को अपनी मुट्ठी में जमा'कर लिया? किसने पानी की चादर में बाँधा? किसने ज़मीन की हदें ठहराई? अगर तू जानता है, तो बता उसका क्या नाम है, और उसके बेटे का क्या नाम है?
سخنان خدا تمام پاک و مبراست. او مانند یک سپر از تمام کسانی که به او پناه میبرند محافظت میکند. | 5 |
ख़ुदा का हर एक बात पाक है, वह उनकी सिपर है जिनका भरोसा उस पर है।
به سخنان او چیزی اضافه نکن، مبادا تو را توبیخ نماید و تو دروغگو قلمداد شوی. | 6 |
तू उसके कलाम में कुछ न बढ़ाना, ऐसा न हो वह तुझ को तम्बीह करे और तू झूटा ठहरे।
ای خدا، قبل از آنکه بمیرم دو چیز از تو میطلبم: | 7 |
मैंने तुझ से दो बातों की दरख़्वास्त की है, मेरे मरने से पहले उनको मुझ से दरेग न कर।
مرا از دروغ گفتن حفظ کن و مرا نه تهیدست بگردان و نه ثروتمند، بلکه روزی مرا به من بده؛ | 8 |
बतालत और दरोग़गोई को मुझ से दूर कर दे; और मुझ को न कंगाल कर न दौलतमंद, मेरी ज़रूरत के मुताबिक़ मुझे रोज़ी दे।
چون اگر ثروتمند شوم ممکن است تو را انکار کنم و بگویم: «خداوند کیست؟» و اگر تهیدست گردم امکان دارد دزدی کنم و نام تو را بیحرمت نمایم. | 9 |
ऐसा न हो कि मैं सेर होकर इन्कार करूं और कहूँ, ख़ुदावन्द कौन है? या ऐसा न हो मुहताज होकर चोरी करूं, और अपने ख़ुदा के नाम की तकफ़ीर करूं।
هرگز از کسی نزد کارفرمایش بدگویی نکن، مبادا به نفرین او گرفتار شوی. | 10 |
ख़ादिम पर उसके आक़ा के सामने तोहमत न लगा, ऐसा न हो कि वह तुझ पर ला'नत करे, और तू मुजरिम ठहरे।
هستند کسانی که پدر و مادر خود را نفرین میکنند. | 11 |
एक नसल ऐसी है, जो अपने बाप पर ला'नत करती है और अपनी माँ को मुबारक नहीं कहती।
هستند کسانی که خود را پاک میدانند در حالی که به گناه آلودهاند. | 12 |
एक नसल ऐसी है, जो अपनी निगाह में पाक है, लेकिन उसकी गंदगी उससे धोई नहीं गई।
هستند کسانی که از نگاهشان کبر و غرور میبارد، | 13 |
एक नसल ऐसी है, कि वाह क्या ही बलन्द नज़र है, और उनकी पलकें ऊपर को उठी रहती हैं।
هستند کسانی که دندانهای خود را تیز میکنند تا به جان مردم فقیر بیفتند و آنها را ببلعند. | 14 |
एक नसल ऐसी है, जिसके दाँत तलवारें है, और डाढ़े छुरियाँ ताकि ज़मीन के ग़रीबों और बनी आदम के कंगालों को खा जाएँ।
زالو را دو دختر است که فریاد میکشند: «بده! بده!» سه چیز هست که هرگز سیر نمیشوند، بلکه چهار چیز، که نمیگویند: «بس است!»: | 15 |
जोंक की दो बेटियाँ हैं, जो “दे दे” चिल्लाती हैं; तीन हैं जो कभी सेर नहीं होतीं, बल्कि चार हैं जो कभी “बस” नहीं कहतीं।
دنیای مردگان، رحم نازا، زمین بیآب، آتش مشتعل. (Sheol ) | 16 |
पाताल और बाँझ का रिहम, और ज़मीन जो सेराब नहीं हुई, और आग जो कभी “बस” नहीं कहती। (Sheol )
کسی که پدر خود را مسخره کند و مادرش را تحقیر نماید، کلاغها چشمانش را از کاسه در میآورند و لاشخورها بدنش را میخورند. | 17 |
वह आँख जो अपने बाप की हँसी करती है, और अपनी माँ की फ़रमाँबरदारी को हक़ीर जानती है, वादी के कौवे उसको उचक ले जाएँगे, और गिद्ध के बच्चे उसे खाएँगे।
سه چیز برای من بسیار عجیبند، بلکه چهار چیز که من آنها را نمیفهمم: | 18 |
तीन चीज़े मेरे नज़दीक़ बहुत ही 'अजीब हैं, बल्कि चार हैं, जिनको मैं नहीं जानता:
پرواز عقاب در آسمان، خزیدن مار روی صخره، عبور کشتی از دریا، و راهِ مرد با دختر جوان. | 19 |
'उकाब की राह हवा में, और साँप की राह चटान पर, और जहाज़ की राह समन्दर में, और मर्द का चाल चलन जवान 'औरत के साथ।
همچنین است راه زن بدکاره که میخورَد و دهانش را پاک میکند و میگوید: «کار بدی نکردم.» | 20 |
ज़ानिया की राह ऐसी ही है; वह खाती है और अपना मुँह पोंछती है, और कहती है, मैंने कुछ बुराई नहीं की।
سه چیز است که زمین را میلرزاند، بلکه چهار چیز که زمین تاب تحملش را ندارد: | 21 |
तीन चीज़ों से ज़मीन लरज़ाँ है; बल्कि चार हैं, जिनकी वह बर्दाश्त नहीं कर सकती:
بردهای که پادشاه شود، احمقی که سیر و توانگر گردد، | 22 |
गुलाम से जो बादशाही करने लगे, और बेवक़ूफ़ से जब उसका पेट भरे,
زن بداخلاقی که شوهر کرده باشد، و کنیزی که جای بانوی خود را بگیرد. | 23 |
और नामक़बूल 'औरत से जब वह ब्याही जाए, और लौंडी से जो अपनी बीबी की वारिस हो।
چهار چیز است بر زمین که بسیار کوچک اما بیاندازه دانا هستند: | 24 |
चार हैं, जो ज़मीन पर ना चीज़ हैं, लेकिन बहुत 'अक़्लमंद हैं:
مورچهها که ضعیف هستند ولی برای زمستان خوراک ذخیره میکنند، | 25 |
चीटियाँ कमज़ोर मख़लूक़ हैं, तौ भी गर्मी में अपने लिए ख़ुराक जमा' कर रखती हैं;
گورکنها که ناتوانند اما در میان صخرهها برای خود لانه میسازند، | 26 |
और साफ़ान अगरचे नातवान मख़्लूक़ हैं, तो भी चटानों के बीच अपने घर बनाते हैं;
ملخها که رهبری ندارند ولی در دستههای منظم حرکت میکنند، | 27 |
और टिड्डियाँ जिनका कोई बादशाह नहीं, तोभी वह परे बाँध कर निकलती हैं;
و مارمولکها که میتوان آنها را در دست گرفت، اما حتی به کاخ پادشاهان نیز راه مییابند. | 28 |
और छिपकली जो अपने हाथों से पकड़ती है, और तोभी शाही महलों में है।
سه چیز است که راه رفتنشان باوقار است، بلکه چهار چیز که با متانت میخرامند: | 29 |
तीन ख़ुश रफ़्तार हैं, बल्कि चार जिनका चलना ख़ुश नुमा है:
شیر که سلطان حیوانات است و از هیچ چیز نمیترسد، | 30 |
एक तो शेर — ए — बबर जो सब हैवानात में बहादुर है, और किसी को पीठ नहीं दिखाता:
طاووس، بز نر، و پادشاهی که سپاهیانش همراه او هستند. | 31 |
जंगली घोड़ा और बकरा, और बादशाह, जिसका सामना कोई न करे।
اگر از روی حماقت مغرور شدهای و اگر نقشههای پلید در سر پروراندهای، به خود بیا و از این کارت دست بکش. | 32 |
अगर तूने बेवक़ूफ़ी से अपने आपको बड़ा ठहराया है, या तूने कोई बुरा मन्सूबा बाँधा है, तो हाथ अपने मुँह पर रख।
از زدن شیر، کره به دست میآید؛ از ضربه زدن به دماغ خون جاری میشود؛ و از برانگیختن خشم، نزاع درمیگیرد. | 33 |
क्यूँकि यक़ीनन दूध बिलोने से मक्खन निकलता है, और नाक मरोड़ने से लहू, इसी तरह क़हर भड़काने से फ़साद खड़ा होता है।