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این است تاریخچۀ خاندان موسی و هارون در زمانی که خداوند در کوه سینا با موسی سخن گفت: 1
जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से बातें की उस समय हारून और मूसा की यह वंशावली थी।
هارون چهار پسر به نامهای ناداب (پسر نخست‌زاده)، ابیهو، العازار و ایتامار داشت. 2
हारून के पुत्रों के नाम ये हैं नादाब जो उसका जेठा था, और अबीहू, एलीआजर और ईतामार;
هر چهار نفر ایشان برای خدمت کاهنی انتخاب و تقدیس شدند تا در خیمهٔ عبادت خدمت کنند. 3
हारून के पुत्र, जो अभिषिक्त याजक थे, और उनका संस्कार याजक का काम करने के लिये हुआ था, उनके नाम ये हैं।
ولی ناداب و ابیهو به علّت استفاده از آتش غیر مجاز در حضور خداوند، در صحرای سینا مردند و چون فرزندی نداشتند، فقط العازار و ایتامار باقی ماندند تا پدرشان هارون را در خدمت کاهنی یاری کنند. 4
नादाब और अबीहू जिस समय सीनै के जंगल में यहोवा के सम्मुख अनुचित आग ले गए उसी समय यहोवा के सामने मर गए थे; और वे पुत्रहीन भी थे। एलीआजर और ईतामार अपने पिता हारून के साथ याजक का काम करते रहे।
پس خداوند به موسی فرمود: 5
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«قبیلهٔ لاوی را فرا خوان و ایشان را به عنوان دستیاران هارون نزد او حاضر کن. 6
“लेवी गोत्रवालों को समीप ले आकर हारून याजक के सामने खड़ा कर कि वे उसकी सहायता करें।
ایشان باید از دستورهای او پیروی نموده، به جای تمام قوم اسرائیل خدمات مقدّس خیمهٔ ملاقات را انجام دهند، زیرا ایشان به نمایندگی از طرف بنی‌اسرائیل تعیین شده‌اند تا زیر نظر هارون خدمت کنند. مسئولیت نگهداری خیمهٔ عبادت و تمام اسباب و اثاثیه آن بر عهدهٔ ایشان است. 7
जो कुछ उसकी ओर से और सारी मण्डली की ओर से उन्हें सौंपा जाए उसकी देख-रेख वे मिलापवाले तम्बू के सामने करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें;
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वे मिलापवाले तम्बू के सम्पूर्ण सामान की और इस्राएलियों की सौंपी हुई वस्तुओं की भी देख-रेख करें, इस प्रकार वे निवास-स्थान की सेवा करें।
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और तू लेवियों को हारून और उसके पुत्रों को सौंप दे; और वे इस्राएलियों की ओर से हारून को सम्पूर्ण रीति से अर्पण किए हुए हों।
ولی فقط هارون و پسرانش باید وظایف کاهنی را انجام دهند؛ هر کس دیگری که بخواهد نزدیک بیاید باید کشته شود.» 10
१०और हारून और उसके पुत्रों को याजक के पद पर नियुक्त कर, और वे अपने याजकपद को सम्भालें; और यदि परदेशी समीप आए, तो वह मार डाला जाए।”
خداوند به موسی فرمود: 11
११फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«من لاویان را به جای تمام پسران نخست‌زادۀ قوم اسرائیل پذیرفته‌ام. لاویان از آن من هستند. 12
१२“सुन इस्राएली स्त्रियों के सब पहिलौठों के बदले, मैं इस्राएलियों में से लेवियों को ले लेता हूँ; इसलिए लेवीय मेरे ही हों।
آنها به جای تمام نخست‌زادگان بنی‌اسرائیل وقف من شده‌اند. از روزی که نخست‌زادگان مصری‌ها را کشتم، نخست‌زادگان بنی‌اسرائیل را، چه انسان و چه حیوان، از آن خود ساختم، پس آنها به من تعلق دارند. من خداوند هستم.» 13
१३सब पहलौठे मेरे हैं; क्योंकि जिस दिन मैंने मिस्र देश के सब पहिलौठों को मारा, उसी दिन मैंने क्या मनुष्य क्या पशु इस्राएलियों के सब पहिलौठों को अपने लिये पवित्र ठहराया; इसलिए वे मेरे ही ठहरेंगे; मैं यहोवा हूँ।”
خداوند در صحرای سینا موسی را خطاب کرده فرمود: 14
१४फिर यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा,
«قبیلهٔ لاوی را برحسب طایفه و خاندان سرشماری کن. پسران را از یک ماهه به بالا بشمار.» 15
१५“लेवियों में से जितने पुरुष एक महीने या उससे अधिक आयु के हों उनको उनके पितरों के घरानों और उनके कुलों के अनुसार गिन ले।”
پس موسی طبق فرمان خداوند ایشان را شمرد: 16
१६यह आज्ञा पाकर मूसा ने यहोवा के कहे अनुसार उनको गिन लिया।
لاوی سه پسر داشت با نام های جرشون و قهات و مراری. 17
१७लेवी के पुत्रों के नाम ये हैं, अर्थात् गेर्शोन, कहात, और मरारी।
نامهای پسران جرشون برحسب طایفه‌هایشان لبنی و شمعی بود. 18
१८और गेर्शोन के पुत्र जिनसे उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात् लिब्नी और शिमी।
نامهای پسران قهات برحسب طایفه‌هایشان عمرام و یِصهار و حبرون و عُزیئیل بود. 19
१९कहात के पुत्र जिनसे उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात् अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, और उज्जीएल।
نامهای پسران مراری برحسب طایفه‌هایشان مَحلی و موشی بود. اینها طایفه‌های لاوی برحسب خاندانهایشان بودند. 20
२०और मरारी के पुत्र जिनसे उसके कुल चले ये हैं, अर्थात् महली और मूशी। ये लेवियों के कुल अपने पितरों के घरानों के अनुसार हैं।
طایفه‌های جرشون، لبنیان و شمعیان بودند. 21
२१गेर्शोन से लिब्नियों और शिमियों के कुल चले; गेर्शोनवंशियों के कुल ये ही हैं।
تعداد همه مردان و پسران از یک ماهه به بالا در طایفه‌های جرشونیان ۷٬۵۰۰ نفر بود. 22
२२इनमें से जितने पुरुषों की आयु एक महीने की या उससे अधिक थी, उन सभी की गिनती साढ़े सात हजार थी।
اردوگاهی که برای چادر زدن آنها تعیین شده بود در سوی غربی خیمه عبادت بود. 23
२३गेर्शोनवाले कुल निवास के पीछे पश्चिम की ओर अपने डेरे डाला करें;
نام رهبر قبیله‌های جرشونی الیاساف پسر لاییل بود. 24
२४और गेर्शोनियों के मूलपुरुष के घराने का प्रधान लाएल का पुत्र एल्यासाप हो।
وظیفهٔ این دو طایفهٔ لاوی عبارت بود از: مراقبت از خیمهٔ ملاقات، که شامل خیمۀ عبادت و پوششهای آن، پردهٔ مدخل خیمۀ ملاقات، پرده‌های دیوار حیاطی که اطراف خیمه و مذبح است، پردهٔ مدخل حیاط و همهٔ طنابها و همچنین انجام کارهای مربوط به آنها. پسر لاوی: قهات نوادگان لاوی (نامهای طوایف): عَمرام، یصها، حبرون، عزی‌ئیل تعداد: ۸٬۶۰۰ نفر رهبر: الیصافان (پسر عُزی‌ئیل) جایگاه اردو: سمت جنوبی خیمهٔ عبادت 25
२५और मिलापवाले तम्बू की जो वस्तुएँ गेर्शोनवंशियों को सौंपी जाएँ वे ये हों, अर्थात् निवास और तम्बू, और उसका आवरण, और मिलापवाले तम्बू के द्वार का परदा,
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२६और जो आँगन निवास और वेदी के चारों ओर है उसके पर्दे, और उसके द्वार का परदा, और सब डोरियाँ जो उसमें काम आती हैं।
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२७फिर कहात से अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों, और उज्जीएलियों के कुल चले; कहातियों के कुल ये ही हैं।
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२८उनमें से जितने पुरुषों की आयु एक महीने की या उससे अधिक थी उनकी गिनती आठ हजार छः सौ थी। उन पर पवित्रस्थान की देख-रेख का उत्तरदायित्व था।
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२९कहातियों के कुल निवास-स्थान की उस ओर अपने डेरे डाला करें जो दक्षिण की ओर है;
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३०और कहातियों के मूलपुरुष के घराने का प्रधान उज्जीएल का पुत्र एलीसापान हो।
وظیفهٔ این چهار طایفهٔ لاوی عبارت بود از: مراقبت از صندوق عهد خداوند، میز نان حضور، چراغدان، مذبحها، لوازم مختلفی که در خیمهٔ عبادت به کار می‌رفت، پردهٔ بین قدس و قدس‌الاقداس، و انجام کارهای مربوط به آنها. (العازار پسر هارون، رئیس رهبران لاویان بود و بر کار خدمتگزاران قدس نظارت می‌کرد.) پسر لاوی: مراری نوادگان لاوی (نامهای طوایف): مَحلی، موشی تعداد: ۶٬۲۰۰ نفر رهبر: صوری‌ئیل (پسر ابیحایل) جایگاه اردو: سمت شمالی خیمهٔ عبادت 31
३१और जो वस्तुएँ उनको सौंपी जाएँ वे सन्दूक, मेज, दीवट, वेदियाँ, और पवित्रस्थान का वह सामान जिससे सेवा टहल होती है, और परदा; अर्थात् पवित्रस्थान में काम में आनेवाला सारा सामान हो।
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३२और लेवियों के प्रधानों का प्रधान हारून याजक का पुत्र एलीआजर हो, और जो लोग पवित्रस्थान की सौंपी हुई वस्तुओं की देख-रेख करेंगे उन पर वही मुखिया ठहरे।
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३३फिर मरारी से महलियों और मूशियों के कुल चले; मरारी के कुल ये ही हैं।
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३४इनमें से जितने पुरुषों की आयु एक महीने की या उससे अधिक थी उन सभी की गिनती छः हजार दो सौ थी।
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३५और मरारी के कुलों के मूलपुरुष के घराने का प्रधान अबीहैल का पुत्र सूरीएल हो; ये लोग निवास के उत्तर की ओर अपने डेरे खड़े करें।
وظیفهٔ این دو طایفه عبارت بود از: مراقبت از چوب‌بست خیمهٔ عبادت، پشت‌بندها، ستونها، پایه‌های ستونها، و تمام لوازم بر پا سازی آن و انجام کارهای مربوط به آنها، و همچنین مواظبت از ستونهای گرداگرد حیاط و پایه‌ها و میخها و طنابها. 36
३६और जो वस्तुएँ मरारीवंशियों को सौंपी जाएँ कि वे उनकी देख-रेख करें, वे निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, कुर्सियाँ, और सारा सामान; निदान जो कुछ उसके लगाने में काम आए;
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३७और चारों ओर के आँगन के खम्भे, और उनकी कुर्सियाँ, खूँटे और डोरियाँ हों।
خیمهٔ موسی و هارون و پسرانش می‌بایست در سمت شرقی خیمهٔ ملاقات، یعنی جلوی آن و رو به آفتاب بر پا شود. ایشان به جای قوم اسرائیل وظیفهٔ مراقبت از خیمهٔ عبادت را بر عهده داشتند. (هر کس که کاهن یا لاوی نبود و وارد خیمهٔ عبادت می‌گردید کشته می‌شد.) 38
३८और जो मिलापवाले तम्बू के सामने, अर्थात् निवास के सामने, पूर्व की ओर जहाँ से सूर्योदय होता है, अपने डेरे डाला करें, वे मूसा और हारून और उसके पुत्रों के डेरे हों, और पवित्रस्थान की देख-रेख इस्राएलियों के बदले वे ही किया करें, और दूसरा जो कोई उसके समीप आए वह मार डाला जाए।
پس تعداد همهٔ پسران و مردان لاوی که موسی و هارون طبق دستور خداوند ایشان را شمردند، از یک ماهه به بالا ۲۲ هزار نفر بود. 39
३९यहोवा की इस आज्ञा को पाकर एक महीने की या उससे अधिक आयु वाले जितने लेवीय पुरुषों को मूसा और हारून ने उनके कुलों के अनुसार गिना, वे सब के सब बाईस हजार थे।
سپس خداوند به موسی فرمود: «حالا تمام پسران نخست‌زاده بنی‌اسرائیل را از یک ماهه به بالا بشمار و نام هر یک از آنها را ثبت کن. 40
४०फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएलियों के जितने पहलौठे पुरुषों की आयु एक महीने की या उससे अधिक है, उन सभी को नाम ले लेकर गिन ले।
لاویان به عوض نخست‌زادگان بنی‌اسرائیل به من که خداوند هستم تعلق دارند، و حیوانات لاویان هم به جای نخست‌زاده‌های حیوانات تمام قوم اسرائیل از آن من هستند.» 41
४१और मेरे लिये इस्राएलियों के सब पहिलौठों के बदले लेवियों को, और इस्राएलियों के पशुओं के सब पहिलौठों के बदले लेवियों के पशुओं को ले; मैं यहोवा हूँ।”
پس موسی همان‌طور که خداوند به او دستور داده بود، همۀ نخست‌زادگان بنی‌اسرائیل را شمرد 42
४२यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने इस्राएलियों के सब पहिलौठों को गिन लिया।
و تعداد کل همۀ نخست‌زادگان از یک ماهه به بالا ۲۲٬۲۷۳ نفر بود. 43
४३और सब पहलौठे पुरुष जिनकी आयु एक महीने की या उससे अधिक थी, उनके नामों की गिनती बाईस हजार दो सौ तिहत्तर थी।
خداوند به موسی فرمود: 44
४४तब यहोवा ने मूसा से कहा,
«حال لاویان را به عوض نخست‌زادگان قوم اسرائیل و حیوانات ایشان را به جای نخست‌زاده‌های حیوانات بنی‌اسرائیل به من بده. آری، من خداوند هستم و لاویان از آن من می‌باشند. 45
४५“इस्राएलियों के सब पहिलौठों के बदले लेवियों को, और उनके पशुओं के बदले लेवियों के पशुओं को ले; और लेवीय मेरे ही हों; मैं यहोवा हूँ।
به منظور بازخرید ۲۷۳ نخست‌زادۀ بنی‌اسرائیل که اضافه بر تعداد لاویان هستند 46
४६और इस्राएलियों के पहिलौठों में से जो दो सौ तिहत्तर गिनती में लेवियों से अधिक हैं, उनके छुड़ाने के लिये,
برای هر نفر پنج مثقال نقره برحسب مثقال عبادتگاه که بیست قیراط است، بگیر 47
४७पुरुष पाँच शेकेल ले; वे पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से हों, अर्थात् बीस गेरा का शेकेल हो।
و آن را به عنوان وجه فدیۀ ایشان برای نخست‌زادگان اضافی، به هارون و پسرانش بده.» 48
४८और जो रुपया उन अधिक पहिलौठों की छुड़ौती का होगा उसे हारून और उसके पुत्रों को दे देना।”
پس موسی مبلغ بازخرید ۲۷۳ پسر ارشدی را که اضافه بر تعداد لاویان بودند دریافت کرد. (بقیه پسران ارشد از پرداخت مبلغ بازخرید معاف بودند، چون لاویان به عوض ایشان وقف خداوند شده بودند.) 49
४९अतः जो इस्राएली पहलौठे लेवियों के द्वारा छुड़ाए हुओं से अधिक थे उनके हाथ से मूसा ने छुड़ौती का रुपया लिया।
کل مبلغ بازخرید معادل ۱٬۳۶۵ مثقال نقره برحسب مثقال عبادتگاه بود. 50
५०और एक हजार तीन सौ पैंसठ शेकेल रुपया पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से वसूल हुआ।
موسی طبق دستور خداوند، آن را به هارون و پسرانش تحویل داد. 51
५१और यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा ने छुड़ाए हुओं का रुपया हारून और उसके पुत्रों को दे दिया।

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