< میکاه 2 >

وای بر شما که شب بر بستر خود نقشه‌های شوم می‌کشید و صبح زود بر می‌خیزید تا آنها را عملی سازید؛ زیرا قدرت انجامش را دارید. 1
हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।
به زمینها و خانه‌های مردم طمع می‌کنید و آنها را از چنگشان درمی‌آورید. اموال و خانهٔ کسی از دست شما در امان نیست. 2
वे खेतों का लालच करके उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच करके उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरुष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरुष पर अंधेर और अत्याचार करते हैं।
پس خداوند می‌فرماید: «من قصد دارم بر سر شما بلا نازل کنم و شما قادر نخواهید بود از آن فرار کنید. روزگارتان سیاه خواهد شد و دیگر با تکبر راه نخواهید رفت، 3
इस कारण, यहोवा यह कहता है, मैं इस कुल पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ, जिसके नीचे से तुम अपनी गर्दन हटा न सकोगे; न अपने सिर ऊँचे किए हुए चल सकोगे; क्योंकि वह विपत्ति का समय होगा।
آنگاه دشمنان شما با تمسخر نوحه‌سرایی کرده خواهند گفت:”خانه خراب و نابود شدیم. خداوند سرزمین ما را از ما گرفته و ما را آواره کرده و مزرعه‌هایمان را به دیگران داده است.“ 4
उस समय यह अत्यन्त शोक का गीत दृष्टान्त की रीति पर गाया जाएगा: “हमारा तो सर्वनाश हो गया; वह मेरे लोगों के भाग को बिगाड़ता है; हाय, वह उसे मुझसे कितनी दूर कर देता है! वह हमारे खेत बलवा करनेवाले को दे देता है।”
هنگامی که سرزمین قوم من به آنان بازگردانده شود، شما سهمی از آن نخواهید داشت.» 5
इस कारण तेरा ऐसा कोई न होगा, जो यहोवा की मण्डली में चिट्ठी डालकर नापने की डोरी डाले।
ولی آنان می‌گویند: «این چیزها را بر زبان نیاور، در این مورد صحبت نکن! رسوایی هرگز دامنگیر ما نخواهد شد.» 6
बकवासी कहा करते हैं, “बकवास न करो। इन बातों के लिये न कहा करो!” ऐसे लोगों में से अपमान न मिटेगा।
خداوند می‌فرماید: «ای خاندان اسرائیل، آیا فکر می‌کنید صبر من تمام شده است که اینچنین با خشونت با شما صحبت می‌کنم؟ مگر نمی‌دانید که من با کسانی که درستکار باشند با مهربانی سخن می‌رانم؟ 7
हे याकूब के घराने, क्या यह कहा जाए कि यहोवा का आत्मा अधीर हो गया है? क्या ये काम उसी के किए हुए हैं? क्या मेरे वचनों से उसका भला नहीं होता जो सिधाई से चलता है?
ولی در این روزها قوم من به دشمنی با من برخاسته‌اند! شما پیراهن کسانی که به شما اطمینان کرده‌اند از آنها می‌گیرید و آنان را به شکل از جنگ برگشتگان درمی‌آورید. 8
परन्तु कल की बात है कि मेरी प्रजा शत्रु बनकर मेरे विरुद्ध उठी है; तुम शान्त और भोले-भाले राहियों के तन पर से वस्त्र छीन लेते हो जो लड़ाई का विचार न करके निधड़क चले जाते हैं।
بیوه‌زنان قوم مرا از خانه‌های باصفایشان بیرون می‌رانید و فرزندانشان را از هرگونه حق خدادادی محروم می‌کنید. 9
मेरी प्रजा की स्त्रियों को तुम उनके सुखधामों से निकाल देते हो; और उनके नन्हें बच्चों से तुम मेरी दी हुई उत्तम वस्तुएँ सर्वदा के लिये छीन लेते हो।
برخیزید و بروید! اینجا دیگر در امنیت و آسایش نخواهید بود، زیرا به خاطر گناهان شما این مکان محکوم به فنا شده است. 10
१०उठो, चले जाओ! क्योंकि यह तुम्हारा विश्रामस्थान नहीं है; इसका कारण वह अशुद्धता है जो कठिन दुःख के साथ तुम्हारा नाश करेगी।
«اگر آدم ولگرد و دروغگویی بیاید و از لذت شراب و باده‌نوشی برایتان حرف بزند، فوری او را به‌عنوان نبی قبول می‌کنید. 11
११यदि कोई झूठी आत्मा में चलता हुआ झूठी और व्यर्थ बातें कहे और कहे कि मैं तुम्हें नित्य दाखमधु और मदिरा के लिये प्रचार सुनाता रहूँगा, तो वही इन लोगों का भविष्यद्वक्ता ठहरेगा।
«ای اسرائیل، زمانی می‌رسد که من بازماندگان قوم تو را مانند گوسفندان به آغل باز می‌گردانم و سرزمین تو، بار دیگر مانند چراگاهی مملو از گوسفند، پر از جمعیت خواهد شد. 12
१२हे याकूब, मैं निश्चय तुम सभी को इकट्ठा करूँगा; मैं इस्राएल के बचे हुओं को निश्चय इकट्ठा करूँगा; और बोस्रा की भेड़-बकरियों के समान एक संग रखूँगा। उस झुण्ड के समान जो अच्छी चराई में हो, वे मनुष्यों की बहुतायत के मारे कोलाहल मचाएँगे।
من راه را برای ایشان باز می‌کنم تا از میان دروازه‌های شهرهایی که در آنها اسیر هستند عبور کرده، به سرزمین خود بازگردند. من که خداوند و پادشاه ایشان هستم ایشان را رهبری خواهم کرد.» 13
१३उनके आगे-आगे बाड़े का तोड़नेवाला गया है, इसलिए वे भी उसे तोड़ रहे हैं, और फाटक से होकर निकले जा रहे हैं; उनका राजा उनके आगे-आगे गया अर्थात् यहोवा उनका सरदार और अगुआ है।

< میکاه 2 >