< لوقا 8 >
چندی بعد، عیسی سفری به شهرها و دهات ایالت جلیل کرد تا همه جا مژده ملکوت خدا را اعلام کند. آن دوازده شاگرد | 1 |
ଏଥିର ଅଳ୍ପ ସମୟ ପରେ ଯୀଶୁ ନଗରେ ନଗରେ ଓ ଗ୍ରାମେ ଗ୍ରାମେ ଘୋଷଣା କରି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ସୁସମାଚାର ପ୍ରଚାର କରି ଯାତ୍ରା କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ଆଉ ବାର ଜଣ ଶିଷ୍ୟ ତାହାଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ଥିଲେ,
و چند زن که از ارواح پلید و یا از امراض شفا یافته بودند نیز او را همراهی میکردند. مریم مجدلیه که عیسی هفت روح پلید از وجود او بیرون کرده بود، | 2 |
ପୁଣି, ଯେଉଁ ସ୍ତ୍ରୀମାନେ ଦୁଷ୍ଟ ଆତ୍ମା ଓ ରୋଗରୁ ସୁସ୍ଥ କରାଯାଇଥିଲେ, ଏପରି କେତେକ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ, ଅର୍ଥାତ୍ ମଗ୍ଦଲୀନୀ ନାମକ ମରୀୟମ, ଯାହାଙ୍କଠାରୁ ସାତ ଭୂତ ବାହାରିଯାଇଥିଲେ,
یونا، همسر خوزا (رئیس دربار هیرودیس)، و سوسن از جمله این زنان بودند. ایشان و بسیاری از زنان دیگر، از دارایی شخصی خود، عیسی و شاگردانش را خدمت میکردند. | 3 |
ହେରୋଦଙ୍କ ପରିଚାଳକ ଖୂଜା ଓ ତାହାଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ଯୋହାନା, ଶୋଶନ୍ନା, ପୁଣି, ଆହୁରି ଅନେକ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ ତାହାଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ଥାଇ ନିଜ ନିଜ ସମ୍ପତ୍ତି ଦେଇ ସେମାନଙ୍କ ସେବା କରୁଥିଲେ।
مردم از همۀ شهرها نزد عیسی میآمدند. یک روز، عدهٔ زیادی نزدش جمع شدند و او این مَثَل را برای ایشان بیان نمود: | 4 |
ବହୁସଂଖ୍ୟକ ଲୋକ ଏକତ୍ର ହୁଅନ୍ତେ ଓ ନଗରୁ ନଗରୁ ଲୋକେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସନ୍ତେ ସେ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତ ଦେଇ କହିଲେ,
«روزی کشاورزی برای پاشیدن بذر خود بیرون رفت. هنگامی که بذر میپاشید، مقداری از بذرها در جاده افتاد و لگدمال شد و پرندهها آمده، آنها را از آن زمین خشک برداشتند و خوردند. | 5 |
“ଜଣେ ବୁଣାଳୀ ଆପଣା ବିହନ ବୁଣିବାକୁ ବାହାରିଲା। ସେ ବୁଣୁ ବୁଣୁ କେତେକ ବିହନ ବାଟ ପାଖରେ ପଡ଼ିଲା ଓ ପାଦ ତଳେ ଦଳି ହୋଇଗଲା, ପୁଣି, ଆକାଶର ଚଢ଼େଇମାନେ ସେଗୁଡ଼ିକ ଖାଇଗଲେ।
بعضی میان سنگها افتاد و سبز شد، اما چون زمین رطوبت نداشت، زود پژمرد و خشکید. | 6 |
ଆଉ କେତେକ ପଥର ଉପରେ ପଡ଼ିଲା, ପୁଣି, ଗଜା ହୋଇ ରସ ନ ପାଇବାରୁ ଶୁଖିଗଲା।
بعضی دیگر از بذرها لابلای خارها افتاد، و خارها با بذرها رشد کرده، آن گیاهان ظریف را خفه کردند. | 7 |
ଆଉ କେତେକ କଣ୍ଟାଗଛଗୁଡ଼ାକ ମଧ୍ୟରେ ପଡ଼ିଲା, ପୁଣି, କଣ୍ଟାଗଛଗୁଡ଼ାକ ସାଙ୍ଗେ ସାଙ୍ଗେ ବଢ଼ି ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଚାପି ପକାଇଲା।
اما مقداری از بذرها در زمین خوب افتاد و رویید و صد برابر محصول داد.» سپس با صدای بلند فرمود: «هر که گوش شنوا دارد، بشنود!» | 8 |
ଅନ୍ୟ କେତେକ ଭଲ ଭୂମିରେ ପଡ଼ିଲା ଆଉ ବଢ଼ି ଶହେ ଗୁଣ ଫଳ ଫଳିଲା।” ସେ ଏହା କହୁ କହୁ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିଲେ, “ଯାହାର ଶୁଣିବା ପାଇଁ କାନ ଅଛି, ସେ ଶୁଣୁ।”
شاگردان پرسیدند: «معنی این حکایت چیست؟» | 9 |
ତାହାଙ୍କ ଶିଷ୍ୟମାନେ ଏହି ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତର ଅର୍ଥ କଅଣ ବୋଲି ପଚାରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
فرمود: «دانستن اسرار ملکوت خدا به شما عطا شده، اما برای تعلیم به دیگران، از مَثَل استفاده میکنم، تا آن نوشتۀ کتب مقدّس تحقق یابد که میفرماید:”نگاه میکنند، اما نمیبینند؛ میشنوند، اما نمیفهمند.“ | 10 |
ସେଥିରେ ସେ କହିଲେ, ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ରହସ୍ୟ ଜାଣିବା ନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଶକ୍ତି ଦିଆଯାଇଅଛି, କିନ୍ତୁ ଅନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତରେ କୁହାଯାଏ, “‘ଯେପରି ସେମାନେ ଦେଖୁ ଦେଖୁ ଦେଖିପାରିବେ ନାହିଁ ଓ ଶୁଣୁ ଶୁଣୁ ବୁଝିପାରିବେ ନାହିଁ।’”
«معنی حکایت این است: بذر، همان کلام خداست. | 11 |
“ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତର ଅର୍ଥ ଏହି, ବିହନ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ବାକ୍ୟ,
گذرگاه مزرعه که بعضی از بذرها در آنجا افتاد، دل سخت کسانی را نشان میدهد که کلام خدا را میشنوند، اما بعد ابلیس آمده، کلام را میرباید و میبرد و نمیگذارد ایمان بیاورند و نجات پیدا کنند، | 12 |
ଆଉ ଯେଉଁମାନେ ବାଟ ପାଖରେ ଅଛନ୍ତି, ସେମାନେ ବାକ୍ୟ ଶୁଣନ୍ତି; ତାହା ପରେ ଶୟତାନ ଆସି, ଯେପରି ସେମାନେ ବିଶ୍ୱାସ କରି ପରିତ୍ରାଣ ନ ପାଆନ୍ତି, ଏଥିନିମନ୍ତେ ସେମାନଙ୍କ ହୃଦୟରୁ ବାକ୍ୟ ନେଇଯାଏ।
خاکی که زیرش سنگ بود، بیانگر کسانی است که پیام خدا را میشنوند و آن را با شادی میپذیرند، اما چون ریشه ندارند، مدتی ایمان میآورند، سپس وقتی با وسوسه روبرو میشوند ایمان خود را از دست میدهند. | 13 |
ପୁଣି, ଯେଉଁମାନେ ପଥର ଉପରେ ଅଛନ୍ତି, ସେମାନେ ବାକ୍ୟ ଶୁଣି ଆନନ୍ଦରେ ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତି; କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କର ଚେର ନ ଥିବାରୁ ସେମାନେ ଅଳ୍ପ ସମୟ ବିଶ୍ୱାସ କରନ୍ତି ଓ ପରୀକ୍ଷା ସମୟରେ ଧର୍ମତ୍ୟାଗୀ ହୁଅନ୍ତି।
زمینی که از خارها پوشیده شده، حالت کسانی را نشان میدهد که کلام را میشنوند، اما نگرانیها، مادیات و لذات زندگی، کلام خدا را در آنها خفه کرده، ثمری به بار نمیآید. | 14 |
ଆଉ, କଣ୍ଟାଗଛଗୁଡ଼ାକ ମଧ୍ୟରେ ଯାହା ପଡ଼ିଲା, ତାହା ଏପରି ଲୋକେ, ଯେଉଁମାନେ ଶୁଣି ସାଂସାରିକ ଚିନ୍ତା, ଧନ ଓ ସୁଖଭୋଗର ବଶବର୍ତ୍ତୀ ହୋଇ ଜୀବନ ଯାତ୍ରା କରୁ କରୁ ଚାପି ହୋଇଯାନ୍ତି, ପୁଣି, ପରିପକ୍ୱ ଫଳ ଉତ୍ପନ୍ନ କରନ୍ତି ନାହିଁ।
«اما زمین خوب بیانگر کسانی است که با قلبی آماده و پذیرا به کلام خدا گوش میدهند و با جدیت از آن اطاعت میکنند تا ثمر به بار آورند. | 15 |
ଆଉ, ଉତ୍ତମ ଭୂମିରେ ଯାହା ପଡ଼ିଲା, ତାହା ଏପରି ଲୋକେ, ଆଉ, ଯେଉଁମାନେ ଉତ୍ତମ ଓ ସରଳ ହୃଦୟରେ ବାକ୍ୟ ଶୁଣି ତାହା ଧରି ରଖନ୍ତି ଏବଂ ଧୈର୍ଯ୍ୟ ସହକାରେ ଫଳ ଫଳନ୍ତି।”
«هیچکس چراغ را روشن نمیکند که آن را بپوشاند یا زیر تخت بگذارد! بلکه آن را بر چراغدان میگذارد تا هر که داخل میشود، نورش را ببیند. | 16 |
“କେହି ଦୀପ ଜାଳି ପାତ୍ର ଦ୍ୱାରା ତାହା ଘୋଡ଼ାଇ ରଖେ ନାହିଁ, କିମ୍ବା ଖଟ ତଳେ ରଖେ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ଦୀପରୁଖା ଉପରେ ରଖେ, ଯେପରି ପ୍ରବେଶ କରିବା ଲୋକମାନେ ଆଲୋକ ଦେଖି ପାରନ୍ତି।
همینطور نیز هر آنچه مخفی است، عیان شود، و هر آنچه نهفته است، ظاهر شود و همگان از آن آگاه گردند. | 17 |
କାରଣ ଯାହା ପ୍ରକାଶିତ ନ ହେବ, ଏପରି ଗୁପ୍ତ ବିଷୟ କିଛି ନାହିଁ, ଅବା ଯାହା ଜଣାଯାଇ ପ୍ରକାଶ ନ ପାଇବ, ଏପରି ଗୁପ୍ତ ବିଷୟ କିଛି ନାହିଁ।
پس به آنچه میشنوید، دقت کنید. چون کسی که بتواند آنچه را که دارد خوب به کار ببرد، به او باز هم بیشتر داده میشود. ولی کسی که کارش را درست انجام ندهد، همان نیز که گمان میکند دارد، از دست خواهد داد.» | 18 |
ଅତଏବ, କିପରି ଶୁଣୁଅଛ, ସେ ବିଷୟରେ ସାବଧାନ; କାରଣ ଯାହାର ଅଛି, ତାହାକୁ ଦିଆଯିବ, ଆଉ ଯାହାର ନାହିଁ, ସେ ଯାହା ନିଜର ଅଛି ବୋଲି ମନେ କରେ, ତାହା ସୁଦ୍ଧା ତାହାଠାରୁ ନିଆଯିବ।”
یکبار، مادر و برادران عیسی آمدند تا او را ببینند، اما به علّت ازدحام جمعیت نتوانستند وارد خانهای شوند که در آن تعلیم میداد. | 19 |
ତାହାଙ୍କ ମାଆ ଓ ଭାଇମାନେ ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସିଲେ, କିନ୍ତୁ ଲୋକଗହଳି ହେତୁ ତାହାଙ୍କ ସହିତ ଦେଖା କରିପାରୁ ନ ଥିଲେ।
به عیسی خبر دادند که: «مادر و برادرانت بیرون ایستادهاند و منتظرند تو را ببینند.» | 20 |
ସେଥିରେ ତାହାଙ୍କୁ ଏହି ଖବର ଦିଆଗଲା, ଆପଣଙ୍କର ମାଆ ଓ ଭାଇମାନେ ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ଦେଖା କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରି ବାହାରେ ଠିଆ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
عیسی پاسخ داد: «مادر و برادران من کسانی هستند که پیغام خدا را میشنوند و آن را اطاعت میکنند.» | 21 |
କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଯେଉଁମାନେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ବାକ୍ୟ ଶୁଣନ୍ତି ଓ ପାଳନ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ମୋହର ମାଆ ଓ ଭାଇମାନେ।”
روزی عیسی به شاگردانش فرمود: «به آن طرف دریاچه برویم.» پس سوار قایق شدند و رفتند. | 22 |
ସେହି ସମୟରେ ଦିନେ ଯୀଶୁ ଓ ତାହାଙ୍କ ଶିଷ୍ୟମାନେ ଗୋଟିଏ ନୌକାରେ ଚଢ଼ିଲେ, ଆଉ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆସ, ହ୍ରଦର ଆରପାରିକୁ ଯିବା।” ସେଥିରେ ସେମାନେ ନୌକା ଫିଟାଇଦେଲେ।
در بین راه، عیسی را خواب در ربود. ناگهان توفان سختی درگرفت، طوری که آب قایق را پر کرد و جانشان به خطر افتاد. | 23 |
କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ନୌକା ବାହି ଯାଉଥିବା ସମୟରେ ଯୀଶୁ ଶୋଇପଡ଼ିଥିଲେ। ସେତେବେଳେ ହ୍ରଦରେ ତୋଫାନ ହେଲା, ଆଉ ସେମାନଙ୍କ ନୌକା ଜଳରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେବାକୁ ଲାଗିଲା ଓ ସେମାନେ ବିପଦରେ ପଡ଼ିଲେ।
شاگردان با عجله عیسی را بیدار کردند و فریاد زدند: «استاد، استاد، نزدیک است غرق شویم!» عیسی برخاست و بر باد و امواج سهمگین نهیب زد. آنگاه توفان فروکش کرد و همه جا آرامش پدید آمد. | 24 |
ସେଥିରେ ଶିଷ୍ୟମାନେ ନିକଟକୁ ଆସି ତାହାଙ୍କୁ ଉଠାଇ କହିଲେ, ହେ ଗୁରୁ, ହେ ଗୁରୁ, ଆମେ ମଲୁ। ଏଥିରେ ସେ ଉଠି ପବନ ଓ ପ୍ରବଳ ତରଙ୍ଗକୁ ଧମକ ଦେଲେ, ଆଉ ସେହିସବୁ ବନ୍ଦ ହୋଇ ସୁସ୍ଥିର ହେଲା।
سپس از ایشان پرسید: «ایمانتان کجاست؟» ایشان با ترس و تعجب به یکدیگر گفتند: «این کیست که حتی به باد و دریا فرمان میدهد و از او فرمان میبرند؟» | 25 |
ପୁଣି, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ବିଶ୍ୱାସ କାହିଁ?” କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଭୀତ ଓ ଚକିତ ହୋଇ ପରସ୍ପରକୁ କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ଏ ତେବେ କିଏ ଯେ, ସେ ବାୟୁ ଓ ଜଳକୁ ସୁଦ୍ଧା ଆଦେଶ ଦିଅନ୍ତେ, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ଆଜ୍ଞା ମାନନ୍ତି।
به این ترتیب به آن طرف دریاچه، به سرزمین جِراسیان رسیدند که مقابل منطقۀ جلیل بود. | 26 |
ପରେ ସେମାନେ ଗାଲିଲୀର ସମ୍ମୁଖବର୍ତ୍ତୀ ସେପାରିର ଗରାଶୀୟମାନଙ୍କ ଅଞ୍ଚଳରେ ପହଞ୍ଚିଲେ।
وقتی عیسی از قایق پیاده شد، مردی دیوزده از شهر به سوی او آمد. او نه لباس میپوشید و نه در خانه میماند بلکه در قبرستانها زندگی میکرد. | 27 |
ସେ ନୌକାରୁ ବାହାରି କୂଳରେ ଓହ୍ଲାନ୍ତେ ସେହି ନଗରର ଜଣେ ଭୂତଗ୍ରସ୍ତ ଲୋକ ତାହାଙ୍କୁ ଭେଟିଲା; ସେ ବହୁକାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଲୁଗା ନ ପିନ୍ଧି ଓ ଘରେ ନ ରହି ସମାଧି-ସ୍ଥାନରେ ରହୁଥିଲା।
به محض اینکه عیسی را دید، نعره زد و به پایش افتاد و با صدای بلند گفت: «ای عیسی، پسر خدای متعال، با من چه کار داری؟ التماس میکنم مرا عذاب ندهی!» | 28 |
ସେ ଯୀଶୁଙ୍କୁ ଦେଖି ଚିତ୍କାର କରି ତାହାଙ୍କ ଚରଣ ତଳେ ପଡ଼ି ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିଲା, ହେ ମହାନ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପୁତ୍ର ଯୀଶୁ, ତୁମ୍ଭ ସାଙ୍ଗରେ ମୋହର କଅଣ ଅଛି? ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ନିବେଦନ କରୁଅଛି, ମୋତେ କଷ୍ଟ ଦିଅ ନାହିଁ।
زیرا عیسی به روح پلید دستور میداد که از وجود آن مرد بیرون بیاید. این روح پلید بارها به آن مرد حمله کرده بود و حتی هنگامی که دست و پایش را با زنجیر میبستند، به آسانی زنجیرها را میگسیخت و سر به بیابان میگذاشت. او به طور کامل در چنگال ارواح پلید اسیر بود. | 29 |
କାରଣ ସେ ଅଶୁଚି ଆତ୍ମାକୁ ସେହି ମନୁଷ୍ୟଠାରୁ ବାହାରିଯିବା ପାଇଁ ଆଜ୍ଞା ଦେବାକୁ ଯାଉଥିଲେ। ସେହି ଆତ୍ମା ଅନେକ ଥର ତାହାକୁ ଧରିଥିଲା, ପୁଣି, ଲୋକେ ତାହାକୁ ଜଞ୍ଜିର ଓ ବେଡ଼ିସବୁ ଦ୍ୱାରା ବାନ୍ଧି ରଖୁଥିଲେ, ମାତ୍ର ସେ ବନ୍ଧନସବୁ ଛିଣ୍ଡାଇପକାଇ ଭୂତ ଦ୍ୱାରା ପ୍ରାନ୍ତରକୁ ଚାଳିତ ହେଉଥିଲା।
عیسی از او پرسید: «نام تو چیست؟» جواب داد: «لِژیون»، زیرا ارواح پلید بسیاری وارد او شده بودند. | 30 |
ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, “ତୋର ନାଁ କଅଣ?” ସେ କହିଲା, ବାହିନୀ; କାରଣ ଅନେକ ଭୂତ ତାହାଠାରେ ପ୍ରବେଶ କରିଥିଲେ।
سپس ارواح پلید به عیسی التماس کردند که آنها را به هاویه نفرستد. (Abyssos ) | 31 |
ପୁଣି, ସେ ଯେପରି ସେମାନଙ୍କୁ ପାତାଳକୁ ଯିବା ପାଇଁ ଆଜ୍ଞା ନ ଦିଅନ୍ତି, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ବିନତି କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ। (Abyssos )
از قضا، در آن حوالی یک گلهٔ خوک بر تپهای میچرید. ارواح پلید به عیسی التماس کردند که اجازه دهد داخل خوکها گردند. عیسی اجازه داد. | 32 |
ସେଠାରେ ପର୍ବତ ଉପରେ ଗୋଟିଏ ବଡ଼ ଘୁଷୁରିପଲ ଚରୁଥିଲା, ପୁଣି, ଯୀଶୁ ଯେପରି ସେମାନଙ୍କୁ ସେହି ଘୁଷୁରିଗୁଡ଼ାକ ମଧ୍ୟରେ ପଶିବା ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦିଅନ୍ତି, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ବିନତି କଲେ।
آنگاه ارواح پلید از وجود آن مرد بیرون آمدند و به درون خوکها رفتند. ناگاه تمام آن گله از سراشیبی تپه به دریاچه ریختند و خفه شدند. | 33 |
ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଅନୁମତି ଦିଅନ୍ତେ, ଭୂତଗୁଡ଼ାକ ସେହି ମନୁଷ୍ୟଠାରୁ ବାହାରି ଘୁଷୁରିଗୁଡ଼ାକ ମଧ୍ୟରେ ପଶିଲେ; ସେଥିରେ ସେହି ଘୁଷୁରୀ ପଲ ଅତି ବେଗରେ ପାହାଡ ଉପରୁ ଦୌଡ଼ିଯାଇ ହ୍ରଦରେ ପଡ଼ି ବୁଡ଼ି ମଲେ।
وقتی خوکچرانها این را دیدند، فرار کردند و در شهر و روستا ماجرا را برای مردم بازگفتند. | 34 |
ଚରାଉଥିବା ଲୋକମାନେ ସେହି ଘଟଣା ଦେଖି ପଳାଇଯାଇ ନଗର ଓ ପଲ୍ଲୀଗୁଡି଼କରେ ତାହା ଜଣାଇଲେ।
طولی نکشید که مردم دستهدسته آمدند تا واقعه را به چشم خود ببینند. وقتی آن دیوانه را دیدند که لباس پوشیده و پیش پاهای عیسی عاقل نشسته است، ترسیدند. | 35 |
ସେଥିରେ ଲୋକେ ସେହି ଘଟଣା ଦେଖିବାକୁ ବାହାରି ଆସିଲେ; ପୁଣି, ସେମାନେ ଯୀଶୁଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି, ଯେଉଁ ମନୁଷ୍ୟଠାରୁ ଭୂତଗୁଡ଼ାକ ବାହାରିଥିଲେ, ତାହାକୁ ଲୁଗା ପିନ୍ଧି ଭଲ ମନରେ ଯୀଶୁଙ୍କ ପାଦ ତଳେ ବସିଥିବା ଦେଖି ଭୟ କଲେ।
کسانی که ماجرا را به چشم دیده بودند، برای دیگران تعریف میکردند که آن دیوزده چگونه شفا یافته بود. | 36 |
ଆଉ, ଯେଉଁମାନେ ଦେଖିଲେ, ସେମାନେ ସେହି ଭୂତଗ୍ରସ୍ତ ଲୋକ କିପରି ସୁସ୍ଥ ହେଲା, ତାହା ସେମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇଲେ।
مردم که از این واقعه دچار وحشت شده بودند، از عیسی خواهش کردند که از آنجا برود و دیگر کاری به کارشان نداشته باشد. پس او سوار قایق شد تا به کناره دیگر دریاچه بازگردد. | 37 |
ସେଥିରେ ଗରାଶୀୟମାନଙ୍କ ଅଞ୍ଚଳର ଚାରିପାଖରେ ଥିବା ସମସ୍ତ ଲୋକ ସେମାନଙ୍କଠାରୁ ଯିବା ପାଇଁ ତାହାଙ୍କୁ ଅନୁରୋଧ କଲେ, କାରଣ ସେମାନେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଭୟଗ୍ରସ୍ତ ହୋଇଥିଲେ; ଆଉ, ସେ ଗୋଟିଏ ନୌକାରେ ଚଢ଼ି ଫେରିଆସିଲେ।
مردی که ارواح پلید از او بیرون آمده بودند به عیسی التماس کرد که اجازه دهد همراه او برود. اما عیسی اجازه نداد و به او فرمود: | 38 |
କିନ୍ତୁ ଯେଉଁ ଲୋକଠାରୁ ଭୂତଗୁଡ଼ାକ ବାହାରିଯାଇଥିଲେ, ସେ ଯୀଶୁଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ରହିବା ନିମନ୍ତେ ନିବେଦନ କରିବାକୁ ଲାଗିଲା;
«نزد خانوادهات برگرد و بگو که خدا چه کار بزرگی برایت انجام داده است.» او نیز به شهر رفت و برای همه بازگو نمود که عیسی چه معجزه بزرگی در حق او انجام داده است. | 39 |
ମାତ୍ର ସେ ତାହାଙ୍କୁ ବିଦାୟ କରି କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭ ଘରକୁ ଫେରିଯାଅ, ପୁଣି, ଈଶ୍ବର ତୁମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ଯେଉଁ ଯେଉଁ କର୍ମ କରିଅଛନ୍ତି ସେହିସବୁ ବର୍ଣ୍ଣନା କର।” ସେଥିରେ ସେ ଚାଲିଯାଇ, ଯୀଶୁ ତାହା ନିମନ୍ତେ ଯେଉଁ ଯେଉଁ କର୍ମ କରିଥିଲେ, ସେହିସବୁ ନଗରଯାକ ଘୋଷଣା କରିବାକୁ ଲାଗିଲା।
هنگامی که عیسی به کناره دیگر دریاچه بازگشت، مردم با آغوش باز از او استقبال کردند، چون منتظرش بودند. | 40 |
ଯୀଶୁ ଫେରିଆସନ୍ତେ ଲୋକସମୂହ ତାହାଙ୍କୁ ଆନନ୍ଦରେ ଗ୍ରହଣ କଲେ, କାରଣ ସମସ୍ତେ ତାହାଙ୍କ ଅପେକ୍ଷାରେ ଥିଲେ।
ناگهان مردی به نام یایروس که سرپرست کنیسه شهر بود، آمد و بر پاهای عیسی افتاد و به او التماس کرد که همراه او به خانهاش برود، | 41 |
ଆଉ, ଦେଖ, ଯାଈରସ ନାମକ ଜଣେ ବ୍ୟକ୍ତି ଆସିଲେ; ସେ ସମାଜଗୃହର ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ଥିଲେ। ସେ ଯୀଶୁଙ୍କ ପାଦ ତଳେ ପଡ଼ି ଆପଣା ଗୃହକୁ ଆସିବା ନିମନ୍ତେ ତାହାଙ୍କୁ ବିନତି କଲେ,
و دختر دوازده سالهاش را که تنها فرزندش بود و در آستانه مرگ قرار داشت، شفا دهد. عیسی خواهش او را پذیرفت و در میان انبوه جمعیت، با او به راه افتاد. مردم از هر طرف دور او را گرفته بودند و بر او فشار میآوردند. | 42 |
କାରଣ ତାହାଙ୍କର ପ୍ରାୟ ବାର ବର୍ଷ ବୟସର ଏକମାତ୍ର କନ୍ୟା ଥିଲା, ଆଉ ସେ ମୃତପ୍ରାୟ ହୋଇଥିଲା। କିନ୍ତୁ ସେ ଯାଉଥିବା ସମୟରେ ଲୋକସମୂହ ତାହାଙ୍କ ଉପରେ ମାଡ଼ିପଡ଼ୁଥିଲେ।
در میان آن جمعیت، زنی بود که مدت دوازده سال خونریزی داشت و با اینکه تمام داراییاش را صرف معالجه خود نموده بود نتوانسته بود بهبود بیابد. | 43 |
ସେତେବେଳେ ବାର ବର୍ଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରଦର ରୋଗରେ ଜଣେ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକ, ଯେ ସମସ୍ତ ପୁଞ୍ଜି ସୁସ୍ଥ ହେବା ପାଇଁ ବୈଦ୍ୟମାନଙ୍କଠାରେ ଖର୍ଚ୍ଚ କରିଥିଲା କିନ୍ତୁ ସୁସ୍ଥ ହୋଇପାରି ନ ଥିଲା,
از پشت سر عیسی، خود را به او رساند و به گوشهٔ ردای او دست زد. به محض اینکه دستش به گوشۀ ردای عیسی رسید، خونریزیاش قطع شد. | 44 |
ସେ ପଛଆଡ଼ୁ ଆସି ତାହାଙ୍କ ବସ୍ତ୍ରର ଝୁମ୍ପା ଛୁଇଁଲା, ଆଉ, ସେହିକ୍ଷଣି ତାହାର ରକ୍ତସ୍ରାବ ବନ୍ଦ ହେଲା।
عیسی ناگهان برگشت و پرسید: «چه کسی به من دست زد؟» همه انکار کردند. پطرس گفت: «استاد، میبینید که مردم از هر طرف فشار میآورند…» | 45 |
ସେଥିରେ ଯୀଶୁ କହିଲେ, “କିଏ ମୋତେ ଛୁଇଁଲା?” ମାତ୍ର ସମସ୍ତେ ଅସ୍ୱୀକାର କରନ୍ତେ, ପିତର କହିଲେ, ହେ ଗୁରୁ, ଲୋକସମୂହ ଯନ୍ତାଯନ୍ତି ହୋଇ ଆପଣଙ୍କ ଉପରେ ମାଡ଼ିପଡ଼ୁଅଛନ୍ତି।
اما عیسی فرمود: «یک نفر با قصدی خاص به من دست زد، زیرا احساس کردم نیروی شفابخشی از من صادر شد!» | 46 |
କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ କହିଲେ, “କେହି ଜଣେ ମୋତେ ଛୁଇଁଲା, କାରଣ ମୋʼଠାରୁ ଶକ୍ତି ବାହାରିଗଲା ବୋଲି ମୁଁ ଜାଣିଲି।”
آن زن که دید عیسی از همه چیز آگاهی دارد، با ترس و لرز آمد و در برابر او به زانو افتاد. آنگاه در حضور همه بیان کرد که به چه علّت به او دست زده و چگونه شفا یافته است. | 47 |
ଯେତେବେଳେ ସ୍ତ୍ରୀଲୋକଟି ଦେଖିଲା ଯେ, ସେ ଲୁଚି ରହି ପାରିଲା ନାହିଁ, ସେତେବେଳେ ସେ ଥରି ଥରି ଆସି ତାହାଙ୍କ ପାଦ ତଳେ ପଡ଼ି, କାହିଁକି ତାହାଙ୍କୁ ଛୁଇଁଲା ପୁଣି, କିପରି ସେହିକ୍ଷଣି ସୁସ୍ଥ ହେଲା, ତାହା ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ପ୍ରକାଶ କଲା।
عیسی به او گفت: «دخترم، ایمانت تو را شفا داده است. به سلامت برو!» | 48 |
ସେଥିରେ ଯୀଶୁ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଝିଅ, ତୋହର ବିଶ୍ୱାସ ତୋତେ ସୁସ୍ଥ କରିଅଛି, ଶାନ୍ତିରେ ଚାଲିଯା।”
عیسی هنوز با آن زن سخن میگفت که شخصی از خانۀ یایروس آمد و به او خبر داده گفت: «دخترت مرد. دیگر به استاد زحمت نده.» | 49 |
ସେ ଏହି କଥା କହୁଥିବା ସମୟରେ ସମାଜଗୃହର ଅଧ୍ୟକ୍ଷଙ୍କ ଘରୁ ଜଣେ ଆସି କହିଲା, ଆପଣଙ୍କ ଝିଅ ମରିଗଲାଣି, ଗୁରୁଙ୍କୁ ଆଉ କଷ୍ଟ ଦିଅନ୍ତୁ ନାହିଁ।
اما وقتی عیسی این را شنید، به یایروس گفت: «نترس! فقط ایمان داشته باش، و دخترت شفا خواهد یافت!» | 50 |
କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁ ଏହା ଶୁଣି ତାହାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଭୟ କର ନାହିଁ କେବଳ ବିଶ୍ୱାସ କର, ଆଉ ସେ ବଞ୍ଚିବ।”
هنگامی که به خانه رسیدند، عیسی اجازه نداد که به غیر از پطرس، یعقوب، یوحنا و پدر و مادر آن دختر، شخص دیگری با او وارد اتاق شود. | 51 |
ପୁଣି, ସେ ଗୃହକୁ ଆସି ପିତର, ଯୋହନ ଓ ଯାକୁବ, ପୁଣି, ବାଳିକାର ପିତାମାତାଙ୍କ ବିନା ଆଉ କାହାକୁ ଆପଣା ସାଙ୍ଗରେ ଭିତରକୁ ଯିବା ପାଇଁ ଦେଲେ ନାହିଁ।
در آن خانه عدۀ زیادی جمع شده و گریه و زاری میکردند. عیسی به ایشان فرمود: «گریه نکنید! دختر نمرده؛ فقط خوابیده است!» | 52 |
ମାତ୍ର ସମସ୍ତେ ତାହା ପାଇଁ ରୋଦନ କରୁ କରୁ ଛାତିରେ ମାରିହେଉଥିଲେ। ସେଥିରେ ସେ କହିଲେ, “ରୋଦନ କର ନାହିଁ; ସେ ମରି ନାହିଁ, ମାତ୍ର ଶୋଇପଡ଼ିଅଛି।”
همه به او خندیدند، چون میدانستند که دختر مرده است. | 53 |
କିନ୍ତୁ ସେ ମରିଯାଇଅଛି ବୋଲି ଜାଣିଥିବାରୁ ସେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପରିହାସ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
آنگاه عیسی وارد اتاق شد و دست دختر را گرفت و فرمود: «دخترم، برخیز!» | 54 |
ମାତ୍ର ସେ ତାହାର ହାତ ଧରି ଡାକି କହିଲେ, “ଆଗୋ ବାଳିକା, ଉଠ।”
همان لحظه، او زنده شد و فوراً از جا برخاست! عیسی فرمود: «چیزی به او بدهید تا بخورد.» | 55 |
ସେଥିରେ ତାହାର ଆତ୍ମା ଫେରିଆସିଲା ଆଉ ସେ ସେହିକ୍ଷଣି ଉଠିଲା, ପୁଣି, ସେ ତାହାକୁ କିଛି ଖାଇବାକୁ ଦେବା ପାଇଁ ଆଜ୍ଞା ଦେଲେ।
والدین او حیرت کرده بودند، اما عیسی به ایشان دستور اکید داد که به کسی نگویند چه اتفاقی افتاده است. | 56 |
ଏଥିରେ ତାହାର ପିତାମାତା ଆଚମ୍ଭିତ ହେଲେ; କିନ୍ତୁ ସେହି ଘଟଣାର କଥା କାହାକୁ ନ କହିବା ପାଇଁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଲେ।