< لاویان 7 >
«قوانین قربانی جبران که قربانی بسیار مقدّسی است، از این قرار میباشد: | 1 |
१“फिर दोषबलि की व्यवस्था यह है। वह परमपवित्र है;
حیوان قربانی باید در مکانی که قربانی سوختنی را سر میبرند، ذبح شود و خونش بر چهار طرف مذبح پاشیده شود. | 2 |
२जिस स्थान पर होमबलि पशु का वध करते हैं उसी स्थान पर दोषबलि पशु भी बलि करें, और उसके लहू को याजक वेदी पर चारों ओर छिड़के।
کاهن تمام چربی آن را تقدیم کند، یعنی دنبه و چربی داخل شکم، | 3 |
३और वह उसमें की सब चर्बी को चढ़ाए, अर्थात् उसकी मोटी पूँछ को, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं वह भी,
دو قلوه و چربی روی آنها در قسمت تهیگاه، و نیز سفیدی روی جگر. اینها باید همراه قلوهها جدا شوند. | 4 |
४और दोनों गुर्दे और जो चर्बी उनके ऊपर और कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली; इन सभी को वह अलग करे;
سپس، کاهن آنها را به عنوان قربانی جبران بر آتش مذبح برای خداوند بسوزاند. | 5 |
५और याजक इन्हें वेदी पर यहोवा के लिये हवन करे; तब वह दोषबलि होगा।
پسران کاهنان میتوانند از این گوشت بخورند. این گوشت باید در جای مقدّسی خورده شود. این قربانی، بسیار مقدّس است. | 6 |
६याजकों में के सब पुरुष उसमें से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है।
«قانونی که باید در مورد قربانی گناه و قربانی جبران رعایت شود این است: گوشت قربانی به کاهنی تعلق خواهد داشت که مراسم کفاره را اجرا میکند. | 7 |
७जैसा पापबलि है वैसा ही दोषबलि भी है, उन दोनों की एक ही व्यवस्था है; जो याजक उन बलियों को चढ़ा के प्रायश्चित करे वही उन वस्तुओं को ले ले।
(در ضمن پوست قربانی سوختنی نیز به آن کاهن تعلق دارد.) | 8 |
८और जो याजक किसी के लिये होमबलि को चढ़ाए उस होमबलि पशु की खाल को वही याजक ले ले।
هر هدیهٔ آردی که در تنور یا در تابه یا روی ساج پخته میشود به کاهنی تعلق خواهد گرفت که آن را به خداوند تقدیم میکند. | 9 |
९और तंदूर में, या कढ़ाही में, या तवे पर पके हुए सब अन्नबलि उसी याजक की होंगी जो उन्हें चढ़ाता है।
تمام هدایای آردی دیگر، خواه مخلوط با روغن زیتون و خواه خشک، به طور مساوی به پسران هارون تعلق دارد. | 10 |
१०और सब अन्नबलि, जो चाहे तेल से सने हुए हों चाहे रूखे हों, वे हारून के सब पुत्रों को एक समान मिले।
«قوانین قربانی سلامتی که به خداوند تقدیم میشود از این قرار است: | 11 |
११“मेलबलि की जिसे कोई यहोवा के लिये चढ़ाए व्यवस्था यह है:
اگر قربانی به منظور شکرگزاری باشد، همراه آن باید این نانهای بدون خمیرمایه نیز تقدیم شوند قرصهای نان که با روغن زیتون مخلوط شده باشند، نانهای نازک که روغن مالی شده باشند، نانهایی که از مخلوط آرد مرغوب و روغن زیتون تهیه شده باشند. | 12 |
१२यदि वह उसे धन्यवाद के लिये चढ़ाए, तो धन्यवाद-बलि के साथ तेल से सने हुए अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी रोटियाँ, और तेल से सने हुए मैदे के फुलके तेल से तर चढ़ाए।
همچنین همراه قربانی باید قرصهای نان خمیرمایهدار نیز تقدیم شوند. | 13 |
१३और वह अपने धन्यवादवाले मेलबलि के साथ अख़मीरी रोटियाँ, भी चढ़ाए।
از هر نوع نان باید یک قسمت به عنوان هدیهٔ مخصوص به خداوند تقدیم شود تا به کاهنی تعلق گیرد که خون حیوان قربانی را روی مذبح میپاشد. | 14 |
१४और ऐसे एक-एक चढ़ावे में से वह एक-एक रोटी यहोवा को उठाने की भेंट करके चढ़ाए; वह मेलबलि के लहू के छिड़कनेवाले याजक की होगी।
گوشت حیوان قربانی سلامتی باید در روزی که به عنوان هدیۀ شکرگزاری تقدیم میگردد، خورده شود و چیزی از آن برای روز بعد باقی نماند. | 15 |
१५और उस धन्यवादवाले मेलबलि का माँस बलिदान चढ़ाने के दिन ही खाया जाए; उसमें से कुछ भी भोर तक शेष न रह जाए।
«اگر قربانی، داوطلبانه یا نذری باشد، گوشت قربانی در روزی که آن را تقدیم میکنند، باید خورده شود. اگر از گوشت قربانی چیزی باقی بماند میتوان آن را روز بعد نیز خورد. | 16 |
१६पर यदि उसके बलिदान का चढ़ावा मन्नत का या स्वेच्छा का हो, तो उस बलिदान को जिस दिन वह चढ़ाया जाए उसी दिन वह खाया जाए, और उसमें से जो शेष रह जाए वह दूसरे दिन भी खाया जाए।
ولی هر چه تا روز سوم باقی بماند، باید کاملاً سوزانده شود. | 17 |
१७परन्तु जो कुछ बलिदान के माँस में से तीसरे दिन तक रह जाए वह आग में जला दिया जाए।
اگر در روز سوم چیزی از گوشت قربانی خورده شود، خداوند آن قربانی را قبول نخواهد کرد و به حساب نخواهد آورد زیرا آن گوشت نجس شده است. کسی هم که آن را بخورد مجرم میباشد. | 18 |
१८और उसके मेलबलि के माँस में से यदि कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो वह ग्रहण न किया जाएगा, और न उसके हित में गिना जाएगा; वह घृणित कर्म समझा जाएगा, और जो कोई उसमें से खाए उसका अधर्म उसी के सिर पर पड़ेगा।
«گوشتی را که به چیزی نجس خورده است نباید خورد، بلکه باید آن را سوزاند. گوشت قربانی را فقط کسانی میتوانند بخورند که طاهر هستند. | 19 |
१९“फिर जो माँस किसी अशुद्ध वस्तु से छू जाए वह न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए। फिर मेलबलि का माँस जितने शुद्ध हों वे ही खाएँ,
هر که طاهر نباشد و گوشت قربانی سلامتی را که از آنِ خداوند است، بخورد باید از میان قوم منقطع شود. | 20 |
२०परन्तु जो अशुद्ध होकर यहोवा के मेलबलि के माँस में से कुछ खाए वह अपने लोगों में से नाश किया जाए।
اگر کسی به چیزی نجس دست بزند، خواه نجاست انسان باشد، خواه حیوان نجس و یا هر چیز نجس دیگر، و بعد از گوشت قربانی سلامتی که از آنِ خداوند است، بخورد، باید از میان قوم خدا منقطع شود.» | 21 |
२१और यदि कोई किसी अशुद्ध वस्तु को छूकर यहोवा के मेलबलि पशु के माँस में से खाए, तो वह भी अपने लोगों में से नाश किया जाए, चाहे वह मनुष्य की कोई अशुद्ध वस्तु या अशुद्ध पशु या कोई भी अशुद्ध और घृणित वस्तु हो।”
२२फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«این دستورها را به بنیاسرائیل بده. هرگز چربی گاو و گوسفند و بز را نخورید. | 23 |
२३“इस्राएलियों से इस प्रकार कह: तुम लोग न तो बैल की कुछ चर्बी खाना और न भेड़ या बकरी की।
چربی حیوانی که مرده یا توسط جانوری دریده شده باشد هرگز خورده نشود بلکه از آن برای کارهای دیگر استفاده شود. | 24 |
२४और जो पशु स्वयं मर जाए, और जो दूसरे पशु से फाड़ा जाए, उसकी चर्बी और अन्य काम में लाना, परन्तु उसे किसी प्रकार से खाना नहीं।
هر کس چربی حیوانی را که بر آتش به خداوند تقدیم میشود بخورد باید از میان قوم منقطع شود. | 25 |
२५जो कोई ऐसे पशु की चर्बी खाएगा जिसमें से लोग कुछ यहोवा के लिये हवन करके चढ़ाया करते हैं वह खानेवाला अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।
هر جا که ساکن باشید، هرگز خون نخورید، نه خون پرنده و نه خون چارپا. | 26 |
२६और तुम अपने घर में किसी भाँति का लहू, चाहे पक्षी का चाहे पशु का हो, न खाना।
هر کس، در هر جا، خون بخورد، باید از میان قوم خدا منقطع شود.» | 27 |
२७हर एक प्राणी जो किसी भाँति का लहू खाएगा वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।”
سپس خداوند به موسی فرمود: | 28 |
२८फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«این دستورها را به بنیاسرائیل بده: هر کس بخواهد قربانی سلامتی به خداوند تقدیم کند باید قسمتی از آن قربانی را به عنوان هدیه نزد خداوند بیاورد. | 29 |
२९“इस्राएलियों से इस प्रकार कह: जो यहोवा के लिये मेलबलि चढ़ाए वह उसी मेलबलि में से यहोवा के पास भेंट ले आए;
او باید به دست خود آن را همچون هدیۀ مخصوص به خداوند تقدیم کند. چربی حیوان را با سینه تقدیم کند و سینهٔ قربانی را به عنوان هدیهٔ مخصوص، در حضور خداوند تکان دهد. | 30 |
३०वह अपने ही हाथों से यहोवा के हव्य को, अर्थात् छाती समेत चर्बी को ले आए कि छाती हिलाने की भेंट करके यहोवा के सामने हिलाई जाए।
کاهن چربی را بر مذبح بسوزاند، ولی سینهٔ قربانی متعلق به هارون و پسرانش باشد. | 31 |
३१और याजक चर्बी को तो वेदी पर जलाए, परन्तु छाती हारून और उसके पुत्रों की होगी।
ران راست قربانی، به عنوان هدیهٔ مخصوص، به کاهنی داده شود که خون و چربی قربانی را تقدیم میکند؛ | 32 |
३२फिर तुम अपने मेलबलियों में से दाहिनी जाँघ को भी उठाने की भेंट करके याजक को देना;
३३हारून के पुत्रों में से जो मेलबलि के लहू और चर्बी को चढ़ाए दाहिनी जाँघ उसी का भाग होगा।
زیرا خداوند سینه و ران قربانی سلامتی را از قوم اسرائیل گرفته و آنها را به عنوان هدیهٔ مخصوص به کاهنان داده است و همیشه به ایشان تعلق خواهند داشت. | 34 |
३४क्योंकि इस्राएलियों के मेलबलियों में से हिलाने की भेंट की छाती और उठाने की भेंट की जाँघ को लेकर मैंने याजक हारून और उसके पुत्रों को दिया है, कि यह सर्वदा इस्राएलियों की ओर से उनका हक़ बना रहे।
(این قسمت از هدایایی که بر آتش به خداوند تقدیم میشود در روز انتصاب هارون و پسرانش به خدمت خداوند، به ایشان داده شد. | 35 |
३५“जिस दिन हारून और उसके पुत्र यहोवा के समीप याजकपद के लिये लाए गए, उसी दिन यहोवा के हव्यों में से उनका यही अभिषिक्त भाग ठहराया गया;
در روزی که ایشان مسح شدند، خداوند دستور داد که قوم اسرائیل این قسمت را به ایشان بدهند. این، قانونی برای تمام نسلهای ایشان میباشد.)» | 36 |
३६अर्थात् जिस दिन यहोवा ने उनका अभिषेक किया उसी दिन उसने आज्ञा दी कि उनको इस्राएलियों की ओर से ये भाग नित्य मिला करें; उनकी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये उनका यही हक़ ठहराया गया।”
اینها قوانینی بود در مورد قربانی سوختنی، هدیهٔ آردی، قربانی گناه، قربانی جبران، قربانی انتصاب و قربانی سلامتی | 37 |
३७होमबलि, अन्नबलि, पापबलि, दोषबलि, याजकों के संस्कार बलि, और मेलबलि की व्यवस्था यही है;
که خداوند در بیابان، در کوه سینا به موسی داد تا قوم اسرائیل بدانند چگونه قربانیهای خود را به خداوند تقدیم کنند. | 38 |
३८जब यहोवा ने सीनै पर्वत के पास के जंगल में मूसा को आज्ञा दी कि इस्राएली मेरे लिये क्या-क्या चढ़ावा चढ़ाएँ, तब उसने उनको यही व्यवस्था दी थी।