< لاویان 6 >
१फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«هرگاه کسی نسبت به شخصی گناه کرده، به خداوند خیانت ورزد، و از پس دادن چیزی که پیش او گرو گذاشته شده خودداری نماید یا در امانت خیانت ورزد، یا دزدی کند یا مال همسایهاش را غصب نماید، | 2 |
२“यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, या लेन-देन, या लूट के विषय में अपने भाई से छल करे, या उस पर अत्याचार करे,
و یا اینکه در خصوص چیز گمشدهای که پیدا کرده است دروغ بگوید و قسم بخورد که پیش او نیست، یا مرتکب هر گناهی از این قبیل شود، | 3 |
३या पड़ी हुई वस्तु को पाकर उसके विषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्यों न हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं,
روزی که جرم او ثابت شود باید اصل مال را پس دهد و یک پنجم ارزش آن را نیز به آن افزوده، به صاحب مال بپردازد. | 4 |
४तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उसने लूट, या अत्याचार करके, या धरोहर, या पड़ी पाई हो;
५चाहे कोई वस्तु क्यों न हो जिसके विषय में उसने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा-पूरा लौटा दे, और पाँचवाँ भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है, उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे।
او باید به عنوان قربانی جبران، یک قوچ بیعیب و با ارزش نزد کاهن به خیمۀ ملاقات بیاورد و به خداوند تقدیم کند. این قوچ باید مطابق معیار رسمی، ارزیابی شود. | 6 |
६और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्थात् एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए।
کاهن با این قربانی برای او در حضور خداوند کفاره خواهد کرد و گناه او بخشیده خواهد شد.» | 7 |
७इस प्रकार याजक उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी क्षमा उसे मिलेगी।”
آنگاه خداوند به موسی فرمود: | 8 |
८फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«این دستورها را در مورد قربانی سوختنی به هارون و پسرانش بده. قربانی سوختنی باید تمام شب بر روی مذبح باشد و آتش مذبح خاموش نشود. | 9 |
९“हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह कि होमबलि की व्यवस्था यह है: होमबलि ईंधन के ऊपर रात भर भोर तक वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे।
صبح روز بعد، کاهن لباس زیر و لباس کتانی خود را بپوشد و خاکستر قربانی سوختنی را برداشته، کنار مذبح بگذارد. | 10 |
१०और याजक अपने सनी के वस्त्र और अपने तन पर अपनी सनी की जाँघिया पहनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठाकर वेदी के पास रखे।
سپس لباسش را عوض کند و خاکستر را بیرون از اردوگاه ببرد و در مکان طاهری که برای این کار مقرر شده است، بریزد. | 11 |
११तब वह अपने ये वस्त्र उतारकर दूसरे वस्त्र पहनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाए।
کاهن هر روز صبح هیزم تازه بر آن بنهد و قربانی سوختنی روزانه را روی آن بگذارد و چربی قربانی سلامتی را بر آن بسوزاند. | 12 |
१२वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुझने न पाए; और याजक प्रतिदिन भोर को उस पर लकड़ियाँ जलाकर होमबलि के टुकड़ों को उसके ऊपर सजा कर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियों की चर्बी को जलाया करे।
آتش مذبح باید همیشه روشن بماند و هرگز خاموش نشود. | 13 |
१३वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए।
«قوانین مربوط به هدیهٔ آردی از این قرار است: کاهن برای تقدیم هدیهٔ آردی به خداوند جلوی مذبح بایستد، | 14 |
१४“अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है: हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएँ।
سپس مشتی از آرد مرغوب آغشته به روغن زیتون را با کندری که بر آن است بردارد و به عنوان نمونه برای خداوند روی مذبح بسوزاند. این هدیه مورد پسند خداوند خواهد بود. | 15 |
१५और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठाकर अन्नबलि के स्मरणार्थ इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर जलाए।
بقیهٔ آرد، متعلق به هارون و پسرانش میباشد تا از آن برای خوراک خود استفاده کنند. این آرد باید بدون خمیرمایه پخته شود و در حیاط خیمۀ ملاقات خورده شود. | 16 |
१६और उसमें से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्र खाएँ; वह बिना ख़मीर पवित्रस्थान में खाया जाए, अर्थात् वे मिलापवाले तम्बू के आँगन में उसे खाएँ।
این قسمت از هدیهٔ آردی را که بر آتش به خداوند تقدیم میشود، خداوند به کاهنان داده است. مانند قربانی گناه و قربانی جبران، این قسمت از هدیهٔ آردی نیز بسیار مقدّس میباشد. | 17 |
१७वह ख़मीर के साथ पकाया न जाए; क्योंकि मैंने अपने हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिये उन्हें दिया है; इसलिए जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्र हैं वैसा ही वह भी है।
پسران هارون نسل اندر نسل میتوانند این قسمت از هدیه را بخورند. این هدیه که بر آتش به خداوند تقدیم میشود، همیشه سهم کاهنان خواهد بود و کس دیگری حق ندارد به آن دست بزند.» | 18 |
१८तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में हारून के वंश के सब पुरुष उसमें से खा सकते हैं, यहोवा के हवनों में से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पवित्र ठहरेगा।”
سپس خداوند به موسی فرمود: | 19 |
१९फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«هارون و هر کدام از پسرانش در روزی که برای انتصاب به مقام کاهنی مسح میشوند باید یک کیلو آرد مرغوب، به اندازهٔ هدیهٔ آردی روزانه به حضور خداوند بیاورند و نصف آن را در صبح و نصف دیگر را در عصر به خداوند تقدیم کنند. | 20 |
२०“जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्थात् एपा का दसवाँ भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उसमें से आधा भोर को और आधा संध्या के समय चढ़ाए।
این هدیه باید روی ساج با روغن زیتون پخته شود سپس تکهتکه شده، به عنوان هدیهٔ آردی به خداوند تقدیم گردد. این هدیه مورد پسند خداوند خواهد بود. | 21 |
२१वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पके हुए टुकडे़ यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिये चढ़ाना।
هر کاهنی که به جای پدر خود، کاهن اعظم میشود باید در روز انتصاب خود همین هدیه را به خداوند تقدیم کند. این فریضهای ابدی است. | 22 |
२२हारून के पुत्रों में से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधि सदा के लिये है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाए।
هر هدیۀ آردی کاهن باید تماماً سوزانده شود و چیزی از آن خورده نشود.» | 23 |
२३याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएँ; वह कभी न खाया जाए।”
२४फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«این دستورها را در مورد قربانی گناه به هارون و پسرانش بده. این قربانی بسیار مقدّس است و باید در حضور خداوند در جایی ذبح شود که قربانیهای سوختنی را سر میبرند. | 25 |
२५“हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है: जिस स्थान में होमबलि पशु वध किया जाता है उसी में पापबलि पशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है।
کاهنی که قربانی را تقدیم میکند، گوشت آن را در حیاط خیمۀ ملاقات که جای مقدّسی است، بخورد. | 26 |
२६जो याजक पापबलि चढ़ाए वह उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए।
فقط کسانی که تقدیس شدهاند، یعنی کاهنان، اجازه دارند به این گوشت دست بزنند. اگر خون آن قربانی به لباس ایشان بپاشد باید لباس خود را در مکانی مقدّس بشویند. | 27 |
२७जो कुछ उसके माँस से छू जाए, वह पवित्र ठहरेगा; और यदि उसके लहू के छींटे किसी वस्त्र पर पड़ जाएँ, तो उसे किसी पवित्रस्थान में धो देना।
ظرف سفالینی که گوشت در آن پخته میشود باید شکسته شود. اگر گوشت در یک ظرف مسی پخته شده باشد باید آن ظرف را کاملاً تمیز کنند و با آب بشویند. | 28 |
२८और वह मिट्टी का पात्र जिसमें वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्र में उबाला गया हो, तो वह माँजा जाए, और जल से धो लिया जाए।
هر مردی از خانوادۀ کاهنان میتواند از این گوشت بخورد. این قربانی بسیار مقدّس است. | 29 |
२९याजकों में से सब पुरुष उसे खा सकते हैं; वह परमपवित्र वस्तु है।
اما در مواردی که خون قربانی گناه برای کفاره در قدس به داخل خیمۀ ملاقات برده میشود، گوشت قربانی را نباید خورد بلکه باید تماماً سوزاند. | 30 |
३०पर जिस पापबलि पशु के लहू में से कुछ भी लहू मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रस्थान में प्रायश्चित करने को पहुँचाया जाए उसका माँस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए।